aciloc 150 uses in hindi aciloc 150 uses in hindi kis kam aati ha I का प्रयोग एसिडिटी, पेट में अल्सर, सीने में जलन के अंदर किया जाता है।इसके अलावा भी इसके कई सारे उपयोग हैं जिनके बारे मे हम आपको आगे बताने वाले हैं। यदि हम इस दवा की खुराक की बात करें तो यह कई चीजों के उपर निर्भर करती है जैसे कि लिंग आयु आदि पर । इस दवा को डॉक्टर की अनुमति पर ही लेना चाहिए । यदि इस दवा को आप डॉक्टर की अनुमति पर नहीं लेते हैं बस अपनी ही मर्जी के हिसाब से लेते हैं तो फिर यह काफी समस्या पैदा कर सकता है।इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं हालांकि यह सभी काफी लंबे समय तक नहीं बने रहते हैं लेकिन यदि किसी को दवाओं के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने रहते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका आपको पालन करना भी जरूरी होता है। इसके बारे मे आप अच्छी तरह से समझ ही गए होंगे ।
दोस्तों एसीडिटी आजकल एक बहुत ही आम समस्या बनकर उभर रही है। यदि आप इस दवा का सेवन करते हैं तो आपको एसीडिटी से राहत मिलती है। खैर आजकल हर इंसान को पैट गैस की समस्या होती है। और इसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। यदि लंबे समय तक पेट मे गैस बनी रहती है तो इससे शरीर के हर हिस्से के अंदर दर्द होने लग जाता है और उसके बाद आपको पता ही है कि जीवन कितना कठिन हो जाता है। पेट गैस की जो समस्या होती है। उसका उपचार जीवन शैली को बदल कर किया जा सकता है। हालांकि यह दवाओं से पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है
बस दवा से आपको एक बार आराम मिलता है। जैसे ही आप दवा लेना बंद करते हैं आपको यह समस्या फिर से होने लग जाती है। इस तरह से पेट गैस एक भयंकर समस्या होती है जोकि अन्य समस्यओं को जन्म दे सकती है।
एसिडिटी के लक्षणों के बारे मे भी आपको पता होना चाहिए जिससे कि आपको यह पता चल सके कि आपको यह समस्या हुई है। और आप इसका बहुत ही आसानी से ईलाज करवा सकते हैं।
यदि यह सभी समस्याएं आपको हैं या फिर कुछ लक्षण हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए आपका डॉक्टर आपको इसके बारे मे बता सकता है तो आपके लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता है।
पेट में जलन (एसिडिटी) के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से पेट मे एसिडिटी हो सकती है ।
यदि आपको भी पेट के अंदर गैस अधिक बनती है और पेट अधिक फुला फुला सा लगता है तो फिर आपको खान पान पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। आपको ऐसे खाने पीने की चीजों को नहीं खाना चाहिए जोकि ऐसिडीटी पैदा करने का काम करते हैं।
पेप्टिक अल्सर को हम गैस्ट्रिक अल्सर के नाम से भी जानते हैं यह हमारे पेट के अंदर आंतों मे संक्रमित घाव होता है।यह भोजन नली और छोटी आंत के अंदर विकसित हो सकते हैं।इस दौरान पेट के अंदर दर्द हो सकता है। यह छोटी आंत से लेकर छाती तक दर्द कर सकती हैं।
यदि पेट के अल्सर का समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह हमारे पेट के अंदर गम्भीर समस्यओं को जन्म दे सकता है। इसलिए यदि किसी को पेट की अल्सर का पता चलता है तो उसके बाद उसे समय पर ईलाज करवाया जाना चाहिए । यह जरूरी हो जाता है।
यदि हम पेट के अल्सर के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इन लक्षणों की मदद से हम पेट के अल्सर का पता बहुत ही आसानी से लगा सकते हैं।
