पाठशाला का पर्यायवाची शब्द, pathshala ka paryayvachi shabd

पाठशाला का पर्यायवाची शब्द या पाठशाला का समानार्थी शब्द (pathshala ka paryayvachi shabd / pathshala ka samanarthi shabd) कें बारे में आज हम इस विडियो में जानेगे, इसके साथ ही हम पाठशाला से जुडी विभिन्न प्रकार की जानकारी हासिल करेगे तो लेख देखे

पाठशाला का पर्यायवाची शब्द या पाठशाला का समानार्थी शब्द (pathshala ka paryayvachi shabd / pathshala ka samanarthi shabd)

शब्द  पाठशाला का पर्यायवाची शब्द या पाठशाला का समानार्थी शब्द (pathshala ka paryayvachi shabd / pathshala ka samanarthi shabd)  
पाठशालाविद्यालय , गुरुकुलगुरुगृह,  मदरसाचटशाला,  विद्यामन्दिर, सरस्वतीभवनस्कूलविद्यापीठ,   सरस्वती भवन
पाठशालाvidyaalay , gurukul, gurugrh,  madarasa, chatashaala,  vidyaamandir, sarasvateebhavan, skool, vidyaapeeth,  sarasvatee bhavan
पाठशालाSchool, teaching, college, university,
pathshala ka paryayvachi shabd

पाठशालाक का अर्थ हिंदी में

‌‌‌दोस्तो हिंदी भाषा का पाठशाला शब्द दो शब्दो से मिलकर बना होता है । जिसमें एक पाठ होता है और दूसरा शाला होता है । यहां पर शाला का अर्थ किसी विशेष स्थान से होता है साथ ही घर या भवन को भी शाला कहा जाता है। क्योकी अध्ययन को अलग अलग प्रकार के पाठ में बाटा गया है और इस तरह से जहां पर पाठ का ‌‌‌अध्ययन किया जाता है वह पाठशाला होती है । संक्षिप्त में कहे तो पाठशाला का अर्थ होता है

  • जहाँ पर विद्यार्थियों को ज्ञान देने के लिए पढ़ना–लिखना सिखाया जाता है वह पाठशाला होती है ।
  • जिसे हम स्कूल के नाम से जानते है ।
  • वह भवन जीसमें बच्चो का अध्ययन करवाया जाता है यानि विद्यालय ।
  • प्राचीन ‌‌‌समय पर जहां पर गुरूओ के द्वारा ज्ञान दिया जाता था यानि गुरूकुल ।
  • शिक्षा देने वाले गुरू का गृह यानि गुरूगृह ।
  • वह भवन जो माता सरस्वती का भवन कहा जाता है यानि सरस्वतीभवन ।

‌‌‌पाठशाला शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • महेश कुछ दिनो से पाठशाला में अध्ययन करने के लिए जा रहा है ।
  • किशोरी हमारे गाव की पाठशाला में सबसे होसियार साबित हुई है ।
  • ‌‌‌कंचन ने माता सरस्वती की पूजा नही की जिसके कारण से ही उसके पास ‌‌‌पाठशाला के अन्य बच्चो ‌‌‌की तुलना में ज्ञान की कमी है ।

पाठशाला का पर्यायवाची शब्दो का वाक्य में प्रयोग

  • किसन जब देखो तब पढाई में लगा रहात है लगता है की विधालय में उन्हे बहुत अध्ययन करवाया जाता है ।
  • आजकल सरकारी स्कुलो में कोई अपने बच्चो को भेजता ही नही चाहता है
  • ‌‌‌पार्वती ने भी अध्ययन हासिल करने के लिए पास के ही विद्यापीठ में भाग लिया ।
  • बच्चे ‌‌‌के प्राथमीक ज्ञान का आधार विद्यालय को कहा जाता है ।

