कामेश्वरी यक्षिणी साधना – कामेश्वरी यक्षिणी की अपनी खास बात होती है।और हर यक्षिणी के पास कुछ खास होता है। जैसे कि सुरसुंदरी यक्षिणी सुंदरता की देवी हैं। यदि कोई उनकी साधना करता है तो वह सबसे पहले साधक को सौंदर्य प्रदान करती हैं। इसी प्रकार से कामेश्वरी यक्षिणी के बारे मे यह कहा जाता है कि यह सदैव चंचल रहने वाली होती हैं। मतलब मन के समान होती हैं।यह देखने मे बहुत अधिक मादक होती हैं। जैसा कि आप अक्सर फिल्मों के अंदर देखते हैं।यह हर क्षण साधक को मनोरंजन प्रदान करती हैं। इसके अलावा यह साधक को पौरूष भी प्रदान करती हैं तो साधक को पत्नी सुख भी देती हैं।
कामेश्वरी यक्षिणी के बारे मे यह बताया जाता है कि यह देखने मे काफी सुंदर होती है और यह चंद्रमा के समान काफी उज्जवल होती है।यह हंस की सवारी पर चलती है। और इसके साथ साथ दो महिलाएं और होती हैं ,जो कि पंखे से हवा झुलाती हैं।सभी स्त्री पितांबर रंग की साड़ी मे होती हैं।यक्षिणी के बारे मे यह कहा जाता है कि वह गुलाबी रंग की पोशाक पहने रहती है।
इस साधना को शुक्रवार की रात को शूरू करना होगा ।और जप का स्थान पूरी तरह से एकांत होना चाहिए ।वैसे तो आप इस देवी की साधना को पूजा स्थल पर भी कर सकते हैं लेकिन वहां पर यह आपको प्रत्यक्ष दर्शन नहीं देगी लेकिन सिद्व होने पर आपके कामों को पूरा करेगी ।यदि आप एकांत के अंदर साधना करते हैं तो देवी आपके सामने प्रत्यक्ष हो जाएगी ।
कामेश्वरी यक्षिणी साधना विधि अलग अलग गुरू अलग अलग र प्रकार से बताते हैं। और आप इस बारे मे अपने गुरू से पूछ सकते हैं। और जो साधक सामान्य ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं वे विधियों को पढ़ सकते हैं।
कामेश्वरी यक्षिणी को किसी भी वट व्रक्ष के नीचे चंदन के मंडल से देवी की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद नीचे दिये गए मंत्र का 3000 हजार बार जप करना होता है।और यह तीन सप्ताह तक करना होता है। ऐसा करने से यक्षिणी साधक से प्रसन्न हो जाती है और उसे उचित वर प्रदान करती है।
ओम ह्री सर्व कामदे मोहरे स्वाहा।।
इसके अलावा एक दूसरी विधि के अंदर यह बताया गया है कि इसकी साधना किसी भी गूलर के पेड़ के नीचे बैठकर करनी होती है। घी का चौमुखा दीपक जलाकर साधक को उस दीपक को बिना पलक झपकाए देखना होता है और मंत्र जप करना होता है।
आप लाल पीला और सफेद आसन ले सकते हैं और मुख उत्तर दिसा की ओर होना चाहिए और आप कामेश्वरी देवी की साधना यंत्र लेकर ही करें । ऐसा करने से अनुभव जल्दी होती हैं।यह साधना 21 दिन की होती है।
ॐ कामेश्वरी काम सिद्धेश्वरी स्वाहा ।
ॐ फट स्वाहा ॐ ह्रीं कुरु स्वाहा ।।
जैसे मंत्र भी इसके साथ ही जपते रहने होते हैं।
कामेश्वरी योगिनी की सबसे बड़ी खास बात तो यह होती है कि यह साधक के मन की कामनाओं की पूर्ति करती है।मतलब कि ऐसा माना जाता है कि इससे कोई वरदान मांगने की आवश्यकता नहीं होती है। यह अपने आप ही अपने साधक की सभी इच्छाओं को पूरा कर देती है।
दोस्तों कामेश्वरी देवी की साधना करने के कई सारे फायदे होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह साधना करने से मन शांत रहता है और बूढ़ापे का असर कम हो जाता है। आपके विचारों के अंदर आकर्षण शक्ति बढ़ जाती है। इसके अलावा आपके घर के अंदर झगड़े हो रहे हैं तो वह भी कम हो जाते हैं। कुल मिलाकर आपको भौतिक और अभौतिक दोनो ही प्रकार के सुख मिल जाते हैं।
