nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi बुखार सिरदर्द दांत दर्द और कमर दर्द जैसी समस्याओं के अंदर किया जाता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।इस दवा की जो खुराक होती है वह आमतौर पर निर्भर करती है व्यक्ति की आयु और बीमारी पर । यदि आप इस दवा को ले रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही इस दवा का सेवन करें। और उसके बाद यदि आप इस दवा का सेवन करते हैं और आपको किसी तरह का साइड इफेक्ट होता है तो दवा का उपयोग करना बंद करदें । और अपने डॉक्टर से परामर्श करें। वैसे इस दवा का साइड इफेक्ट लंबे समय तक नहीं रह पाता है।
यदि आप डॉक्टर के परामर्श से सब कुछ करेंगे तो आपकी हर समस्या हल हो जाएगी और आपको कोई परेशानी नहीं आएगी आप समझ सकते हैं।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi
- गाउट
- कमर दर्द
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- दांत में दर्द
- बुखार
- दर्द
- जोड़ों में दर्द
- सिरदर्द
- बदन दर्द
उपर दी गई सभी समस्याओं के अंदर यह दवा उपयोग की जाती है। लेकिन दवा का उपयोग करने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । क्योंकि दवा के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi गाउट के अंदर
आपको बतादें कि गाउट एक प्रकार की समस्या होती है जोकि अक्सर पेरौं के जोड़ों जैसे कि उंगूठे को प्रभावित करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यह समस्या यूरिक एसिड़ के बढ़ने की वजह से होती है आप इस बात को समझ सकते हैं।
गाउट अटैक अक्सर रात में बिना किसी चेतावनी के होते हैं। और इसके अंदर गाउट वाले स्थान पर लालिमा आ जाती है और अचानक से तेज दर्द होने लग जाता है।पुरुषों को इस तरह के गठिया होने की अधिक संभावना होती है, लेकिन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को भी गाउट हो सकता है। और कई बार रात को आपकी नींद खुल सकती है और आपको यह महसूस हो सकता है कि पैरों मे आग लग गई है।और इस दौरान यदि आप गाउट वाले पैर पर कोई कपड़ा भी रख देते हैं तो इसका भार भी आप सहन नहीं कर पाते हैं तो आप समझ सकते हैं कि गाउट कितना डेंजर होता है ?
दोस्तों यदि हम गाउट के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण आपको देखने को मिल सकते हैं। पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटनों और हाथ की उंगलियों को को यह सबसे अधिक प्रभावित करता है
- जैसे पैरों और दूसरे जोड़ो के अंदर दर्द हो सकता है। खास कर प्रभावित हिस्से मे दर्द का होना ।
- इसके अलावा जोड़ों मे जलन हो सकती हैं जोड़ नरम हो सकते हैं
- इसके अलावा प्रभावित जोड़ों के आस पास सूजन का होना ।
- गाउट से परेशान अधिकतर लोगों को एक साल के अंदर अंदर ही इसके और अटैक आते हैं।
- प्रभावित जोड़ों पर यदि कोई हल्की सी चीज भी स्पर्श कर लेती है तो यह असहनिय दर्द देती है आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- रिक एसिड के क्रिस्टल मूत्र पथ में जमा होते हैं तो वे गुर्दे की पथरी होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं
- इसके अलावा प्रभावित जोड़ लाल हो जाते हैं और चमकदार भी हो जाते हैं आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
यदि आपको इस बात का संदेह है कि आपको गाउट है तो फिर आपको चाहिए कि आप डॉक्टर के पास जाएं और उसके बाद अपनी जांच करवाएं । उससे ही पता चलेगा कि आपको क्या समस्या है।
- जोड़ों में गंभीर रूप से दर्द व सूजन और आपको बुखार है तो इसका मतलब यही है कि आपको संक्रमण हो चुका है और आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और उसके बाद आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करें ।
यदि हम शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड़ की बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से यूरिक एसिड़ शरीर के अंदर बढ़ता है आपकों इसके बारे मे हम बताने जा रहे हैं।
- यदि आप अधिक मोटे हैं तो आपको यूरिक ऐसिड की समस्या हो सकती है अपने मोटापे को कम करने का प्रयास करें
- ड्यूरेटिक दवाओं (मूत्रवर्धक) जैसी कुछ दवाओं का इस्तेमाल यदि आप कर रहे हैं तो इससे यूरिक ऐसिड़ बढ़ सकता है।
- इसके अलावा यदि आपके गुर्दे की कार्यक्षमता के अंदर कमी आ चुकी है तो फिर गाउट की समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- सर्जरी
- कोई गंभीर चोट
- निर्जलीकरण
- भूखे रहना
आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की उम्र के बीच पुरुषों में गाउट होने की संभावना अधिक होती है। दोस्तों आपको बतादें कि महिलाओं के अंदर यूरिक ऐसिड का स्तर कम होता है। लेकिन पुरूषों मे यूरिक ऐसिड़ का स्तर काफी अधिक होता है जिससे उनको गाउट होने के चांस काफी अधिक होते हैं।
इसके अलावा यदि आप शराब का अधिक सेवन करते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप शराब का सेवन कम करें । क्योंकि इससे गाउट होने के चांस काफी अधिक हो जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा यदि आप हाई बीपी की दवाएं ले रहे हैं तो आपके अंदर यूरिक ऐसिड़ बढ़ने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कीमोथेरेपी कैंसर को खत्म करने के लिए की जाती है। यदि किसी को कैंसर है और वह इसके लिए दवाएं ले रहा है तो उन दवाओं से भी गाउट होने केचांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
