विष्णु का पर्यायवाची शब्द क्या होगा vishnu ka paryayvachi shabd kya hoga

‌‌‌दोस्तो यहां पर आपको विष्णु के पर्यायवाची शब्द vishnu ke paryayvachi shabd या विष्णु के समानार्थी शब्द vishnu ka samanarthi shabd देखने को मिलेगे साथ ही बताया गया है की विष्णु कोन है और इनका जन्म कैसे हुआ था । इसके अलावा बहुत कुछ बताया गया है तो लेंख को बडे आराम से देखे ।

विष्णु का पर्यायवाची शब्द या विष्णु का समानार्थी शब्द vishnu ke paryayvachi ya vishnu ka samanarthi shabd

विष्णु {shabd}विष्णु का पर्यायवाची शब्द या विष्णु का समानार्थी शब्द {paryayvachi / samanarthi shabd}  
विष्णुनारायणकृष्णमुरलीधर, पीताम्बर, वैकुण्ठमाघवमनमोहन, सत्यनारायण, चक्रपाणि, गरुड़ध्वज, कुंजबिहारी, धरणीघरजनार्दनहरिमुरमर्दनमुकुन्दविश्वरूपविरवरूपजलशायीविधुउपेन्द्र, कैटमजित्विश्वंमरअघोक्षजलक्ष्मीकान्त, कंसाराति ‌‌‌बलिघ्वंसी, वनमाली, योगीश्वर, जनार्दन, पुरूषोत्म, देवकी नन्दन, महेन्द्र, शौरि, श्रीपति, त्रिविक्रम, नरनारायण, वासुदेव, मघुसूदन, मघुरिपु, चतुर्भुज, मधुरिपु, चक्रपाणि, कमलाकांत, गोपाल, उपेन्द्र, गोविन्द, गरूडध्वज, बनवारी, पीताम्बर, वासुदेव, श्याम, अच्युत, शाड्गी, हृषीकेश, केशव, पुराणपुरष, यज्ञपुरूष, नरकान्तक, दैत्यारि, दामोदर, सनातन, पुरूष पुरातन, मनुजाद किन्दन, ‌‌‌अनन्त, विश्वम्भर, भगवान, श्रीश, इंद्रवरज, शेष्शायी, हिरण्यगर्भ, मुरारी, चतुर्भुजा, रंगराजन, परमात्मा:, प्रधानपुरुषेश्वर:, केशवाही, पुरुषोत्तम:, प्रभुईश्वरस्वयंभू , शंभुधाताविधाता,  लोहितक्षी, सहिष्णु, श्रीधर,  त्रिलोकात्माकेशवाही, कामदेवचंदनंगदी,वीराहः, विषमाशून्य, ‌‌‌मोहिनी रूप ।  
VishnuNarayan, Krishna, Murlidhar, Pitambar, Vaikuntha, Maghava, Manmohan, Satyanarayana, Chakrapani, Garudadhwaja, Kunjbihari, Dharnighar, Janardana, Hari, Murmardan, Mukunda, Vishwaroop, Virvarupa, Jalshayi, Vidhu, Upendra, Katamjit, Vishwamkanta, Vishvanmar, Aghoksh Kansarati Balighvansi, Vanamali, Yogishvara, Janardana, Purushottam, Devaki Nandan, Mahendra, Shauri, Sripati, Trivikram, Naranarayana, Vasudeva, Maghusudan, Maghuripu, Chaturbhuj, Madhuripu, Chakrapani, Kamalakanta, Gopal, Upendra, Govind, Garudadhwaja, Banwari, Pitambar, Vasudeva, Shyam, Achyuta, Shadgi, Hrishikesh, Keshav, Puranapurusha, Yagyapurush, Narkantanak, Daityari, Purusha Purana, Manujad Kindan, Anant, Vishwambhar, Bhagwan, Srisha, Indravaraj, Seshasayi, Hiranyagarbha, Murari, Chaturbhuja, Rangarajan, Paramatma:, Pradhan-Purusheshwara:, Keshavahi, Purushottama:, Lord, Ishvara, Swayambhu, Shambhu, Dhata, Vidhata, Lohitakshi, Tolerant, Sridhar, Triloktma, Keshwahi, Cupid, Chandanangadi, Virahah, Vishma, shoony, mohini roop.
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विष्णु का पर्यायवाची शब्द क्या होगा vishnu ka paryayvachi shabd kya hoga

विष्णु का हिंदी में अर्थ Meaning of Vishnu in Hindi –

  • ‌‌‌हिंदू त्रिदेवो में से एक देव ।
  • ऐसा देव जो लक्ष्मी का पति हो यानि लक्ष्मीपति ।
  • मोहिनी रूप धरने वाले यानि कामदेव ।
  • कृष्ण जैसे महान अवतार ।
  • हिंदू धर्म के ब्रहमाजी के पुत्र श्री नारद जी का प्रभु नारायण ।
  • हिंदू धर्म में माने जाने वाले एक देव जो पूरी सृष्टि का पालन करने का काम ‌‌‌करते हो यानि पालनहार ।
  • ‌‌‌हिंदू धर्म को जन्म करने वाले श्री ब्रहमाजी को जन्म देने वाले ।
  • ‌‌‌जिनकी अंगुली पर चक्र विराजमान रहता हो यानि चक्राधार ।
  • ‌‌‌हिंदू धर्म के ऐसे देव जिनके चार ‌‌‌भुजा हो यानि चतुर्भज और उनकी चारो भुजाओ में से ‌‌‌क्रमश चक्र, संक, कमल, गदा हो ।
  • क्षीर सागर में रहने वाले देव यानि विष्णु जी ।

‌‌‌विष्णु का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग, Use of synonyms of Vishnu in a sentence

  • भगवान विष्णु को अगर समय पर याद करोगे तो वे तुम्हारी मदद जरूर करेगे क्योकी वे तो स्वयं ही पालनहार है ।
  • विष्णु जब पालनहार है तो भला किसी को खाली पेट रहने देगे किसी न किसी और से खाने के लिए मिल ही जाएगा ।
  • रामलाल तो बुडापे मे विष्णु ‌‌‌जी की पूजा करने के लिए मंदीर में पुजारी बन कर बैठ गया है ।
  • सरला का बेटा तो बडा ही भगतवान निकला वह इतनी छोटी सी उमर में भगवान विष्णु की इस तरह से पूजा कर रहा हो की मानो कोई साधू हो ।
  • ‌‌‌आज तो गाव में एक महान साधू आया है जो अंतर्यामी है और वह शिष्णु जी का भग्त है।

‌‌‌विष्णु के बारे में रोचक तथ्य vishnu ke bare me rochak tathya, Interesting facts about Vishnu

