150+ शिव के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट हिंदी में
दोस्तो आपको यहां पर शिव का पर्यायवाची शब्द या शिव का समानाथी शब्द के बारे में जानकारी दी जाएगी साथ ही बताया गया है की शिव का जन्म कैसे हुआ और शिव के बारे में बहुत रोचक जानकारी भी है तो अराम से लेख को देख सकते है ।
शिव का पर्यायवाची शब्द या शिव का समानार्थी शब्द {shiv ka paryayvachi shabd ya shiv ka samanarthi shabd}
शब्द {shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / samanarthi shabd} |
शिव | अष्टमूर्ति, शंभु, शंभू, ईश, कालकंठ, विषकंठ, पशुपति, जटाशंकर, महादेव, अमृतेश्वर, शूली, महेश्वर, ईश्वर, शर्व, ईशान, कामेश्वर, शंकर, चन्द्रशेखर, भव, भूतेश, खण्डपरशु, भूतमहेश्वर, गिरीश, हर, मृड, कृत्तिवास, पिनाकी, प्रमथाधिप, उग्र, कदर्पी, श्रीवण्ठ, शितिकण्ठ, कपालभृत्, ऋतुध्वज, वामदेव, पशुपतिनाथ, विरूपाक्ष, त्रिलोचन, उमानाथ, पञ्चानन, कृशानुरेत, सर्वश, त्रिलोकेश, कालभैरव,धूर्जटि, प्रभु, गणनाथ, अतीन्द्रिय, नटेश्वर, स्थाए, उमापति, केदारनाथ, कैलाशनाथ, चंद्रेश्वर, त्र्यम्बक, भर्ग, त्रिधामा, त्रिपु रारि, रुद्र, गंगाधर, अन्धकरिपु, नन्दीश्वर, नंदिकेश्वर, भूतनाथ, एकलिंग, नीलकण्ठ, अग्नि, इंदुभूषण, आशुतोष, एकाक्ष, तुसी, भगवान, स्मरहर, मदनारि, नटराज, अहिर्बुध्न्य, भुवनेश, प्रलयंकर, अष्टमूर्ति, महेश, महानट, चन्द्रमौलि, जटाधर, गौरीपति, गिरिजापति, कापालिक, कैलास, नाथ, भोलानाथ, रेरिहाण, भगाली, पांशुचन्दन, कल्पवृक्ष, उमेश, सिद्धनाथ,दिगम्बर, अट्टहास,, कालज्जर पुरद्विट्, वृषाकपि, महाकाल, बराक, नन्दिवर्द्धन, हरि, वीर, खरु, भूरि, हर-हर महादेव, बैजनाथ, कटप्र, त्रिचक्षु, भैरव, ध्रुव, गुड़ाकेश, देवाधिदेव, कङ्कामाली, सिद्धदेव, अर्धेश्वर, विश्वेश्वर, विश्वनाथ, चन्द्रापीड़, कमंडलुधर,काशीनाथ, अस्थिमाली, श्मशानेश्वर, हिण्डी, विषमाक्ष खेचर, रसनायक, अर्द्धनारीश, यमान्तक, ऊर्ध्वरेता, अधीश, कुलेश्वर, शिपिविष्ट, वृषाङ्क, वैद्यनाथ, गणेश्वर, योगेश्वर, विधेश, उमाकांत, भोला भण्डारी, भोलेदेव, भोलेश्वर, पार्वती पति, शुन्य, सुक्ष्म, शशिधर, सिद्धीश्वर, भस्मशायी, पिंगलाक्ष, नागभूषण, नंदीश्वर, जटाधर । |
Shiv | Ashtamurti, Neelkanth, Shambhu, Shambhu, Ish, Kalkanth, Vishkanth, Pashupati, Jatashankar, Mahadev, Amriteshwar, Shuli, Maheshwar, Ishwar, Sharva, Ishaan, Kameshwar, Shankar, Chandrashekhar, Bhava, Bhutesh Khandparshu, Bhutmaheshwar, Girish, Har, Mrid Kritivas Pinaki Pramathadhipa, Ugra, Kadarpi, Srivanth, Shitikantha, Kapalabhrit, Ritudhwaja, Vamadeva, Pashupatinath, Virupaksha, Trilochan, Umanath, Panchanan, Krishanuret, Sarvash, Trilokesha, Kalabhairava, Dhurjati, Prabhu, Gyanath, Nateshwar, Uma, Ati, Pashupatinath, Virupaksha, Trilochan, Kedarnath, Kailashnath, Chandreshwar, Trimbak, Bharga, Tridhama, Tripu