कपूत का विलोम शब्द क्या है Kaput ka vilom shabd kya hai ?

कपूत का विलोम शब्द या कपूत का विलोम शब्द, कपूत का उल्टा क्या होता है ? Kaput ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
कपूतसपूत
KaputSaput

‌‌‌कपूत का विलोम शब्द और अर्थ 

‌‌‌कपूत का विलोम शब्द और अर्थ 

दोस्तों कपूत का विलोम शब्द होता है  सपूत ।अब यदि हम बात करें कि कपूत होता  क्या है ? तो कपूत का मतलब होता है जोकि अच्छा पूत नहीं है या जो अच्छा बेटा नहीं है उसके लिए कपूत शब्द का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌प्राचीन काल से ही एक कहावत है कि 100 कपूत से एक सपूत अच्छा होता है। दोस्तों एक बुरे गुण वाले बेटे को कपूत के नाम से जाना जाता है। अब यदि हम कपूत के लक्षणों पर बात करें तो इसके लक्षण अपने आप मे साफ दिखते हैं।

‌‌‌वैसे तो आपको कपूत के लक्षण बताने की आवश्यकता नहीं है ।क्योंकि कपूत अपने आप ही सबको नजर आ जाते हैं। कपूत वह होता है जो अपनी बीवी के वश मे होकर अपने माता पिता की सेवा करना बंद कर देता है। उनको बेचारों को अकेला रहना पड़ता है।

‌‌‌हमारे यहां पर एक इंसान है जिसके माता पिता है माता पिता को छोड़कर वह अपनी बीवी के साथ अलग रहने लगा है। मां बीमार है तो वह कुछ कर नहीं सकती है। उसके भाई हैं जोकि माता पिता को रोटी बनाकर देते हैं। आप समझ सकते हैं कि उनकी कैसी हालत होगी ।

‌‌‌एक कपूत बच्चा कभी भी अपने माता पिता का नाम उंचा नहीं करता है वरन वह अपने माता पिता का नाम बदनाम ही करता है। वह ऐसे ऐसे काम करता है जिससे कि उसके माता पिता का नाम बदनाम ही होता है।

‌‌‌जैसे कि यदि कोई बच्चा चोरी करना सीख जाता है तो वह धीरे धीरे एक बड़ा चोर बन जाता है और उसके बाद एक दिन बड़ी चोरी के अंदर पकड़ा जाता है तो फिर सब लोगों को यह पता चल जाता है कि  कौन लड़का है जोकि चोरी करते हुए पकड़ा गया ।

‌‌‌कपूत यही सब काम करता है ।किसी को मारना या कमजोरों को लूट लेना यह सब कपूतों के ही लक्षण होते हैं। हाल ही मैं यह न्यूज मे आया कि एक व्यक्ति के घर के पास कुछ लोग गाली गलोच कर रहे थे तो वह व्यक्ति घर से बाहर आया और उसने उन लोगों को वहां से भगा दिया । फिर क्या था वे उस दिन तो चले गए लेकिन ‌‌‌उसके बाद वे फिर वापस आए और उस वक्त वे रात को आए थे । अपने साथ एक देशी बम लेकर आये और तेज धमाका किया और चले गए । यह सब उसे डराने के लिए था।

‌‌‌दोस्तों इस घटना से वह इंसान काफी डर गया और उसका पूरा परिवार डर गया ।उसके बाद क्या था । पुलिस कम्पलेंट हुई और कुछ भी नहीं हुआ । आमतौर पर बुरे लोग हर जगह होते हैं।

‌‌‌और हम लोग भी सुखी जीवन से इतने अधिक चिपक चुके हैं कि शरीर को छोड़कर कहीं पर जाना ही नहीं चाहते हैं।लेकिन क्या करें एक ना एक दिन शरीर छोड़कर हमे जाना होगा । हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं। ‌‌‌दोस्तों कपूत का मतलब वह होता है जो इंसान गलत रस्ते को अपना लेता है ।उसके लिए कपूत शब्द का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌वैसे इस धरती पर अधिकतर लोग कपूत ही होते हैं। और उन कपूतों मे मैं भी हो सकता हूं । खैर हमे सुधरने का प्रयास करना चाहिए ।