‌‌‌पाठशाला से जुडे रोचक तथ्य // Interesting facts about school in Hindi

  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की दुनिया का सबसे उंचा पाठशाला कहा है नही तो आपकी जानकारी के लिए बता देते है की यह तिब्बत के फुमा चांगथांग में स्थित है ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की भारत के मध्य प्रदेश में एक ऐसा विद्यालय है जहां पर बच्चो को दोनो हाथो से लिखना सिखाया जाता है और बच्चे बडी कुसलता से ऐसा करते है । इस विद्यालय का नाम वीणा वडिनी विद्यालय है ।
  • ‌‌‌क्या आपको मालूम है की वीणा वडिनी विद्यालय, मध्य प्रदेश की स्थापना करने वाले एक पूर्व सैनिक थे जिनका नाम वीपी शर्मा था ।
  • चीन में चेंगुद नाम का एक शहर है जिसमें बना पाठशाला दूनिया का सबसे पूराना पाठशाला बताया जाता है ।
  • आपने कुछ विद्यालयो में अध्ययन किया होगा मगर ‌‌‌आपके साथ कभी भी ऐसा नही हुआ की आप एक ही उस विद्यालय में हो और उसे पढाने के लिए केवल एक ही टीचर हो । मगर आपको जानकर हैरानी होगी की दुनिया में इंटली का एक शहर है जिसका नाम ट्यूरिन है और यहां पर एक बच्चे के साथ ऐसा ही हुआ था ।
  • ‌‌‌‌‌‌आपको जान कर हैरानी होगी की दुनिया में चीन एक ऐसा देश हे जहां पर बच्चो को पाठशाला में 20 मिनट ऐसे मिलते है जिसमें वे आराम से सो सके क्योकी ऐसा होने के कारण से बच्चो का दिमाग तेज हो जाती है यानि थकावट दूर हो जाती है ।
  • आपको जान कर हैरानी होगी की दूनिया में एक ऐसा स्कूल भी है जिसका नाम Bottle School है क्योकी यह पूरा का पूरा recycled pop bottles से बनाया गया है ।
  • ‌‌‌आपके साथ ऐसा तो जरूर हुआ होगा की स्कूल में जाते ही आपको अपनी कक्षा की सफाई करनी पडे मगर आपको जानकर हैरानी होगी दक्षिण कोरिया में एक ऐसा नियम है की विद्यालय की छूट्टी होने के बाद में अपनी कक्षा की सफाई करनी होती है ।

‌‌‌पाठशाला क्या है

‌‌‌दोस्तो पाठशाला एक प्रकार का वह स्थान होता है जहां पर बच्चो को मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक एवं नैतिक गुणों में विकाश किया जाता है। जिसके लिए उन्हे शिक्षा दि जाती है ।  इस पाठशाला में एक छोटे से लेकर बडा तक व्यक्ति अध्ययन कर कर ज्ञान हासिल कर सकता है । और ज्ञान देने के लिए एक विशेष ‌‌‌व्यक्ति होता है जिसे शिक्षक कहा जाता है यानि जो शिक्षा देने का काम करे वह शिक्षक । इसके साथ ही पाठशाला में शिक्षा देने वाले शिक्षक को गुरू भी कहा जाता है ।

‌‌‌पाठशाला के अंदर निश्चित संख्या में शिक्षत होते है और वे अनेक बच्चो को ज्ञान देने का काम करते है । वर्तमान में इस तरह के शिक्षक को सरकार नोकरी के रूप में पैसे भी देते है और इस तरह से शिक्षक पैसे लेकर ज्ञान देता है । ताकी शिक्षक को अपना जीवन चलाने में भी समस्या का समाना न करना पडे ।

‌‌‌इस तरह का ज्ञान जहां पर दिया जाता है उसे एक अलग ही नाम दिया जाता है और उसे पाठशाला या विद्यालय कहा जाता है ।

‌‌‌प्राचीन समय में पाठशाला

दोस्तो ज्ञान का आरम्भ आज से नही बल्की बहुत ही पहले हो गया था और बताया जाता है की प्राचीन समय में ज्ञान के रूप में पाठशाला नही हुआ करती थी बल्की गुरूकूल हुआ करते थे जिसमें विद्यार्थी ज्ञान हासिल करने का काम करता था । उस समय ज्यादा गुरूकुल भी नही होते थे जैसे वर्तमान ‌‌‌में अनेक तरह की पाठशाला है वैसा नही था ।

बल्की एक गाव में एक ही गुरूकुल मिलता था । जिसे ही पाठशाला के नाम से जाना जाता था । गुरूकुल का अर्थ गुरूओ का आश्रम होता है । और यहां पर गरीब और अमीर सभी के बच्चे समान रूप में अध्ययन हासिल करते थे । ‌‌‌अक्सर इस तरह के पाठशाला एक आश्रम होते थे ‌‌‌जिसमें झोपडिया बनी रहती थी ।