Rari, Rudra, Gangadhar, Andhakaripu, Nandishvara, Nandikeshwar, Bhootnath, Eklinga, Neelkanth, Agni, Indubhushan, Ashutosh, Ekaksha, Tusi, Bhagwan, Smarhar, Madanari, Nataraja, Ahirbudhnaya, Pralayam, Bhukar , Ashtamurti, Mahesh, Mahanat, Chandramouli, Jatadhar, Gauripati, Girijapati, Kapalika, Kailas, Nath Bholanath, Rerihan, Bhagali, Pansuchandan, Kalpavriksha, Umesh, Siddhanath, Digambara, Atthas, Kalajjar Purdvit, Vrishakapi, Nandivkala, Maharakshapi, Hari, Veer, Kharu, Bhuri, Har-Har Mahadev, Baijnath, Katpra, Trichaksh, Bhairav, Dhruva, Gudakesh, Devadhidev, Kankamali, Siddhadev, Ardheshwar, Vishweshwar, Vishwanath, Chandrapeed, Kamandludhar, Kashinath, Asthmali, Shamshaneshwar, Hindi, Vishmaksha Khechar, Rasnayak, Ardhanarish, Yamantaka, Urdhvreta, Adhish, Kuleshwar, Shipivishta, Vrishank, Vaidyanath, Ganeshwar, Yogeshwar, Videsh, Umakanta, Bhola Bhandari, Bholedev, Bholeshwar, Parvati’s husband, Shunya, Sukshma, Shashidhar, Siddhishvara, Bhasmsayi, Jatadhar, Nagbhushan, Nandilaksha, Jatadhar. |
Shiv | Ashta Murti, jay, Shambhu, Shambhu, God, black throat, venom throat, jata shankar, Shiva, Mahadev, Nectargod, the god, the ancient of days, the most high, Kameshwar, Shankar, mooncrown, ghost god, Violent. |
150+ शिव के पर्यायवाची शब्दो की लिस्ट || list of synonyms of shiva
1. अष्टमूर्ति (Ashtamurti)
2. शंभु (Shambhu)
3. शंभू (Shambhu)
4. ईश (Ish)
5. कालकंठ (Kalakantha)
6. विषकंठ (Vishakantha)
7. पशुपति (Pashupati)
8. जटाशंकर (Jatashankar)
9. महादेव (Mahadev)
10. अमृतेश्वर (Amriteshwar)
11. शूली (Shooli)
12. महेश्वर (Maheshwar)
13. ईश्वर (Ishwar)
14. शर्व (Sharv)
15. ईशान (Ishana)
16. कामेश्वर (Kameshwar)
17. शंकर (Shankar)
18. चन्द्रशेखर (Chandrashhekhar)
19. भव (Bhava)
20. भूतेश (Bhootesh)
21. खण्डपरशु (Khandaparashu)
22. भूतमहेश्वर (BhootMaheshwar)
23. गिरीश (Girish)
24. हर (Hara)
25. मृड (Mrig)
26. कृत्तिवास (Krittivas)
27. पिनाकी (Pinaki)
28. प्रमथाधिप (Pramathadhip)
29. उग्र (Ugra)
30. कदर्पी (Kadarpriya)
31. श्रीवण्ठ (Shrivantha)
32. शितिकण्ठ (Shitikantha)
33. कपालभृत् (Kapalabhrith)
34. ऋतुध्वज (Ritudhwaja)
35. वामदेव (Vamadev)
36. पशुपतिनाथ (Pashupatinath)
37. विरूपाक्ष (Viroopaksha)
38. त्रिलोचन (Trilochan)
39. उमानाथ (Umanath)
40. पञ्चानन (Panchanan)
41. कृशानुरेत (Krishanuret)
42. सर्वश (Sarvash)
43. त्रिलोकेश (Trilokesh)
44. कालभैरव (Kalabhairav)
45. धूर्जटि (Dhurjati)
46. प्रभु (Prabhu)
47. गणनाथ (Gannath)
48. अतीन्द्रिय (Ateendriya)
49. नटेश्वर (Nateshwar)
50. स्थाए (Staaye)
51. उमापति (Umapati)
52. केदारनाथ (Kedarnath)
53. कैलाशनाथ (Kailashnath)
54. चंद्रेश्वर (Chandreshwar)
55. त्र्यम्बक (Tryambak)
56. भर्ग (Bharg)
57. त्रिधामा (Tridhama)