भोजन में लाल मांस, समुद्री आहार (शेलफिश, और तेलयुक्त मछली) व ज्यादा मीठे फलों की चीनी यदि आप अधिक सेवन करते हैं तो इससे आपको गाउट होने के चांस काफी अधिक बढ़ सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi कमर दर्द
दोस्तों कमर दर्द काफी परेशान करने वाला होता है। जिस इंसान को कमर मे दर्द होता है उनके कमर मे अकड़न होती है और काफी अधिक समस्या होती है। इसके अलावा कमर दर्द वैसे सबसे अधिक परेशान करने वाला होता है क्योंकि जिस इंसान को कमर दर्द की समस्या हो जाती है वह ना तो ठीक से बैठ सकता है और ना ही झुक सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। इसलिए यदि किसी को कमर दर्द की समस्या है तो यह उसके लिए एक कठिन समय जैसा होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
आपको यह भी बतादें कि कमर दर्द हर इंसान कम से कम एक बार तो अपने जीवन के अंदर अनुभव करता ही है। यदि आपको भी कमर दर्द है तो अपनी कमर को इधर उधर हिलाते रहें और आपको पता होना चाहिए कि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो कमर दर्द और अधिक बढ़ जाएगा ।
इसलिए कमर दर्द होने पर अपनी गतिविधि को बढ़ाना आपके लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । नहीं तो आप खुद ही समस्या के अंदर फंस सकते हैं।
अब यदि हम कमर दर्द को रोकने के उपायों के बारे मे यदि हम बात करें तो इसके कई सारे उपाय हैं जिसकी मदद से आप कमर दर्द को आसानी से रोक सकते हैं। तो आपको चाहिए कि आप घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। यदि घरेलू उपायों से ठीक नहीं होता है तो फिर आप कोई दूसरे उपाय भी आजमा सकते हैं। मार्केट के अंदर कमरदर्द की अनेक तरह की दवाएं मौजूद हैं जिनको आप अपने डॉक्टर की मदद से दे सकते हैं और कमर दर्द की समस्या से आप छूटकारा पा सकते हैं इस तरह से कमर दर्द को दूर करने के कई सारे तरीके मौजूद हो सकते हैं जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं।
कमर दर्द (पीठ दर्द) के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं वैसे तो आपको कमर दर्द के लक्षणों के बारे मे कुछ अधिक बताने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि इसके लक्षणों के बारे मे सभी को पता होता है। लेकिन यदि नहीं पता है तो आइए बता देते हैं कमर दर्द के लक्षणों के बारे मे हम आपको।
- वजन घटना
- शरीर का तापमान बढ़ना (बुखार)
- कमर पर सूजन
- यूरिन पर कंट्रोल खोना
- दर्द का कमर से पैरों तक जाना
- दर्द का घुटनों के नीचे तक पहुंचना
- जननांगों के आसपास सुन्नता
- गुदा के चारों ओर सुन्नता
- नितंबों के आसपास का स्थान सुन्न
यह कमर दर्द के गम्भीर लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको उपर दिये गए किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको देरी नहीं करनी चाहिए और अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अच्छा होगा और दवा समय पर लेना ना भूलें आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अब हम आपको पीठ दर्द या कमर दर्द के कारणों के बारे मे बताने वाले हैं। दोस्तों यदि आपको पीठ दर्द हो रहा है तो इसके कुछ कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से पीठ दर्द होता है तो आइए जानते हैं उन कारणो के बारे मे विस्तार से ताकि आप अच्छी तरह से समझ जाएं ।
- मांसपेशियों में खिंचाव यदि है तो इसकी वजह से भी कमर दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आप चाहे तो मांसपेशियों की मालिस कर सकते हैं जिससे कि खिंचाव काफी कम हो जाएगा ।
- लिगामेंट में खिंचाव की वजह से सूजन हो सकती है। और यदि इलाज के अंदर लापरवाही होती है तो उसके बाद चलना फिरना काफी कठिन हो जाता है आपको इसके बारे पता होना चाहिए ।
- मांसपेशी में ऐंठन यदि है तो इसकी वजह से भी कमर मे दर्द हो सकता है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- बहुत भारी सामान उठाने की वजह से भी कमर पर काफी अधिक जोर पड़ता है जिसकी वजह से कमर मे दर्द हो सकता है।
- विच्छेदित डिस्क की समस्या होनें की वजह से कमर दर्द हो सकता है हमारी रीढ़ की हड्डी मे डिस्क होती है। और यदि यह डिस्क टूट जाती है तो उसके बाद काफी अधिक समस्या हो सकती है। और कमर दर्द आपको परेशान कर सकता है।
- कटिस्नायुशूल के अंदर एक घातक दर्द होता है जोकि आपके कंधे से आपके पैर तक जाता है। यह आमतौर पर उभरी हुई डिस्क की वजह से होता है इसका इलाज किया जाना जरूरी होता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस से ग्रसित रोगियों को सामान्यतः कूल्हों, पीठ के निचले हिस्सों, घुटनों और हाथों में जोड़ों के अंदर दर्द हो सकता है। यदि किसी को गठिया जैसी समस्या है तो उसे एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यदि गठिया का ठीक तरह से उपचार किया जाता है तो यह आसानी से ठीक हो सकता है।
