मेंढक से वशीकरण कैसे होता है ? सम्पूर्ण विधि और प्रयोग
मेंढक से वशीकरण-मेंढक के बारे मे हम सभी जानते हैं । जी हां वही मेंढक जो हमारे घर के आस पास घूमता रहता है। वैसे तो भारत के अंदर पाये जाने वाले मेंढक जहरीले नहीं होते हैं। लेकिन उसके बाद भी मेंढक को छेड़ना नहीं चाहिए । क्योंकि हम लोगों को यह आसानी से पता नहीं होता है कि यह मेंढ़क जहरीला है या नही?
आपको पता होगा कि भारत के अंदर मेंढ़क को भी पूजा जाता है। भारत के लखीमपुर-खीरी जिले के ‘ओयल’ कस्बें में यह मंदिर है। बताया जाता है कि यह कोई 200 साल पुराना मंदिर है। यहां के लोग इस मंदिर भी बहुत बड़ी आस्था रखते हैं। और लोगों का तो यहां तक मानना है कि प्राचीन काल के अंदर मेंढक देव ने इस गांव की आपदा के समय रक्षा की थी। इसके अलावा मेंढक देव आज भी हम लोगों की रक्षा करते हैं।
इस मंदिर को 19 वीं शताब्दी के अंदर चाहमान शासकों ने बनाया था। इस मंदिर देखने मे काफी अदभुत है और इसके चारो ओर देवी देवताओं के चित्र बने हुए हैं। वैसे तो इस मंदिर को भी भगवान भोलेनाथ के मंदिर की तरह देखा जाता है। इसमे भगवान मेंढक की पीठ पर बैठे हुए हैं। ग्रामिणों की मान्यता है कि जब गांव के अंदर बाढ़ और सूखा आता है तो मेंढक आज भी उनको बचाता है।
मेंढक से वशीकरण
इस प्रयोग के अंदर आपको दो ऐसे मेंढ़कों की आवश्यकता होगी जो संभोग कर रहे हैं। उन दोनों को आपको उठा कर लेन आना है। उन दोनो मेंढकों को मारना नहीं है। और घर लाकर उनको के नीचे कुछ पैसा चढ़ाना है। फिर तिलक कर देना है और उनसे उस व्यक्ति के बारे मे कहना है जिसको आप वश मे करना चाहते हैं।उसके बाद आप उन मेंढ़कों को वापस वहीं पर रख कर आ जाना है।लेकिन आपको उनको अलग अलग करके रखना होगा ।यह काफी प्रभावशाली वशीकरण है और इसके अंदर कोई भी मंत्र आपको पढ़ने की आवश्यकता नहीं है।
दोस्तों यह प्रयेाग आप ना करें । लेकिन इसकी आपको जानकारी होना आवश्यक है।इसके लिए एक छिपकली को पकड़ लेना होता है।उसके बाद उसके पेट को चीर कर उसके अंदर एक पपीते के बीज को बो दें फिर उस छिपकली को धूप के अंदर सूखा देना होता है।जब वह सूख जाएं तो किसी मेंढक के पेट को चीर कर उसके अंदर रखकर मेंढक को धूप मे सुखा दें ।उसके बाद जब वह सूख जाए तो बीजों को कछुआ के रक्त मे 24 घंटे के लिए भीगोदें । उसके बाद इन बीजों को बो दें । फिर एक पेड़ को पालना है। जब इस पेड़ के फल उग आएं तो उसके बाद इसके फल और दूध का 3 दिन तक सेवन करें । उसके बाद यदि किसी स्त्री या प्रेमी के साथ संभोग करेंगे तो वह स्त्री वशीभूत हो जाएगी ।उसके बाद आपके चाहने पर भी वह आपका साथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं होगी ।हालांकि यह एक अघोरी प्रयोग है और इसको नहीं करना ही अच्छा है।
मेंढक और खून से वशीकरण
दोस्तों इस प्रयोग को केवल स्त्री ही कर सकती हैं।पहले दिन किसी भी जल स्त्रोत के पास जाएं और जहां पर मेंढक रहते हों वहां मेंढ़कों की पूजा करके आएं ।उसके बाद घर आकर रविवार की रात को 12 बजे एक शिशी के अंदर अपने खून की दो बूंद डालें ।और उसमे महिला के बाल डालकर पूजा स्थल पर 31 दिन तक रखें ।
फिर उसे वही मेंढक वाले स्थान पर जाएं और पानी के अंदर फेंक कर आ जाएं । यह प्रयोग केवल स्त्री वशीकरण मे ही किया जा सकता है। हालांकि इसमे समय काफी अधिक लगता है।
दोस्तों तंत्र के अंदर मेंढक से वशीकरण करने के बारे मे कुछ ज्यादा नहीं लिखा गया है।लेकिन भारत के अंदर आज भी मेंढक को एक अच्छे प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। मेंढक की ध्वनी को मांगलिक माना जाता है।मेंढक को वर्षा सूचक के रूप मे देखा जाता है। जब वर्षा होती है तो मेंढक बहुत पहले से ही बोलने लग जाते हैं। इसके अलावा घर के अंदर मेंढक आना भी भारत मे शुभ ही माना गया है।
दोस्तों मेंढक से वशीकरण लेख के अंदर आपने यह जाना की मेंढक की मदद से आप किस प्रकार से स्त्री और पुरूष को वश मे कर सकते हैं। लेकिन उपर हमने जो मंत्र दिये हैं। उनकी जानकारी देना ही हमारा मकसद है।यदि आप वशीकरण के लिए किसी भी जीवी की हत्या करते हैं तो ऐसा ना करें ।
जैसा कि उपर हमने बताया कि मेंढक का पेट चीरें लेकिन असल मे बस यह एक जानकारी है और इसकी कोई आवश्यकता भी नहीं है।इस वेबसाइट पर और भी वशीकरण के टोटके दिये हुए हैं। आप उन टोटकों मे से किसी का भी प्रयोग कर सकते हैं।उसमे आपको किसी भी जीव की हत्या करने की आवश्यकता नहीं है।हालांकि कुछ अज्ञानियों को इसके बारे मे पता नहीं होता है। ऐसी स्थिति के अंदर वे बिना किसी वजह से जीव हत्या करने से भी नहीं चूकते हैं।
चोली से वशीकरण और स्त्री के अंदरूनी कपड़ों से वशीकरण