ईमान का विलोम शब्द क्या है iman ka vilom shabd kya hai ?
ईमान का विलोम शब्द या ईमान का विलोम , योग्यता का उल्टा क्या होता है ? iman ka vilom shabd iman ka vilom shabd kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
ईमान | बेईमानी |
iman | Beiman |
ईमान का विलोम शब्द और अर्थ iman ka vilom shabd kya hai ?
ईमान का विलोम शब्द होता है बेईमान । दोस्तों ईमान का अर्थ होता है विश्वास । दोस्तों यदि आपको किसी चीज के उपर विश्वास है तो इसका मतलब यह है कि आपको उस चीज पर ईमान है। मुस्लमान कहते हैं कि जो अल्लाह पर ईमान करता है मतलब जो विश्वास करता है।दोस्तों जीवन के अंदर ईमान का होना बहुत ही जरूरी होता है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । यदि आपके अंदर किसी बात को लेकर ईमान नहीं है तो आपको ईमान बनाना चाहिए । बहुत सी जगह ऐसी होती हैं जहां पर आपको ईमान की जरूरत होती है। बिना ईमान के कुछ नहीं हो सकता है।
जैसे दो पति और पत्नी हैं। दोनों के बीच ईमान ही होता है जिसकी वजह से वह रिस्ता बना रहता है। और यदि ईमान समाप्त हो जाता है तो फिर क्या होने वाला है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। आप देख सकते हैं कि बिना ईमान के पति और पत्नी के रिश्तों का क्या हाल होता है। पति कहीं और संबंध स्थापित कर लेता है। और पत्नी कहीं ओर संबंध स्थापित कर लेती है। यह सब ईमान नहीं होने की वजह से ही होता है। आज ईमान नहीं है। यही वजह है कि भारत के अंदर विदेशों की तरह तलाक के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बात को आप भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
इसका कारण यही है कि आज महिलाएं भी पहले की तरह नहीं रही हैं। वे भी पुरूष की बराबरी कर चुकी हैं। पहले पुरूष दूसरी औरतों से संबंध रखता था लेकिन अब महिलाएं भी वैसा ही करने लगी हैं। तो तलाक के मामले अपने आप ही बढ़ जाएंगे आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
इसी प्रकार से बिजनेस के अंदर भी ईमान नहीं रहा है। जब भी आप पाटर्नरशिप के अंदर धंधा करते हैं तो फिर आपको संभलकर धंधा करना चाहिए । क्योंकि आमतौर पर जो काम पाटर्नरशिप के अंदर होते हैं। उनके अंदर झगड़ा हुए बिना नहीं रह पता है। आप इस बात को भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसी प्रकार से आप समझ सकते हैं कि हर चीज के अंदर ईमान की कमी हो चुकी है। और यही कारण है कि इस दुनिया के अंदर कुछ भी नहीं बचा है। ईमान की कमी की वजह से ही कोई एक दूसरे के उपर विश्वास नहीं करता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि हम बात करें ईमान की तो दुनिया के अंदर ईमान की कमी हर जगह पर देखने को मिलती है। और यही कमी जो अविश्वास पैदा करती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। जब हर जगह पर अविश्वास हो जाता है तो फिर समाज के अंदर अत्याचार ही बढ़ेंगे आप भी इस बात को समझ सकते हैं। और आने वाले दिनों के अंदर ईमान मे कमी ही होगी बढ़ोतरी होने के कोई भी चांस नहीं हैं। आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है। इस दुनिया के अंदर ऐसा ही होता है। यह सब चलता रहता है।
बेईमानी का अर्थ और मतलब
दोस्तों बेईमानी के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। बेईमानी का मतलब होता है किसी काम को ईमान से नहीं करना । यदि आप किसी काम को ईमान से नहीं करते हैं तो उसके लिए बेईमानी शब्द का प्रयोग किया जाता है। वैसे आपको बतादें कि इस दुनिया के अंदर आजकल बहुत कुछ बेईमानी के कारण ही चल रहा है आप भी इस बात को अच्छी तरह से जानते ही हैं। लेकिन क्या करें बेईमानी ही एक सबसे बड़ा कारण है। और आजकल तो वैसे भी बेईमानी इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि पूछो मत । यदि आप किसी को कोई भी काम देते हैं तो वह उस काम को ठीक तरीके से नहीं करता है। वरन उस काम के अंदर भी वह बेईमानी करने लग जाता है। कुछ दिन पहले मैंने एक काम करवाया था ।और काम के अंदर मिस्त्री ने ठीक से काम नहीं किया वह रूपये तो हर दिन के 700 चार्ज करता था लेकिन काम वह ठीक तरह से नहीं कर पाता था आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
लेकिन उसके बाद कुछ दिन तक तो मैंने उसको झेला लेकिन उसके बाद मैंने काम बंद कर दिया क्योंकि मेरा काम ठीक से नहीं हो रहा था। इसी तरह से होता है। दोस्तों जब बात पैसे की आती है तो हर कोई अधिक से अधिक पैसा लेना चाहता है। लेकिन जब काम देने की बात आती है तो फिर काम देने मे आना कानी करने लग जाते हैं। ऐसा कभी भी नहीं चल सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं। पहले इस तरह का कम ही होता था लोग जीतोड़ काम करते थे क्योंकि उनके अंदर किसी तरह की बेईमानी नहीं हुआ करती थी लेकिन अब समय बदल चुका है। अब हर इंसान काफी बेईमान हो चुका है।
और इसी बेईमानी के चलते न जाने क्या क्या हो चुका है। इसी तरह की मूवी भी आने लगी हैं जैसे कि बहन के साथ किया मां के साथ किया । मतलब रिश्तों का कोई महत्व हो ही नहीं गया है। बस अपने फायदे के लिए लोग सब कुछ करने को तैयार हो जाते हैं।
ऐसी चीजों के होने का कारण बेईमानी ही तो होती है। आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं अब यदि बेईमानी नहीं होगी तो फिर क्या हो सकता है ?
दोस्तों बेईमान आज काफी तेजी से बढ़ रही है। और यदि यह इसी प्रकार से बढ़ती रही तो एक समय ऐसा भी आ जाएगा जब बेईमानी चरम पर होगी । और हर इंसान बेईमान हो जाएगा ।उसके बाद इंसान आपस मे लड़ेंगे और सब कुछ नष्ट हो जाएगा । यह सब नैचर के नियम से होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं नष्ट करना और पैदा करना यह सब नैचर के काम होते हैं आपको यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए ।