नौका का पर्यायवाची शब्द

नौका का पर्यायवाची शब्द या नौका का समानार्थी शब्द (nauka ka paryayvachi shabd / nauka ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेंख में जानने की कोशिश करेगें  साथ ही हम इस लेख में नौका से जुडी विभिन्न तरह की जानकारीयों को हासिल करेगे तो लेख देखे 

नौका का पर्यायवाची शब्द या नौका का समानार्थी शब्द (nauka ka paryayvachi shabd / nauka ka samanarthi shabd)

शब्द (shabd)नौका का पर्यायवाची शब्द या नौका का समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd)  
नौकानाव, तरणि, तरनी, जलयान, जलपात्र, जलवाहन, पठावनी, बेड़ा, तरी, उड़प, कोल, डोंगी, भौली, पनसुय्या ( छोटी नाव ), ना, नावर, वहित्र, तरिका, तरण्डी, तरण्ड, पादालिन्द, उत्प्लव, होड़, तारिणी, बाधू, बाट, पोत, बन वाहन, तरन्त, पतंग ।  
नौका in HindiNava, taraṇi, tarani, jalayana, jalapatra, jalavahana, paṭhavani, beṛa, tari, uṛapa, kola, ḍoṅgi, bhauli, panasuyya (choṭi nava), na, navara, vahitra, tarika, taraṇḍi, taraṇḍa, padalinda, utplava, hoṛa, tariṇi, badhū, baṭa, pota, bana vahana, taranta, pataṅga.
नौका in Englishyacht, small craft, boat, kayak, barge, longboat, row boat, prow.
नौका का पर्यायवाची शब्द

नौका का अर्थ हिंदी में // nauka (boat) meaning in hindi

‌‌‌हिंदी भाषा में नौका का अर्थ होता है की एक ऐसा जलयान जो की समुंद्रो में जमा जल पर गति करता हुए एक छोर से दूसरे छोर तक पहुचता है और उसे चलाने के लिए चप्पू, पतवार या पाल की जरूरत होती है नौंका कहा जाता है ।

‌‌‌हिंदी भाषा में इसे अनेक नामो से जाना जाता है जो की इसके अर्थ ही होते है 

  • ‌‌‌पानी में चलने वाला छोटा नाव ।
  • बिना इंजन के चलने वाला एक तरह का छोटा जहांज ।
  • एक तरह की छोटी तरणी जिसे पात से चलाया जाता है ।
  • ‌‌‌एक तरह का जल में चलने वाला छोटा वाहन ।
  • पानी की पनसुय्या यानि छोटी नाव ।

‌‌‌नौका शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • महेश का तो काम ही नौका चलाने का है भला नौका चलाए बिना उसका जीवन कैसे चलेगा ।
  • रामलाल के गाव से शहर जाने के लिए बिच की नदी को नौका के जरीय आगे ‌‌‌बढना पडता है ।
  • कुलदिप हमेशा ही नोका बडा अच्छा चलाता है और उसके जैसा गाव में कोई नही है ।

‌‌‌नौका का पर्यायवाची शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • पार्वती के पिता गाव की नदी में नाव चलाने का काम करते है ।
  • जनाब मैं एक जलयान चलाने वाला हु आपको बिच रास्ते में नही छोडूगा भरोषा करे ।
  • किसन की भुजाओ में इतना अधिक बल है की वह एक साथ दस लोगो को बीठा कर जलयान चला सकता है ।
  • ‌‌‌लालूयादव कल रात अकेले ही जलपात्र पर बैठ कर पता नही कहा चला गया ।

