हँसना का विलोम शब्द क्या Hansana ka vilom shabd kya hai ?
हँसना का विलोम शब्द या हँसना का विलोम , हँसना का उल्टा क्या होता है ? Hansana ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
हँसना | रोना |
Hansana | Rona |
हंसना का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों हंसना का विलोम शब्द होता है रोना । दोस्तों हंसने के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। हालांकि हम सभी लोग कम ही हंसते हैं लेकिन हंसते जो जरूर ही हैं। और वैसे भी आजकल हंसाने के अनेक साधन आ चुके हैं तो हंसेंगे क्यों ही नहीं । खैर हंसते रहना चाहिए ।खैर इंसान जितना अधिक हंसेगा उसके लिए उतना ही अधिक फायदेमंद होगा आप भी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और आपको हंसान भी चाहिए । वैसे भी आजकल हर इंसान को अपने परिवार का पेट भरने के लिए बहुत अधिक मेहनत करना पड़ता है। जिससे कि कई बार वह तनाव के अंदर भी चला जाता है। तो हंसी ही एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से जीवन के गम को कुछ समय के लिए दूर किया जा सकते हैं। और आपको पता ही है कि हंसने के अपने फायदे होते हैं। यदि आप हंसते नहीं हैं तो इसका मतलब यही है कि आप काफी परेशान हैं। और कुछ इंसान इस तरह के होते हैं जोकि मौत के सामने भी हंसने की क्षमता रखते हैं।
वैसे तो इस तरह के इंसान कम ही होते हैं। लेकिन जो होते हैं वे वाकाई मे काफी बेहतर होते हैं। यदि आप हंसते हैं तो इसके अनेक फायदे भी होते हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं है। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होता है कि आपको मानसिक रूप से शांति मिलती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यदि आप चाहते हैं कि आपको मानसिक शांति मिली रहे और मन के अंदर किसी भी तरह की उथल पुथल ना हो तो रोजाना कुछ समय के लिए हंसाना चाहिए । हंसी मजाक ही तो जीवन के दुख दर्द को बहुत ही आसान बना देता है। यदि हम जीवन के दुख को दिल पर लेकर बैठ जाएंगे तो फिर हमारा जीवन काफी अधिक कठिन हो जाएगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। लेकिन यदि आप हंसना और हंसाना जानते हैं तो फिर जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानी भी आपके लिए काफी छोटी लगेगी और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। वैसे आपको समझना भी चाहिए ।
वैसे भी जीवन के अंदर सुख दुख तो सदा ही आते रहते हैं। लेकिन जो इनको हंस कर झेल जाए वही सही इंसान होता है। यदि आप दुख के अंदर रोने लग जाते हैं तो फिर आप एक सही इंसान नहीं है। यहां पर कोई भी नहीं मरता है। मरता सिर्फ शरीर है। इंसान की मौत ना तो कभी हुई है और ना ही कभी हो सकती है।
हम सभी लोग आज भी अमर हैं और कल भी अमर रहेंगे । तो फिर हमें दुख कैसे छू सकता है। यदि आप हंसाना चाहते हैं। खुलकर हंसना चाहते हैं तो फिर आपको यही करना होगा कि आप जीवन के सत्य को अच्छी तरह से जान लें । यदि आप जीवन को ही सत्य मानकर चल रहे हैं तो फिर आपको दुख के सिवाए कुछ नहीं मिलेगा ।यह जीवन बस एक खेल है। और आप इसको देखने वाले हैं। आप कुछ भी करने वाले नहीं हैं। तो आपको किसी भी बात की चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है।
रोना का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों रोने के बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। रोने का मतलब होता है दुख व्यक्त करना या आंसू बहना । दोस्तों वैसे देखा जाए तो रोना दो प्रकार का होता है। एक असली रोना और दूसरा होता है। नकली रोना । नकली रोने का मतलब यह है कि आप बस दिखावे के लिए रोते हैं।जैसे कि पड़ोसी के घर के किसी इंसान की मौत हो जाती है तो आपको उसकी मौत पर रोना नहीं आता है। क्योंकि वह आपसे नहीं जुड़ा था। और आपका उससे कोई लेना देना नहीं था। जैसे कि आपने देखा होगा कि किसी की जब मौत हो जाती है तो उसके बाद आस पड़ोस की औरते एकत्रित होकर रोती हुई जाती हैं।
क्या आपको पता है कि सभी औरतों को रोज नहीं आता है। लेकिन उसके बाद भी वे रोती हुई जाती हैं। और यह जो दिखावा होता है उसी को नकली रोना कहते हैं। और अब यदि हम दूसरे की बात करें तो दूसरा असली रोना होता है। असली रोने का मतलब होता है जब आपको किसी बात के लिए दुख होता है तो आपके दिल रोता है और आपकी आंखों से आंसू निकल आते हैं। जैसे कि परिवार के किसी सदस्य की मौत होती है तो फिर यही होता है। आमतौर पर आप उस इंसान के साथ गहराई से जुड़े होते हैं और वह जब चला जाता है तो आपको इससे काफी अधिक दुख होता है।
क्योंकि जिस इंसान के साथ आपके हित जुड़े होते हैं उसको इस दुनिया के छोड़कर चले जाने की वजह से आपको ही नुकसान होता है। ऐसी स्थिति के अंदर आप क्या कर सकते हैं बस आपकी आंखों के अंदर अपने आप ही आंसू निकल आते हैं। इसके बारे मे कोई भी शक नहीं है।
वैसे देखा जाए तो जीवन के अंदर किसी भी तरह की सुख नाम की चीज ही नहीं है। कारण यह है कि जस चीज को हम सुख का होना समझते हैं वह चीज ही हमारे लिए अंत मे दुख पैदा करती है। इसके अंदर कोई शक नहीं है। इसलिए किसी भी भौतिक चीज को दिल से ना लगाएं यही आपके लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है।
इस जीवन के अंदर हर इंसान रोता है। कुछ इंसान सबके सामने राते हैं लेकिन जो मर्द होते हैं वे अधिकतर छुप छुप कर ही रोते हैं। और औरतों का तो कहना ही क्या है ? औरते तो वैसे भी छोटी सी बात पर ही रोने लग जाती हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं है। इसका कारण यह है कि औरते काफी अधिक भावनात्मक होती हैं और वह किसी भी दुख दर्द को आसानी से सहन नहीं कर सकती हैं। इसलिए लिए तो औरतों को कंधा नहीं देने दिया जाता है। आपको तो पता ही होगा कि जब घर के अंदर किसी जवान की मौत होती है तो फिर घर के अंदर किस तरह से लोग रोते हैं ?
लेकिन हकीकत तो यह है कि रोना एक बुरी बात है जिस इंसान को हम मरा हुआ समझते हैं असल मे वह मरता ही नहीं है। दोस्तों आत्मा अजर और अमर है उसका कभी भी विनाश नहीं होता है। आप चाहे जो कुछ भी करलें।इसलिए आप और हम सभी लोग अमर हैं चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।