- रीढ़ का असामान्य रूप से टेढ़ा होना भी कमर दर्द का कारण बन सकता है। रीढ़ की हडडी आसानी से टेडी हो जाती है खास कर तब जब आपकी रीढ की हडडी से सीधे नहीं हो पाते हैं तो यह आपके लिए समस्या कारण बन सकती है।
- यदि रीढ़ की हडडी पर टयूमर विकसित हो जाता है तो यह तंत्रिका पर दबाव डालता है जिसकी वजह से कमर के अंदर दर्द होने लग जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- रीढ़ की हड्डी का संक्रमण यदि हो जाता है तो इसकी वजह से भी कमर दर्द हो सकता है। वैसे देखा जाए तो कमर दर्द का कारण पता लगाना बहुत ही कठिन होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए लेकिन इसके उपचार के लिए इसके कारण का पता लगाना बहुत ही जरूरी होता है।
- जिन लोगों को नींद की समस्या होती है उनको कमर दर्द काफी अधिक होने के चांस बढ़ जाते हैं आप समझ सकते हैं।
कमर दर्द (पीठ दर्द) से बचाव की यदि हम बात करें तो इसके लिए कई तरीके होते हैं जिसकी मदद से आप कमर दर्द से बचाव कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- कमर दर्द से बचने का एक अच्छा तरीका है कि आपको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए । यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं तो इसका फायदा यह होगा कि यह आपके कमर को लोच प्रदान करता है और इसकी वजह से मांसपेशियों के अंदर तनाव काफी कम हो जाता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
- यदि आपका वजन काफी अधिक है तो यह भी कमर दर्द का कारण बन सकता है। इसके लिए आपको चाहिए कि आप अपने वजन को कम करने के बारे मे विचार करना चाहिए । ताकि यदि वजन कम हो जाता है तो फिर कमर दर्द की समस्या से काफी हद तक छूटकारा मिल जाएगा ।
- सीधे चलने का प्रयास करें दोस्तों आमतौर पर क्या होता है कि जब किसी को कमर दर्द होता है तो फिर समस्या यह होती है कि वह अपने शरीर को सीधा करके नहीं चलता है वह रीढ की हडडी को सीधा करके नहीं चल पाता है इसका नुकसान काफी भयंकर होता है। क्योंकि लंबे समय तक चलने से रीढ की हड्डी काफी टेडी हो जाती है। इसलिए यदि आपको कमर दर्द की समस्या है तोभी आपको चाहिए कि आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा करके ही चलना चाहिए ।
- इसके अलावा यदि आप काफी अधिक भार उठाते हैं तो फिर भी आपको कमर दर्द हो सकता है क्योंकि यदि आप सही तरह से भार को नहीं उठा पाते हैं तो इससे कमर मे झटका लग सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जिस वजन को सरलता से नहीं उठा सकते हैं उसके लिए आपको जबरदस्ती नहीं करना चाहिए । क्योंकि इससे आपको नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
वैसे यदि आप कमर दर्द की समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर आपको कमर दर्द की दवाएं देते हैं और उसके बाद इसकी मदद से कमर दर्द मे आराम हो सकता है और डॉक्टर आपको सेक करने के लिए कह सकते हैं। ताकि कमर दर्द की समस्याएं ठीक हो जाएं । इसके अलावा यदि किसी को कमर दर्द की समस्या है तो उसे बेड रेस्ट भी कम करना चाहिए ।
क्योंकि यदि बेड रेस्ट किया जाता है तो उसके बाद यह समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।हालांकि अधिकतर केस मे कमर दर्द दवाओं से ठीक हो जाता है लेकिन कई बार इसके लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है हालांकि यह बस दुर्लभ मामलों मे होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi दांत में दर्द
दोस्तों दांत दर्द एक प्रकार की समस्या होती है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता ही होगा । वैसे दांत के अंदर दर्द की समस्या कई लोग अपने जीवन के अंदर कम से कम एक बार तो अनुभव करते ही हैं। दांत मे दर्द आमतौर पर दांत की नसों मे संक्रमण होने या फिर दांत की उपर परत के नष्ट होने की वजह से हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और कई बार दांत के अंदर दर्द सूजन आ जाता है और फिर फोड़ा भी हो सकता है। इसलिए दांत दर्द का सही समय पर इलाज किया जाना बहुत ही जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
आपको पता ही है कि हम दांतों से खाते रहते हैं जिसकी वजह से दांतों पर जो भोजन बच जाता है कहीं पर फंसा हुआ तो वह गदंगी का रूप लेलेता है और यह अम्ल बैक्टीरिया मे बदल जाता है। जोकि दांतों के उपर सड़न पैदा करता है और इसकी वजह से दांतों के अंदर तक यह सड़न जा सकती है और नसों को नष्ट कर देती है।
और एक बार जब दांतों के अंदर सड़न हो जाती है और दांतों की उपर परत नष्ट हो जाती है तो उसके बाद इसका पता आपको चल जाता है क्योंकि जब भी आप कोई ठंडी और गर्म चीज का सेवन करते हैं तो उसके बाद आपके दांत को यह सब महसूस होने लग जाती है। मतलब दांत ठंडी और गर्म चीजों के लिए संवेदनशील हो जाते हैं।
और यदि दांतों की नसों के अंदर संक्रमण हो जाता है तो इसका ईलाज किया जाना चाहिए । क्योंकि यह संक्रमण दांतों के उत्तकों तक पहुंच सकता है।जोकि काफी घातक साबित हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