‌‌‌नौका से जुडे रोचक तथ्य // Interesting facts about nauka in Hindi

  • ‌‌‌क्या आपको पता है की आज कल नाव को चलाने के लिए इंजन भी लगे हुए है मगर प्राचीन समय में ऐसा नही होता था बल्की उन्हे चलाने के लिए चप्पू, पतवार या पाल जरूरत पडती थी और किसी तरह कें इंजन नही होते थे ।
  • ‌‌‌ऐसा माना जाता है की आदिवासियों ने सबसे पहले ही नाव का जन्म किया था ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की नौका एक तरह का जहांज होता है ।
  • प्राचीन समय में जब लोग एक नदी को पार करते थे तो इसी तरह की नौका का उपयोग करते थे ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की नौका चलाने का एक खेल भी होता है जिसमें बहुत से लोग अपनी नौका को चलाते है और जो सबसे अधिक तेज नौका चलाकर अपना लक्ष्य सबसे पहले पूरा करता है वह विजय होता है इस तरह के खेल को नौकायन कहते है ।
  • ‌‌‌ऐसा माना जाता है की विश्व की सबसे पुरानी नौका इंगलेंड मे है जो की डोवर कांस्य युग के समय चला करती थी ।
  • ‌‌‌वर्तमान की तरह नौका जहांज की तरह नही बनती थी बल्की नौका पूरी की पूरी लकडियो की होती थी जिसमें किसी प्रकार की पानी की बूंद तक नही जाती थी और तभी वह एक स्थान से दूसरे स्थान में जा सकती थी।
  • ‌‌‌नौका के आगे व पिछे के शिरे चपटे हुआ करते थे और जैसा की आजकल नावो के होते है ताकी वह पानी में गति पकड सके ।
  • ‌‌‌एक नौका को चलाने के लिए उस समय विशिष रूप से बनाए गए लकडियो के डंडे हुआ करत थे जो आगे से पतले व चोडे होते थे जिन्हे चप्पू या पाल के नाम से जाना जाता है ।
  • ‌‌‌अगर कभी नौका नदी में गति करता है और बिच नदी में नौका मे छेद हो जाता है तो वह नोका आगे नही बढ पाता है क्योकी पानी पूरा नौका में समा जाता था जिसके कारण से जो लोग नोका में बैठै थे वे सकंट मे  फस जाते है  ।

‌‌‌नौका क्या है

‌‌‌दोस्तो वर्तमान में आप लोगो ने जहाज को देखा होगा जो की पानी मे तेरता हुए एक किनारे से दूसरे किनारे आसानी से पहुंच जाता है । मगर प्राचीन समय में ऐसा नही था बल्की किसी प्रकार का जहाज नही था जिसके कारण से नदी को पार करने के लिए ‌‌‌काफी अधिक कष्टो का सामना करना पडता था । और उस समय नाव का ‌‌‌निर्माण हुआ जिसे नौका कहा जाता है ।

इसकी परिभाषा इस तरह से दे सकते है –

वह जलयान जो की पानी में तेरता हुआ एक किनारे से दूसरे किनारे तक चला जाता है और ‌‌‌इस तरह के वाहन में किसी प्रकार के इंजन की जरूरत न हो बल्की मानव एक लकडी से बने पाल की साहयता से वाहन को दूसरे किनारे पहुंचाता है नौका कहलाता ‌‌‌है ।

इस तरह के वाहन का उपयोग करते हुए नदियो को पार आसानी से कर लिया जाता था जिसके कारण से सभी तरह के लोगो को साहयता प्राप्त हो सकी ।

मगर आपकी जानकारी के लिए बता दे की एक आम आदमी के लिए नोका चलाना आसान नही होता है बल्की इसे चलाने वाला कोई विशेष तरह का आदमी होता है जो की इसके बारे में ‌‌‌जानता हो की नौका कैसे चलता है । इस कारण से नौका को चलाने वाले व्यक्ति यही काम करने लगे थे जिसके बदले में कुछ आमदनी लेकर अपना घर चला लेते थे । इस तरह से नोका का काम जोरो सोरो से चलता था ।

‌‌‌नौका का जन्म कैसे हुआ

नौका के जन्म के बारे में जानने पर सभी को आश्चर्यजनक लगता है क्योकी प्राचीन समय में अनेक तरह के नोका हुआ करते थे जिसके कारण कहना बहुत ही मुश्किल है की किस तरह का नौका सबसे पहले पृथ्वी पर आया होगा । मगर फिर भी हमारे महान वैज्ञानिको ने कुछ अनुमानो के आधार पर बताया है की ‌‌‌नौका का जन्म कैसे हुआ होगा ।