अल्सर की वजह से पेट के अंदर रक्तस़्त्राव हो सकता है। और यह खून कभी कम हो सकता है तो कभी अधिक हो सकता है।उल्टी के साथ ख़ून का बहार आना या कॉफ़ी कि तरह का काला पदार्थ बाहर आना और यदि मल के साथ खून आ रहा है या फिर चिपचिपा पदार्थ बाहर आ रहा है तो आपको अस्पताल के अंदर जाने मे देर नहीं करनी चाहिए ।
अल्सर पेट मे किस वजह से होता है इसके बारे मे पता नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि पेट के अंदर जो पाचक पदार्थ मौजूद होते हैं उनके अंदर किसी तरह का असंतुलन होने की वजह से अल्सर हो जाता है।बैकटीरिया संक्रमण की वजह से भी अल्सर होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।
मासालेदार भोजन। आदि की वजह से भी अल्सर हो सकता है। इसके अलावा कुछ दवाएं भी इस प्रकार की होती है कि उनकी वजह से अल्सर हो सकता है। जो भी दवा ले रहे हैं। उसके बारे मे अपने डॉक्टर से बात करें ।
सीने में जलन भी एक प्रकार की आम समस्या होती है। जिसको हर्टबर्न के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि सीने मे जो जलन होती है उसका रिश्ता दिल की बीमारी से नहीं होता है। यह एक आम समस्या होती है जोकि कई लोगों के अंदर देखने को मिलती है।
सीने मे जो जलन होती है उसका कारण पेट मे ऐसिड गले के अंदर आने की वजह से भी होती है तो इसका भी समय पर ईलाज करवाने की जरूरत है ताकि सब कुछ ठीक हो जाए ।
इसकी वजह से मुंह के अंदर कड़वा स्वाद भी लग सकता है और हमेशा मुंह का स्वाद काफी खराब बना रहता है तो इस तरह से यह काफी समस्याएं पैदा करती है।
सीने में जलन के लक्षण की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जोकि आपके लिए काफी हानिकारक होते हैं तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे जिससे कि आप आसानी से पता लगा सकते हैं।
इसकी वजह से छाती के अंदर जलन जैसा दर्द होता है जोकि आमतौर पर खाना खाने की वजह से काफी अधिक बढ़ जाता है।
इसके अलावा पेट के अंदर यदि अम्ल की मात्रा अधिक हो जाती हैं तो इसकी वजह से भी सीने के अंदर जलन होने लग जाती है।
आमतौर पर यह जो समस्या होती है वह लेटने और झुकने की वजह से काफी अधिक बढ़ जाती है।
गले के निचले हिस्से में खट्टा स्वाद भी महसूस हो सकता है।
इसकी वजह से खांसी हो सकती है या फिर गला बैठने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
अम्ल का लंबे समय तक प्रतिवाह होना काफी गंभीर हो सकता है, यह दातों के उपर की परत को हटा देता जिससे कि दांतों के अंदर सड़न की समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है।
सीने में जलन के कारण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे कारण होते हैं। आमतौर पर जब हम भोजन करते हैं तो भोजन 10 इंच लंबी नली के अंदर से गुजरता है। और इस दौरान यह कई सारे छिद्रों से होकर गुजरता है। आमतौर पर भोजन करने के बाद यह छिद्र अपने आप ही बंद हो जाते हैं। लेकिन कई बार यह ठीक से बंद नहीं हो पाते हैं जिसकी वजह से भोजन वापस नली के अंदर आ जाता है और इसकी वजह से जलन पैदा होती है। आप समझ सकते हैं।
इसके अलावा गर्भवति जो महिलाएं होती हैं उनके अंदर इस तरह की समस्या सबसे आम होती है। प्रोजेस्टेरोन हार्मोन इसोफेगस के निचले छेद द्वार को शिथिल बना देता है। जिसकी वजह से भोजन नली के अंदर आ जाता है जिसकी वजह से यह समस्या देखने को मिलती है। इसकी वजह से सीने मे जलन आमतौर पर खाना खाने के बाद या फिर बैठने और लेटने के बाद काफी अधिक बढ़ जाती है।इसके अलावा कुछ और भी चीजें होती हैं जोकि सीने के अंदर मौजूद जलन को और अधिक बदतर बनाने का काम करती हैं आप समझ सकते हैं।
