भाग्य का विलोम शब्द Bhagy ka vilom shabd kya hai ?
भाग्य का विलोम शब्द या भाग्य का विलोम , भाग्य का उल्टा क्या होता है ? Bhagy ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
भाग्य | दुर्भाग्य |
Bhagy | Durbhagy |
भाग्य का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों भाग्य का विलोम शब्द होता है। दुर्भाग्य ।भाग्य के यदि हम मतलब की बात करें तो जो लोग अपने पूर्व जन्म को जानते हैं वे अपने भाग्य को भी जानते हैं। और जो लोग इसको नहीं जानते हैं वे बस इसके उपर विश्वास करते हैं। भाग्य का मतलब होता है पहले से निश्चित कुछ स्थितियां जो आपने अपने पूर्व जन्म मे निर्धारित की हैं ।खैर कुछ शब्दों के अंदर भाग्य की परिभाषा देना कोई आसान कार्य नहीं है। फिर भी आप भाग्य को भली भांति जानते ही हैं । अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ काम ऐसे होते हैं जिनको करने के लिए हम जी जान लगा देते हैं।उसके बाद भी वह काम पूरा नहीं होता है। इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि वैसा होना आपके भाग्य मे नहीं है। ऐसा नहीं है कि भाग्य को बदला नहीं जा सकता है लेकिन यह बहुत ही कठिन कार्य होता है।
आपने देखा होगा कि लाखों लोग आईएएस की नौकरी के लिए तैयारी करते हैं लेकिन भाग्य केवल कुछ ही लोगों का साध देता है। और ऐसी स्थिति के अंदर बाकि इस नौकरी को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। लेकिन सही मायेने मे बस कुछ लोग ही इस नौकरी के काबिल होते हैं बाकी तो देखा देखी के अंदर की यह सब करने लग जाते हैं।
इससे पिछले जन्म मे जिन कामों के अंदर आपकी रूचि थी । इस जन्म मे भी आपका झुकाव उन कामों की तरफ ही होगा । और यदि आप गहराई से काम करें तो इसको बदल सकते हैं लेकिन अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं।
क्योंकि अपने मन के खिलाफ जाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है।जैसे कि पिछले जन्म मे आपकी रूचि लिखने मे थी तो इस जन्म मे भी आप यही चीज अधिक पसंद करेंगे और इस काम मे आपका भाग्य जो पूर्व जन्म के संस्कार भी हैं साथ देगा । लेकिन यदि दूसरे काम को आप करेंगे जिनके बारे मे आप कुछ भी नहीं जानते हैं तो फिर आपका भाग्य इस मामले मे कोई भी आपका साथ नहीं देगा । यही बहुत से लोगों के साथ हो रहा है। यह कोई चमत्कार नहीं है। वरन विज्ञान ही है।
अक्सर जब लोगों के साथ अच्छा घटित होता है तो वे कहते हैं कि उनका साथ भाग्य दे रहा है लेकिन यदि उनके साथ बुरा घटित होता है तो उनको यह लगता है कि उनका साथ भाग्य नहीं दे रहा है। लेकिन हर काम के अंदर भाग्य का रोल नहीं होता है। यदि आप खुद गलती कर रहे हैं।और आप जानते हुए भी उस गलती को नहीं सुधारना चाहें तो भाग्य कुछ नहीं कर सकता है।बहुत से लोगों के साथ यही समस्या होती है। वे कुछ बदलाव करना नहीं चाहते हैं। जबकि चीजें उनके बसमे होती हैं। वे बस दूसरों को देखकर रोते हैं कि वह देखों कितना सक्सेस हो चुका है। लेकिन ऐसा करने से कोई भी फायदा नहीं होता है।उल्टा इस प्रकार की सोच रखकर वे अपना ही समय बरबाद करते हैं।
दुर्भाग्य का अर्थ और मतलब
दोस्तों दुर्भाग्य के बारे मे कौन नहीं जानता है।क्योंकि दुर्भाग्य सबको परेशान करता है। दुर्भाग्य ही वह चीज है जिससे कि हम सब परेशान रहते हैं। यदि दुर्भाग्य किसी के पास नहीं होता है तो अवश्य की उसके पास सौभाग्य होता है।अब यदि बात करें कि दुर्भाग्य कहते किसे हैं तो दुर्भाग्य का मतलब है आपके साथ बुरा होते चलना । यदि आपके साथ निरंतर बुरा हो रहा है तो वह दुर्भाग्य की वजह से ही हो रहा है। आइए दुर्भाग्य को एक उदाहरण से समझते हैं। एक घर मे सभी लोग नौकरी करते हैं। वहां पर सबसे पहले प्रकाश नामक एक व्यक्ति पैर टूट जाता है।कुछ समय बाद उसके बाप का भी पैर टूट जाता है। और इसी प्रकार से कुछ समय बाद ही प्रकाश का वही पैर फिर टूट जाता है। उसके बाद प्रकाश के दादा का पैर भी टूट जाता है। इस प्रकार से उनके साथ हादसे लगातार होते रहते हैं।
यदि आपके साथ भी कुछ इसी प्रकार के हादसे होते हैं तो उसे दुर्भाग्य ही कहेंगे । लेकिन हर इंसान के लिए दुर्भाग्य की परिभाषा अलग अलग होती है।जैसे जब हम पहले किसी कम्पनी मे काम करते थे तो कम्पनी वालों ने हमको बाहर निकाल दिया । मेरे लिए यह एक अच्छी चीज थी ।लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बुरी घटना थी।इस प्रकार से आप यह तय नहीं कर सकते हैं कि कौनसी घटना जिसे आप दुर्भाग्य समझ रहे हैं वह आगे चलकर सौभाग्य भी हो सकती है। खैर
दुर्भाग्य को हम सभी लोग बुरा ही मानते हैं।और बुरा इसलिए क्योंकि इसकी वजह से हम परेशानी मे पड़ते हैं। लेकिन दुर्भाग्य ना आए ऐसा नहीं हो सकता है। आप कितनी भी कोशिश करलें आप दुर्भाग्य को आने से नहीं रोक सकते हैं। आपके जीवन का हिस्सा है दुर्भाग्य । जिस प्रकार से मौत का आना तय होता है आप चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं। उसी प्रकार से दुर्भाग्य भी होता है।आप उसमे भी चाह कर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। यदि हाथ पांव मारते हैं तो उससे कुछ नहीं हो सकता है। हां आप ऐसा करके उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसमे कोई शक नहीं है।
दुर्भाग्य को झेलने के भी अपने अपने फंडे हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दुर्भाग्य मे भी सौभाग्य की तरह जीते हैं । और उनको कोई खास फर्क नहीं पड़ता है कि वे दुर्भाग्य मे जी रहे हैं तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दुर्भाग्य को रोते हुए झेलते हैं।
अब आप किस कैटेगरी मे आते हैं यह तो आप ही जानते हैं। लेकिन दुर्भाग्य आज भी आपका पीछा कर रहा है। वह कभी भी आपका साथ नहीं छोड़ने वाला है। आप चाहकर भी कुछ कर नहीं सकते हैं। इसलिए दुर्भाग्य से लड़ना आपको सिखना होगा । यदि आप दुर्भाग्य से लड़ते हैं तो फिर आपके लिए इससे बेहतर विकल्प आपके पास नहीं है। यदि आप उससे लड़कर जीत जाते हैं तो फिर कहना ही क्या यह सबसे अच्छी बात होगी ।
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