  • भगवान जिस जगह पर विराजमान होते है वह सांपो का राजा यानि शेषनाग है जो कालिया नाग से भी भयानक होता है ।
  • शेषनाग पर जब भगवान विष्णु विराजमान रहते है तो शेषनाग बडे ही आराम से रहता है यानि वह अपना विशाल रूप नही दिखाता ।
  • आपने नारद जी को नारायण नारायण ‌‌‌नाम जपते हुए देखा होगा यह नारायण और कोई नही स्वयं भगवान विष्णु ही है ।
  • क्योकी भगवान विष्णु को कष्टों को दूर करने वाला माना जाता है जिसके कारण से इन्हे हरी नाम से भी बुलाया जाता है यानि कष्टों को हरने वाला ।
  • भगवान विष्णु की पत्नी का नाम लक्ष्मी देवी है यह लक्ष्मी वही है जो धन की ‌‌‌देवी के नाम से जानी जाती है ।
  • हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से ही एक भगवान विष्णु है ।
  • हिंदू धर्म की कुछ कथाओ में बताया गया है की ब्रहमा जो की सृष्टि के रचियता के नाम से जाने जाते है वे भगवान विष्णु के नाभी से पैदा हुए थे ।
  • हिंदू धर्म के शिव पुराण में बताया गया है की विष्णु ‌‌‌का जन्म शिव ने किया था ।
  • आपने विष्णु जी के हाथ में एक कमल का ‌‌‌फुल देखा होगा यह वही फुल है जो की ब्रहमाजी के पास है यानि ब्रहमाजी के जन्म के समय से इसी कमल का एक भाग उनके पास है जो उन्हे विष्णु जी ने दिया था ।
  • हिंदू धर्म का मानना है की जब जब पाप ‌‌‌बढा है तब तक कोई न कोई महान आत्मा ‌‌‌पृथ्वी पर पापो को नष्ट करने के लिए आती है इसी तरह से विष्णु जी ने भी कुल दस बार पृथ्वी पर जन्म लिया और पापो को नष्ट किया ।
  • विष्णु भगवान के चार हाथ है जिनमे से क्रमश शंक, कमल, गदा, सुर्दशनचक्र रहते है ।
  • ‌‌‌विष्णु को सृष्टि का पालनहार माना जाता है ।
  • विष्णु भगवान के शरीर का रंग नीले रूप मे देखने को मिल जाता है जो की उनकी प्रकृति का एक उदहारण है ।
  • शेषनाग पर रहते हुए भी विष्णु जी हंसते हुए नजर आते है इसका अर्थ है की संसार के दुखो से घबरान नही चाहिए ‌‌‌बल्की अपना जीवन हंस कर बिताना चाहिए चाहे ‌‌‌कितने भी कष्ट क्यो न आए ।

हिंदू धर्म के कुछ त्योहरों मे भगवान विष्णु की बडी जोरो सोरो से पूजा होती है साथ ही उनके लिए यज्ञ भी किया जाता है ।

  • ‌‌‌कृष्ण जी के अवतार में मोर का वर्णन भी सामने आते है जिसके कारण से ही हमें विष्णु जी कें मुखुट पर मोर का एक पंख देखने को मिल जाता है क्योकी ‌‌‌विष्णु जी का अवतार ही ‌‌‌कृष्ण था ।

‌‌‌विष्णु नाम की उत्पत्ति कैसे हुई, How the name Vishnu originated

‌‌‌विष्णु शब्द भगवान नारायण के लिए प्रयोग किया जाता है । और इस शब्द की उत्पत्ति अनेक ग्रंथो में बताई गई है मगर ज्यादातर में यही कहा गया है की इस शब्द की उत्पत्ति विष धातु से हुई है । आदि शंकराचार्य ने विष्णु शब्द की उत्पत्ति के बारे में बहुत कुछ कहा है मगर कोमन बात यही मिलती है की विष्णु शब्द की उत्पत्ति विष् नाम के धातू से हुई थी । और फिर यह नाम भगवान नारायण के लिए बन गया और उन्हे विष्णु नाम से जाना जाने लगा । इस शब्द का अर्थ व्यापक से लिया गया ।

विष्णु पुराण ‌‌‌में भी इस शब्द का बहुत उल्लेख मिलता है और बताया जाता है की विष् धातु से इस शब्द की उत्पत्ति हुई थी और विष् धातू का अर्थ प्रवेश करना होता है और इस सृष्टि में जीसकी शक्तियां प्रवेश है वही विष्णु है यानि विष्णु सृष्टि में प्रवेश है । ‌‌‌क्योकी विष्णु जी को सृष्टि का पालनहार माना जाता है तो जाहिर होगा की उनकी शक्तियां पूरी सृष्टि में मोजूद हो । इसी कारण से इन्हे विष्णु नाम दिया गया है । ऋग्वेद में भी इस शब्द के बारे में बताया गया है और बताया जाता है की जो व्यापक होता है वही विष्णु है ।

