अगरबत्ती से वशीकरण (agarbatti se vashikaran) – दोस्तों हम सभी अपने घर के अंदर अगरबती जलाते हैं।और वैसे भी आजकल हर घर के अंदर लोग सुबह और शाम अगरबती जलाते ही हैं। परन्तु अगरबती के जलाने का उतना अधिक फायदा नहीं मिल पाता है। क्योंकि इसका कारण यह है कि इसके अंदर बांस होता है जो जलाना उचित नहीं होता है।यदि आप अगरबती घर के अंदर जलाते हैं तो यह घर का वातावरण शुद्व नहीं करती है । जबकि प्राचीन काल के अंदर घर मे धूप बत्ती जलाई जाती थी। धूप से जो धुंआ निकलता है वह आपके घर के अंदर मौजूद नगेटिव उर्जा को भगा देता है और यह आपके लिए उपयोगी साबित होता है।
यह प्रयोग शनिवार के दिन करना है।बच राल ख चंदन और छोटी इलाइची इन सबको आपको लेना है और उसके बाद इनको सामान मात्रा के अंदर कूट कर छान लेना है। फिर किसी भगवान की फोटो लगाएं और फिर सामने इनको रखें और अगरबत्ती जलाएं । अब इसको उठाकरकिसी कंडे पर इस कूट को डालें और जिस स्त्री को धूनी देंगे वह आपके वश मे हो जाएगी ।
शुक्लपक्ष के शुक्रवार को आपको कहीं से चिकनी रेत लेकर आनी है और उसको अच्छी तरह से गूंधलेना है। उसके बाद उसके अंदर पीले फूलों का अर्क मिला कर एक दीपक का निर्माण करलें ।अब इस दीपक को सूखा लेना है। रात 12 बजे आपको पिले आसन पर बैठना है।और पीले की कपड़े पहनना है।और उत्तर दिसा मे दीपक का मुंह करें इसमे तिल का तेल डालें और अगरबत्ती जलाएं । तिल के तेल के अंदर आप चमेली के तेल का उपयोग भी करें ।इसके बाद सफेद चंदन की माला से 11 माला मंत्र जाप करें ।
मंत्र पूरा होने के बाद आप दूसरे दिन उस व्यक्ति के पास जाएंगे आप उसके व्यवहार के अंदर बदलाव महसूस करेंगे ।
ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय अमुकं वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।।
रविवार की रात को आपको यह प्रयोग करना होगा ।सबसे पहले रात को काले कपड़े पहने और अपने भगवान की पूजा करें । और उस दिन आपको उपवास भी रखना होगा । फिर एक पटरे पर काले रंग का कपड़ा बिछाएं और उसके उपर एक दीपक रखकर जलादें ।फिर उसी के उपर धूप और अगरबत्ती जला देनी चाहिए ।
फिर उत्तर दिसा की ओर मुख करके आपको काले आसन के उपर बैठना होगा । फिर आपको काले आसन के उपर बैठकर प्राण प्रतिष्ठित मुंगे की माला से नीचे दिये गए मंत्र का 108 बार जाप करना होगा ।और मंत्र के अंदर जो अमुख नाम दिया गया है।उसके स्थान पर उस व्यक्ति का नाम आपको बोलना है जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हो ।
ओम श्री सीर सिंदुर कन्या कुंवारी मन पियारी चौसठ जोगिणी मोड़े आगास अस्त्री पूर्य मिलाएं संगा काली गंगा से तो पाट छोड़ि दे । गोरी मैति सौरासी वाट चली आ गोरी । हमारी वाट तीहि जन लागो ।दोसरी जगा की माया औ चाटचलाई अमुक बोलाई आकुंडी । जैसी रीडति आकूल जैसीधलकंति स्वाय ।।जैसे बलकंति आ पौन जैसी सरकंति आ। जोहि मोहि मेरा पिंड पैतला भया सरा । नकरि न आवे तो हणुमंता वीर तेरी आण पड़े ।जैसे काम त्वीले रामचंद्र को सुदारो तैशो काम मेरा नि सुंदरो तो माता अंजनी चली हात लावै सवा सेर का रोटा न पावै राजा रामचंद्र को आरूणन नि पावै फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
