अंबर का पर्यायवाची शब्द या अंबर का समानार्थी शब्द (ambar ka paryayvachi shabd / ambar ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में जानेगे । इसके साथ ही अंबर का अर्थ, अंबर के रोचक तथ्य, अंबर की सम्पूर्ण जानकारी जान लेगे तो लेख देखे ।
शब्द | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (ambar ka paryayvachi shabd /ambar ka samanarthi shabd) |
अंबर | आकाश, अंतरिक्ष, नभ, अंबरपथ, आसमानी, आकाशी, अर्श, तारापथ, व्योम, अभ्र, गगनमंडल, गगन, आकाशगंगा, आसमान, उर्ध्वलोक, स्वर्ग लोक, नभमंडल, शून्य, नाक, परलोक, स्वर्ग, अधर, द्यौ, छायापथ, द्युलोक, द्यु, फलक , अर्श, दिव, । |
अंबर in Hindi | Akasa, antarikṣa, nabha, ambarapatha, asamani, akasi, arsa, tarapatha, vyoma, abhra, gaganamaṇḍala, gagana, akasagaṅga, asamana, urdhvaloka, svarga lōka, nabhamaṇḍala, sun’ya, naka, paraloka, svarga, adhara, dyau, chayapatha, dyulōka, dyu, phalaka, arsa, diva . |
अंबर | sky, heaven, firmament, space, sphere, welkin. |
दोस्तो जैसा की आपको मालूम है की मनुष्य पृथ्वी यानि धरती पर रहता है और जब वह उपर की और देखता है तो उसे घने बादल दिखाई देता है और अनेक तरह के तारे दिखाई देते है जो की तारामण्डल में होते है । इसके साथ ही चांद भी दिखाई देता है । इन सभी को एक ही स्थान पर रहते है कहा जाता है जिसे अंबर कहा जाता है ।
दूसरे रूप में इसे आसमान भी कहा जाता है और इस तरह से आसमान अंबर का अर्थ होता है । इसके अलावा अंबर के अर्थ है –
दोस्तो अंबर उसे कहा जाता है जो की आसमान या आकश के नाम से भी जाना जाता है । आपने अक्सर सुना होगा की आसमान का कोई अंत नही होता है और इसमें अनेक तरह की आकाश गंगा पाई जाती है और अनेक तरह के तारे देखने को मिल जाते है । इस संपूर्ण स्थान को ही अंबर कहा जाता है । जिसे पहचानने के आधार पर यह भी कह सकते है की जो धरती से हमे उपर देखने पर निला रंग दिखाई देता है वह अंबर होता है । क्योकी अंबर का रंग निला होता है ।
हालाकी यह बात अलग होती है की यह निला रंग सूर्य की रोशनी के कारण से होता है ।
दोस्तो सबसे पहले यह जान ले की अंबर जिसे आकश कहा जाता है और बादल जिसे मेघ भी कहा जाता है दोनो अलग अलग होते है । कुछ लोग बादल को ही अंबर समझ लेते है । मगर ऐसा नही होता है ।
क्योकी अंबर जो होते है वह मेघ से काफी अधिक उपर होते है और बादल अंबर के निचे होते है । जिसमें पानी रहता है हालाकी यह कह सकते है की अंबर में ही बादल होते है । अंबर की अधिक ऊंचाइ होती है वही बादल की ज्यादा ऊंचाइ नही होती है बल्की ये तो कभी कभार विशाल पहाडो से भी टकरा जाते है । मगर अंबर कभी भी ऐसे नही टकराते है ।
बादल को जहां वर्षा करने के रूप में जाना जाता है वही अंबर को शरणदाता के नाम से जानते है क्योकी अंबर तारो, ग्रहो, आकाशगंगा आदी को शरण देए हुए है ।
दोस्तो आपको बता दे की अंबर आकाश को कहा जाता है जिसमें अनेक तरह के तारे होते है जिन्हे आप रात के वक्त देखते होगे की वे टिमटिमाते हुए नजर आते है । इस तरह से एक रोशनी सी हमे दिखाई देती है जो की अंबर में तारो की होती है । और इस रोशनी को ही अंबर के तारे कहा जाता है ।