हर्निया के कारण भी पेट के अंदर जलन हो सकती है। इसके अंदर डायफ्राम का एक हिस्सा छाती के अंदर हिस्से मे फंस जाता है जो जलन का कारण बनता है तो इस तरह की जलन यदि किसी को है तो उसे भी समय पर ईलाज करवाना चाहिए । वरना समस्या बदतर हो सकती है।
अब यदि हम सीने के अंदर जलन के बचाव के बारे मे बात करें तो कई तरीके अपना सकते हैं जोकि सीने के अंदर जलन के बचाव को कम करने मे काफी अधिक मदद कर सकते हैं। तो आइए सीने के अंदर जलन के बचाव मे हम क्या कर सकते हैं इसके बारे मे भी जानने का प्रयास करते हैं।
यदि किसी के सीने के अंदर जलन हो रही है तो डॉक्टर को दिखाएं डॉक्टर आपको इस तरह की कई दवाएं दे सकता है जोकि सीने मे जलन को कम करने मे काफी मदद कर सकती है।
यदि सीने के अंदर जलन की समस्या है तो अदरक वाली चाय का सेवन कर सकते हैं जोकि आपकी सीने के अंदर जलन को कम करने मे काफी मददगार हो सकता है। यदि आप शराब और तंबाखू का सेवन करते हैं तो सीने के अंदर होने वाली जलन काफी समस्या पैदा कर सकती है तो आपको शराब और तंबाखू का सेवन नहीं करना चाहिए ।
गर्ड एक प्रकार की समस्या होती है। जिसके अंदर होता यह है कि पेट के अंदर बनने वाला ऐसिड आपकी भोजन नली के अंदर वापस आ जाता है और इसकी वजह से आपके गले के अंदर जलन हो सकती है। इसका भी समय पर उपचार करना जरूरी होता है। वरना यह काफी समस्या पैदा कर सकता है।
एसिड भाटा और सीने में जलन दोनों ही आम पाचन दोनों एक ही प्रकार के रोग होते हैं यदि आपको यह समस्या कभी कभी हो रही है तो अपने डॉक्टर को दिखाए और उसके बाद आपका डॉक्टर आपकी भोजन नली का निरिक्षण करने का काम करता है। इसका भी समय पर उपचार करवाना जरूरी होता है। वरना भोजन की नली के अंदर घाव बन सकता है जोकि काफी बड़ी समस्या का कारण बनता है।
इस समस्या का उपचार दवाओं से भी किया जा सकता है। लेकिन इसका स्थाई उपचार तभी होता है जब आप अपनी जीवन शैली के अंदर बदलाव करते हैं। क्योंकि वरना यह समस्या आपको फिर से हो सकती है।
यदि आपको लगातार काफी समय से सीने के अंदर जलन हो रही है तो उसके बाद आपको इसे नजर अंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से मिलना चाहिए । डॉक्टर आपको कुछ दवाए दे सकते हैं जिससे कि यह समस्या आसानी से ठीक हो जाएगी ।
गर्ड (जीईआरडी) के बचाव के अंदर आप कुछ चीजें कर सकते हैं जिसकी वजह से आपको यह समस्या काफी कम परेशान करेगी । तो आइए इसके बचाव के लिए कुछ टिप्स हम आपको बताने वाले हैं।
जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम एक प्रकार का दुर्लभ सिंड्रोम है जिसके अंदर आपको छोटी आंत के उपर टयूमर हो जाता है।जिसकी वजह से पेट के अंदर बहुत अधिक ऐसिड बनने लग जाते हैं जिसकी वजह से पेट के अंदर काफी अधिक छाले हो जाते हैं और दस्त होने लग जाता यह जो सिंड्रोम होता है वह किसी भी उम्र मे हो सकता है।और यदि हम इसके लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिसकी मदद से इसका बहुत ही आसानी से पता लगाया जा सकता है।
खाने की नली में दर्द, कुपोषण, मतली, उल्टी में खून आना और सांस लेते समय आवाज आना और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
इस सिंड्रोम का उपचार बस एक मात्र सर्जरी ही होती है। और इसके लिए डॉक्टर इसके अंदर निपुण होना चाहिए क्योंकि बिना अनुभव के इन टयुमर का पता नहीं लगाया जा सकता है। आमतौर पर डॉक्टर एक बड़े टयुमर को निकाल ने की सलाह दे सकते हैं। बाकि दवाओं की मदद से कम करने का प्रयास करते हैं।