‌‌‌विष्णु जी का जन्म या उत्पत्ति कैसे हुई, How was the birth or origin of Vishnu ji

विष्णु जी की बात करे तो हर कोई जानना चाहता है की भगवान विष्णु की उत्पत्ति कैसे हुई थी । जिसके बारे में ‌‌‌सही जानकारी नही मिलती है क्योकी कोई कुछ कहता है तो कोई कुछ बताता है । जिसके बारे में यह नही समझा जा सकता की भगवान विष्णु की उत्पत्ति ‌‌‌कैसे हुई थी ।

शिव पुराण कें अनुसार विष्णु की उत्पत्ति, Origin of Vishnu according to Shiva Purana

महान शिव के शिव पुराण में विष्णु की उत्पत्ति के बारे मे बताया ‌‌‌गया है की एक बार भगवान शिव तप में लिन थे उनका यह तप लंबे समय तक चला और जब वे तप से बहार आए तो उन्हे लगा की इस सृष्टि में ऐसा कोई नही है जो ‌‌‌सृष्ठी का पालन पौसण कर सके । इस बात पर भगवान शिव ने लम्बे समय तक सोच विचार किया तो उन्हे लगा की ऐसा ‌‌‌भी कोई हो जो सृष्टि के निर्माण और इसके पालन पोसण का ही काम करे ।

तभी शिव के पास अमृत मिला तो वे अपने टखने पर उसे मलने लगे थे । साथ ही अपनी शक्तियों से भगवान विष्णु की उत्पत्ति करने लगे थे । ‌‌‌जब तक भगवान शिव ने अपना टखने पर अमृत मलकर पुरा किया तभी एक शक्ति निकल कर बाहर आ गई । और वह देखते ही देखते एक सुंदर पुरूष में बदल गई । ‌‌‌इस पुरूष के चार हाथ थे इसे ही विष्णु का नाम दिया गया था । इस तरह से शिव पुराण कहता है की शिव ने ही विष्णु का जन्म किया था ।

‌‌‌विष्णु अपने साथ शेषनाग को क्यो रखते है, Why does Vishnu keep Sheshnag with him?

‌‌‌पहला कारण

आपको यह पता होगा की भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार के रूप में जाना जाता है जो सृष्टि के प्राणियो के दूखो को भी कम करने का काम करते है । जब कभी भी सृष्टि पर पाप बडा तो विष्णु ने कोई न कोई कदम उठाया ही था । जिस तरह से कंस के पापो का अंत करने के लिए विष्णु जी ने ‌‌‌कृष्ण जी आ अवतार लिया और कंस का अंत किया ।

मगर आपने पढा होगा की जब कृष्ण जी का जन्म हुआ और उनके पिता उन्हे नदी पार कर कर ‌‌‌गोकुल छोडने के लिए गए थे तो तेज वर्षा हो रही थी । यह वर्षा इतनी तेजी थी की छोटा बालक अगर उसमें रहेगा तो वह खत्म हो जाएगा । क्योकी कृष्ण जी भी छोटे थे तो उन पर भी यहं ‌‌‌संकट आया था ।

इस संकट से कृष्ण को जी शेषनाग ‌‌‌ने बचना ‌‌‌और उन पर वर्षा की एक बुंद नही गिरने दी । इसी घटना के बाद में यह माना जाने लगा की शेषनाग विष्णु जी की रक्षा करने का काम करता है । मगर यह कारण ही नही है इसके पिछे एक बात और है ।

दुसरा कारण

बताया जाता है की जब भी विष्णु जी शेषनाग पर बैठ कर ‌‌‌ध्यान करते है तो उन्हे ध्यान करने में आसानी होती है और अपनी उर्जा को एक जगह एकत्रित करे रखते है ।

