विजय का विलोम शब्द vijay ka vilom shabd

‌‌‌विजय का विलोम शब्द बताएं, ‌‌‌विजय शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, ‌‌‌विजय का उल्टा , vijay ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
‌‌‌विजय‌‌‌पराजय  
vijayParajay
victory     Defeat    

‌‌‌विजय का विलोम शब्द और अर्थ

विजय या सक्सेस के बारे मे आपने सुना होगा । अक्सर जब हम एक विजेता होते हैं तभी तो सक्सेस होते हैं। किसी कार्य की पूर्णता ही तो आपको विजेता बनाती है। जीवन के अंदर हर कोई विजेता बनना चाहता है लेकिन विजेता बनना उतना आसान कार्य नहीं है। ‌‌‌हर इंसान विजेता बनने के लिए प्रयास करता है लेकिन वह विजेता बन नहीं पाता है। इसके पीछे बहुत से कारण होते हैं। विजय एक काफी गहरा शब्द है। और हर इंसान के लिए विजय अलग अलग हो सकती है। जैसे आप अपने बिजनेस को उपर उठाना चाहते हैं और यदि आप इसके अंदर सफल होते हैं तो फिर यह आपके लिए विजय होगी।

‌‌‌विजय का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌इसी प्रकार से यदि कोई सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा है और उसके बाद वह उसके अंदर सफल हो जाता है। या सरकारी नौकरी लग जाता है तो उसके लिए वह विजय होगी । एक सैनिक के लिए विजय दुश्मन सेना को मार देने मे होती है तो एक डॉक्टर के लिए विजय अपने मरीज को बचाने मे भी होती है।

‌‌‌इस प्रकार से आप समझ सकते हैं कि विजय अलग अलग प्रकार की होती है।लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि विजेता बनने के लिए कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसे ही कोई विजेता नहीं बन पाता है। विजेता बनने के लिए आपको मेहनत करनी होगी ।

‌‌‌वैसे बहुत से लोगों के साथ समस्या यह है कि वे विजेता को तो देखते हैं लेकिन उसके पीछे उसने जो मेहनत की है उसके बारे मे वे कुछ भी नहीं देख सकते हैं। यही वजह है कि लोग सक्सेस पर अधिक फोक्स करते हैं लेकिन सक्सेस होने के लिए जो मेहनत लगती है उसपर बहुत ही कम फोक्स करते हैं और यही वजह है कि ‌‌‌ वे सफल नहीं हो पाते हैं। या एक विजेता बनने मे वे सक्षम नहीं हो पाते हैं।

‌‌‌यदि आप एक विजेता बनना चाहते हैं तो फिर आपको सक्सेस होना ही होगा ।बिना सक्सेस के कुछ नहीं हो सकता है। खैर इसके लिए आपको बहुत से कार्य करने होंगे । सबसे पहले तो आपको अपने नियमों को तय करना होगा और फिर उन नियमों के हिसाब से मेहनत करनी होगी । ‌‌‌यदि आप सही तरीके से मेहनत करने मे सफल हो जाते हैं तो फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि बहुत से लोग इसलिए एक विजेता नहीं बन पाते हैं क्योंकि वे कल्पना के अंदर जीते हैं।

‌‌‌पराजय का अर्थ

पराजय का अर्थ हार जाना है।जैसे आप किसी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और आपको वह नौकरी नहीं मिली आपने तैयार करना ही बंद कर दिया । इसका मतलब यह है कि आप पराजित हो चुके हैं या आप हार चुके हैं। ‌‌‌पराजय वैसे एक बुरा शब्द होता है।जिसको कोई भी सुनना नहीं चाहता है वह सत्य को स्वीकार नहीं करना चहता है । लेकिन पराजय का भी अपना महत्व होता है।

 यदि आप पराजित होते हैं तो भी आप सीख सकते हैं। हालांकि जो लोग पराजय से भी सीख लेते हैं। जीवन के अंदर वे कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देख ते हैं। क्योंकि ‌‌‌सफलता एक ना एक दिन उनके कदम चूमती है । और पराजय तब नहीं होती है आप असफल होते हैं। पराजित आप तब होते हैं जब आप प्रयास करना छोड़ देते हैं।

