अग्रज का विलोम शब्द या अग्रज का विलोम , अग्रज का उल्टा क्या होता है ? agraj vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
छाया | अनुज |
agraj | Anuj |
अग्रज का विलोम शब्द अनुज होता है। असल मे अग्रज का मतलब बड़ा होता है। और कई बार हम बड़े भाई को अग्रज के नाम से जानते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और छोटे भाई को अनुज के नाम से जानते हैं।
दोस्तों भाई शब्द के बारे मे आप जानते ही हैं। जब बात भाई की आती है तो कुछ भाई इस तरह के होते हैं जोकि आपस मे मिलजुलकर रहते हैं तो कुछ भाई इस प्रकार के होते हैं जोकि आपस मे कभी भी मिल जुलकर नहीं रहते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा आपको बतादें कि भाई काफी अच्छे भी होते हैं और कुछ बुरे भी होते हैं। आज हम आपको एक रियल घटना के बारे मे बता रहे हैं।हमारा एक जानकार है उसकी शादी हुई तो उस महिला के दो और देवर थे । दोनों देवर कुंवारे थे । कुछ समय बाद जब उनकी भी शादी हो गई तो फिर तीनों भाइयों के बीच संपति को लेकर विवाद होने लग गया । और इस तरह के विवाद कई लोगों के अंदर देखने को मिलते हैं और अक्सर उन लोगों के अंदर देखने को मिलते हैं जोकि भाई भाई होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आपके भी काफी अधिक भाई हैं तो हम आपको यही कहना चाहेंगे कि आपको संपति को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं करना चाहिए । क्योंकि यदि आप संपति को लेकर विवाद करते हैं तो इससे कोई फायदा नहीं होगा और संगठन के अंदर ही शक्ति होती है। आपको अपने माता पिता की संपति को दो भागों के अंदर बांट लेनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं और यह सबसे अधिक जरूरी होता है। और कई बार तो भाइयों का विवाद यहां तक बढ़ जाता है कि आपस मे गोलिया चल जाती हैं आपको इस तरह के काम नहीं करने चाहिए ।
देखिए जब दो लोग आपसे मे लड़ते हैं तो उनमे से एक तो गलत होता ही हैं और दूसरा सही होता है लेकिन जब कोई अपनी गलती को नहीं मानता है तो फिर विवाद होना तो तय होता ही है आप इस बात को समझ ही सकते हैं।
यदि आप खुद किसी मामले को नहीं सुलझा पा रहे हैं तो आपको उसके लिए किसी दूसरे की मदद लेनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन आप चाहे तो खुद भी आपस मे बैठकर किसी विवाद को सुलझा सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।
आपको जो तरीका अच्छा लगता है आपको उसका पालन करना चाहिए और यही आपके लिए सबसे अधिक सही रहेगा ।
दोस्तों अब पहले की तरह कुछ भी नहीं रहा । पहले गांव के अंदर एक मुखिया हुआ करता था और आपस मे यदि किसी तरह का विवाद भी हो जाता था तो उसके बाद वह मुखिया हल कर देता था लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं रहा है आप इस बात को समझ सकते हैं। अब तो हाल यह हो गया है कि खुद ही खुद के राजा हो चुके हैं। विवाद को लेकर कोर्ट पहुंच जाते हैं और इसका परिणाम यह होता है कि कोर्ट के अंदर दोनों तरफ से पैसा तो बरबाद होता ही है और कई बार तो यह तक हो जाता है कि कोर्ट का फैसला आपके हक मे आ जाने के बाद भी आप मरने मारने को उतारू हो जाते हैं । ऐसी स्थिति के अंदर आपके पास दो ही ऑप्सन बचते हैं या तो आपको मरने के लिए तैयार रहना चाहिए या फिर आपको सामने वाले को मार देना चाहिए । अब यदि आप सोच रहे हैं तो बेहतर यही होगा कि आपको इस विवाद को टाल देना चाहिए । यदि आप टाल देते हैं तो हो सकता है कि शांति हो जाए ।
वैसे भी आपको पता ही है कि इंसान की उम्र काफी कम होती है। लेकिन यदि आप लड़ना चाहते हैं और आपके साथ बहुत अधिक कोई गलत कर रहा है तो फिर विवाद को टालने मे कोई फायदा नहीं है। उसके बाद आपको लड़ना चाहिए । यदि आप धर्म के पक्ष मे हैं तो लड़ने से कोई बुराई नहीं है।
देखिए दोस्तों दो पक्ष होते हैं। सबसे पहला पक्ष यह होता है कि आप विवाद को टालने की कोशिश करें । लेकिन खुद को कमजोर आपको कभी भी नहीं समझना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप ताकतवर हैं तो आपको जान देने से कभी भी नहीं हिचकना चाहिए । दोस्तों आजकल हमारी पीढ़ी काफी कायर होती जा रही है।
और हम अपना जो जंगलीपन है उसको भूलते जा रहे हैं। और इसका परिणाम यह हो रहा है कि कोई भी हमें मारकर गाड़ देता है और दुनिया को पता ही नहीं चल पाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों यदि आप युद्ध करना चाहते हैं तो फिर आपको अपने अंदर के डर को मिटाना होगा यदि आप अपने अंदर के डर को मिटाओंगे तो फिर ही आप वह युद्ध जीत पाएंगे आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
महिलाओं से बढ़ती छेड़खानी का तो कहना ही क्या लेकिन आपके बाजुओं के अंदर इतनी जान होनी चाहिए कि यदि आपके घर की औरतों के उपर यदि कोई हमला करता है या फिर उनको किसी तरह से परेशान करता है तो आप उसका मुकाबला करसको आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों खुद को ताकतवर बनाना आपकी जिम्मेदारी होती है। आपको खुद को पॉवरफुल बनाने पर विचार करना चाहिए और धीरे धीरे अपने मन के डर को आपको निकाल देना चाहिए । यदि आप एक बार अपने मन के डर को निकाल देते हैं तो फिर कोई कारण नहीं है आप खुद सक्षम हो जाएंगे । और सब की रक्षा कर पाएंगे । आप इस बात को समझ सकते हैं।
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