‌‌‌सपूत का अर्थ और मतलब

दोस्तों बात करे सपूत की तो सपूत के बारे मे वैसे तो आप जानते ही हैं लेकिन इसका मतलब एक अच्छा पुत्र होता है। वह पुत्र जो अच्छे गुणों वाला होता है वह अच्छे पुत्र के अंदर आता है।‌‌‌अब यदि हम रियलटी की बात करें तो अब अच्छे पुत्र सिर्फ पैदा ही होते हैं। यहां आकर अच्छे पुत्र बनना काफी कठिन है। क्योंकि शिक्षा ही ऐसी हो चुकी है कि उसके अंदर यह तो बताया जाता है कि पैसा कैसे कमाना है लेकिन यह नहीं बताया जाता है कि किसी के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए ।

‌‌‌जब आप बच्चे को सही ज्ञान हीं नहीं करवा पाओगे तो फिर आप उसे अच्छा बेटा नहीं बना सकते हैं या सपूत नहीं बना सकते हैं।

‌‌‌और माता पिता भी आजकल इतने अधिक बिजी हो चुके हैं कि उनको फुर्सत ही नहीं मिलती है अपने बेटे या बेटी को कुछ सीखाने के लिए ।

‌‌‌ऐसी स्थिति मे छोटे बच्चे अपने आस पास के दूसरे बच्चों से ही सीखेंगे । और यदि दूसरे बच्चे कुछ गलत सीख रहे हैं तो फिर वे भी गलत ही पैदा करेंगे । एक दिन न्यूज मे आया था कि बेटे ने मां को इसलिए मार दिया क्योंकि मां ने पैसा नहीं दिया था ।

‌‌‌इसी तरीके से यदि आप इस धरती पर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि सपूत काफी कम ही होते हैं लेकिन उसकी तुलना मे कपूत अधिक होते हैं। खैर पहले की शिक्षा पदति के अंदर आपको यह भी सिखाया जाता था कि आपको किसी इंसान के साथ कैसे व्यवहार करना है।

‌‌‌लेकिन अब अंग्रेजी शिक्षा लागू हो चुकी है।और यहां के महान नेताओं के बारे मे तो जानते ही हैं पूरे देश को बेच दिया है इन्होंने तो वे लोगों का क्या भला करेंगे। नेताओं को अपने मां बाप की चिंता नहीं है तो देश की चिंता कैसे हो सकती है।

‌‌‌एक सपूत के संबंध मे एक कहावत प्रचलित है कि सपूत के पग पालने ही दिखने लग जाते हैं। मतलब यह है कि जो बच्चा सपूत होता है उसके अंदर इसके गुण जब वह छोटा होता है उसी  से ही नजर आने लग जाते हैं।

‌‌‌ऐसा नहीं है कि इंसान बड़ा होने पर सुधार नहीं कर सकता है।असल मे इंसान के बड़ा होने पर भी वह अपने अंदर सुधार कर सकता है और अपने बुरे गुणो को छोड़ सकता है और अपने अच्छे गुणों को ग्रहण कर सकता है।

‌‌‌बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो अपने जन्म काल मे अच्छे नहीं रह पाते हैं लेकिन बाद मे वे अच्छे गुणों को अपना लेते हैं और खुद को पूरी तरह से बदल लेते हैं। लेकिन इस तरह से बदलने की क्षमता केवल कुछ ही लोगों के अंदर होती है।‌‌‌अधिकतर लोग तो अपनी पूरी जिदंगी बस एक जैसे ही होते हैं और पूरी जिदंगी वैसे ही बने रहते हैं। हालांकि वे खुद कभी भी बदलने का प्रयास नहीं करते हैं।

‌‌‌हालांकि वे इस तरह के इंसान होते हैं कि दूसरों को दोष देते रहते हैं लेकिन खुद कभी भी बदलते ही नहीं है। आपने भी इस तरह के महान इंसान कभी ना कभी तो देखे ही होंगे ।

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