58. त्रिपु रारि (Tripurari)
59. रुद्र (Rudra)
60. गंगाधर (Gangadhar)
61. अन्धकरिपु (Andhakaripu)
62. नन्दीश्वर (Nandishwar)
63. नंदिकेश्वर (Nandikeshwar)
64. भूतनाथ (Bhootnath)
65. एकलिंग (Ekalig)
66. नीलकण्ठ (Neelkanth)
67. अग्नि (Agni)
68. इंदुभूषण (Indubhushan)
69. आशुतोष (Ashutosh)
70. एकाक्ष (Ekaksha)
71. तुसी (Tusi)
72. भगवान (Bhagwan)
73. स्मरहर (Smrahara)
74. मदनारि (Madanari)
75. नटराज (Nataraj)
76. अहिर्बुध्न्य (Ahirbudhnya)
77. भुवनेश (Bhuvanesh)
78. प्रलयंकर (Pralayankar)
79. अष्टमूर्ति (Ashtamurti)
80. महेश (Mahesh)
81. महानट (Mahanath)
82. चन्द्रमौलि (Chandramauli)
83. जटाधर (Jatadhari)
84. गौरीपति (Gauripati)
85. गिरिजापति (Girijapati)
86. कापालिक (Kapalik)
87. कैलास (Kailas)
88. नाथ (Nath)
89. भोलानाथ (Bholanath)
90. रेरिहाण (Rerihana)
91. भगाली (Bhagali)
92. पांशुचन्दन (Panshuchandan)
93. कल्पवृक्ष (Kalpavriksha)
94. उमेश (Umesh)
95. सिद्धनाथ (Siddhanath)
96. दिगम्बर (Digambar)
97. अट्टहास (Atthahas)
98. कालज्जर पुरद्विट् (Kalajar Purdvit)
99. वृषाकपि (Vrishakapi)
100. महाकाल (Mahakal)
101. बराक (Barak)
102. नन्दिवर्द्धन (Nandivardhan)
103. हरि (Hari)
104. वीर (Veer)
105. खरु (Kharu)
106. भूरि (Bhoori)
107. हर-हर महादेव (Har-Har Mahadev)
108. बैजनाथ (Baijnath)
109. कटप्र (Katapra)
110. त्रिचक्षु (Trichakshu)
111. भैरव (Bhairav)
112. ध्रुव (Dhruv)
113. गुड़ाकेश (Gurukesh)
114. देवाधिदेव (Devadhidev)
115. कङ्कामाली (Kankamali)
116. सिद्धदेव (Siddhadev)
117. अर्धेश्वर (Ardheshwar)
118. विश्वेश्वर (Vishweshwar)
119. विश्वनाथ (Vishwanath)
120. चन्द्रापीड़ (Chandrapid)
121. कमंडलुधर (Kamandaludhar)
122. काशीनाथ (Kashinath)
123. अस्थिमाली (Asthimalli)
124. श्मशानेश्वर (Shmashaneshwar)
125. हिण्डी (Hindi)
126. विषमाक्ष खेचर (Vishamaksha Khechar)
127. रसनायक (Rasanayak)
128. अर्द्धनारीश (Ardhnarishwar)
129. यमान्तक (Yamantak)
130. ऊर्ध्वरेता (Urdhvareta)
131. अधीश (Adhish)
132. कुलेश्वर (Kuleshwar)
133. शिपिविष्ट (Shipivishtha)
134. वृषाङ्क (Vrishank)
135. वैद्यनाथ (Vaidyanath)
136. गणेश्वर (Ganeshwar)
137. योगेश्वर (Yogeshwar)
138. विधेश (Videsh)
139. उमाकांत (Umakant)
140. भोला भण्डारी (Bhola Bhandaari)
141. भोलेदेव (Bholedev)
142. भोलेश्वर (Bholeshwar)
143. पार्वती पति (Parvati Pati)
144. शुन्य (Shunya)
145. सुक्ष्म (Sukshma)
146. शशिधर (Shashidhar)
147. सिद्धीश्वर (Siddhishwar)
148. भस्मशायी (Bhsmashayi)
149. पिंगलाक्ष (Pingalaksha)
150. नागभूषण (Nagbhushan)
151. नंदीश्वर (Nandishwar)
152. जटाधर (Jatadhari)
शिव का हिंदी में अर्थ क्या होता है Meaning of Shiva in hindi
शिव कों हिंदू धर्म का एक प्रमुख देवता माना जाता है मगर इसके शब्द का अर्थ कुछ इस तरह से होता है जैसे कुछ न हो यानि शिव का सबसे प्रमुख अर्थ “जो नही है” होता है । इसके अलावा इसके बहुत कुछ अर्थ भी होते है जैसे –
