सगुण का विलोम शब्द क्या होगा Sagun ka vilom shabd kya hai ?

सगुण का विलोम शब्द या सगुण का विलोम , सगुण का उल्टा क्या होता है ? Sagun ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
सगुणनिर्गुण
SagunNirgun

‌‌‌सगुण का विलोम शब्द होता है निर्गुण । दोस्तों सगुण के मतलब की बात करें तो इसका मतलब होता है जो गुणों से युक्त है या जिसके अंदर कोई गुण मौजूद हैं। असल मे हम सभी जिन देवी देवताओं की पूजा करते हैं वे भी गुण से युक्त होते हैं। इसकी वजह से कई लोग उनको अलग मानते हैं। पर सच्चाई काफी गहरी है।

‌‌‌वैसे आजकल अनेक गुरू घंटाल घूम रहे हैं जोकि दो किताबें पढ़ने के बाद गुरू बन जाते हैं और उसके बाद जनता हो उपदेश देने लग जाते हैं और अजीब अजीब से तर्क देते हैं कि कोई फूल पर मिला था इस वजह से वह निर्गुण हो गया और मूर्ख जनता उनकी बात सुनती रहती है। असल मे ईश्वर सगुण है या निर्गुण यह सदैव बहस का ‌‌‌विषय रहा है लेकिन हकीकत मे यह बहस का विषय नहीं वरन अनुभव का विषय है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन जिन लोगों की अनुभव करने की औकात नहीं है तो वे इसको तो स्वीकार नहीं करते हैं और यह बकवास करने लग जाते हैं कि उसमे लिखा है इसमे लिखा है । अरे भाई लिखने वाले ने अनुभव किया होगा । ‌‌‌जब आपके अंदर अनुभव करने की क्षमता ही नहीं है तो फिर बहस करने से कोई फायदा नहीं होने वाला । मानने को तो आप कुछ भी मान सकते हैं। आप यह मान सकते हैं कि आप मर चुके हैं लेकिन मानने से आप नहीं मर जाएंगे । क्योंकि आप एक हकीकत हैं और हकीकत सदैव वही रहती है। वह बदलती नहीं है।

सगुण का विलोम शब्द

‌‌‌आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं। खैर सगुण और निर्गुण दो अलग अलग चीजें होती हैं। हर इंसान के लिए निर्गुण नहीं होता है। लेकिन दोंनों एक ही मंजिल तक लेकर जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि आप भी किसी इंसान को गुरू बनाने के बारे मे सोच रहे हैं तो जरा पहले उसे सही तरह से जान लिजिए वरना  आपको भी पछताना पड़ सकता है। जो गुरू सच्चाई के रस्ते पर ही नहीं चल सकता है वह गुरू नहीं वरन मरने के बाद प्रेत योनी के अंदर भटकता है और आपको भी ले डूब जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।

‌‌‌निर्गुण और सगुण तो उसके लिए बहुत दूर की बातें हैं। और कुर्तक करने वालों की वैसे भी कमी नहीं है। जो इस निर्गुण और सगुण को जान लेता है अनुभव कर लेता है। वह आपके सामने बहस करने तो कम से कम नहीं आएगा । उसे आपके सामने सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी । क्योंकि वह आपके दिमाग के लेवल को ‌‌‌ अच्छी तरह से जानता ही है तो वह क्यों आपसे बहस करने लगेगा । दोस्तो सगुण भी उसी सत्ता से मिलकर बना हुआ है। इस धरती पर जितने ही जीव जंतु हैं उसी की सत्ता से चल रहे हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि शरीर के अंदर वह उर्जा रहती है तो शरीर काम करता है और जैसे ही शरीर के अंदर वह उर्जा ‌‌‌समाप्त हो जाती है। शरीर काम करना बंद कर देता है तो आप समझ सकते हैं कि यह सब क्या है ?

निर्गुण का अर्थ और मतलब

दोस्तों निर्गुण का मतलब होता है जो गुणों से रहित होता है। उसके लिए निर्गुण शब्द का प्रयोग किया जाता है। वैसे आपको बतादें कि निर्गुण यहां पर कुछ भी नहीं है। आप जो आंखों से देख रहे हैं वह सब गुणों से युक्त है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अब यदि हम बात करें ‌‌‌ निर्गुण की तो आत्मा के बारे मे यह कहा जाता है कि वह निर्गुण होती है। हालांकि इसका अनुभव बस दुर्लभ ही होता है। जो इसके बारे मे जान लेता है। इस तरह के इंसान मिलना ही काफी कठिन होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌निर्गुण के बारे मे बहस तो आपको हर कोई करता हुआ दिख जाएगा ।लेकिन निर्गुण को सही मायेने के अंदर कुछ भी नहीं जानता है। क्योंकि जो इसको जान लेता है वह काफी अधिक उपर चला जाता है। उसे इस बात का एहसास हो जाता है कि निर्गुण हर चीज के अंदर मौजूद है। वह सत्ता ही हर जीव और जंतु को चला रही है। इसका

‌‌‌तब तो यह कहा जाता है कि ईश्वर कण कण के अंदर मौजूद है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। हालांकि अधिकतर लोगों के लिए यह सब कहने की बातें होती हैं क्योंकि उनको कुछ भी अनुभव नहीं होता है। अनुभव हर किसी के अंदर हाशिल करने की क्षमता भी नहीं होती है। आपको इसके ‌‌‌ बारे मे पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।निर्गुण तो निर्गुण होता ही है लेकिन असल मे आप उसको किसी एक नाम से नहीं समझा सकते हैं। असल मे कई तरह के गुरू घंटाल पैदा हो चुके हैं जोकि अपने फायदे के लिए धर्म ग्रंथों का अनुवाद करते हैं और लोगों ‌‌‌ को इस तरह से बरगालने का काम करते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आप भी इस तरह के लोगों के चक्कर मे फंस गए हैं तो आपको चाहिए कि आप इन लोगों से दूर ही रहे हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योंकि यदि आप इस तरह के लोगों के साथ रहेंगे तो आपको कुछ फायदा नहीं होगा ।

‌‌‌वरन आप अपने एंगल से भटक जाएंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके लिए अपने दिमाग का प्रयोग । अपने दिमाग को संदुक के अंदर ना रखें । और इस बात पर अमल करने की कोशिश करें कि जो गुरू घंटाल कह रहे हैं वह बस एक किताबी ज्ञान है या गुरू घंटाल को ‌‌‌कुछ अनुभव ही है या फिर नहीं है। इसलिए सही लोगों के संपर्क मे आएं तभी फायदा होगा । वरना आपको फायदे की बजाय नुकसान हो जाएगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।आप इसको समझ सकते हैं।

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