Malin ka vilom shabd मलिन का विलोम शब्द?
मलिन का विलोम शब्द, मलिन शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मलिन का उल्टा Malin ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
मलिन | निर्मल |
Malin | Nirmal |
मलिन का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों मलिन का विलोम शब्द होता है निर्मल । दोस्तों मलिन का मतलब होता है गंदगी । आपके पास एक कपड़ा है उसको अधिक दिन तक पहनने से वह गंदा हो जाता है तो उसके लिए हम कहते हैं कि वह मलिन हो चुका है। इसी प्रकार से जो कोई भी चीज गंदी हो जाती है। उसके लिए मलिन वर्ड का प्रयोग किया जाता है। कपड़े की गंदगी को तो आप साबुन से साफ कर लेते हैं। और शरीर की गंदगी को भी आप नहाकर साफ कर लेते हैं। लेकिन इसके अलावा भी एक गदंगी होती है और वह होती है मन की गंदगी जोकि सबसे अधिक घातक होती है। और हममेसे अधिकतर लोग बस इसी गंदगी की वजह से परेशान रहते हैं।
शरीर की गंदगी पर और कपड़ों गंदगी पर तो हम दिन मे सौ बार ध्यान देते हैं। क्योंकि हम आसानी से नजर आ जाती है लेकिन मन की गंदगी पर कोई भी ध्यान नहीं देता है क्योंकि यह आसानी से नजर नहीं आती है। और यही कारण है कि वह इंसान को डूबों देती है।
आपने ऐसे अनेक लोगों को देखा होगा जोकि अच्छे शरीर वाले और इच्छे इंसान दिखते हैं लेकिन मन के अंदर वे काफी गंदगी लिए रहते हैं। एक बार एक युटुबर ने एक एक्सपेरिमेंट किया और वह अंधा बन गया । और उसके बाद उसने आईफोन प्रो को लिया और एक कई व्यक्तियों से नंबर मिलाने को बोला ।
एक अंधे इंसान के पास आईफोन प्रो को देखकर कुछ लोग हैरान रह गए और उसके बाद उस फोन को लेकर चलते बने । और अधिकतर लोगों ने उसके फोन को चोरी करने की कोशिश ही की थी। अब आप समझ सकते हैं कि लोगों के मन मे कितनी गंदगी भरी पड़ी है।
अधिकतर लोग काफी लालची हो चुके हैं। बस इस एक्सपेरिमेंट के अंदर कुछ लोग ऐसे मिले जोकि उनके फोन को वापस कर दिया और बोला कि आप इस तरह का फोन लेकर ना घूमें वरना आपका फोन चोरी हो सकता है।
मन की गदंगी ही तो आपके कर्मों की वजह से आती है। आपने भूत का नाम सुना ही होगा । कुछ लोग मरने के बाद उनकी रूह भटकती रहती है। लेकिन कुछ लोग मरने के बाद पता नहीं कहां चले जाते हैं उनकी रूह नहीं भटकती है। आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है ? आपको बतादें कि यह सब भी मन की गदंगी की वजह से ही होता है। यदि आपका मन गंदा है तो आप उस गदंगी को लेकर साथ ही मरते हैं और उसके बाद आप उसी गदंगी से परेशान होते हैं। करोड़ों लोगों के अंदर कोई विरला ही होता है जोकि सब कुछ गंदा करने के बाद भी उस गदंगी से प्रभावित नहीं होता है और इस तरह के इंसान को हम ज्ञानी इंसान के नाम से जानते हैं। दोस्तों अपने मन को साफ करने का प्रयास कीजिए यही आपका असली साथी है। जोकि हर जन्म के अंदर आपके साथ ही रहने वाला है। और यदि आप मन को साफ करने पर ध्यान नहीं देते हैं केवल तन के साफ रखने पर ही ध्यान देते हैं तो फिर समस्या होना तय ही है।
