मौलिक का विलोम शब्द क्या है Maulikka vilom shabd kya hai ?
मौलिक का विलोम शब्द या मौलिक का विलोम शब्द, मौलिक का उल्टा क्या होता है ? Maulik ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
मौलिक | अमौलिक |
Maulik | Amaulik |
मौलिक का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों मौलिक का विलोम शब्द होता है अमौलिक और यदि हम बात करें मौलिक के अर्थ कि तो इसका अर्थ होता है रियल या वास्तविक । जैसे कि एक लेखक होता है वे एक मौलिक रचना लिखता है और उसके बाद वह उसकी एक किताब बनाकर प्रकाशित कर देता है। उसके बाद दूसरे लेखक जोकि कुछ भी मौलिक नहीं लिख पाते हैं उसकी किताब से ही कंटेंट को उठाते हैं और उसके बाद अपने काम मे लेते हैं। जिस प्रकार से ऑनलाइन होता है। कई लोग पैसे कमाने के चक्कर मे दूसरे के ब्लॉग से कंटेंट को उठाते हैं और उसके बाद अपने ब्लॉग पर प्रकाशित कर देते हैं। और भारत के कानून के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। यहां पर कंटेंट चोरी होने पर कोई केस करने के लिए भी नहीं जाता है। और आप जो मौलिक लिखते हैं यदि वह कोई दूसरा चुरा लेता है तो फिर आपके मौलिक लिखने का कोई फायदा भी नहीं होता है।
लेखन के अंदर मुझे काफी अनुभव है। भारत के अंदर इंटरनेट पर कंटेंट चोर बहुत अधिक हैं। यदि आप कुछ भी मौलिक लिखते हैं तो बड़ी बड़ी न्यूज साइट भी आपके कंटेंट को आपकी अनुमति के बिना यूज करती हैं। क्योंकि वे भी जानती हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते हैं। यदि कोर्ट कचहरी के अंदर जाएंगे तो उल्टे आपका बहुत अधिक पैसा बरबाद हो जाएगा और आपको हाथ कुछ भी नहीं लगेगा । ऐसी स्थिति के अंदर मौलिक लिखने वाले लोग काफी हताश हो जाते हैं। मेरा एक दोस्त है जोकि ब्लॉग चलाता है और अपने ब्लॉग पर काफी मौलिक चीजें लिखता है। लेकिन कई महाशय ऐसे होते हैं जोकि उसके ब्लॉग से लेख को चोरी करते हैं और उसके बाद अपने ब्लॉग पर कंटेंट को प्रकाशित कर देते हैं।
तो दोस्तों वैसे तो यदि आप कोई भी मौलिक चीज करते हैं तो उसका पेटेंट आपको करवाना होता है। ताकि आपकी बौद्धिक संपदा की चोरी कोई ना कर सकें। लेकिन हकीकत मे लेखन के मामले मे यह कानून किसी भी तरह की खास सुरक्षा प्रदान करने मे विफल रहता है।
इसका कारण यह है कि कि कुछ समझदार चोर जो मेहनत नहीं करना चाहते हैं वे आपके लेख को पूरा कॉपी नहीं करेंगे । वरन आपके लेख के अंदर से कुछ भाग को कॉपी कर लेंगे । अब आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे ।
मेरे साथ ऐसा कई बार हो चुका है। मेरे लिखे लेख कई लेख लोग कॉपी कर लेते हैं और उसके बाद उनको हटाने मे काफी सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। और कई बार तो वे लेख हटते ही नहीं है।
लेकिन यदि आप कुछ नया आविष्कार करते हैं तो उसका पेटेंट करवाना जरूरी होता है। यदि आपके उस आविष्कार की कोई कॉपी करता है तो आप केस कर सकते हैं।
youtube का नाम तो आपने सुना ही होगा youtube पर काफी बढ़िया सिस्टम होता है वहां पर कॉपी पेस्ट नहीं चलता है। यदि आप किसी का कॉपी कर लेते हैं तो आपको कॉपीराइट स्ट्राइक मिलता है। और यदि आप लगातार कॉपी करते हैं तो उसके बाद आपके चैनल को ही उड़ा दिया जाता है।