- शिव का सही अर्थ शुन्य से होता है यानि जो शुन्य हो ।
- हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवो में से एक ।
- नीलकंठ वाले भगवान यानि नीलकंठेश्वर ।
- कैलाश में रहने वाले देवता कैलाशवासी ।
- चांद को अपने मुकुट में धारण करने वाले यानि चंद्रेश्वर ।
- जिसकी जटा से गंगा नदी बहती हो ।
- जिसका वाहन नंदी हो ।
- तीनो लोकों मे सबसे परे हो ।
- जीसकें गले में नाग रहता हो नागेश्वर ।
- जीनके शरीर पर भष्म रहती हो और जो श्मशान घाट में ध्यान करता हो यानि भ्रष्माधारी ।
- गणेश जी और कार्तिक्य का पिता ।
- जिसको आज तक किसी ने भी सही तरह से नही जाना हो ।
- महाशिवरात्रि में जिसकी जोरो सोरो से पूजा होती हो ।
शिव का पर्यायवाची शब्द कें वाक्य में प्रयोग, Use of Shiva’s synonym in a sentence
- कल महाशिवरात्री आने वाली है मैं तो भगवान शिव का व्रत करने जा रहा हूं ।
- अगर विषकंठ के नजदिक जाना है तो कैलाश जाकर तप करना होगा ।
- कल गाव में एक साधू बाबा आया था जो भगवान कालकंठ का भगता था उसने ही गाव के लोगो की पीडा दूर की थी ।
- कुलदीप हर वर्ष महाशिवरात्री पर ईश की पूजा करता है और बहुत धन दान करके लोगो के दूखो को दूर करता है ।
- शंभू अपने शरीर पर भ्रष्म लगाए रहते थे जिसके कारण से उनकी पूजा करने वाले अघोरी भी उनकी तरह ही भष्म लगाए नजर आते है ।
- कल मैंने एक ऐसे बाबा को देखा जो अपने शरीर पर भष्म लगा रहा था लगता है की वह शंभु का बडा भग्त है ।
- अरे रामू तुम्हे पता नही क्या जब गणेश ने अपने महेश्वर और पार्वती के चारो और चक्कर लगाया था तभी से उनकी पूजा सबसे पहले होती है ।
- महादेव को त्रिलोको में सबसे उपर माना जाता है ।
- अगर तुम भगवान नटेश्वर की पूजा करोगे तो तुम्हारे दूख दूर हो जाएगे ।
शिव के बारे में रोचक तथ्य, Interesting facts about Shiva
- त्रिलोको में जीसकी पूजा होती है वह एकमात्र शिव है और शिव त्रिदेवो में सबसे उपर है ।
- आपको जानकर हैरानी होगी की एक बार ब्रहमाजी ने शिव से झुठ बोल दिया था उस दिन से केतकी का फूल शिव के नही चढता क्योकी इस झुठ में केतकी के फुल ने भी ब्रहमा का साथ दिया था ।
- गणेश जी का जो हाथी का मुह है वह शिव जी कारण से ही है क्योकी शिव ने गणेश का मानव सिर नष्ट कर दिया था और फिर हाथी का सीर लगा ।
- आपको जान कर हैरानी होगी की शेषनाग जो की नागो का राजा है वह शिष्णु के पास रहता है और दूसरा राजा जो शेषनाग से छोटा होता है वह शिव के गले में विराजमान रहता है ।
- शिवजी की तीन आंखे मानी जाती है और तीसरी आंख शिव की बहुत तेज उत्पन्न करती है ।
- शिव के मुकुट पर विराजमान चंद्रमा यह सकेत देता है की मनुष्य को हमेशा अपने दिमाग को शांत रखना चाहिए ।
- आपको जान कर हैरानी होगी की शिव की शिवलींग जब टुट जाती है तब भी उसकी पूजा होती रहती है मगर अन्य देवताओ की मुर्ती टुटने पर उनकी पूजा नही होती है।
- शिव के कंठ पर जो निला निशान होता है वह शिव के द्वारा पिए गए जहर के कारण से उत्पन्न हुआ था ।
- शिवजी को आदिनाथ के नाम से भी जाना जाता है इसका कारण यह है की सबसे पहले शिव की उत्पत्ति मानी जाती है जिसके कारण से ही इन्हे इस नाम से बुलाया जाता है ।
- दुनिया में शिव एक मात्र ऐसे भगवान है जिनकी पूजा सबसे अधिक होती है ।
- श्रीपद नाम का एक मंदिर है जहां पर शिव के पैरो के निशान देखने को मिल जाते है यह मंदिर श्रीलंका में स्थित है ।
- शिव के बारे में विश्तार से शिवपूराण में बताया गया है ।
- शिव जी पूरी तरह से मोह माया से दूर है और उन्हे पाने के लिए कठोर तप करना पडता है यानि दूनिया में जो भी है वह नही होना पडता है यानि पूरी तरह से शुन्य होने पर ही शिव को पाया जा कसता है ।
- शिव सभी देवों मे से उपर है और वे ऐसा कोई कार्य नही है जो नही कर सकते है इसी कारण से उन्हे देवो के देव महादेव के नाम से जानते है ।
- कहते है की शिव हर जगह विराजमान है इस कारण से उन्हे याद करने के लिए मंदीर की जरूरत नही होती बल्की सच्चे मन से कही पर भी याद कर लिया जाए तो उन्हे याद किया हुआ माना जाता है ।
शिव का जन्म कैसे हुआ, how shiva was born
शिवजी को स्वयंभू नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है की न जन्मा हुआ । यानि अपने आप उत्पन्न हो गया हो । यानि शिव की उत्पत्ति नही बाताई जाती बल्की वे अपने आप जन्मे थे । फिर भी अनेक ग्रंथो और पूराणों में बताया जाता है की शिव का जन्म हुआ था । शिव कें जन्म को लेकर अनेक अवधारण चलती है जिसकें कारण से समझा नही जा सकता की सटिक रूप से शिव का जन्म कैसे हुआ था ।
क्योकी अनेक ग्रंथों मे शिव के जन्म के रहस्य को अलग अलग रूप में बताया गया है । अगर शिव पूराण की बात करे तो वह कुछ और कहता है वही विष्णु पूराण में कुछ और बताया जाता है । इसी तरह से बाकी ग्रंथो की कहानी है । इस तहर से अलग अलग अवधारणा होने के कारण से जन्म कें बारे मे पता नही चलता है ।
शिव पुराण कें अनुसार शिव की उत्पत्ति, Origin of Shiva according to Shiva Purana
शिव पूराण बताता है की शिव और सदाशिव अलग अलग होते है यानि शिव जिसे हम सदाशिव कें नाम से भी जानते है वह सल में शिव नही होते बल्की शिव के पहले से भी रहते आ रहे है । जब शिव का जन्म नही हुआ तब सदाशिव थे । सदाशिव अपनी पत्नी दूर्गा के साथ शिवलोक मे रहा करते थे ।
और वे एक दिन काशी में गए हुए थे तो उन्हे रात्री होने को थी और अभी वें किसी जंगल में थे तो वे वही आराम करने के लिए बैठ गए । इस तरह से आराम करते हुए उन्हे ख्याल आया की वे किसी ऐसे पूरूष की उत्पत्ति करे जो इस पूरी की पूरी सृष्टि का पालनहार बन जाए ।
ऐसा सोच कर आदिशिव ने दूर्गा के साथ अपनी शिक्तियो का उपयोग कर कर श्री नारायण यानि विष्णु जी की उत्पत्ति की । तब विष्णु जी ने आदिशिव से कहा की आदिशिव आपने मुझे क्यो जन्म दिया । तब आदिशिव ने कहा की तुम्हे सृष्टि का पालनहार बनना है । यह सुन कर विष्णु ने कहा वो तो ठिक है पर सृष्टि का पालनहार बनने के लिए सृष्टि में जीवनयापन तो होना चाहिए वह कोन करेगा ।