पारिवारिक आदतें और लार की कमी भी आपके दांतों के लिए काफी घातक साबित होती है और यह आपके दांतों की उपरी परत को नष्ट कर देती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
दोस्तों दांतों का दर्द कई तरह का होता है और इसका इलाज भी दर्द के प्रकार के आधार पर किया जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- संवेदनशीलता दांतों के अंदर हो जाती है तो यह एक अलग प्रकार का दर्द होता है यह दर्द तभी होता है जब आप कोई ठंडी गर्म चीजों का सेवन करते हैं तो इससे आपके दांतों को काफी दर्द हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- अगर एक या इससे ज्यादा दांतों में काफी पहले से दर्द हो रहा है, तो इसका कारण नस का खराब होना हो सकता है।यदि आपको इस तरह का पुराना दर्द है तो इसका मतलब आपको अपने दांतों की डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
- यह दर्द चेहरे और जबड़े में सूजन के साथ होता है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके दांतों के अंदर फोड़ो सकता है। इसके बारे मे आपको डॉक्टर से परामर्श देना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
- यदि आपको खाना खाते या फिर चबाते वक्त दांतों मे दर्द होता है तो यह दांतों मे सडन और फैक्चर की वजह से समस्या हो सकती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दांत में दर्द से बचाव की यदि हम बात करें तो इसके लिए हम कई तरीके अपना सकते हैं। और कुछ चीजों का ध्यान रख सकते हैं जिससे कि दांत दर्द की समस्या से निजात मिल सकती है तो आइए दांत दर्द के बारे मे विस्तार से जानते हैं।
- यदि आप दांत दर्द से बचना चाहते हैं तो नियमित रूप से अपने दांतों की सफाई करना बहुत ही जरूरी होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए । क्योंकि यदि आप नियमित रूप से अपने दांतों की सफाई नहीं करेंगे तो उनके अंदर कीड़े लगने की संभावना काफी अधिक हो जाएगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- यदि आप स्पोर्ट वैगरह करते हैं तो आपको दांतों के लिए बने गार्ड को पहनना चाहिए । क्योंकि यह सबसे अधिक जरूरी है जिससे कि दांतों पर चोट लगने की संभावना काफी कम हो जाएगी । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- दोस्तों दिन मे दो बार ब्रश करना चाहिए । एक आप सुबह उठने के बाद कर सकते हैं और दूसरा आप शाम को खाना खाने के बाद कर सकते हैं। जिस भी टूथपेस्ट का आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह अच्छी किस्म की होनी चाहिए ।और दांतों के अंदर जो भोजन के कण फंस जाते हैं उनको समय समय पर साफ करना चाहिए ।वरना यही भोजन के कण आपके दांतों को गलाने का काम करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।आप एक धागे की मदद से भी दांतों के बीच फंसे हुए भोजन के कणों को आसानी से निकाल सकते हैं। जिससे कि दांतों के अंदर संडन होने के चांस काफी कम हो जाते हैं।
- दांतों की सड़न को रोकने के लिए फ्लोराइड आपके दांतों के सड़न को रोकने मे काफी मददगार होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।फ्लोराइड नेचुरली रूप से पाया जाता है। यह कई तरह के फलों और सब्जी के अंदर भी होता है। इसके अलावा पानी के अंदर भी फ्लोराइड होता है। इसका सेवन करने से दांतों मे सड़न होने के चांस काफी कम हो जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- बैक्टिरिया चीनी और स्टार्च के पदार्थों में पनपते हैं। इसलिए आपको इस बात का हमेशा ध्यान रखना होगा कि आप क्या खा रहे हैं आपको इस तरह के किसी पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए ।जोकि आपके दांतों के अंदर चिपक जाता है। और यदि आप इस तरह के पदार्थ का सेवन करते भी हैं तो फिर आपको अपने दांतों को अच्छी तरह से साफ करना भी बेहद जरूरी होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा दांत दर्द को पहले से ही रोकने के लिए नियमित रूप से अपने दांतों के डॉक्टर के पास जाना चाहिए । आमतौर पर हम सभी लोग यही गलती करते हैं। कि जब दांत दर्द करता है तब दांतों के डॉक्टर के पास जाते हैं। ऐसा करना सही नहीं है। आप साल मे कम से कम 1 बार अपने दांतों के डॉक्टर को दांत दिखाएं । और आप अपने दांतों का एक्सरे भी करवा सकते हैं जिससे कि दांतों की समस्या ठीक हो जाएगी । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- धूम्रपान ना करें दोस्तों यदि आप धूम्रपान करते हैं तो इसकी वजह से भी आपके दांत खराब हो सकता है। इसलिए यदि आप अपने दांतों को खराब होने से बचाना चाहते हैं तो धुम्रपान आपको नहीं करना चाहिए ।
दांत में दर्द का परीक्षण की यदि हम बात करें तो डॉक्टर के पास जब आप जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर दांत दर्द का परीक्षण करने के लिए कई तरह के परीक्षण कर सकता है। तो आइए जानते हैं इसके बारे मे विस्तार से ।