‌‌‌एक पाठशाला में क्या क्या होता है

‌‌‌दोस्तो प्राचीन समय से लेकर अब तक काफी अधिक परिर्वतन हो चुका है जिसके कारण से एक पाठशाला में पहले जो था अब वह बिल्कुल देखने को नही मिलता है । इस कारण से हम वर्तमान पाठशाला के बारे में जानते है ।

सबसे पहला पाठशाला में गुरू का होना जरूरी होता है क्योकी असल में वही पाठशाला होती है जिसमें ‌‌‌ज्ञान देने के लिए एक ऐसा व्यक्ति हो जिसे स्वयं को ज्ञान हासिल हो और इसके लिए उसने साबित भी किया है की मेरे पास ज्ञान है । इस तरह के व्यक्ति को पाठशाला का गुरू कहा जाता है या पाठशाला का शिक्षक कहा जाता है । जो की शिक्षा देने का काम रकता है।

‌‌‌दूसरा पाठशाला में ज्ञान हासिल करने वाले विद्यार्थी का होना बहुत ही अहम होता है क्योकी तभी एक पाठशाला बनती है । इस तरह से बहुत से विद्यार्थीयो को एक स्थान पर इक्ट्ठा कर कर ज्ञान देने की प्रक्रिया को अध्ययन कराना कहा जाता है और ऐसे स्थान को पाठशाला कहा जाता है ।

प्राचीन समय में क्या होता ‌‌था की लोगो के पास ज्ञान देने के लिए आज की तरह स्कूले नही होती थी जिसके कारण से वे लोगो को ‌‌‌पेड पौधो के निचे ही पढाया करते थे । और गुरूओ के द्वारा आश्रम भी बनवाए जाते थे जहां पर ज्ञान दिया जाता था ।

वर्तमान में ऐसा नही है क्योकी एक पाठशाला को सरकारी योजना से जोड दिया गया है जिसके कारण से ‌‌‌पाठशाला की हर जरूरत को सरकार पूरा करती है और पाठशाला में कक्षाएं बनवाने के साथ साथ खेलो को भी महत्व दिया जाता है।

जिसके कारण से पाठशाला में खेल कुद कार्यक्रम भी करवाए जाते है । इसके साथ ही वर्तमान में डिजिटल ईंडिया बनता जा रहा है और आने वाले समय में ईटरनेट का जमाना होगा । जिसके कारण से ‌‌‌स्कुलो में कंप्यूटर भी सामिल किए जा चुके है ।

इस तरह से आज पाठशाला में वह सब ज्ञान दिया जाता है जो एक विद्यार्थी को अपने जीवन में काम आएगा । उसे सामाजीक जीवन जीने के साथ साथ एक ऐसा व्यक्ति भी बनाया जाता है जो अपने देश के काम आ सके  । यही कारण है की वर्तमान में हमारे देश के लोग छोटी सी उम्र‌‌‌ में बडा काम करने का ‌‌‌हौसला रखते है ।

क्योकी पाठशाला में शिक्षक का काम केवल ज्ञान देना का नही होता है बल्की वह विद्यार्थी को ‌‌‌हौसला प्रदान कर कर एक कठोर विद्यार्थी बनाता है जो ‌‌‌अपने जीवन में आने वाली विभिन्न तरह की समस्याओ से आसानी से दूर हो सके ।

‌‌‌वर्तमान की पाठशाला

दोस्तो आज सरकारी स्तर पर पाठशाला को घोषित किया जा चुका है जिसके कारण से सरकार वह सब सुविधा प्रदान कर चुकी है जिसे एक पाठशाला में जरूरत होती है । विद्यार्थी को जीस किसी वस्तु की जरूरत है वह सब उसकी पाठशाला में मौजूद है । ‌‌‌जैसे

पाठशाला में एक अच्छे शिक्षक का होना

दोस्तो वर्तमान में शिक्षक हर बंदा बनना चाहता है जिसके कारण से हर कोई तैयारी में लगा है क्योकी पहले तो नोकरी आसानी से मिल जाती है मगर आज जिसके पास ज्ञान है उसे ही नोकरी मिलती है । जिसके कारण से हर किसी को कठौर तैयारी करते हुए अपने ज्ञान को बढाना होता है । ‌‌‌

