आनंद का विलोम शब्द या आनंद का वियोग शब्द, आनंद का उल्टा क्या होता है ? Anand ka vilom shabd Anand ka opposite word kya hai
शब्द | विलोम शब्द |
आनंद | वेदना |
Anand | Vedna |
दोस्तों आनन्द का नाम तो आपने सुना ही होगा आनन्द का विलोम शब्द होता है वेदना या दुख और आनन्द का मतलब होता है। खुशी को महसूस करना यदि आप किसी शादी के अंदर जा रहे हैं तो आप अनन्द महसूस करेंगे । दोस्तों यह एक अलग बात है कि शादी यदि आपकी गर्लफ्रेंड की है तो फिर हो सकता है कि आप आनन्द महसूस ना करें । लेकिन दोस्तों हम जो कुछ भी करते हैं वह सब आनन्द प्राप्त करने के चक्कर मे ही करते हैं और यदि हम आनन्द प्राप्त करने के लिए नहीं करते हैं तो फिर हम कुछ नहीं कर पाते हैं। जैसे कि हम किसी दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं तो उसे भी हम आनन्द को प्राप्त करने के लिए करते हैं। और ऐसा करना काफी जरूरी होता है। दोस्तों आज आप जो भी कार्य कर रहे हैं उसके परिणाम के अंदर कहीं ना कहीं आनन्द ही छुपा होता है।
कोई भी नहीं चाहेगा कि उसके साथ दुख आए । जैसे कि स्टूडेंट पढ़ते हैं तो वो क्यों पढ़ते हैं ? इसका कारण है कि वे इससे काफी अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन यदि उनको अच्छे अंक मिल जाते हैं तो वे काफी आनन्द को महसूस करते हैं। लेकिन यदि उनको अच्छे अंक नहीं मिलते हैं तो वे काफी दुख को महसूस करते हैं।
इस तरह से दोस्तों आनन्द और दुख का प्रचलन तो सदा ही चलता ही रहता है। और इसके अंदर कोई शक भी नहीं है। आप कभी भी हमेशा के लिए आनन्द को स्थिर नहीं रख सकते हैं और ना ही हमेशा के लिए दुख को स्थिर रख सकते हैं आनन्द और दुख तो हमेशा से ही चलते रहने वाली चीजें होती है।
लेकिन दुनिया के अंदर जो कुछ भी चल रहा है वह आनन्द के लिए ही होता है। दुनिया के अंदर बुरे से बुरा और अच्छे से अच्छा काम आनन्द के लिए ही किया जाता है। हम सभी लोगों के यहां पर जन्मने का कारण भी आनन्द ही है। पहले जब हम यहां पर जन्में तो हमें काफी आनन्द आया और उसके बाद हम सभी मर गए । उसके
बाद हम सभी लोग फिर से आये और अब आनन्द उठाने का काम कर रहे हैं यह एक अलग बात है कि हर इंसान को अलग अलग चीजों के अंदर आनन्द आता है। कुछ इंसान ऐसे होते हैं जिनको कि पैसा के अंदर अधिक आनन्द आता है और वे दिन रात पैसा पैसा करते रहते हैं तो कुछ इंसान को लड़कियों के अंदर अधिक आनन्द आता है। और वो दिन और रात लड़कियों के पीछे भागते रहते हैं इस तरह से दोस्तों आनन्द का अलग अलग स्त्रोत होता है। जिस चीज के अंदर आपको आनन्द आता है जरूरी नहीं है कि आपके साथी को भी उसी चीज के अंदर आनन्द आए। दोनों के आनन्द के स्त्रोत अलग अलग हो सकते हैं
वैसे आनन्द के स्त्रोत को भी बदला जा सकता है। लेकिन इसके अंदर काफी अधिक समय लगता है। लेकिन यदि आप आनन्द स्त्रोत को बदलना चाहते हैं तो बदल सकते हैं। लेकिन इसके अंदर काफी समय लगता है और प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है।
दोस्तों वेदना के बारे मे तो आपने अच्छी तरह से सुना ही होगा । वेदना का मतलब होता है दुख । दोस्तों वेदना प्रकट करना । जब हम किसी की मौत हो जाने पर किसी के घर मे जाते हैं तो वहां पर वैदना को प्रकट करने के लिए ही जाते हैं। दोस्तों वेदना को वैसे कोई भी पसंद नहीं करता है।वेदना से तो हर कोई दूर रहना चाहता है। लेकिन हम चाहकर भी वेदना से दूर नहीं रह सकते हैं। क्योंकि वेदना हमारे जीवन का एक हिस्सा है। जीवन के अंदर सुखदुख तो आते ही रहते हैं। जीवन मे कभी सुख आता है तो कभी दुख आता है यह सब चलते ही रहते हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं है। और