हर्निया एक प्रकार की समस्या होती है। जिसके अंदर का अंग उभरकर बाहर आने लग जाता है तो उसे हर्निया के नाम से जाना जाता है।पेट के किसी कमजोर जंग पर यह छेद करने के बाद बाहर आने लग जाता है।हर्निया आमतौर पर पेट के अंदर हो सकता है लेकिन यह कमर के आस पास भी देखा गया है।
कई बार हर्निया की वजह से पेट की अंदरूनी सप्लाई रूक जाती है जिसकी वजह से यह समस्या काफी गम्भीर हो जाती है और जल्दी से डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है।यदि हम हर्निया के लक्षण की बात करें तो इसके अंदर कई सारे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर इसका पता लगाना कोई इतना आसान काम नहीं होता है। फिर भी यह एक तरह से गांठ जैसी होती है जोकि खांसने या झुकने पर आपको दिखाई दे सकती है।और जो गांठ होती है उसके आस पास आपको दर्द भी महसूस हो सकता है। तो इसका ईलाज करवाना काफी जरूरी हो जाता है।
इसके अलावा निगलने मे कठिनाई और सीने के अंदर दर्द की समस्या भी देखने को मिल सकती है।इसके अलावा कई बार इसके कोई भी लक्षण प्रकट नहीं होते हैं और आपको यह पता भी नहीं चल पाता है कि आपको हर्निया है। यह लक्षण बाद मे प्रकट होते हैं।
हर्निया जो होता है वह कुछ लोगों के अंदर जन्मजात भी हो सकता है। आमतौर पर पेट की गुहा पर दबाव बढ़ने की वजह से यह हो सकता है। और पेट के कमजोर हिस्से से यह बाहर निकल सकता है।इसके अलावा कई बार पेट के किसी हिस्से पर अधिक दबाव बढ़ने की वजह से भी हर्निया होने की समस्या काफी अधिक हो सकती है।
वैसे तो किसी भी तरह के हर्निया से बचाव करना काफी कठिन होता है। लेकिन यदि आप कुछ सावधानियां बरतते हैं तो इसकी वजह से पेट पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकता है जिसकी वजह से हर्निया होने की संभावना को काफी कम किया जा सकता है।
यदि किसी को मुंह की बदबू है तो उसके अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है।आमतौर पर यदि मुंह के अंदर बदबू काफी लंबे समय तक चलती है तो इसे सांसों की बदबू आना कहा जाता है। वैसे यह एक तरह से शर्मनाक भी हो सकती है। जैसे कि आप किसी के यहां पर बैठे हैं और आपके पास के लोगों तक यह बदबू जाती है तो उसके बाद आपको शर्मिंदा होना पड़ सकता है।
यह एक तरह से सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है और इसकी वजह से मनोवैज्ञानिक छवि काफी खराब हो सकती है। यह पुरूष और महिलओं दोनों के अंदर ही समस्या हो सकती है।
आजकल कई लोगों के अंदर मुंह के अंदर बदबू आने की समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।
आइए अब जानते हैं कि मुंह के अंदर जो बदबू होती है उसके क्या क्या लक्षण होते हैं तो इसके बारे मे भी आपको पता होना जरूरी होता है।
इसके साथ ही दांत गिर सकते हैं और मसूड़ों के अंदर खून आ सकता है।
यदि आपको इन लक्षणों के अंदर कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं तो फिर डॉक्टर के पास जाना चाहिए । और इनको छुपाना नहीं चाहिए । यदि आप छुपाते हैं तो फिर यह समस्या कम होने की बजाय अधिक बढ़ सकती है जोकि बात मे घातक रूप भी ले सकती है।
यदि हम मुंह के अंदर बदबू आने के कारणों की बात करें तो मुंह के अंदर कई सारे बैक्टिरिया होते हैं जोकि मुंह की बदबू का कारण बनते हैं। आमतौर पर मुंह के अंदर सही तरीके से साफ सफाई नहीं होने की वजह से भी बदबू आती है।इसलिए समय समय पर मुंह की साफ सफाई करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