फिर उस ज्ञान का उपयोग करते हुए रीट जैसे पेपरो को तोडता है जिसके बाद भी उसका नम्बर शिक्षक में आ जाएगा यह कहना कठिन होता है क्योकी इसे बाद में भी विभिन्न तरह की प्रक्रिया होती है जिसमें से पहले नम्बर पर मेरिट होती है अगर इसमें पास हो तो शिक्षक बनने योग्य हो जाते हो और आपका नम्बर ‌‌‌शिक्षक में आ जाता है ।

इस तरह से एक शिक्षक बनने के लिए कई वर्षों तक अध्ययन करना पढता है और अपने ज्ञान को उंच्चाईयो तक लेकर जाना पढता है । जिसके बाद में ही एक शिक्षक बना जाता है ।

‌‌‌ पाठशाला में ब्लैकबॉर्ड –

दोस्तो यह एक प्रकार की दिवार पर बना बॉर्ड होता है जिस पर विद्यार्थी को ज्ञान देने के लिए शिक्षक कुछ लिखता है वर्तमान में यह बहुत ही जरूरी हो गया है क्योकी बहुत से विद्यार्थी को पाठशाला में अध्ययन कराने के लिए अलग अलग पढाया नही जा सकता है मगर सभी को एक साथ लिख कर पढाया जा सकता ‌‌‌है । और लिखने के लिए एक दिवार की जरूरत होती है जिस पर लिखा व मिटाया जा सके ।

और इस तरह की दिवार को ब्लैकबॉर्ड कहा जाता है । इसके अलावा भी वर्तमान में कुछ अन्य रंग के बॉर्ड आते है । इस तरह के बॉर्ड पाठशाला में उपस्थित है ।

‌‌‌ पाठशाला में बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्था

दोस्तो वर्तमान मे पाठशालाओ को चलाने का काम सरकार का है जिसके कारण से वह प्रति वर्ष बजट देती रहती है और इसी आधार पर पाठशाला में जीस किसी वस्तु की कमी होती है उसे पूरा किया जाता है और आज हर विद्यार्थी को अपने बैठने के लिए कए फर्नीचर ‌‌‌बना कर दिया जा चुका है । ‌‌‌और इस तरह के फर्नीचरो पर बैठ कर आज छोटे से लेकर बडा तक बालक अध्ययन करता है । इस तरह से लगभग सभी पाठशालाओ में फर्नीचर देखने को मिल जाते है ।

‌‌‌ पाठशाला में खेल खेलने की सुविधा

दोस्तो वर्तमान में सरकार का मानना है की बच्चो को अध्ययन के साथ साथ खेलना कुदना भी चाहिए ताकी विद्यार्थी को जो भी ज्ञान दिया जाए वह उन्हे याद हो सके ।क्योकी एक रिसर्च में पाया गया की जो ‌‌‌बच्चा खेलकूदता है और जो केवल पढता है उसके मुकाबले में खेलकूदने वाला बच्चा ‌‌‌अपने जीवन मे स्वस्थ रहता है ।

इस कारण से जीवन मे ज्ञान के साथ साथ खेलने की भी सुविधा प्रदान की जा रही है । जिसके कारण से आज पाठशाला में अध्ययन के अलावा कुछ समय खेल कूद भी करवाया जाता है । जिसके लिए विभिन्न तरह के उत्पादो को प्रदान भी किया जा चुका है । और आज पीटीआई जो एक खेल खूद करवाने ‌‌‌वाला शिक्षक होता है उसे भी लगभग सभी पाठशालाओ में भेजा जा चुका है ।

आज हमारे देश के वीर खिलाडी ऐसे खेलो के कारण ही देश का नाम अन्य देशो में बनाए रखते है । जिसके कारण से पाठशाला मे खेलकुद व्यवस्था होनी भी जरूरी है । ‌‌‌ताकी भविष्य में इन्ही विद्यार्थीयो मे से कोई विद्यार्थी खिलाडी बन कर हमारे देश का नाम अन्य देशो से उपर लाकर रख सके ।

‌‌‌दोस्तो इस तरह से हमने इस लेख में पाठशाला का पर्यायवाची शब्द के बारे में बडी ही सरल तरीके से जाना है । अगर लेख जरा भी पसंद आया तो कमेंट करे ।

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