अहमियत का अर्थ ,मतलब और दैनिक जीवन मे प्रयोग
अहमियत का अर्थ सिंपल है। इसका सही मतलब महत्व होता है। जैसे कोई चीज आपकी जिंदगी के अंदर महत्वपूर्ण है और आप उसे महत्व दे रहे हैं तो इसका अर्थ यह है कि वह आपकी जिंदगी के अंदर अहमियत रखती है। जब किसी चीज को आप खुद महत्व देते हैं तो ऐसी वस्तु के लिए हम यह कहते हैं कि वह आपकी जिंदगी के
अंदर
महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
अंदर
महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
मतलब अहमियत रखती है। आपके लिए महत्वपूर्ण होना अहमियत नहीं
है। वरन अहमियत है आप खुद उसे महत्वपूर्ण मानें तब। आपकी
जिंदगी मे महत्वपूर्ण चीज के लिए अहमियत शब्द
प्रयोग मे लाते हैं। जैसे आपकी पत्नी की आपकी जिंदगी के अंदर काफी अहमियत होती है।
एक तरह से अहमियत एक बढ़िया रोल प्ले करता है।
है। वरन अहमियत है आप खुद उसे महत्वपूर्ण मानें तब। आपकी
जिंदगी मे महत्वपूर्ण चीज के लिए अहमियत शब्द
प्रयोग मे लाते हैं। जैसे आपकी पत्नी की आपकी जिंदगी के अंदर काफी अहमियत होती है।
एक तरह से अहमियत एक बढ़िया रोल प्ले करता है।
अहमियत का अर्थ महत्व
अहमियत का एक अर्थ महत्व से लिया जा सकता है। यदि कोई वस्तु या इंसान आपकी जिंदगी के अंदर अहम है तो उसके लिए यह शब्द प्रयोग मे लिया जाता है। जैसे सेनिकों के लिए गन की अहमियत है। किसान के लिए खेती की अहमियत है।
जिंदगी
के अंदर मोबाइल की अहमियत है।
जिंदगी
के अंदर मोबाइल की अहमियत है।
उपयोगी होना
दोस्तों किसी भी चीज की अहमियत तब होती है । जब वह उपयोगी
होती है। जैसे आपके घर के अंदर पड़े कुड़े की बात करें तो उसकी कोई अहमियत नहीं होती
है। क्योंकि उसकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी होती है। यदि सब चीजों के अंदर की उपयोगिता
को समाप्त कर दिया जाता है तो फिर उसकी अहमियत अपने आप ही खत्म हो जाती है।
होती है। जैसे आपके घर के अंदर पड़े कुड़े की बात करें तो उसकी कोई अहमियत नहीं होती
है। क्योंकि उसकी उपयोगिता समाप्त हो चुकी होती है। यदि सब चीजों के अंदर की उपयोगिता
को समाप्त कर दिया जाता है तो फिर उसकी अहमियत अपने आप ही खत्म हो जाती है।
हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि उपयोगिता पूर्ण
समाप्त हो जाए यदि किसी वस्तु की उपयोगिता आपके लिए समाप्त हो जाती है तो फिर आपके
लिए उसकी कोई अहमियत भी नहीं होती है।
समाप्त हो जाए यदि किसी वस्तु की उपयोगिता आपके लिए समाप्त हो जाती है तो फिर आपके
लिए उसकी कोई अहमियत भी नहीं होती है।
गम्भीरता
दोस्तों अहमियत का मतलब गम्भीरता से भी है। जब आप किसी चीज के प्रति गम्भीर हों तो एक तरह से कह सकते हैं कि वह आपके लिए अहमियत रखती है। लेकिन गम्भीरता शब्द हर मामले के अंदर अहमियत को प्रदर्शित नहीं करता है।
अहमियत कब होती है ?
दोस्तों अहमियत तब होती है जब हमे किसी चीज की जरूरत होती है। और यदि चीज की जरूरत समाप्त हो जाती है तो फिर अहमियत भी समाप्त हो जाती है। भेले ही जरूरत किसी भी प्रकार की क्योंना हो । तो जरूरत अहमियत को पैदा करती है। जैसे कि आप नेट चलाते हैं मतलब आपको इसकी मानसिक या
किसी और तरीके की जरूरत है। बिना जरूरत के अहमियत पैदा नहीं होती है।
किसी और तरीके की जरूरत है। बिना जरूरत के अहमियत पैदा नहीं होती है।
जिंदगी
मे सबसे ज्यादा अहमियत किसी होती है ?
दोस्तों इस प्रश्न का सबसे सीधा कोई उत्तर नहीं है। लेकिन इसका एक ही उत्तर है कि जिंदगी के अंदर सबसे अधिक जरूरत जिस चीज की होती है । उसी की सबसे अधिक अहमियत होती है। जैसे यदि आपको पैसों की अधिक आवश्यकता है तो आपके लिए उनकी अहमियत भी बहुत अधिक होगी ।
किसी भी चीज की अहमियत समाप्त नहीं होती
दोस्तों आपको बतादें कि किसी भी चीज की अहमियत समाप्त नहीं होती है। भले ही वह आपके लिए समाप्त हो गई हो लेकिन दूसरे किसी के लिए अहम हो गई हो । जैसे आपने एक कागज को फेंक दिया तो उसकी अहमियत जीवाणुओं के लिए है और बाद मे प्रक्रति के लिए है।
आपके जीवन के अंदर भी अहमियत है
दोस्तों आपकी जिंदगी के अंदर भी कुछ ऐसी चीजे हैं जिनकी बहुत अधिक अहमियत है और कुछ ऐसी भी चीजे हैं कि उनकी कोई अहमियत नहीं है। एक बार इस बारे मे सोचें तो आपको अपने आप समझ आ जाएगा कि अहमियत किस तरह से आप से जुड़ा हुआ है।