आमतौर पर खाना खाने के बाद भोजन मसूड़ों और जीभ पर चिपक जाता है जिसकी वजह से मुंह मे बदूब आ सकती है। इसके अलावा जीभ पर प्लाक बन जाता है जिसकी वजह से दांतों के अंदर छेद होने की समस्या होती है।
यदि मसूड़ों के अंदर सूजन की समस्या होती है तो यह मुंह की दुर्गंध को बढ़ा सकती है।इसलिए मसूड़ों की सूजन का ईलाज करवाना जरूरी हो जाता है।
यदि आप मुंह की दुर्गंध को कम करना चाहते हैं तो फिर आपको चाहिए कि मुंह की सफाई समय समय पर करना चाहिए । जिससे यह समस्या कम हो जाती है।
यदि मुंह के अंदर कैंसर या फिर छालों से भी दुर्गंध आ सकती है। यदि समय पर इसका ईलाज नहीं करवाया होता है तों ।
दांतों के अंदर खाना फंसने की वजह से दुर्गंध आ सकती है।
इसके अलावा रात के अंदर कृत्रिम दांत पहनने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। ठीक से सफाई नहीं होने की वजह से ।
डायबिटीज
जिगर की बीमारी
गुर्दे की बीमारी
फेफड़ों की बीमारी
साइनसाइटिस
और नाक की समस्याओं की वजह से भी यह हो सकता है।
लहसुन, प्याज और मसालेदार भोजन मुंह के अंदर आने वाली बदबू का कारण बनते हैं।
धूम्रपान और तम्बाकू की वजह से भी मसूड़ों के अंदर रोग हो जाते हैं जिसकी वजह से मुंह के अंदर बदबू बढ़ जाती है।
कृत्रिम दांत यदि आपने लगवा रखें हैं तो आपको समय समय पर दांतों की सफाई करना जरूरी होता है। यदि आप समय पर सफाई करते हैं तो फिर मुंह के अंदर बदबू आने की समस्या जो होती है वह काफी कम हो जाती है। आप इसको समझ सकते हैं।
और यदि आप मुंह की बदबू को कम करना चाहते हैं तो मुंह को सूखने नहीं देना चाहिए । यदि मुंह सुखता है तो फिर आप बार बार पानी पी सकते हैं। जिससे कि मुंह के सूखने की समस्या काफी कम हो जाती है। इसके अलावा यदि आप मुंह को सूखने से बचाना चाहते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप च्युइंगम खा सकते हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। यदि आपको बार बार मुंह के सूखने की समस्या हो रही है तो । अपने दांतों की सफाई नियमित रूप से करते रहें। और दंत चिकित्सक को अपने दांत दिखाते रहे हैं जिससे कि मुंह की बदबू आने की संभावना काफी कम हो जाएगी ।
आहार – प्याज, लहसुन और मसालेदार भोजन का कम सेवन करें । यदि आपके मुंह से बदबू आती है। तो इसका सेवन कम करना जरूरी है। आप साबूत अनाज खा सकते हैं और खिचड़ी बनाकर खासतौर पर खा सकते हैं।
दोस्तों aciloc 150 uses in hindi का उपयोग पेट मे दर्द के लिए भी किया जा सकता है। आप समझ सकते हैं।पेट मे दर्द आमतौर पर पेट के उपरी या नीचले हिस्से के अंदर दर्द की संभावना होती है। पेट मे जो दर्द होता है वह आमतौर पर कम या अधिक हो सकता है। यह पेट के दाएं या फिर बाएं हिस्से के अंदर हो सकता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना होगा तभी यह फायदेमंद होगा ।
यदि हम पेट दर्द के कारणों की बात करें तो इसके अंदर अलग अलग कारण शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर गैस की वजह से भी पेट दर्द हो सकता है इसके अलावा इसके कुछ गम्भीर करण भी मौजूद हो सकते हैं।जिनके बारे मे हम आप से नीचे बात करने वाले हैं।
इस तरह से पेट दर्द के कई सारे लक्षण हो सकते हैं जोकि आपके लिए एक तरह से संकेत होते हैं जिसकी मदद से आप यह भी पता कर सकते हैं कि पेट दर्द सामान्य है या फिर कितना गम्भीर है ?