दोस्तो आपने यह देखा होगा की रात के समय में हमे तारे टिमटिमाते हुए नजर आते है । जो सभी अंबर में ही होते है । मगर इस तरह से अंबर के तारा टिमटिमाने का रहस्य भी अंबर में ही छिपा होता है ।
क्योकी जैसे अंबर में तारे होते है वैसे ही अंबर में वायु होती है और अनेक धुल के कण भी होते है । जो वायु पाई जाती है वह कई तरह की परातो में बटी होती है । इस तरह से पृथ्वी तक अनेक तरह की परते वायु की पाई जाती है । आपको बता दे की अंबर में दूर दूर तक तारे होते है और इनमे इतनी अधिक रोशनी नही होती है की सिधे ही धरती पर आ सके और धरती को चमकाने लग जाए ।
मगर जैसे जैसे तारो की रोशनी पृथ्वी की तरफ जाने लग जाती है तो अंबर के विभिन्न घटको के साथ इन्हे मुलाकात करने का मोका मिलता है । यानि यह रोशनी अंबर में मोजुद वायू की भिन्न प्ररतो से टकरती है जिसके कारण से यह रोशनी कुछ इधर उधर हो जाती है ।
इसी तरह से यह रोशनी जब रेतिले कणो से टकराती है तो यह विचलित हो जाती है । जिसके कारण से रोशनी पृथ्वी तक पहुंचने में अधिक समय लेती है और हमें देखने में ऐसा लगता है जैसे मानो की तारे टिमटिमाते है ।
जैसे हम एक उधारण लेते है की अगर हम एक पानी से भरे बडे बरत में एक रोशनी को दूसरे छोर से निकालते है तो यह आसानी से निकल जाती है और सिधी रोशनी भी पड सकती है । मगर उस पानी को हिला दिया जाए तो यह रोशनी भी इधर उधर जाने लग जाती है यानि यह भी तारो की रोशनी के समान इधर उधर हिलती हुई नजर आती है । इसी तरह से तारो की रोशनी के कारण से ही हमे तारे टिमटिमाते हुए नजर आते है ।
भारतिय धर्मो में अनेक तरह के ग्रथो का प्रयोग हुआ है जिनका काफी अधिक महत्व है । और इन ही ग्रंथो में बताया जाता है की जब सृष्टी का निर्माण हुआ था तो पांच तत्वो की जरूरत पडती थी और इनमे से चार है पृथ्वी, वायु, जल, अग्नि । इसी तरह से बाकी बचा एक तत्व कोई और नही बल्की अंबर ही था ।
क्योकी जीस तरह से हमारे जीवन में पृथ्वी का महत्व है उसी तरह से वायु, जल, अग्नि का महत्व भी होता है । इसके साथ ही अंबर भी एक ऐसा तत्व है जिसका उपयोग हमारे जीवन में होता है । कैसे नही होता हमारी जो सृष्टी के निर्माण में प्रयोग हुए तत्व है उनका प्रयोग सभी के जीवन में होता है ।
आज उपर की तरफ देखने से हमे कुछ दिखाई नही देता बल्की एक निला भाग दिखाई देता है जो की अंबर होता है । और यह एक ऐसा तत्व है जिसके बारे में पुराणो में कहा गया है की इसका निर्माण सृष्टि के निर्माण में हुआ है।
इस तरह से हमने अंबर का पर्यायवाची शब्द या अंबर का समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है अगर आपके मन में किसी प्रकार का प्रशन है तो पूछ सकते है ।
क्या आपने कभी अंबर का निला रंग देखा है? बता न भूले ।
दोस्तों हम बात कर रहे हैं घर मे चारपाई के टूटने के बारे मे ।…
मौत तो हर घर मे होती है। और जो इंसान मर जाता है , वह…
Mota ka vilom shabd मोटा का विलोम शब्द, मोटा शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, मोटा का उल्टा mota…
नफ़रत का विलोम शब्द या नफ़रत का विलोम , नफ़रत का उल्टा क्या होता है…
दिवस का विलोम शब्द या दिवस का विलोम , दिवस का क्या होता है ? divas ka…
सदाचारी का विलोम शब्द या सदाचारी का विलोम , सदाचारी का क्या होता है ? sadachari ka…