देवरहा बाबा के हैरान करने वाले 15 चमत्कार

देवरहा बाबा के चमत्कार – देवराह बाबा के बारे मे कौन नहीं जानता है ? असल मे हमने भी कई बार उनके विडियो देखे थे । देवराह बाबा एक महान योगी थे ।

 उनका जन्म 20वीं सदी की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका असली नाम श्री देवरहा बाबा था, लेकिन उन्हें “बाबा जी” या केवल “संत” के नाम से भी जाना जाता था। देवरहा बाबा ने अपना अधिकांश जीवन गहन ध्यान और योग का अभ्यास करते हुए, गुफाओं और जंगलों में रहकर अनगिनत अनुयायियों को उनकी आध्यात्मिक यात्राओं में मार्गदर्शन करते हुए बिताया।

देवरहा बाबा की शिक्षाएँ आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति की प्राप्ति के आसपास केंद्रित थीं। उनका मानना था कि समर्पित अभ्यास और भक्ति के माध्यम से हर किसी में ज्ञान की स्थिति तक पहुंचने की क्षमता है। कई लोगों ने व्यक्तिगत विकास और परिवर्तन के लिए उनका मार्गदर्शन मांगा, यहां तक कि कुछ लोग उनसे मिलने के लिए विदेश भी गए। अपनी प्रसिद्धि के बावजूद, देवरहा बाबा विनम्र बने रहे और बिना किसी भौतिक संपत्ति के एक सादा जीवन व्यतीत किया।

इस लेख के अंदर हम आपको देवराह बाबा की भविष्यवाणियों के बारे मे बताने वाले हैं। आपको पता ही होगा कि भारत भूमी पर अनेक ऐसे संत हुए हैं , जोकि समय समय पर इस तरह की भविष्यवाणी करते रहे हैं , जोकि बाद मे सच साबित हुई हैं।

इसी तरह से देवराह बाबा ने भी कई ऐसी भविष्यवाणियां की हैं , जोकि बाद मे सच साबित हुई थी। तो यहां पर उन सभी भविष्यवाणियों के बारे मे जानने का प्रयास करते हैं।

देवरहा बाबा के चमत्कार बिना कुछ पूछे ही सब कुछ जान जाते थे बाबा

दोस्तों देवराह बाबा की सबसे बड़ी खास बात यह होती थी , कि वे बिना पूछे ही सब कुछ जान जाते थे । यदि कोई उनके पास जाता था , तो उनको यह पता चल जाता था कि वह कहां से आया है ? और उसका नाम क्या है ? आधुनिक विज्ञान इसके सामने पंगु हो जाता है। यह एक तरह से उनके अंदर की शक्ति की मदद से होता था जिसको उन्होंने योगबल की मदद से अर्जित किया था ।

देवराह बाबा के चमत्कार जानवरों की भाषा समझते थे

दोस्तों आपको बतादें कि देवराह बाबा के बारे मे यह कहा जाता है , कि वे जानवरों की भाषा समझ सकते थे । इतना ही नहीं वे जानवरों से बात भी कर सकते थे । यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। प्राचीन किताबों के अंदर आता था कि इंसान को जनवरों की भाषा को समझने के लिए सिद्धियां करनी पड़ती हैं। देवराह बाबा काफी अदभुत इंसान थे ।

पानी पर चल सकते थे देवराह बाबा

दोस्तों वैसे तो हम जैसे लोग यदि पानी पर चलेंगे तो डूब जाएंगे । इसके अंदर कोई शक नहीं है। लेकिन यह माना जाता है , कि देवराह बाबा को पानी पर चलने की सिद्धि प्राप्त थी । वे आसानी से पानी पर चल सकते थे । जोकि अपने आप मे एक काफी बड़ी बात है। और यह हर कोई इंसान नहीं कर सकता है। देवराह बाबा के भगत जब यह सब चीजें देखते थे , तो उनको आश्चर्य होता था ।

कुल मिलाकर हम कह सकते हैं , कि देवराह बाबा पानी पर चलने की कला के अंदर माहिर थे ।

उनकी मर्जी के बिना कोई उनका फोटो नहीं ले सकता था

दोस्तों यह कहा गया है कि देवराह बाबा के पास अपार शक्ति हुआ करती थी। और वे अपनी शक्ति की मदद से सब कुछ कर सकते थे । जब उनकी कोई फोटो लेने के लिए आता था , तो वे आश्चर्य प्रकट करते थे । लेकिन यदि वे नहीं चाहते तो फिर उनकी फोटो नहीं बन सकती थी । जिसकी वजह से कई बार भगत गण आश्चर्य ​चकित हो जाया करते थे ।

इस तरह के संत काफी कम ही देखने को मिलते हैं , जिनके पास इस तरह की अदभुत क्षमता हो । आप इस बात को समझ सकते हैं।