अब यदि हम पेट दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जिनके बारे मे हम चर्चा करेंगे ।
जहरीले कीड़ों के काटने की वजह से भी पेट दर्द का कुछ लोगों को सामना करना पड़ता है।
अब यदि हम पेट दर्द के बचाव पर थोड़ा डिसक्स करें तो आपको चाहिए कि आप खाने को ठीक तरह से खाएं । यह जरूरी हो जाता है। कारण यह है कि खाने को यदि आप ठीक तरह से नहीं खाते हैं तो हवा अंदर जाती है भोजन को चबाएं और जिससे कि गैस बनना कम होगा और पेट दर्द की संभावना कम हो जाएगी ।
आमतौर पर यदि आप पेट दर्द को कम करना चाहते हैं तो यह उपाय यह भी कर सकते हैं कि पूरा भोजन एक साथ ही ना खाएं वरन आपको भोजन को चबा चबा कर खाना चाहिए । आप टुकड़ों मे खा सकते हैं जिससे कि पेट पर भार कम होगा और खाना भी ठीक तरह से पच जाएगा ।
खट्टी डकार भी एक आम प्रकार की समस्या होती है। जोकि कई लोगों के अंदर देखने को मिलती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।यदि हम इसके कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जैसे कि बहुत अधिक खाने की वजह से यह हो सकती है या फिर अपच की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।तैलीय भोजन, धूम्रपान, तनाव, ज्यादा कोल्ड ड्रिंक तथा शराब पीने आदि की वजह से यह समस्या होती है। इसकी वजह से पेट फूल सकता है और गले मे दर्द जलन और उल्टी भी कुछ लोगों के अंदर हो सकती है। आपको यह भी समझना होगा ।
यदि खट्टी डकार किसी अन्य प्रकार की बीमारी की वजह से नहीं आ रही है तो फिर आप कुछ उपाय कर सकते हैं। जैसे कि आपको सही तरीके से खाना खाना चाहिए और अपने वजन को कम करने के बारे मे विचार करना जरूरी हो जाता है।
यदि खट्टी डकार काफी लंबे समय से आ रही है तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना होगा तभी आपकी समस्या का समाधान होगा ।
खट्टी डकार के लक्षण के बारे मे आपको अधिक बताने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। कारण यह है कि यह बहुत ही कॉमन है। लेकिन इसके साथ कुछ दूसरे लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं। जिनके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं उन दूसरे लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
खट्टी डकार यदि आप रही है तो इसके साथ आपके पेट के अंदर भी दर्द हो सकता है। हालांकि बहुत अधिक खाना खा लेने की वजह से भी पेट दर्द होने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है।
इसके अलावा पेट के अंदर गई बार गुड गुड़ की आवाज भी आती है। यह आमतौर पर खाना पचने जैसी आवाज होती है। इसके बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं।
फाइबर की कमी की वजह से कब्ज हो जाती है।तो जिन लोगों को कब्ज होती है उनको मल त्याग करने मे काफी समस्याएं होती हैं और मल काफी समय तक आता नहीं है। कब्ज का तुरंत उपचार करवाना काफी जरूरी हो जाता है।
इसके अलावा पेट भी फूल सकता है। आमतौर पर पेट तब फूलता है जब पेट के अंदर गैस बन रही होती है। यदि पेट मे गैस बन रही है तो उसकी वजह से भी पेट फूल सकता है। आपको यह बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए ।
खट्टी डकार आना किसी प्रकार से खतरे का संकेत नहीं होता है। लेकिन आहार के अंदर बदलाव करने के बाद भी खट्टी डकार आ रही है समस्या हल नहीं हो रही है तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर को दिखाएं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
इस तरह से यदि आपको काफी लंबे समय से कोई खट्टी डकार आ रही है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है वह आपको पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा । क्योंकि कई बार यह समस्या किसी बड़ी समस्या के अंदर बदल सकती है।
दोस्तों पेट के अंदर कई बार के रोग हो सकते हैं। और एक आम समस्या पेट के अंदर हर किसी को होती ही है। आप समझ सकते हैं।पेट हमारे शरीर का वह हिस्सा होता है जहां पर खाया हुआ भोजन जाता है और उसके बाद उस भोजन का पाचन होता है।
