खबर का विलोम शब्द क्या है Khabar ka vilom shabd kya hai ?
खबर का विलोम शब्द या खबर का विलोम , खबर का उल्टा क्या होता है ? Khabar ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
खबर | बेखबर |
Khabar | Bekhabar |
खबर का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों खबर के विलोम शब्द के बारे मे आपको बतादें कि इसका विलोम शब्द होता है । बेखबर । दोस्तों खबर के बारे मे आजकल आप अच्छी तरह से जानते हैं। भारत के अंदर खबरी कंपनी की बाढ आ चुकी है। पहले खबर देने वाले चैनल और अखबार उतने नहीं होते थे लेकिन अब न जाने कितने खबर देने वाले चैनल आ चुके हैं। और जब रसिया और युक्रेन का युद्ध चल रहा है तो फिर खबरे भी सारे दिन युद्ध की आ ही रही हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। लेकिन रियल खबर आपको कोई भी नहीं देती है।
यदि आपने न्यज चैनलों को ध्यान से देखा होगा तो यह खास प्रकार के ऐजेंडे पर काम करते हैं। जैसे कि कुछ न्यूज चैनल हैं जोकि सदैव ही सरकार के विरोध मे खबरों को दिखाते हैं और उसी तरह के लोग इन न्यूज चैनल को देखते हैं जोकि सरकार को पसंद नहीं करते हैं तो कुछ न्यूज चैनल जो होते हैं वे सरकार के समर्थन के अंदर ही खबरें दिखाते हैं। अब स्वतंत्र पत्रकारिता कम से कम चैनल वाले तो नहीं कर रहे हैं। वैसे आजकल youtube का जमाना है तो नई नई लोग पत्रकारिता के अंदर उतर रहे हैं आप इस बात को समझते हैं। और यही लोग अच्छी खबरों को दिखाने का काम करते हैं। और यह लोग सच भी दिखाते हैं।
लेकिन आपको पता होना चाहिए की सच को दिखाने के लिए पत्रकारों को जान की बाजी लगानी पडती है। जैसे कि कोई युद्ध चल रहा है तो कोई पत्रकार वहां पर भी जाता है। और वहां की खबरें दिखाता है। वह वहां पर जाने के लिए मना नहीं कर सकता है। रूस युक्रेन के युद्ध के अंदर कई पत्रकारों की मौत हो चुकी है। वह भी इसीलिए मौत हुई क्योंकि वे युद्ध के बीच मे खबर दिखाने के लिए गए थे । वैसे आपको बतादें कि युद्ध के बीच मे खबर दिखाना जान का जोखिम बना रहता है। लेकिन नौकरी ही ऐसी है कि कुछ किया नहीं जा सकता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं।
खैर जब अफगानिस्तान के अंदर लड़ाई चली थी तो वहां पर भी एक भारतिय पत्रकार की मौत हो चुकी थी। तो यह बस आम नहीं है। इसके अलावा कई बार जब अपराधियों के बीच पत्रकार खबरे दिखाने के लिए जाते हैं तो वहां पर भी पत्रकारों को गोली मारदी जाती है।
यदि आप यह सोच रहे हैं कि पत्रकारों का काम सरल है तो आप गलत सोच रहे हैं। और बड़े बड़े जो चैनल होते हैं वे विज्ञापन से तो पैसा कमाते ही हैं। इसके अलावा कुछ चैनलों को किसी खास तरह का ऐडेंजा को चलाने के लिए पैसा मिलता है। जैसे कि भारत के न्यूज चैनलों ने भारत की ही वेक्सीन के खिलाफ बहुत अधिक भ्रम फैलाया था और इस भ्रम के चलते लोग काफी डर गए थे कि यह वैक्सीन जान ले सकती है। लेकिन रियल मे ऐसा कुछ भी नहीं था आज भारत के करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। लेकिन एक की भी जान नहीं गई ।
इसी प्रकार से इन चैनलों के द्धारा कई बार झूंठी खबरें भी चलाई जाती हैं। और कई बार तो कई पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी जाती है किसी खासखबर को चलाने के लिए तो आप अच्छी तरह से चीजों को समझ सकते हैं कि पत्रकारिता करना कितना जोखिम भरा काम है।
बेखकर का अर्थ और मतलब
दोस्तों बेखकर का नाम तो आपने सुना ही होगा बेखबर का मतलब होता है। किसी भी तरह की खबर ना होना या खबर होने के बाद भी उसको इग्नोर कर देना । इस तरह से बेखबर एक अलग ही किस्म की चीज होती है। आपने बेखबर का नाम तो सुना ही होगा । दोस्तों इस दुनिया के अंदर दो तरह के लोग सबसे अधिक बेखबर रहते हैं । पहले वे लोग बेखबर रहते हैं जोकि काफी अधिक सिक्योरिटी रखते हैं और सिक्योरीटी के दम पर यह भरोशा करते हैं कि अब कोई भी उनका दुश्मन उनको हानि नहीं पहुंचा सकता है। इस तरह के लोग खास कर पैसे वाले होते हैं और दूसरे वे लोग होते हैं जिनके पास खोने को कुछ नहीं होता है। वे
आराम से बेखबर हो कर सकते हैं। क्योंकि उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं होता है। आप समझ सकते हैं। उनको ना तो किसी तरह की चोरी हो जाने का डर होता है ना ही कुछ पाने और खोने का । इस तरह के लोगों को यह भी चिंता नहीं होती है कि वे कहा पर हैं और क्या करते हैं ? लेकिन हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह पूरी तरह से बेखबर होते हैं। यहां पर बेखबर का मतलब होता है परवाह ना करना ।
खैर दूसरे बेखबर के लोग वे होते हैं जोकि अलग ही किस्म के प्राणी होते हैं इनको साधु संतों के नाम से जाना जाता है। और साधु संत वास्तव मे बेखबर होकर ही सोते हैं उनके पास सोना चांदी या कुछ भी नहीं होता है। खोने के लिए वे बस जहां पर भी रहते हैं बस आराम से चैन की नींद सोते हैं आप इनके बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं। लेकिन इस किस्म के बेखबरी बहुत ही कम होते हैं आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
यह लोग ऐसे ही बेखबर नहीं होते हैं आपको बतादें कि बेखबर होना भी हर किसी के बस की बात नहीं होती है। यदि आप पूरी तरह से बेखबर होना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी यदि आप कड़ी मेहनत नहीं कर पाते हैं तो आप बेखबर नहीं हो सकते हैं। कोई ना कोई चिंता आपको सताती ही रहेगी ।
बेखबर का यहां पर मतलब यह है कि आप बस चिंता रहित हो जाते हैं। आप किसी चीज की परवाह नहीं करते हैं। यहां पर जो कुछ भी घटित होता है वह बस आपको स्व्प्न मात्र लगता है। इससे अधिक आपको कुछ भी नहीं लगता है। खैर आपको यह पता होना चाहिए कि आपको यह स्थिति प्राप्त करने के लिए जबरदस्त मेहनत करनी होगी तभी आप सब कुछ चीजें सही तरीके से कर पाएंगे । नहीं तो कोई भी फायदा नहीं होगा । इसके अलावा बेखबर बनने के अंदर जो मजा है वह किसी और चीज के अंदर नहीं होता है। जब आप पूरी तरह से बेखबर हो जाते हैं तो आप इतनी अधिक शांति का अनुभव करते हैं जो शांति आप यहां पर किसी भी तरह से अनुभव नहीं कर सकते हैं।