यह सुन कर आदिशिव ने ब्रहमा की उत्पत्ति की जो पुष्प के माध्यम से विष्णु की नाभी से प्रकट हो गए । इस तरह से ब्रहमाजी की उत्पत्ति का कारण विष्णु जी बन गए । तो ब्रहमा जी ने विष्णु जी से पूछा की हें विष्णु जी आपने मुझे क्यो उत्पन्न किया । तब आदिशिव ने कहा की तुम्हे सृष्टि पर जीवन यापन करना है ।
इस तरह से फिर दोनो विष्णु ब्रहमा अपने काम में लग गए थे । मगर किसी कारण वस एक दिन दोनो में झगडा हो गया । तब बात यह थी की दोनो कह रहे थे की मैं तुमसे बडा हू । इस बात में विवाद इतना बड गया की दोनो के तेज के कारण से पास खडे एक खंभे से शिवजी की उत्पत्ति हो गई। इस तरह से शिव की उत्पत्ति हुई ।
sमगर विष्णु और ब्रहमा दोनो ही आदिशिव से उत्पन्नि हुए थे और दोनों मे आदिशिव की शक्ति थी । जिसके कारण से शिव भी आदिशिव की शक्तियो से उत्पन्न माने जाने लगे ।
विष्णु पुराण के अनुसार शिव की उत्पत्ति, Origin of Shiva according to Vishnu Purana
विष्णु पुराण कें अनुसार भगवान शिव की उत्पत्ति भगवान विष्णु से हुई बताई जाती है । विष्णु पुराण में वही कथा मिलती है जिसमें ब्रहमा और विष्णु में सर्वश्रेष्ठ को लेकर विवाद था तो विष्णु के माथे से तेज निकला और शिव की उत्पत्ति हो गई । क्योकी तेज इतना अधिक था जिसकें कारण से शिव में क्रोध भावना बताई जाती है ।
शिव जी का वाहन कौन है, who is the vehicle of lord shiva
सभी देवी देवताओ की तरह से शिव का भी एक वाहन है जिस पर शिव सवारी करते है । यह वाहन नंदी है जो पृथ्वी पर मंदिरो के बाहर देखने को मिलता है । नंदी को भग्ति और शक्ति के प्रतिक के रूप मे जाना जाता है । और यही कारण है की शिव के साथ नंदी की पूजा होती है । द्वारपाल के रूप मे भी नंदी को ही जाना जाता है ।
शिव ने क्यो चुना नंदी को अपना वाहन, Why did Shiva choose Nandi as his vehicle?
नंदी या बैल को भौला माना जाता है मगर असल मे वे भौले नही होते बल्की बुद्धिवान होते है । इसी तरह से शिव को भी भौला माना जाता है मगर वे भी भौले नही होते है बल्की बुद्धिवान होते है । यही देखने के बाद मे शिव ने नंदी को अपना वाहन चुनने का निश्चय किया और नंदी को ही अपना वाहन चुना था । मगर नंदी बहुत से देवो को पंसद नही आया था ।
मगर शिव को पंसद था और उन्होने अपने से पहले नंदी की पूजा करने का वरदान नंदी को दिया । जिसके कारण से नंदी ने केवल शिवलोक मे ही नही बल्की तीनो लोको मे जाना जाने लगा और उसकी पूजा जोरो सोरो से होने लगी । इसके साथ ही सुरक्षा के रूप मे भी नंदी बलवान होता है एक कारण यह भी रहा की शिव ने नंदी को अपना वाहन चुना ।
इस तरह से दोस्तो आपने इस लेख में भगवान शिव के पर्यायवाची शब्दो के बारे में जानकारी हासिल की है । आपको बता दे की इसमें आपको पूरे के पूरे पर्यायवाची बता दिए गए है तो एक बार अच्छे से याद कर ले ।
In this way friends, in this article you have got information about the synonyms of Lord Shiva. Let me tell you that in this you have been told all the synonyms of the whole, so remember it once.