‌‌‌एक विजेता  की कहानी

प्राचीन काल की बात है।एक त्रिपुरोहा नामक गांव था। वह गांव पहाड़ों के नीचे बसा हुआ था। इस गांव के अंदर एक छत्रपाल नामक मछुआरा रहता था। वह काफी मेहनती था। और रोजाना सुबह जल्दी उठता और समुद्र जाकर मछली पकड़ कर गांव के अंदर बेचता था। जो कुछ पैसा बंटता वह उससे अपना घर चलाता था।

‌‌‌एक दिन वह जब समुद्र के पास गया तो उसने देखा कि समुद्र के पानी के अंदर हलचल हो रही है। वह बाढ़ के बारे मे पहले ही जानता था। उसने सुना था कि उसके पैदा होने से पहले गांव के अंदर बहुत भयंकर बाढ़ आई थी।

‌‌‌वह सब समझकर तेजी से अपनी नाव को उपर की तरफ बांध दिया और गांव की तरफ भागा ।वह चिल्ला रहा था कि जल्दी से जल्दी उपर की तरफ चलो बाढ़ आने वाली है और बाढ़ आने मे अभी 1 घंटा लगेगा । हालांकि उसकी बात का कौन यकीन करने वाला था लेकिन उसने अपनी पत्नी को लिया और खाने पीने के सामान को लेकर ‌‌‌एक पहाड़ पर तंबू गाड़ दिया ।मछुआरे की इस प्रकार की हरकत देखकर लोग उसे पागल समझने लगे । लगभग 3 घंटे बाद समुद्र ने भयंकर उग्र रूप धारण करलिया और पानी तेजी से गांव के अंदर आने लगा । सब तरह से लोग चिल्लाने लगे ।

‌‌‌अधिकतर लोग तो पानी के अंदर डूब गए और कुछ किसी तरह से जान बचाकर पहाड़ों पर आ गए ।छत्रपाल ने देखा कि वह कई लोगों को आसानी से बचा सकता है तो उसने एक रस्सी को एक पहाड़ के पेड़ पर बांधा और फिर अपनी कमर पर अच्छी तरह से बांध कर पानी मे कूद गया । ‌‌‌जिन लोगों को तैरना नहीं आ रहा था उन लोगों को पकड़ कर तैरते हुए पानी से बाहर लेकर आ रहा था। इस प्रकार से उसने बहुत से लोगों की जान बचाई । और मछुआरे की इस प्रकार की हरकत देखकर सब लोग हैरान रह गए । 

‌‌‌जो लोग खुद को सक्सेस समझ रहे थे उनका भी खुद का सब कुछ बरबाद हो चुका था।वे लोग मछुआरे के पास आए और बोले ……सचमुच तुम एक विजेता हो । तुम्हारे समान कोई दूसरा नहीं है। क्योंकि तुमने हमारी मदद की । आज तुम यदि मदद नहीं करते तो हम मर ही जाते । और जब तुम धन के लिए हमारे पास आते थे तो हम तुमको ‌‌‌भगा देते थे । आज हमे पछतावा हो रहा है।

…….तुम लोगों को पछतावा करने की जरूरत नहीं है।मैं जो तुम्हारे लिए कर सकता था मैंने किया । एक इंसान होने के नाते यह मेरा फर्ज था। भले ही तुम लोगों ने मुझे पैसे के लिए मना किया जो तुम कर सकते थे । ‌‌‌लेकिन यह अन्याय नहीं था। भले ही मैं एक मामूली सा मछुआरा हूं । मेरे पास धन नहीं है। लेकिन मैं दिल से गरीब नहीं हूं ।जो मेरे पास है मैं देने मे संकोच नहीं करता लेकिन जो नहीं है उसे देना मेरे बस मे नहीं है।

‌‌‌………..सही मायने मे तुम एक विजेता हो। क्योंकि आज तुमने एक इंसान होने का फर्ज अदा किया है । अभी भी तुमको लगता है कि तुमने कोई महान कार्य नहीं किया है बस यह तो तुम्हारा फर्ज था। सच मायने मे तुम्हारी महानता है। ‌‌‌ यह कहकर गांव के लोगों ने उसको प्रणाम किया ।

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