- पैनोरैमिक रेडियोग्राफ (Panoramic radiographs) और कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी आदि की मदद से दांतों की हडियों को देखा जाता है कि इसके अंदर कोई समस्या तो नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- यदि हम दांतों के दर्द की इलाज की बात करें तो इसके लिए आपको कई तरह के इलाज दांतों के लिए उपलब्ध हैं। इसके अंदर कुछ घरेलू इलाज भी मौजूद हैं जोकि आपके दांतों को राहत प्रदान कर सकते हैं इसके बारे मे आइए जानते हैं।
- यदि आपके पास लौंग का तेल है और दांतों मे दर्द है तो लौंग का तेल उस दांत पर लगाने पर दर्द से राहत मिल सकती है। लेकिन यह एक स्थाई समाधान नहीं है। लेकिन कुछ समय के लिए आपको दांतों के दर्द से राहत मिल सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा दर्द वाले दांत के अंदर लौंग यदि आप दबा लेते हैं तो उसके बाद आपको दांत दर्द से राहत मिल सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
- और आयुर्वेद के अंदर खदीरादी वटी आती है। यह आपके दांतों के दर्द को कम करती है। आपको इस गोली को दिन मे दो बार लेना होता है। आप इस गोली को चूस सकते हैं। इसकी वजह से दांत मे ठंडा और गर्म नहीं लगता है। यह आपके दांतों के लिए काफी अच्छी दवा है आप इसको ले सकते हैं। आपको यह किसी भी पतंजली स्टोर पर आसानी से मिल जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा आपको बतादें कि खैनी जो होती है वह भी दांतों के दर्द के अंदर काफी फायदेमंद होती है। क्योंकि यदि आप खैनी को खाते हैं तो यह आपके दांत दर्द को काफी कम कर देती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- और यदि आपके दर्द के अंदर फिलिंग करवाते हैं तो इससे भी आपको दांत दर्द से राहत मिल सकती है। इसके लिए आपको दांत के डॉक्टर के पास जाना होगा । वह आपके दांत मे मसाला भर देगा जिससे कि दांत दर्द की समस्या आसानी से ठीक हो जाती है। इसके अलावा रूट कैनाल भी आप करवा सकते हैं। यदि इन्फेक्सन नसों तक पहुंच गया है तो यह उपचार आपके लिए अच्छा होगा ।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi बदन दर्द
बदन दर्द एक आम प्रकार की समस्या होती है। और यह समस्या हर लोगों के अंदर अक्सर देखने को मिलती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । बदन दर्द कई बार अधिक मेहनत करने की वजह से सभी हो सकता है। बदन दर्द के लिए अधिकतर केस के अंदर दवा लेने की जरूरत नहीं होती है। बदन दर्द को कम करने के लिए कई तरह की दर्दनिवारक दवाएं मौजूद हैं। जिनका उपयोग आप कर सकते हैं और बदन दर्द से छूटकारा पा सकते हैं। वैसे अधिकतर केस के अंदर आपको इस स्थिति के अंदर बेड़ रेस्ट की जरूरत हो सकती है और यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार यह अपने आप ठीक नहीं होता है और दवाओं की जरूरत भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कुछ बदन दर्द अचानक से शूरू हो सकता है। और यदि आप इसका उपचार करवाते हैं तो यह उसके बाद ठीक हो जाता है। यह किसी तरह की चोट की वजह से ठीक हो जाता है । इसलिए बदन दर्द का उपचार करवाएं ।
क्रोनिक बदन दर्द जल्दी ही ठीक नहीं होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यह बदन दर्द आसानी से नहीं जाता है और इसको ठीक होने मे सालों का समय लग सकता है। क्योंकि यह बदन दर्द किसी चोट की वजह या किसी बीमारी की वजह से हो सकता है। और काफी परेशान कर सकता है।
बदन दर्द के कारण की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से बदन दर्द हो सकता है। तो आइए जानते हैं उन कारणेां के बारे मे जिनकी वजह से बदन दर्द हो सकता है। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
- फ्लू (इन्फ्लुएंजा)
- थयरॉयड
- खून का खराब संचारण
- लुपस
- आर्थराइटिस (गठिया)
- चकत्ते
- मांसपेशियों में कमज़ोरी
- थकान
- तनाव
- अवसाद
- निष्क्रियता
यदि हम बदन दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से बदन दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं बदन दर्द के कारणों के बारे मे विस्तार से ।
- बदन दर्द का सबसे आम कारण जो होता है वह यह होता है कि यह अधिक मेहनत करने की वजह से हो सकता है क्योंकि अधिक मेहनत करने की वजह से बदन दर्द हो जाता है। इसलिए यदि आप अधिक शारीरिक मेहनत कर रहे हैं तो आपको शारीरिक मेहनत को कम करना होगा ।
- इसके अलावा यदि आप अधिक वजन वैगरह उठाते हैं तो इसकी वजह से आपके शरीर के अंदर बदन दर्द हो सकता है।
- रीढ़ की हड्डी का विघटन की वजह से पीठ मे दर्द हो सकता है जोकि उम्र बढ़ने के साथ हो सकता है।
अब हम बदन दर्द से बचाव के बारे मे जानते हैं। दोस्तों सबसे पहला तो आपको अच्छे आहार का सेवन करना चाहिए । यदि आप अच्छे आहार का सेवन करते हैं तो बदन दर्द से छूटकारा मिल सकता है।शारीरिक गतिविधियां, शक्ति, लचीलापन और धीरज बढ़ाकर भी आप बदन दर्द से छूटकारा पा सकते हैं।
यदि आप बदन दर्द से बचना चाहते हैं तो बैठने औरउठने के लिए सही आसन का प्रयोग आपको करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
यदि आप भारी वस्तुओं को उठा रहे हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप सही तरीके से उठाएं वरना बदन दर्द की समस्या हो सकती है।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi सिरदर्द
सिरदर्द एक आम प्रकार की समस्या होती है। यह सिर के एक हिस्से के अंदर हो सकता है या फिर सिर के दोनों हिस्सों के अंदर भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।सिरदर्द आम प्रकार का हो सकता है लेकिन कई बार यह किसी गम्भीर समस्या का संकेत हो सकता है। सिरदर्द आमतौर पर कई बार
हल्के से शूरू होता है और काफी गम्भीर हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।वैसे तो सिरदर्द के लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन यदि सिरदर्द काफी गम्भीर है तो फिर आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत हो सकती है। यदि किसी तरह की चोट की वजह से सिरदर्द हो रहा है तो आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।
- माइग्रेन सिरदर्द सिरदर्द का एक आम प्रकार होता है दुनिया भर के कई लोग इस माइग्रेन से पिड़ित हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह एक तरह से काफी गम्भीर सिरदर्द होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- क्लस्टर (cluster) सिरदर्द के अंदर यह आपको 3 घंटे तक परेशान कर सकता है। इसको ठीक होने मे एक सप्ताह से लेकर महिनों तक का समय ले सकता है। यदि आपको यह सिरदर्द काफी अधिक परेशान कर रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।
- टेंशन सिरदर्द (Tension headaches) आमतौर पर तनाव की वजह से होता है। और इस सिरदर्द से बचने के लिए आपको तनाव को कम करना होगा । यदि आपको तनाव की समस्या है तो फिर एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए ।
- रीबाउंड सिरदर्द (Rebound headaches) तब होता है जब आप अधिक मात्रा मे दवा लेते हैं यह पूरे दिन हो सकता है। और एक बार दवा लेने के बाद आराम होता है लेकिन बाद मे फिर से सिरदर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- साइनस सिरदर्द के अंदर साइनस मे सूजन या फिर संक्रमण हो जाता है तो इसकी वजह से भी सिरदर्द हो जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको साइनस की समस्या है तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
- एलर्जी सिरदर्द के अंदर जब हम एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क मे आते हैं तो इसकी वजह से सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
सिर दर्द से बचाव के उपाय हम आपको बताने जा रहे हैं। जिससे कि सिरदर्द के असर को कम किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।दोस्तों कुछ ऐसे कारण होते हैं जिसकी वजह से सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे हम बात कर चुके हैं तो आइए जानते हैं सिरदर्द से बचने के उपायों के बारे मे ।
- यदि आप किसी भी तरह के दर्द की दवा को काफी लंबे समय से ले रहे हैं तो फिर उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसे रिबाउंड या विथड्रावल (withdrawal) सिरदर्द कहा जाता है। यह आमतौर पर तब होता है जब आप अधिक दवाओं का सेवन करते हैं तो ।
- इसके अलावा यदि आप अधिक मात्रा मे शराब का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आपको सिरदर्द से बचने के लिए कम शराब का सेवन करें । यही आपके लिए सही होगा ।
- निकोटीन तंबाखू के अंदर होता है। यदि आपको तंबाखू की लत है तो इसकी वजह से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए तंबाखू का सेवन आपको कम करना चाहिए । आप समझ सकते हैं।
- इसके अलावा आपको खाने पीने की चीजों के बारे मे ध्यान रखना होगा । यदि किसी तरह की चीज खाने पर आपको सिरदर्द होता है तो उस चीज को खाने से आपको परहेज करना होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
- कैफीन भी सिरदर्द का कारण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप अधिक मात्रा मै कैफीन का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप कम मात्रा मे कैफीन का सेवन करें । खास तौर पर चाय वैगरह का सेवन आपको कम करना चाहिए ।
- इसके अलावा यदि आप सही तरह से नींद नहीं ले पाते हैं तो इससे भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इसलिए आपको चाहिए कि आप रोजाना कम से कम 8 घंटे तक नींद लें तभी कुछ फायदा हो सकता है। नहीं तो काफी समस्याएं होगी ।
- व्यायाम, मैडिटेशन, प्रार्थना, अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना आदि करने से तनाव कम होता है। कई बार हम किसी बात को लेकर अधिक तनाव मे होते हैं जिसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । तनाव को कम करने के लिए आप अपने डॉक्टर के पास भी जा सकते हैं।
- इसके अलावा आपको अपनी उर्जा को बनाए रखना होगा आप सही तरह से खान पान करें । जिससे कि सिरदर्द की समस्या से आपको छूटकारा मिल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- यदि किसी तरह की चोट की वजह से सिरदर्द हो रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और डॉक्टर जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
अब बारी आती है सिरदर्द के जांच की तो सिरदर्द की जांच कई तरह की होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि सिर के अंदर चोट लग जाती है तो इसकी जांच की जानी चाहिए । क्योंकि बिना जांच के कुछ भी नहीं हो सकता है। आप इसके लिए सीटी स्कैन करवा सकते हैं।हालांकि यदि किसी वजह से मांस पेशियों के अंदर सिरदर्द होता है तो उसके लिए किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं होती है। यह तो सामान्य दवाओं की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
ब्लड टेस्ट,एक्स-रे ,मस्तिष्क स्कैन, जैसे कि सीटी स्कैन और एमआरआई आदि सिरदर्द की दशा मे किये जा सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
यदि आपको सिरदर्द होता है तो फिर सिरदर्द के लिए आसानी से उसको कम करने की दवाएं मेडिकल स्टोर से खरीदी जा सकती है। और उनको लिया जा सकता है। लेकिन यदि सिरदर्द की दवाएं आप ले रहे हैं तो सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा और उसके बाद ही दवाओं का सेवन आपको करना चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
- एंटीडिप्रेसन्ट जो दवाएं होती हैं यह लंबे समय तक चलने वाले सिरदर्द के इलाज के लिए उपयोग मे ली जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यह दवा अवसाद, चिंता और अनियमित नींद का इलाज करने में मदद कर सकती हैं
- बीटा अवरोधक (बीटा ब्लॉकर्स) जो दवा होती है वह माइग्रेन जैसे भयंकर सिरदर्द को रोकने के लिए दी जाने वाली दवा होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- एंटी सीज़्यूर दवाएं (Anti-seizure medications) जो दवाएं होती हैं वह लंबे समय तक होने वाले सिरदर्द को रोकने के लिए दी जाने वाली दवाएं होती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- बोटुलिनम टॉक्सिन के अंदर वे दवाएं आती हैं जोकि दैनिक दवाओं का प्रयोग काम नहीं करता है। खास कर यदि दैनिक दवाएं कामयाब नहीं होती हैं तो उसके बाद यह दवाएं ही काम याब होती है।
- यदि आपको अधिक सिरदर्द हो रहा है तो आपको आराम करना चाहिए। और काम करने से बचना होगा । क्योंकि यदि आप काम करेंगे तो सिरदर्द काफी अधिक बढ़ सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा जहां तक संभव हो सके आपको तनाव से बचना होगा । यदि आप तनाव मे रहते हैं तो फिर सिरदर्द आपका कम नहीं होगा वरन बढ़ जाएगा । इसलिए तनाव से आपको बचना होगा ।
- इसके अलावा शुगर की मात्रा को भी सही बनाए रखने की कोशिश आपको करनी चाहिए नहीं तो सिरदर्द की समस्याएं काफी अधिक बढ़ सकती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा आपको नियमित रूप से नींद लेना बहुत ही जरूरी होता हैं। क्योंकि यदि आप नींद समय पर नहीं लेते हैं तो आपकी सिरदर्द की समस्या काफी अधिक बढ़ सकती है।
- सिरदर्द के लिए कई वैकल्पिक उपचार उपलब्ध हैं। और यदि आपका सिर दर्द रूक नहीं रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका पालन करें ।
nimesulide and paracetamol tablet uses in hindi जोड़ों में दर्द
जोड़ों में दर्द की एक आम समस्या होती है। और जोड़ों मे दर्द की वजह आमतौर पर जोड़ों मे संक्रमण और गठिया और दूसरी तरह की बीमारियां हो सकती हैं।दोस्तों यदि किसी को किसी तरह की चोट की वजह से जोड़ों मे दर्द रहता है तो इसके लिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और इसका उपचार करने की जरूरत होती है।इसके अलावा जोड़ों के दर्द यदि किसी तरह के गठिया की वैगरह की वजह से है तो आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । कई तरह की दवाएं आती हैं जिनकी मदद से जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है। और यह सूजन को भी कम कर देता है।
इसके अलावा गर्म पानी का उपयोग करने से भी सूजन को कम किया जा सकता है। आप बर्फ का सिकताव कर सकते हैं जिससे कि दर्द कम हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब सबसे पहले हम आपको यह बता देते हैं कि जोड़ों के दर्द और गठिया के अंदर काफी अंतर होता है। आप किस तरह से पहचानेंगे ? इसके बारे मे हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं तो आइए जानते हैं कुछ टिप्स के बारे मे ।
- यदि आपको जोड़ों के दर्द के साथ सूजन है तो इसका मतलब यह है कि आपको केवल जोड़ों का दर्द नहीं है आपको गठिया है। यदि सूजन नहीं है तो इसका मतलब यह है कि आपको जोड़ों का दर्द है।
- जोडों में दर्द किसी चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षा विकार, एलर्जी प्रतिक्रियाओं की वजह से हो सकता है। लेकिन गठिया का कारण काफी अलग होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब यदि हम जोड़ों के दर्द के लक्षणों की बात करें तो इनके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि जोड़ों के अंदर दर्द मौजूद है। वैसे यह कॉमन लक्षण हैं जिसकी मदद से आप जोड़ों के दर्द को पहचान सकते हैं।
- अकड़न।
- जोड़ों में दर्द।
- लाली।
- इसके अलावा जोड़ों की गतिशीलता मे कमी ।
गठिया में मुख्य रूप से जोड़ों की सूजन होती है। यदि आपको जोड़ों का दर्द हो रहा है तो एक बार अपने डॉक्टर के पास जाएं और जांच करवाएं कि आपको गठिया तो नहीं है ?
जोड़ों में दर्द के कारण की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जैसे कि जोड़ों के अंदर संक्रमण और जोड़ों मे चोट का होना आदि । इस तरह की समस्याएं हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- रूमेटीइड गठिया
- वायरस के कारण संक्रमण।
- चोट, जैसे फ्रैक्चर।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
- ऐंठन या मोच।
- गाउट
आदि कुछ ऐसे कारण होते हैं जोकि जोड़ों के दर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आपके मामले मे कौनसा कारण जिम्मेदार है इसके लिए डॉक्टर ही पता कर सकते हैं।
अब बात आती है जोड़ों के दर्द से आराम पाने के लिए क्या कर सकते हैं ? तो आपको बतादें कि जोड़ों के दर्द से आराम प्राप्त करने के लिए आप कई तरह के उपाय कर सकते हैं। एक तो आपको डॉक्टर को दिखना चाहिए । सूजन को कम करने के लिए आपको वह मालिस करने के लिए कुछ दे सकता है।
- आपको जोड़ों को आराम देना चाहिए और अधिक गतिविधियों को करने से बचना होगा ।
- इसके अलावा जोड़ों पर बर्फ से सिकताव करना चाहिए । इससे जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा ।
- इसके अलावा जो एक्सरसाइज डॉक्टर आपको बता रहा है। उसको करें ।
- इसके अलावा जोड़ों के आस पास मांसपेशियों के अंदर ऐंठन हो सकती है। इसके लिए गर्म सिकताव करना काफी बेहतर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब हम जोड़ों के दर्द के इलाज की बात करें तो इसके लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके अंदर सूजन को कम करने की दवाएं दी जा सकती है।इसके अलावा मालिस को कम करने के लिए भी दवाएं दी जा सकती हैं।
- पेरासिटामोल, इबुप्रोफेन, डायक्लोफेनैक आदि दवाएं डॉक्टर आपको दे सकता है। यह दर्द को काफी कम कर सकते हैं। और आपको बतादें कि इन दवाओं का अधिक समय तक सेवन नहीं करना चाहिए । नहीं तो गुर्दे की क्षति जैसी गम्भीर समस्याएं पैदा कर सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा आपको डॉक्टर दर्द को कम करने के लिए क्रीम का उपयोग करने के लिए दे सकता है। ताकि इससे दर्द और सूजन को कम किया जा सकता है।
- मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाए रखने और उनकी गतिशीलता को बनाए रखने के लिए आप व्यायाम कर सकते हैं। जिससे कि दर्द का एहसास भी काफी कम हो जाएगा ।
- एंटीबायोटिक्स की दवाएं भी डॉक्टर दे सकता है। जिससे कि दर्द कम हो सकता है और रिकवरी होने मे काफी मदद मिल सकती है।
- इसके अलावा जोड़ों के दर्द मे अच्छे आहार का सेवन किया जाना चाहिए । ताकि वजन कम रहे । जोड़ों का दर्द आमतौर पर उन लोगों को अधिक होता है जिनका वजन काफी अधिक होता है।
- कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक का उपयोग हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए किया जाता है ।
- इसके अलावा अंतिम उपाय सर्जरी का भी हो सकता है। यदि डॉक्टर कहता है तो फिर आपको सर्जरी की भी मदद लेनी पड़ती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि आपको जोड़ों का दर्द है तो आपको कुछ चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए । क्योंकि इससे जोड़ों के दर्द की समस्याएं काफी अधिक बढ़ जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- तले हुए खाद्य पदार्थ।
- चीनी।
- शराब।
- बाहर का खाना।
- आटा-आधारित उत्पाद।
यदि जोड़ों के अंदर खाने की चीजों की बात करें तो आप इन चीजों को अधिक सेवन कर सकते हैं।
- शिमला मिर्च
- साइट्रस फल
- गोभी
- प्याज
- अदरक
- बटरनट स्क्वाश
- मशरूम
- अनानास
- कीवी
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