लेकिन एक बात है यदि आप मौलिक कुछ भी करते हैं तो आप हमेशा ही दूसरों से अलग दिखाई देते हैं। और आप की चीज दुनिया के अंदर मान्य भी होती है। क्योंकि मौलिक का अपना महत्व होता ही है।
अमौलिक का मतलब
दोस्तों अमौलिक का मतलब होता है जो मौलिक नहीं है जो आपके खुद की रचित की गई नहीं है। जैसे कि आपने एक लेख लिखा लेकिन आपने खुद अपने दिमाग से वह लेख नहीं लिखा वरन आपने किसी दूसरे के लेख को चुरा कर लिख दिया तो वह अमौलिक होता है। टिका टिप्पणी कह सकते हैं।
जैसे एक वैज्ञानिक ने पैन का आविष्कार किया उसने तो पैन का आविष्कार कर मौलिक काम किया लेकिन उसके बाद पैन बनाने की कंपनी ने उसके आविष्कार का प्रोडेक्सन करना शूरू कर दिया जोकि कंपनी ने मौलिक काम नहीं किया । और वैज्ञानिक को इसके बदले पैसा मिलने लगा । यह तो रहा लिगल काम ।
जैसे एक लेखक ने लेख लिखा और उसके बाद किसी ने उसके लेख को चोरी करके अपने यहां पर छाप दिया तो दूसरे ने अमौलिक कार्य किया ।वैसे आपको बतादें कि अमौलिक तो हर कोई आसानी से कर लेता है। मौलिक कार्य करने मे पसीना आता है।
और वैसे भी अधिकतर लोग मौलिक कार्य ना करके अमौलिक कार्य ही करते हैं। इसका कारण यह होता है कि यह कार्य करना आसान होता है। विदेशों के अंदर जो लोग ब्लॉग वैगरह चलाते हैं तो उनके यहां पर भी कंटेंट चोरी होता है। लेकिन अंगेजी मे गूगल काफी एडवांस हो जाने की वजह से चोरी किया हुआ लेख को रेंक नहीं करता है। लेकिन हिंदी मे अभी भी यह सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है। हिंदी की बड़ी बडी वेब चोरी से बचने के लिए अपने ब्लॉग पर कॉपी पेस्ट डिसेबल करते हैं। क्योंकि उनको पता है कि चोर आएंगे और उनके लेख को चुरा लेंगे। और उसके बाद उनके खिलाफ यदि पुलिस केस भी करेंगे तो कुछ हो नहीं पाएगा । यदि आप बड़े अखबार की वेब पर भी जाएंगे तो वहां पर कॉपी पेस्ट को डिसेबल किया हुआ मिलेगा । और जो छोटे मोटे ब्लॉगर होते हैं खास कर मेरे जैसे तो उनको चोरी का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है। कारण यह है कि मेरे जैसे लोग कुछ कर भी नहीं पाते हैं।
यह सब अमौलिक ही होता है। मैं आज भी कई ऐसी वेब को जानता हूं जोकि चोरी के लेख से भी काफी अच्छा पैसा कमा रहे हैं और उनके खिलाफ कुछ भी एक्सन नहीं होता है। और कुछ महाशय तो ऐसे हैं जो यह बताने मे लगे हुए हैं कि लेख चोरी करके भी आप महिने का लाखों कमा सकते हैं।
कुछ भी हो भारत के लोग पैसे कमाने के लिए चोरी भी बहुत ही शातिर तरीके से करते हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं है। लेकिन इस तरह से यदि आप किसी के लेख की चोरी करते हैं तो अधिक समय तक पैसा नहीं कमा पाएंगे। किसी ना किसी दिन आप गूगल की नजर के अंदर आ जाएंगे और उसके बाद गूगल आपकी वेबसाइट पर पेनलटी ठोक देगा और आपका डोमने नेम ही पूरी तरह से बेकार हो जाएगा । यदि आप ऑनलाइन पैसा कमाने आएं हैं तो मेहनत करें और मेहनत से आप जो लिखेंगे वह रैंक भी होगा और आप अच्छा पैसा भी कमा पाएंगे । लेकिन यदि आप चोरी करेंगे तो कुछ भी फायदा आपको नहीं मिलने वाला है। कुछ समय अपना दिल अवश्य खुश करलें ।
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