आप किस तरह से अपने मन को साफ कर सकते हैं। इसके उपर तो आपको विचार करना होगा । और यदि आप सही से विचार करते हैं और प्रयास करते हैं तो आप मन को धीरे धीरे साफ करने मे कामयाब हो जाएंगे । और यदि आप प्रयास नहीं करते हैं तो फिर किसी भी हालत मे मन को साफ नहीं कर पाएंगे उल्टा और अधिक गंदा करलेंगे।
निर्मल का अर्थ और मतलब
दोस्तों निर्मल का मतलब होता है साफ सुथरा होना । जब कपड़े एकदम से साफ सुथरे हो जाते हैं तो उनके लिए निर्मल शब्द का प्रयोग किया जाता है। निर्मल का मतलब होता है स्वच्छ होना । जब कोई चीज स्वच्छ होती है तो उसके लिए यह शब्द प्रयोग मे लिया जाता है। आज साबुन का बड़ा कारोबार चल रहा है। इसका कारण यही है कि सबको अपने शरीर की गदंगी और कपड़ों की गदंगी की चिंता हो रही है। लेकिन मन की गदंगी को किसी को चिंता नहीं है। लेकिन कपड़ों गदंगी और शरीर की गदंगी आपके लिए ज्यादा से ज्यादा मौत का कारण बनेगी । हो सकता है कि आपको लड़कियां पसंद ना करें ।
लेकिन आप यहां पर लड़कियों को पसंद करने या फिर कुछ भी दिखावा करने नहीं आए हैं। यदि आप यह सब कुछ कर रहे हैं तो आप बस अपने दुखों को कभी भी समाप्त नहीं कर पाएंगे ।
यदि आप अपने दुखों को सदा सदा के लिए समाप्त कर देना चाहते हैं तो फिर आपको अपने मन पर काम करना होगा और मन को साबुन रगड़ रगड़ कर अच्छी तरह से साफ करना होगा । यदि आप अपने मन को अच्छी तरह से साफ करने मे सक्षम हो पाए तो फिर आप नेक्स्ट लेवल तक जा सकते हैं।
जिस तरीके से बार बार हम एक ही पकड़ा पहनते हैं तो उसके उपर न जाने कितना मैल जम जाता है और उसके बाद उस कपड़ें को धो नहीं पाते हैं फेंक देते हैं। उसकी प्रकार से हमारे मन का उपयोग तो हम जन्म जन्मांतर से कर रहे हैं। तो आप समझ सकते हैं कि इसके उपर कितना कचरा जम गया होगा । और हो सकता है कि इसको साफ करने मे आपको जन्म जन्मांतर का समय लगे ।लेकिन आपको प्रयास करना होगा । दुनिया की तड़क भड़क की अच्छे लोग चिंता नहीं करते हैं। तड़क भड़क के अंदर अधिकतर वे लोग पसंद करते हैं। जोकि जीवन के सत्य को नहीं जानते हैं।
जो लोग जीवन के सत्य को अच्छी तरह से जानते हैं। वे कभी भी तड़क भड़क पसंद नहीं करते हैं। क्योंकि यह सब करने का कोई फायदा नहीं है। क्योंकि एक दिन शरीर को तो मिट्टी के अंदर ही मिलना है। वे बस अपने मन पर काम करते हैं और उसको उच्च कोटी का बनाने की कोशिश मे लगे रहते हैं।
दोस्तों जिस तरह से कपड़ों की सुंदरता आसानी से दिख जाती है। और उसी प्रकार से सुंदर शरीर की सुंदरता भी आसानी से दिख जाती है। लेकिन मन की सुंदरता दिखती है लेकिन उसको पहचानने की क्षमता हर किसी मे नहीं होती है। लेकिन ज्ञान इंसान निर्मल इंसान वाले व्यक्ति को बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं।
इस तरह से दोस्तों अपने मन को निर्मल करने के बारे मे सोचिए । यदि आपका मन निर्मल हो गया तो फिर क्या कहना । कपड़ों को निर्मल करना जरूरी है लेकिन मेरी नजर मे उससे भी जरूरी एक चीज आपके मन को निर्मल करना जरूरी है।
यदि मन निर्मल हो जाता है तो उसके बाद सब कुछ संभव हो सकता है। कोशिश करते रहें । क्योंकि कोशिश करने वालों की मेहनत कभी भी बेकार नहीं जाती हैं। उनको कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।