जो बुद्धिमान मनुष्य होते हैं वे सब अच्छी तरह से जानते ही हैं कि जीवन के अंदर कुछ भी चीजें स्थाई नहीं रहने वाली होती हैं जीवन के अंदर सब कुछ बदलने वाला होता है। इसलिए किसी एक स्थिति या दुख के लिए रोना नहीं चाहिए । आज जो चीज हमें दुख लग रही है कल वही चीज हमें काफी सही लग सकती है।
आपने देखा कि जब किसी के यहां पर मौत होती है तो उनके घर के सदस्य मौत वाले दिन काफी भयंकर तरीके से रोते हैं। लेकिन उसके बाद जैसे जैसे मौत होने मे काफी समय बीत जाता है उनके घर के सदस्य रोना कम कर देते हैं और कुछ महिने बाद आप यदि उनके घर के पास से गुजरोंगे तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि उनके घर से मौत हुई थी या नहीं हुई थी। तो दोस्तों कहा जाता है कि वक्त जो होता है वह हर तरह के जख्मों को बहुत ही आसानी से भर देता है। वक्त के साथ सब कुछ समाप्त हो जाता है। बस आपका जो कर्म है आपको वह करना चाहिए । यदि आप अपना कर्म करते हैं तो आपको फल मिलेगा और आपको किसी चीज की चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि आप अपने कर्मों की मदद से किसी को बचा सकते हैं तो वह बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन यदि आप नहीं बचा सकते हैं तो भी आपको दुखी नहीं होना चाहिए और यदि आप किसी को बचा भी लेते हैं तो आपको अधिक खुश नहीं होना चाहिए।
इस तरह से दोस्तों वेदना तो सदैव चलने वाली चीज है। जो आज की नहीं है सदा से ही चली आ रही है। हम इंसान हैं इसलिए उतनी वेदना को हम वहन नहीं करते हैं। लेकिन जो जानवर होते हैं वह कितनी वेदना को वहन करता है क्या आप इसके बारे मे जानते हैं ?
यदि आपको नहीं पता तो हम बता देते हैं कि जानवर काफी वेदना को वहन करते हैं। एक तरफ उनका शिकार किया जाता रहता है। और वे चिल्लाते रहते हैं उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं होता है। लेकिन वे जानवर होते हैं। तो आप भी एक बार जानवरो का विडियो देख सकते हैं।आपको भी पता चल जाएगा कि जानवर कितनी वेदना के अंदर जीते हैं और उनको कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
मुझे लगता है कि जीवन में खुशियां होना बहुत जरूरी है। यह सब कुछ अधिक प्रबंधनीय और कम तनावपूर्ण बना सकता है। मुझे याद है जब मुझे पहली बार एहसास हुआ कि यह कितना महत्वपूर्ण था। मैं कॉलेज में था, और मेरा परिवार अविश्वसनीय रूप से सहायक था, लेकिन चीजें अभी भी कठिन थीं। मुझे स्कूल और काम का बहुत तनाव था, लेकिन फिर एक दिन मैं उठा और महसूस किया कि मेरी सारी खुशी मेरे भीतर से आई है। अचानक सब कुछ बहुत अच्छा लगने लगा। मेरे लिए कुंजी खुद को खुश करने के तरीके ढूंढ रही थी, भले ही चीजें मेरे नियंत्रण से बाहर नहीं चल रही थीं। यह कुछ ऐसा है जो तब से मेरे साथ जुड़ा हुआ है, और इसने मेरे जीवन में कुछ अविश्वसनीय कठिन समयों में मेरी मदद की है।
आनंद का विलोम शब्द क्या है Anand ka vilom shabd kya hai ?
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