देवराह बाबा की उम्र 900 साल थी

दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देवराह बाबा की उम्र भी कोई कम नहीं थी। माना जाता है कि उनकी उम्र 900 साल के आस पास थी। लेकिन उनकी सही सही उम्र के बारे मे किसी को कुछ भी पता नहीं है। हालांकि यह संभव है , कि योगबल से इंसान अपनी उम्र को काफी बढा सकता है। और काफी अधिक समय तक जिंदा रह सकता है। लेकिन इसके लिए कठोर साधनाएं करनी पड़ती हैं। और हर किसी के अंदर इस तरह की साधनाएं करने की क्षमता नहीं होती है।

लेकिन देवराह बाबा के बारे मे यह कहा जाता है , कि वे अपने योग बल से काफी अधिक समय तक जिंदा रहे थे ।

देवराह बाबा के चमत्कार अपनी शक्ति से बना सकते थे प्रसाद

दोस्तों कई भगत गण यह कहते हैं कि देवराह बाबा अपने मचान से सबको प्रसाद देने का काम करते थे । लेकिन उनके पास प्रसाद नहीं होता था । कहा जाता है , कि उनके पास अदभुत शक्तियां थी । जिसकी मदद से वे प्रसाद्ध बना सकते थे । कुल मिलाकर यह जब भगत गण देखते थे तो कई बार आश्चर्य के अंदर पड़ जाते थे ।

कोई नहीं जानता है देवराह बाबा के जन्म के बारे मे

दोस्तों जैसा कि आपको पता ही होगा कि योगियों का जन्म हमेशा एक रहस्य ही होता है। इसका कारण यह है कि वे हजारों सालों तक जिंदा रहते हैं। और गुफाओं के अंदर कठिन साधना को करते हैं। तब तक उनके पास वाली पीढ़ियां तो बीत चुकी होती हैं। देवराह बाबा के जन्म के बारे मे कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं होते हैं। यही कारण है कि उनका जन्म काफी अधिक रहस्यमय हो जाता है।

ऐसे बहुत से सवाल हैं , जिनका उत्तर कोई भी नहीं जानते हैं , जैसे कि बाबा का जन्म किस तरह से हुआ था ? और उनके माता पिता कौन थे ? इसके बारे मे किसी को कुछ भी पता नहीं है। यह सब आज भी रहस्य बने हुए हैं। आप इस बात को समझ सकते हैं।

इसके अलावा भी हम आपको यहां पर देवराह बाबा के चमत्कार के बारे मे कई सारी चीजों को बताने वाले हैं। तो आप बने रहें हमारे साथ ।

देवरहा बाबा के चमत्कार 5 साल पहले ही बतादिया था अपनी मौत का समय

दोस्तों आपको बतादें कि देवराह बाबा एक महान चमत्कारी संत थे । देवराह बाबा के बारे मे यह कहा जाता है , कि उनको सब कुछ पता रहता था । और अपनी मौत का समय 5 साल पहले ही बता दिया था । ऐसा उनके भगत गण दावा करते हैं। अचानक 11 जून 1990 को उन्होंने दर्शन देना बंद कर दिया।

और लोगों को लगा कि अब कुछ अनहोनी होने वाली है। उसके बाद देवराह बाबा अपनी मचान पर बैठे रहे ।19 जून को मंगलवार के दिन योगिनी एकादशी थी। और इस दिन काफी तेज तूफान आया था । और तूफान की वजह से यमुना का पानी बाबा की मचान तक पहुंचने लगा था । उसके बाद बाबा ने शाम 4 बजे ही अपना शरीर छोड़ दिया था । और उनके धरती से जाने की खबर पूरे शहर मे काफी तेजी से फैल गई और फिर लोगों की भीड़ वहां पर उमड़ने लगी ।

पल भर मे ​कहीं पर भी आ जा सकते थे देवराह बाबा

दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि देवराह बाबा के बारे मे यह कहा जाता है कि उनके पास खेचरी मुद्रा की सिद्धि थी। और इस मुद्रा की सिद्धि होने की वजह से वे पलभर मे ही कहीं पर आ जा सकते थे । मतलब एक स्थान से दूसरे स्थान पर उनको पहुंचने के लिए किसी तरह के साधन की सहायता नहीं लेने की जरूरत थी । यह भी बाबा का एक बहुत ही बड़ा चमत्कार था । आज के समय मे इस तरह के संत मिलना काफी कठिन हो चुका है।

पानी मे आधे घंटे तक रोक सकते थे अपना सांस

इसके अलावा यदि हम देवराह बाबा के चमत्कार के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि देवराह बाबा पानी के अंदर आधे घंटे तक अपने सांस को रोक सकते हैं। जोकि अपने आप मे काफी अदभुत था । हर किसी से यह सब करना संभव नहीं है। जबकि विदेशों के अंदर कुछ समय सांस रोकने के लिए शुद्ध आक्सीजन को अंदर लिया जाता है। लेकिन देवराह बाबा ऐसा कुछ भी नहीं करते थे ।