आपको बता दे की सबसे पहले नौका का जन्म आदिवासियों ने ही किया होगा । क्योकी सबसे पहले आदिवासियो का ही जन्म माना जाता है और उस समय आदिवासियो के सामने भी हमारी तरह की समस्या थी क्योकी वे भी एक नदी को पर करते हुए दुसरे इलाके में जाते थे जिसके कारण से उन्हे बहुत ‌‌‌से कष्टो का सामना करना पडता था । और इसी के आधार पर नौका का जन्म हुआ होगा ।

इसकी अलग अलग अवधारणा है जो है –

1.पहली अवधारणा –

दोस्तो आपको बता की उस समय आदिवासियो ‌‌‌ने एक नदी के किनारे से दूसरे किनारे पर जाने के लिए ही इस तरह के नोका का जन्म किया होगा । ‌‌‌मगर उस समय इसे नौका नही कहा जाता था। इस तरह से उन्होने एक लकडी को नदी ‌‌‌में फैंका होगा जिसके कारण से उन्होने यह देखा होगा की लकडी पानी ‌‌‌मे तेर रही है यह देख कर उन्होने बहुत सारी लकडियो को पानी ‌‌‌मे फैका तो वह भी तैर रही थी ।

यह देख कर आदिवासियो को चकित रहना पडा होगा ओर फिर जब उन्होने बहुत सी लकडियो को एक साथ बांध कर नदी में फैका तो वे सभी तैर रही थी । ‌‌‌जिसके कारण से आदिवासियो ने उन कडियो पर वजन डाल कर नदी में फैका तो वह भी तैरता हुआ दिखा होगा ।

जिससे आदिवासियो ने इसी को अपना वाहन बनाया और नदी पार करने में उतर गए । धिरे धिरे इस वाहन में बदलाव हुआ होगा और एक नौका का जन्म हुआ होगा ।

2.दूसरी अवधारणा – ‌‌‌

इस आधार पर कहा जाता है की जब आदिवासियो के सामने नदी को पार करने की समस्या आई तो उन्होने एक पेड को काटा और उसे अंदर से खोकला कर कर दो भागो में सिधा काट दिया ।जिसके कारण से वह एक नाव की तरह बन गया था और बिच में बैठ कर एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने लगे थे । इस तरह से ‌‌‌बनाए गए तना कोलकर को ‌‌‌डोगी नाम दिया गया था । और इसी के विकाश में नौका की उत्पत्ति हुई थी ।

‌‌‌3.तीसरी अवधारणा

दोस्तो इस अवधारणा के आधार पर कहा जाता है की नौका का जन्म काफी अधिक बाद में हुआ था और इससे पहले आदिवासियो ने पशुओ के चमडे का उपयोग करते हुए नदी को पार किया था और इसके बहुत समय के बाद में नौका का जन्म हुआ और इस बिच में तरह तरह के वाहन भी बन गए थे जैसे डोगी, लकडियो की छाल आदी

‌‌‌इस तरह की अवधारणा के आधार पर कहा जाता है की नौका का जन्म काफी अधिक समय के बाद में हुआ था और इसका जन्म इस तरह के आधार पर माना जा सकता है जैसे ‘-

जब आदिवासियो ने देखा की डोगी जैसा वाहन पानी में तैर रहा है तो धिरे धिरे इसके आकार मे परिवर्तन हुआ और इसे और अधिक सुन्दर बनाया जा रहा था और इसी ‌‌‌के रूप मे नौका का जन्म हुआ होगा ।

‌‌‌जिसका आकर देखने मे डोगी से बिल्कुल अगल था क्योकी वह अब वह एक नौका बन गया था जो देखने में सुन्दर और छोटा लग रहा था वही डोगी लंबी लगती थी जिसे चलाने में भी बहुत मुश्किलो का सामना करना पड जाता था मगर नौका में ऐसा नही था । जिसके कारण से इसका उपयोग किया जाने लगा होगा ।

