चूहे की आवाज कैसी होती है ,दोस्तों चूहे आपके घरों मे निवास करते हैं।और घर मे चूहों से छूटकारा पाने के लिए बहुत प्रयत्न किये जाते हैं। उसके बाद भी चूहे कभी भी घर से जाते नहीं हैं। क्योंकि उनको खाने के लिए कुछ ना कुछ मिलता ही रहता है।वैसे आपको बता दें कि चूहे बोलते भी हैं। लेकिन असल मे उनकी आवाज हम अपने कानों से नहीं सुन सकतें हैं।वैज्ञानिकों ने रिसर्च मे यह पाया है कि चूहे का दिमाग इंसानों की तरह ही होता है। और उसके अंदर सीखने की अदभुत क्षमता होती है। जब नर और मादा चूहों को एक साथ रखा गया तो वे मादा को रिझाने के लिए गीत गाते हैं।
और जब इन ध्वनी तरंगों को इंसानों के सुनने लायक बनाया गया तो यह आवाजें कुछ इस प्रकार से थी जैसे की कोई सीटी बजाई गई हो ।कुछ समय तक यही माना जाता रहा है कि चूहे ध्वनी की पिच को घटाने और बढ़ाने मे सक्षम नहीं हैं। यह क्षमता केवल कुछ जीवों को ही प्राप्त है।
चूहों में पाया कि इनमें इंसानों के अग्रमस्तिष्क की तरह ही वो प्रणाली है जो कि आवाज को निकालने और उसे बदलने का काम करती है। और चूहों के पास भी वैसी ही क्षमताएं मौजूद हैं जैसी की इंसानों के पास होती हैं।
चूहों के बारे मे रोचक तथ्य
दोस्तों जैसा कि उपर हमने बताया कि चूहे आवाज करते हैं लेकिन हम उस आवाज को सुन नहीं सकते हैं। यहां पर हम आपको बताने वाले हैं कि चूहों के कुछ मजेदार तथ्यों के बारे मे ।
चूहे एक बार मे 20 से अधिक बच्चे पैदा करने मे सक्षम होते हैं। हालांकि वे सभी जीवित नहीं रह पाते हैं।
पूरी दुनिया के अंदर चूहे 20 प्रतिशत कृषी को नष्ट कर देते हैं जोकि बहुत अधिक है। चूहों को मारने के लिए अनेक तरीके अपनाये जाते हैं लेकिन उनमे से कोई भी पूरी तरह से सक्सेस नहीं होता है।
आपको बतादें कि चूहों के अंदर गंध को सूंघने की अदभुत क्षमता होती है। और इसी के चलते वे अनाज को दूर से पता कर लेते हैं।
कंगारू चूहे का नाम तो आपने सुना ही होगा ।यह चूहा लगातार 10 साल तक बिना पानी के रह सकता है। यह पानी की थोड़ी मात्रा का प्रयोग करता है जो भोजन की नमी से ले लेता है।
पूरी धरती पर वैसे तो चूहों का निवास है लेकिन अंटार्कटिका एकमात्र ऐसा महाद्वीप है जिसमें चूहों का निवास नहीं है।
यूरोप के अंदर कुछ ऐसे कुत्तों को प्रशिक्षित किया जाता था जोकि घर मे मौजूद चूहों को नष्ट कर देते थे या फिर उनको पकड़ लेते थे ।
चूहे एक तरह का स्तनधारी जानवरों के अंदर आता है।
कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाईलैंड, घाना, चीन आदि देशों के अंदर चूहें के मांस को खाया जाता है। खास कर चीन के अंदर चूहें की डिस बहुत अधिक लोकप्रिय होती है।
चूहे का इस्तेमाल बारूदी सुरंगों का पता लगाने मे भी किया जाता है।क्योंकि चूहे गंध को बहुत ही आसानी से पहचान लेने मे सक्षम होते हैं।
बुबोनिक प्लेग, लासा बुखार, लेप्टोस्पायरोसिस और हंटवायरस जैसी कुछ बीमारियां होती हैं जो चूहे फैलाते हैं तो घरों मे चूहों का होना खतरनाक हो सकता है।
बुश चूहा ऑस्ट्रेलिया में चूहे की सबसे आम स्वदेशी प्रजाति है।
भारत के करणी माता मंदिर के अंदर 25,000 से अधिक काले चूहें हैं। वहां पर इन चूहों की पूजा की जाती है। यदि किसी को काले चूहों के बीच सफेद चूहा दिख जाता है तो यह बहुत अधिक शुभ माना जाता है।
आपको बतादें कि आधुनिक काला चूहा रोमन की विजय के बाद पूरे यूरोप के अंदर फैल गया था।
कुछ मादाएं चूहे को जन्म देने के 24 घंटे बाद ही गर्मी मे चली जाती हैं।
आपको बतादें कि चूहे जब खुश होते हैं जो हंसी के जैसी आवाज निकालते हैं।
फैंसी चूहा, जिसे रैटस नॉरवेगिकस डोमेस्टिका के नाम से भी जाना जाता है , पालतू जानवर के रूप में रखा जाने वाला सबसे आम चूहा है।