खाने पीने की चीजें अपने आप ही आ जाती थी

इसके अलावा देवराह बाबा के चमत्कार के बारे मे यदि हम बात करें तो आपको बतादें कि वे बस अपनी मचान पर बैठे रहते थे । उसके बाद भी उनके पास खाने पीने की चीजें अपने आप ही आ जाती थी । जोकि किसी चमत्कार से कम नहीं होती थी । कुल मिलाकर देवराह बाबा एक महान इंसान थे ।

जबकि हम लोग दिन रात मेहनत करते हैं । और उसके बाद भी खाने पीने की चीजें अपने आप ही नहीं आ पाती हैं। उनको लाने मे काफी अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन देवराह बाबा सिद्ध पुरूष थे ।

बबूल के पेड़ों पर कांटे नहीं होते थे

दोस्तों यह भी देवराह बाबा का ही एक चमत्कार था । पता चला है कि जिन स्थानों पर देवराह बाबा रहा करते थे । वहां पर बबूल के पेड़ पर कांटे नहीं हुआ करते हैं। वैसे देखा जाए तो बबूल के पेड़ पर काफी अधिक मात्रा के अंदर कांटे होते हैं। लेकिन जिन स्थानों पर देवराह बाबा रहते हैं थे वहां पर बबूल के पेड़ भी साफ सुथरे हुआ करते थे ।

देवराह बाबा को भूख नहीं लगती थी

दोस्तों देवराह बाबा के बारे मे बात करें तो उनके बारे मे यह भी कहा जाता है , कि उनको भूख नहीं लगती थी । वे बस दूध, शहद और श्रीफल और यमुना का पानी का सेवन करते थे । और इसके अलावा भी कई तरह के संत हुए हैं योगी हुए हैं , जोकि कई महिनो महिनों तक खाना नहीं खाते थे । और ऐसे ही काफी आसानी से जिंदा रहते थे । उन्हीं मे से एक देवराह बाबा भी थे । वे रोटी वैगरह नहीं खाते थे । यह संभव होता है योग की वजह से योगी लोग ब्रह्रमांड की दूसरी उर्जा की मदद से अपने शरीर को जिंदा रख सकते हैं। और आसानी से कई दिनों तक बिना खाए रह सकते हैं।

डाक्टर राजेंद्र प्रसाद को राजा बनने का आशीर्वाद दिया था

दोस्तों कहा जाता है कि एक बार डाक्टर राजेंद्र प्रसाद  देवराह बाबा से मिलने के लिए आये थे । यह बात है सन 1911  की तो देवराह बाबा ने कहा बेटा तू तो राजा बनेगा । और उसके कुछ ही समय के बाद राजेंद्र प्रसाद भारत के राष्ट्रपति बन गए थे , जोकि अपने आप मे काफी अदभुत था । असल मे देवराह बाबा के इस आशीर्वादा के बाद राजेंद्र प्रसाद ने एक पत्र लिखकर बाबा का शुक्रया भी किया था ।

सन 1954 के प्रयाग कुंभ में बाकायदा बाबा का सार्वजनिक पूजन भी किया।  और कहा जाता है कि बाबा के पास जो कुछ भी ज्ञान था , बाबा ने उस संपति को सब लोगों से बांटने की कोशिश की ऐसे महान बाबा को सत सत नमन करते हैं।

इंदिरा गांधी को दिया था देवराह बाबा ने आशीर्वाद

दोस्तों जब देश मे अपातकाल लागू हुआ तो उसके बाद इंदिरा गांधी हार गई थी । उसके बाद कहा जाता है , कि वह बाबा के पास गई तो बाबा ने उनको हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया था । और उसके बाद उनकी पार्टी एक अच्छे बहुत मत के साथ सरकार के अंदर आई थी ।

उसके बाद यह कहा जाता है , कि पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथ बन गया था । इसके बारे मे आपको पता ही होगा । क्योंकि हाथ का चुनाव चिन्ह तब से लेकर अब तक बना हुआ है।

राम मंदिर के बारे मे की गई बाबा की भविष्यवाणी सच हुई

दोस्तों राममंदिर बनने से कई साल पहले जब वहां से विवादित ढांचा भी नहीं हटाया गया था । तब बाबा से किसी ने पूछा था कि राम मंदिर बनेगा या फिर नहीं बनेगा ? तो बाबा ने बताया था कि राम मंदिर ही बनेगा । और कई सालों बाद यही हाल हुआ आज राम मंदिर बन रहा है। एक तरह से यह भविष्यवाणी किसी चमत्कार से कम नहीं थी।  इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

वैसे भी जो महान लोग भविष्यवाणी कर देते हैं । वह पूरी होकर ही रहती है। इन लोगों के अंदर ​भविष्य को देखने की क्षमता होती है। यह भूत और भविष्य को देख सकते हैं। जोकि हर किसी मे नहीं होती है।

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