‌‌‌इस तरह से नौका का जन्म हुआ होगा ।

‌‌‌एक नौका का आकार कैसा था

दोस्तो नौका के आकार की बात करे तो एक ऐसा आकार सामने आता है जो की आज के समय मे छोटी बॉट होती है वैसे ही । इस के आधार पर यह कहना गलत नही होगा की नौका के बादमें ही बॉट या जहांज का जन्म हुआ था ।

‌‌‌आकार

दोस्तो नोका का आकार देखने पर पता चलता है की यह आगे से चपटी होती है और बिच में से चोडी और फिर कुछ कम चोडी होती है । इस तरह से यह तीन भागो में बटी होती है । इसका इस आकार का भी एक महत्व होता है क्योकी आपने देखा होगा की मछली का बिच का भाग मोटा होता है और मुख पतला जिसके आधार पर पता चलता ‌‌‌है की यह आकार आसानी से पानी में तेज गति से चल सकता है । क्योकी आगे सिरे वाला पतला चपटा भाग पानी को दूर हटाता हुआ आगे बढने में आसानी हासिल कर लेता है । और इस तरह से एक नोका का आकार मछली से जुडा है ।

‌‌‌इस तरह के नौका को चलाने के लिए किसी तरह के इंजन की जरूरत नही होती है आज के समय में जो नौका इंजन के उपयोग से चलते है आपको बता दे की वे नौका नही होते है । क्योकी नौका का उपयोग करने में किसी प्रकार के इंजन की जरूरत नही होती है ।

‌‌‌नौका का मानव जीवन में महत्व

दोस्तो हर एक उस चिज का महत्व मानव जीवन में होता है जिसका उपयोग मानव करता आ रहा है । जैसे हमने कभी न कभी नौका का उपयोग किया था और बहुत सी जगहो पर आज भी इस तरह के नौका का उपयोग हो रहा है तो यह मानव जीवन में महत्वपूर्ण शाबित होती है ।

प्राचीन समय में नौक का महत्व

दोस्तो प्राचीन समय में नदी के रास्तो को पार करने के लिए इस तरह के वाहन का होना बहुत ही जरूरी था क्योकी ऐसे वाहन का उपयोग करते हुए ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाया जा सकता है । क्योकी एक व्यक्ति तैरता हुआ दूसरे छोर तक नही जा पाता है ।

‌‌‌उस समय इस तरह के नोका पर सवारी करने का ही महत्व नही था बल्की अपने उपयोग की उन वस्तुओ का आयत और निर्यात करना भी महत्व बना हुआ था यानि कहा जा कसता है की नौका आयत और निर्यात के काम में भी लिया जाताथा ।

जिसके कारण से उसका महत्व मानव जीवन में रहा है । ‌‌‌और यह काफी समय पहले से चला आ रहा है जैसा की आदिवासियो के जन्म से नौका जैसे वाहनो के बारे में सुना है । जिसके कारण से प्राचीन समय में नौका का बहुत ही अधिक महत्व था ।

‌‌‌वर्तमान में नौक का महत्व

दोस्तो आज विश्व में बहुत सी नदिया है जीनको पार करने के लिए किसी न किसी वाहन की जरूरत होती है । जैसे भारत की बात करे तो यहां पर भी नदिया है और इन नदियो को एक किनारे से दूसरे किनारे तक जाने के लिए आज भी नौका का उपयोग होता है । ‌‌‌और आज भी पहले की तरह ही नोका है न की वर्तमान में इंजन का उपयोग हो रहा है । हालाकी कुछ जगहो पर इंजन का उपयोग होता है तो उन्हे नोका नही कहा जा सकता है ।

‌‌‌और आज भी नौका का उपयोग होने का मतलब है की मानव जीवन में नौका का महत्व है ।

इस तरह से हमने इस लेख में नौका का पर्यायवाची शब्द या नौका का समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है ।

अगर आपने ‌‌‌भी अपने जीवन में कभी न कभी नौका देखा है तो हमे जरूर बताए ।

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