आमतौर पर कुछ लोगों को पेट दर्द की समस्याएं होती हैं । जैसे कि पेट के अंदर जलन हो सकती है। और पेट मे पाचन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा पेट मे दर्द और कैंसर भी हो सकता है।और पेट मे अल्सर हो सकता है। पेट की समस्याओं की जांच करने के लिए एक्स रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड या एंडोस्कोपी आदि का उपयोग किया जाता है।
यदि आपको पेट से जुड़ी छोटी मोटी समस्या है तो फिर आप अपने खानपान के अंदर बदलाव कर सकते हैं और उसके बाद उस समस्या को कम कर सकते हैं। जैसे कि यदि आप धूम्रपान करते हैं तो उसको करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा वसायुक्त भोजन ना खाना, फाइबर व अन्य पोषक तत्वों से भरपूर भोजन खाना और रोजाना अधिक से अधिक पानी आप पी सकते हैं जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है और आपकी पेट से जुड़ी समस्यओं को कम करने का काम करता है।
इसके अलावा कई बार पेट के अंदर जो दर्द होता है वह ऐसिडिटी की वजह से भी हो सकता है। तो उसके लिए पेट के गैस को कम करने के लिए आप दवाएं ले सकते हैं। इसके अलावा यदि पेट के अंदर पत्थरी जैसी समस्याएं हैं तो फिर आपको ईलाज करवाने के लिए अपने किसी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत होगी ।
वैसे आपको बतादें कि पेट को प्रभावित करने वाली सारी समस्यओं को पेट रोग के नाम से जाना जाता है। जैसे कि पेट मे अल्स पेट मे गैस और सूजन पेट का कैंसर आदि ।
पेट के रोग के लक्षणों की यदि हम बात करें तो कई तरह के लक्षण इसके अंदर प्रकट हो सकते हैं। जो कई बीमारियों के संकेत दे सकते हैं तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
पेट रोग के अंदर कोई भी एक रोग शामिल नहीं होता है वरन पेट रोग के अंदर कई सारे रोग होते हैं। और लक्षणों के आधार पर यह पहचाना जाता है कि पेट के अंदर कौनसा रोग है ? और उसके आधार पर ही डॉक्टर उपचार करता है।
पेट का कैंसर एक आम प्रकार का रोग होता है जोकि पेट के उपरी परत पर विकसित होता है। पेट का कैंसर जो होता है वह रोग का सबसे आम प्रकार होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।पेट कैंसर होने की वजह से कई लक्षण प्रकट होने लग जाते हैं।
क्रोन रोग भी एक प्रकार का रोग होता है जोकि सूजन और जलन की वजह से होता है। यह आमतौर पर पेट के किसी भी हिस्से के अंदर हो सकता है। और सूजन व जलन पैदा कर सकता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
किसी वायरस या बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के कारण भी क्रोन रोग हो सकता है। और किसी वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली पेट की कोशिकाओं पर भी हमला करने लग जाती है तो इसकी वजह से यह रोग हो जाता है।
गेस्ट्राइटिस एक प्रकार की पेट की समस्या होती है और यह समस्या तब होती है जब बार बार पेट के अंदर सूजन होती है। और इसकी वजह से पेट के अंदर दर्द और पेट मे अन्य तकलीफ होने लग जाती हैं जोकि खासतौर पर खाना खाने के बाद होने लग जाती है।
पेट गैस के बारे मे आपको अधिक बताने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। पेट गैस जो होती है वह सबसे कम गम्भीर समस्या होती है। इसके अंदर पाचन तंत्र के अंदर गैस बनने लग जाती है और इसकी वजह से पेट फूलने लग जाता है। आप इसके बारे मे जानते ही होंगे । हालांकि यह समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। अधिकतर केसों के अंदर ।
गले मे जलन एक आम प्रकार की समस्या होती है। और यह कई सारे कारण की वजह से हो सकती है। यदि हम इसके कारणों की बात करें तो गले मे जलन एसीड रिफलेक्स की वजह से होती है।इसके अलावा सर्दी जुकाम मे बैक्टिरियल इन्फेक्सन और वायरल इन्फेक्सन की वजह से भी गले मे जलन हो सकती है।
इसके अलावा कुछ प्रकार की एलर्जी भी होती है जिसकी वजह से गले के अंदर जलन पैदा हो सकती है। और यह निगलने मे काफी कठिनाई पैदा कर सकती है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।और यह मौसम के अनुसार कई बार हो सकती है। और कई बार तो साल मे कई बार हो जाती है।