एक आम कामेश्वरी की साधना का तरीका है कि अपने सामने किसी कागज के उपर नीचे दिये गए मंत्र को 5 बार लाल पेन से लिखें और अपने आज्ञा चक्र पर ध्यान दें और इस मंत्र को 11 माला 9 दिन तक करें और उसके बाद किसी कन्या को फल दान करे और इस कागज को लाल कपड़े के अंदर पहना जा सकता है।कुछ ही दिनों के अंदर आप इसके प्रभाव को देखकर मंत्र मुग्ध हो जाएंगे ।
ओम ह्रीं कामेश्वरी योगिनी आदि शक्ति रूपिणी मम देह चैतन्य चैतन्य स्वाहा।।
दोस्तों कामेश्वरी यक्षिणी के बारे मे यह कहा जाता है कि यदि आप इसको एक बार पूरी तरह से सिद्व कर लेते हैं तो उसके बाद आप इसको रात को भी बुला सकते हैं। और आप इसके साथ वार्तालाप भी कर सकते हैं।
दोस्तों कामेश्वरी यक्षिणी को आप कई रूपों के अंदर सिद्व कर सकते हैं। आप इसको माता के रूप मे सिद्व कर सकते हैं तो यह आपके हर प्रकार की समस्या का समाधान करेगी । इसके अलावा आप इसको एक सखा के रूप मे भी सिद्व कर सकते हैं।इसके अलावा आप इसको प्रेमिका के रूप मे भी सिद्व कर सकते हैं।
दोस्तों कामेश्वरी यक्षिणी के साधना के बारे मे अनुराग नाम एक युजर ने अपने अनुभव के अंदर लिखा कि यह देवी काफी अच्छी है। उसने कामेश्वरी यक्षिणी को बहिन के रूप मे सिद्व किया था। सबसे पहले तो मैंने एक कामेश्वरी देवी का यंत्र मंगवाया था। उसके बाद यंत्र वाले बाबाजी से ही मैंने इसकी विधि को पूछा था।हालांकि मैंने पहले ही बोल दिया था कि मैं उसके दर्शन नहीं करना चाहता हूं बस मैं अपने घर के अंदर फायदा करना चाहता हूं तो उन लोगों ने मुझे कुछ टोटके बताए ।
फिर मंगलवार के दिन रात को 10 बजे आसन के उपर बैठ गया और 21 दिन तक रोजाना मंत्र का जाप किया इस 21 दिन मे से मुझे किसी भी प्रकार का डर नहीं लगा और ना ही देवी के दर्शन हुए । हां 5 दिन तक तो कुछ भी अनुभव नहीं हुए और उसके बाद 6 दिन जब साधना करने के लिए बैठा तो अनुभव हुआ जैसे कमरे के अंदर कोई घूम रहा है लेकिन यह बहुत ही हल्का था।
और किसी भी प्रकार के डरावने अनुभव नहीं हुए । जब 21 वां दिन था तो मैंने कामेश्वरी देवी को प्रणाम किया और उनसे कुछ मांगा । हालांकि उसके बाद मैंने कभी भी देवी को बुलाने का तरीका नहीं पूछा क्योंकि मुझे बहुत अधिक डर लगता है। बस जो कुछ मुझे चाहिए होता है उनके यंत्र के सामने जाकर बोल देता हूं वैसे यह साधना काफी अच्छी है। यह मेरी पहली साधना है। आज तक मैंने कोई भी साधना नहीं की थी और करना भी नहीं चाहता हूं ।
मैं आपको बतादूं कि कोइ भी साधना करने से पहले अपने गुरू से परामर्श जरूर करें कहीं पर लिखी लिखाई बातों को पढ़कर साधना करने के लिए ना बैंठे वरना बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। मैंने कामेश्वरी का यंत्र मंगवाने के लिए ऐसे ज्योतिष संस्थान को चुना था जो यंत्र के साथ साथ साधना भी करवाते हो ।
कामेश्वरी यक्षिणी साधना काफी अच्छी साधना है लेकिन हम आपको बतादें कि कोई भी इंसान जिसको कामेश्वरी यक्षिणी सिद्व है वह आपको सही सही अनुभव नहीं बताएगा । ऐसी स्थिति के अंदर हमारे पास बस एक ही चारा है कि या तो खुद्व सिद्व करके देखें या फिर लिखी हुई बातों पर विश्वास करलें ।
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