‌‌‌तीसरा कारण

इसके पिछे यह भी बताया जाता है की सृष्टि के पापो को कम करने के लिए ही भगवान इस शेषनाग को अपने पास रखते है क्योकी इसके पास इतनी अधिक शक्तिया है की यह अकेला ही पूरी सृष्टि ‌‌‌को संकट से दूर कर सकता ‌‌‌है ।

यह शेषनाग वही है जो लक्ष्मण का रूप था और उसने रामायण में बहुत से पापी राक्षसो का वध किया था । इस तरह से ही शेषनाग दूष्टो को दूर कर कर सृष्टि के पापो को कम करने का काम करता है । बलराम भी शेषनाग का रूप बताया जाता है जिसने भी बहुत से राक्षसो का वध किया था और पापो को नष्ट कर दिया था ।

‌‌‌विष्णु जी कहां रहते है, where does lord vishnu live

‌‌‌हिंदू धर्म कें एक महत्वपूर्ण देव जिन्हे विष्णु जी के नाम से जाना जाता है उनका निवास स्थान क्षीर सागर बताया जाता है । यह सागर शकद्वीप के चारो तरफ फैला हुआ है और बिच में भगवान विष्णु जी रहते है । मगर विष्णु जी यहां पर अकेले नही रहते बल्की पानी पर तैरने के लिए वे एक साँप का उपयोग करते ‌‌‌है ताकी वे पानी में रूके रह सकें ।

यह साँप कोई साधारण साँप नही है बल्की यह सांपो का राजा जिसे शेषनाग के नाम से जाना जाता है वह है । यह साँप बडा विशाल और भयान होने के बाद में भी विष्णु जी ने इसे अपने शयन का स्थान बनाया हुआ है । क्षीर सागर पर शेषनाम की मदद से विष्णु जी अपनी पत्नी लक्ष्मी के ‌‌‌साथ देखे जाते है और ज्यादातर वे ध्यान की मुद्रा मे ही रहते है ।

हिंदू धर्म के ग्रथो मे इस बारे मे विशतार से बताया गया है साथ ही बताया गया है की वे हमेशा ध्यान लगार रहते है और वही से पूरी सृष्टि की नीगरानी रखते है । क्योकी वे सृष्टि के पालनहार के रूप में जाने जाते है तो उनका तो यह कार्य ‌‌‌ही बन जाता है । साथ ही बताया जाता है की विष्णु भगवान से जब ब्रहमा जी की उत्पत्ति हुई तो वह यही क्षीर सागर था ।

जहां से फिर ब्रहमाजी ने अपना निवास स्थान अन्य चुना था । विष्णु जी का सबसे बडा भग्त नारद जी को बताया जाता है जो विष्णु जी के साथ ही क्षीर नदी पर आसानी से रह सकते है । यहां तक ‌‌‌की शेषनाग भी उनका कुछ नही बिगाडता है । क्योकी उसे भी पता है की यह उनके प्रभु श्री विष्णु जी का एक ऐसा भग्त है जो सबसे उपर है

क्या विष्णु भगवान मानव के लिए उपयोगी है Is Lord Vishnu useful to human

हां, दोस्तो अगर आप हिंदू धर्म से है तो आपको एक बात के बारे में पता होगा की भगवान विष्णु जो होते है उन्हे पालनहार के रूप में जाना जाता है । इसका मतलब है की भगवान विष्णु सभी के पिता है और यह भी पुराणो में कहा गया है।

तो इस बात से आपको समझ में आया होगा की भगवान विष्णु मानव के लिए उपयेागी है । क्योकी वे मानव के लिए अन्न देते है और मानवको पालने का काम करता है और जो पालन करता है वह तो हमारे लिए काफी उपयोगी है ।

इसके साथ ही विष्णु जी की पूजा करने के कारण से जीवन में जो कष्ट होते है वे भी समय के साथ साथ दूर हो जाते है और यह बात अनेक महान और प्रसिद्ध भक्तो के द्वारा कहा जाता है ।

और इसका मतलब है की भगवान विष्णु मानव के लिए उपयोगी है ।

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