आपको यह प्रयोग किसी भी पेड़ के नीचे करना चाहिए जो नदी के किनारे हो ।इसमे लाल हकीक की ब्रहा्रग्रंथि लगी प्राण प्रतिष्ठत माला का प्रयोग आपको करना होगा । गुलाब की बनी अगरबत्ती अपने सामने रखनी है। उसके बाद मजमुए का इत्र अपने आस पास आपको छिड़कना है।उसके बाद माला से नीचे दिये गए मंत्र को रोजाना 11 माला जाप करना है और यह 21 दिन तक करना होगा । उसके बाद यह मंत्र काम करने लगेगा ।
ओम कं कं षोड़शी कामाक्षी यक्षणी ऐहि ऐहि आगच्छ गच्छ स्वाहा।।
किसी भी शनिवार को आपको यह प्रयोग रात 12 बजे शुरू करना होगा । और परिश्चम की और मुख करके बैठ जाना है।और सामने एक लकड़ी का पटा रखें और उसके उपर एक चमकिला कपड़ा बिछाएं । उसके बाद आसान पर बैठ कर अपने ईष्ट देव की पूजा करें ।फिर 11 माला काली मंत्र जपें ।उसके बाद फिर पटरे पर प्रियंगू की ढेरी बनाकर आपको रख देनी है।और सामने हरा अकीक बनाना है। फिर मोहिनी काजल से वशीकरण करने वाले का नाम लिखना होगा ।उसके बाद अगरबत्ती जलाएं और कामिया सिंदूर और अक्षत से पूजन करना है और देशी घी का दीपक जलाएं ।
फिर काले अकीक की माला से नीचे दिये गए मंत्र का 108 बार जाप करना है।इस मंत्र जाप के दौरान आपको दीपक की लौ अवश्य ही देखनी चाहिए ।
ओम नमो आदेश गुरू जी को नमस्कार सिंदूर सिंदूर महा सिंदूर नु कहां से आयो ? कौन त्यायो ? गुरूड़ पर्वत से आयो । गौरी का पुत गनेस ल्यावा । पैली सिंदूर माता अंजनी को चडायो । आनि कासै कर ल्यायो रिद सिद रीली भर ल्यायो। दूसरी सिंदूर किसको चढ़ाउं ? अंजनी को पूत हनुमानकौ चडायो । हौं हंकार हनुमंको तेसरी सिंदूर किसको चडायो । बिल जति गोरषनाथ को चडायो मन रिक्षा पुन वडो सिधि वर पायो ।
चौथो सिंदूर सिको चडायो ।चतुर्भज गनेश कौ चडायो । पांचो सिंदूर किसको चडायो । तारा त्रिपुरा तोतला को चडायो । जो करैं सिंदूर की निंदा ,उसको षाशै माया रजीदास दो रजडावै । श्रीगणास्ण पावै त्रिपुरा सुंदरी संग पावै षड काली मनाउं काली वाशै संतूरी को विजड़ा पै । कालिका माता मन इच्छा पूरन कर ।सिद्व करका । ओम अपीलियि अली आगां काली आप्रणां कुरू कुरू कालीकायौ फट स्वाहा। फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा । ऐं मंत्र ले सिंदूर मंतणौं सिर लगाणौं विंदी अमुक वश मे हो ।
किसी भी शनिवार के दिन किसी सिंदूरी हनुमानजी की प्रतिमा का पूजन अगरबती और दीपक जलाकर करें और मूर्ति को चोला चढ़ाएं । किसी मंदिर मे यह करें तो सबसे अच्छा होगा ।उसके बाद वहीं पर बैठकर एक माला नीचे दिये गए मंत्र का 21 दिन तक जाप करें । और फिर जब दिन पूरे हो जाएतो मंत्र जाप करते हुए । किसी चौराहे से रेत उठाएं और अपने भाल पर तिलक करते हुए जिस किसी व्यक्ति के सामने जाएंगे वह आपके वश मे हो जाएगा ।
ओम नमो आदेश गुरू को राजा मोहूं प्रजा मोहूं मोहूं बाह्राण बनियां हनुमंत रूप मे जगत मोहूं तो रामचंद्र परमाणियां गुरू की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
यह प्रयोग आपको पूर्णिमा के दिन ही करना है।सबसे पहले बाजार के अंदर धूपबत्ती का एक पैकेट खरीद कर ले आएं । उसके बाद उन सारी धूपबतियों को एक प्लेट के अंदर निकाल लें । अब इनको सारी रात के लिए चांदनी के नीचे छोड़दें । अब एक फोटो उस व्यक्ति की लेनी होगी जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हो ।उस फोटो को जला कर उन धूपबतियों के साथ मिलादें । अब आप इन धूप बतियों को रोजाना जलाएं । ऐसा करने से वशीकरण प्रभाव पैदा हो जाता है।
यह प्रयोग आपको शनिवार के दिन करना है। सबसे पहले एक अगरबत्ती लेनी है और उसको हाथ मे लेकर जिस व्यक्ति का वशीकरण करना है। उसका नाम 7 बार बोलना होगा।उसके बाद नीचे दिये गए मंत्र का 181 बार जाप करना होगा । उसके बाद उस अगरबती को जला देना है।जैसे ही अगरबती जल जाएगी वशीकरण प्रभाव पैदा हो जाएगा ।
ओम काम मालिनी ठ: ठ: स्वाहा
यह भी एक सरल वशीकरण प्रयोग है।सबसे पहले आपको अपने सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना होगा ।उसके बाद 5 अगरबत्ती आपको लेनी हैं और यह प्रयोग अमावस्या के 5 दिन पहले करना होगा । ओम नम: कामख्य देवी अमुक वशमे कुरु कुरु स्वाहा मंत्र का इन पांचों अगरबतियों का हाथ मे लेकर 21 बार करें।फिर अगरबतियों को जलाएं और मंत्र का 101 बार जाप करें । इस प्रयोग को घर से दूर ही करें । घर के अंदर कभी नहीं करना चाहिए ।और 5 दिन तक यह प्रयोग करना है। रात को 12 बजे से शूरू कर सकते हैं। यह बिना गुरू के काम नहीं करेगा ।
सबसे पहले किसी भी शनिवार के दिन वन मे जाएं और सबसे पहले उसकी धूप दीप और अगरबती जलाकर पूजा करें उसके बाद रात मे मौली लेकर जाएं और मौली बांध कर न्यौता देकर आ जावैं । फिर दूसरे दिन सुबह स्नान कर के वन मे जाएं और शंखाहुली की पूजा करें और मिठाई वैगरह चढ़ाकर उसे जड़ सहित उखाड़ कर ले आएं । उसके बाद 1100 बार मंत्र जाप करें और सिद्व करके घर पर रखें और जब प्रयोग करना हो तो टोपी मे रखकर जहां पर भी जाएंगे । जिस नारी से बात करेंगे वह आपके वश मे हो जाएगी ।
ओम साखाहूली
वन मे फूली
बैठी करैं सिंगार
राजा मोहे प्रजा मोहे
सबने करे सिंगार
मेरी भक्ति
गुरू की शक्ति
फुरो मंत्र
ईश्वरोवाचा ।।
सबसे पहले एक इलाइची और एक सौंफ आपको लेना है और इनको अपने भगवान के चरणों मे रख देना है। और वहां पर रोजाना अगरबत्ती जलाकर रखनी हैं। उसके बाद इन दोनों को अपने सिहराने के नीचे डाल देना है। 7 दिन तक पड़े रहने दें । फिर इनका शर्बत बनाकर जिस स्त्री को पिलादेंगे वह आपके वश मे हो जाएगी ।
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दोस्तों यह यंत्र वशीकरण मंत्र है। यदि आपके काफी प्रयास करने के बाद भी कोई वश मे नहीं हो रहा है तो आप इस वशीकरण का प्रयोग कर सकते हैं। दिये गए यंत्र को हिरण की खाल पर लिखा जाता है। और मुर्फीद और शुभ है।सफेद चूजे के खून व कस्तूरी मिलाकर आपको लिखना होगा । और इसके लिए लकड़ी कलम का इस्तेमाल करना होगा ।फिर इसको बुधवार को धूप और अगरबत्ती दिखाकर ताबीज की तरह गले मे बांध कर उस व्यक्ति के सामने जाएं जिसको वश मे करना है।
अगरबत्ती से वशीकरण लेख के अंदर हमने जाना कि किस प्रकार से आप अगरबत्ती से वशीकरण कर सकते हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार इसमे से कोई तरीका यूज कर सकते हैं।
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