चूहे लगभग 1 पौंड का वजन उठा सकते हैं जोकि उनके शरीर के वजन से कहीं अधिक है।
अतंरिक्ष के अंदर सबसे पहले 1961 ई के अंदर फ्रांस ने चूहे को ही भेजा था।
चूहे के पास अच्छी यादाश्त होती है।वे एक बार मे ही कई चीजों को आसानी से सीख सकते हैं।
चूहे के जबड़े एक मगरमच्छ के जबड़ों के जैसे होते हैं जोकि काफी मजबूत होते हैं।
चूहे की सबसे बड़ी खास बात तो यह है कि यह पर्यावरण के अनुसार अपने आहार को प्राप्त कर लेता है।
प्राचीन रोमन लोगों का यह मानना था कि यदि कोई सफेद चूहा आपके रस्ते को पार कर लेता है।तो यह सौभाग्य का प्रतीक और शुभ है।
चूहों के पूंछ होती है जोकि चूहों के लिए संतुलन को बनाए रखने और संवाद करने के साथ ही तापमान को नियंत्रित करने मे काफी मदद करती हैं।
आपको बतादें कि चूहों को इंसानों की तरह पसीना नहीं आता है लेकिन वे अपनी पूंछ की मदद से रक्तवाहिनों को संकुचित करके तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं।
एक चूहा बिना घायल हुए 50 फीट तक गिर सकता है।
चूहे के दांत काफी मजबूत होते हैं। और उनकी बाहरी परत स्टील से भी अधिक मजबूत होती है। जिससे कि वे दीवार को भी खोद सकते हैं।
चूहे अपने दांतों की मदद से कांच, सिंडर ब्लॉक, तार, एल्यूमीनियम और सीसा आदि को भी आसानी से चबा सकते हैं।
आपको बतादें कि चूहे पोषण के लिए कभी कभी अपने मल को भी खालिया करते हैं।
एक बार यदि किसी चूहे को बिजली का झटका लग जाता है तो फिर से उनके दिल को चालू किया जा सकता है।
यदि बात करें चूहे की नजर कि तो चूहों की नजर बहुत कमजोर होती है।
दो संगत भूरे रंग के चूहे केवल 1 वर्ष में 15,000 चूहे पैदा कर सकते हैं।
कनाडा का अल्बर्टा प्रांत (जनसंख्या 4.25 मिलियन) चूहों से पूरी तरह मुक्त होने के लिए जाना जाने वाला सबसे बड़ा आबाद क्षेत्र है।
चूहे लुका छिपी खेल सकते हैं। यह कभी भी खेलते भी हैं।
चूहों को अपने दांत छोटे रखने पड़ते हैं। इसलिए तो चूहे लगातार कुछ ना कुछ कुरते ही रहते हैं।
चूहा यातना एक प्रकार की यातना होती थी जिसका प्रयोग अमेरिका करता था और यह एक तरीका था जिससे कि पूछताछ के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
यदि कोई चूहा परिपक्व हो जाता है तो उसके दांत पीले हो जाते हैं।छोटे चूहों के दांत सफेद होते हैं।
चूहों के अंदर सुनने की क्षमता अच्छी होती है वे अल्ट्रासाउंड आवृत्तियों का उत्पादन करके सुन सकते हैं और संवाद कर सकते हैं हालांकि इनको हम इंसान नहीं सुन सकते हैं।
कुछ चूहे अच्छा तैर भी सकते हैं और यह 3 मिनट तक अपने सांस को रोके रख सकते हैं।
एक चूहे के दांत कभी भी बढ़ना बंद नहीं होते हैं यह साल मे 5 इंच तक बड़ जाते हैं।
चूहे अपने लंबे पैर और नुकीले होने की वजह से आसानी से दीवार को भी तराश सकते हैं।
2009 में खोजा गया बोसावी ऊनी चूहा सबसे बड़ा चूहा माना जाता है, जो 32 लंबा तक पहुंचता है और इसका वजन 3 पाउंड से अधिक होता है।
चूहे दूसरे चूहे की सांस को सूंघकर यह पता लगा सकते हैं कि किस चूहे को क्या खाना पसंद है।
ऐसा माना जाता है कि समुद्र के अंदर जहाज से सामान को इधर उधर ले जाने की वजह से चूहे पूरी दुनिया के अंदर फैल गए ।
चूहे को दूसरे चूहों के साथ रहना पंसद होता है। यदि उनको कोई साथी नहीं मिलता है तो फिर वे अकेले और उदास महसूस करने लग जाते हैं।
चूहे किसी वस्तु के आकार को निर्धारित करने के लिए अपनी मूंछों का प्रयोग करते हैं जोकि अपने आप मे एक अदभुत है।
वैज्ञानिक रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि चूहे भी इंसानों की तरह सपने देखने मे सक्षम होते हैं।
चूहों को अलग अलग चीजों का स्वाद लेना पसंद होता है।और वे नई चीजों को चखते रहते हैं जिससे वे कई बार बीमार भी पड़ जाते हैं।