गले के अंदर होने वाली जलन को आप कई तरह की दवाओं की मदद से कम कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने आस पास के मेडिकल स्टोर पर जा सकते हैं और वहां पर बिना पर्ची के दवाएं खरीद सकते हैं और उसके बाद आप की यह समस्याएं ठीक हो जाती हैं।
इसके अलावा यदि आम दवाओं से भी गले की जलन के अंदर किसी भी तरह की राहत नहीं मिल रही है तो फिर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपको डॉक्टर जो निर्देश देता है उसका आपको पालन भी करना चाहिए यह जरूरी होता है।
और यदि किसी प्रकार के गले के इन्फेक्सन की वजह से यह समस्या हो रही है तो आपको जल्दी से जल्दी इसका ईलाज करवाना जरूरी होता है। क्योंकि इन्फेक्सन शरीर के किसी दूसरे भागों के अंदर फैल सकता है। और फिर उपचार काफी कठिन हो जाता है।
गले के अंदर जो जलन होती है वह एक तरह से ऐसी स्थिति होती है जिसके अंदर गले को परेशान करने वाली स्थिति होती है। और इसकी वजह से गले मे सनसनी हो सकती है।यह समस्या आमतौर पर सर्दी जुकाम और एलर्जी की वजह से भी हो सकती है।
गले में जलन के लक्षण की यदि हम बात करते हैं तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे पूरे विस्तार से ।
यदि आपके गले की जलन कई तरह के घरेलू उपचार को आजमाने के बाद भी ठीक नहीं हो रही है तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना जरूरी हो जाता है। यदि आपको खांसी आ रही है तेज बुखार है और वजन कम हो रहा है तो फिर डॉक्टर से संपर्क करना आपके लिए काफी जरूरी हो जाता है।
कई बार गले के अंदर होने वाली समस्या गले के कैंसर का भी संकेत हो सकती है। आपको इसके बारे मे भी पता होना चाहिए । यदि किसी को कैंसर है तो उसका उपचार भी जल्दी करवाना चाहिए ।
दोस्तों यदि हम गले के जलन के कारणो की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से गले मे जलन होने की समस्याएं हो सकती हैं।
aciloc 150 uses in hindi का उपयोग यदि आप करना चाहते हैं तो यह भोजन के बाद ली जा सकती है। इसके बारे मे आप यदि अधिक जानना चाहते हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपको जो निर्देश डॉक्टर देता है उसका आपको पालन करना चाहिए । आपको बिना डॉक्टर की अनुमती के यह दवा का सेवन नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह आपके लिए काफी नुकसानदायी होता है। आपको यह बात भी अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
aciloc 150 uses in hindi गर्भवति महिलाओं के लिए अच्छी होती है। आमतौर पर इसको डॉक्टर की बिना अनुमति के नहीं दिया जाना चाहिए । यदि आप इसको डॉक्टर की बिना अनुमति के देते हैं तो फिर यह नुकसान का कारण बन सकती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । और यह जरूरी भी होता है।
गर्भवति महिला यदि किसी अन्य तरह की दवा ले रही है तो सबसे पहले उसे अपने डॉक्टर को पुरानी दवाओं के बारे मे बताना होगा । ताकि कोई भी दवा इंटररियेक्सन ना कर जाए । क्योंकि यदि दवा इंटररियेक्सन कर जाती है तो उसके बाद काफी भयंकर नुकसान हो सकता है।
सपने मे कला सांप देखना के अर्थ और मतलब sapne mein kala saap dekhna kya hota hai
mikacin injection uses in hindi or side effect in hindi
सपने मे सफेद सांप को देखना अर्थ और मतलब sapne me white saanp dekhna
flupentixol and melitracen tablets uses in hindi or side effect
abbott medicine use in hindi side effect
रोगन बादाम शिरीन के फायदे Benefits of Almond Linen Oil in hindi
nicip plus tablet uses in hindi निसिप प्लस टेबलेट किस काम आती है
सपने में गाय देखना का 37 मतलब cow in dream meaning in hindi
ख्वाब में प्याज देखने की ताबीर khwab mein pyaz dekhna
ख्वाब मे कुत्ते को भौंकते हुए देखना khwab mein kutta dekhna
सांड को रोटी खिलाने से क्या होता है हिंदु धर्म के अंदर गाय को माता…
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …