अनुचित का पर्यायवाची शब्द या अनुचित का समानार्थी शब्द (anuchit ka paryayvachi shabd / anuchit ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में बडे ही विस्तार से जानेगे तो लेख को आराम से देखे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
अनुचित | अन्यायपूर्ण, अयोग्य, अन्यायी, असंगत, गैरबाजिब, नाजायज, अनुपयुक्त, अनावश्यक, गैरमाकूल, अवांछनीय, नीतिविरुद्ध, अयुक्त, गलत, नामुनासिब, अनैतिक, असमयोचित, अयुक्तसंगत, अनुवित, अप्रयोज्य, बेजा, न्यायविस्र्द्ध, अप्रयोज्य, अनमेल, नीति-विरुद्ध, अवैध, युक्तहीन, विसंगत, असंगत। |
अनुचित in Hindi | anyaay poorn, ayogy, anyaayee, asangat, gairavaajib, naajaayaj, anupayukt, anaavashyak, gairamaakool, avaanchhaneey, neeti viruddh, aayukt, galat, naamunaasib, anaitik, asamayochit, ayuktasangat, anuvit, aprayojy, beja, nyaayavisrddh, aprayojy, neeti-viruddh, avaidh, yuktiheen, sangat, asangat. |
अनुचित | unfair, inappropriate, improper, undue, unjust, unwarranted, Improper, Undue, unwarranted, disrespectful, unjustifiable, Unequipped, unsuitable, indecent, impermissible, inapplicable, illegitimate, unblended, unallowed, Unsuited, unadaptable, unallowable, unbeseeming, unwarrantable, unapt, inapt, inconsistent, unreasonable, unseemly, unconscionable, amiss, impolitic, unconsciousable, uncalled for, unsound, wrongous. |
दोस्तो अनुचित दो शब्दो से मिलकर बना एक शब्द है यानि यह अन और उचित शब्द से मिलकर बना है । जिसमें से उचित का मतलब होता है जो वाजीब या सही होता है । मगर उचित के आगे अन लग जाने के कारण से इसका अर्थ परिवर्तन हो जाता है और इसका विपरित अर्थ बन जाता है । यानि
अनुचित का मतलब जो वाजीब न हो या सही न हो या उपयुक्त न हो यानि अनुपयुक्त हो होता है ।
इस तर हसे अनुचित शब्द के अर्थ होते है-
इस तरह से हिंदी भाषा में अनुचित का अर्थ होता है ।
दोस्तो अनुचित शब्द का शाब्दिक मतलब होता है जो उचित न हो । इस तरह से जीवन में जो कुछ भी किसी भी कारण से उचित नही होता है उसे अनुचित कहा जाता है । जिस तरह से हम बात करे की विधार्थी जीवन में एक विधार्थी के लिए ज्ञान हासिल करना उचित होता है और उसे वही करना चाहिए ।
मगर जब विधार्थी ज्ञान हासिल न कर कर कुछ बुरा करने लगता है यानि ज्ञान हासिल करने के विपरित कार्य करता है तो इसे अनुचित कहा जाता है ।
जिस तरह से हमारे धर्मों में कहा जाता है की जो लोग हमसे बडे है उन्हे आदर देना चाहिए और उन्हे प्रणाम करना चाहिए । इस तरह से करने को उचित कहा जाता है मगर वही अगर बडे लोगो का आदर न कर कर अपमान किया जाता है तो यह उचित नही होता है बल्की यह अनुचित होता है ।
इस तरह से समझ में आता है की अनुचित शब्द का मतलब उचित के बिल्कुल उल्टा होता है । यानि जहां उचित का मतलब ठिक या सही के लिए किया जाता है वही अनुचित शब्द का मतलब गलत के लिए किया जाता है ।
जिस तरह से कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करता है जो की न्याय के अनुसार सही होता है और कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करता है जो न्याय के अनुसार सही नही है तो इन दोनो को क्रमश उचित व अनुचित के नाम से जाना जाता है ।
दोस्तो जो कुछ भी मानव के जीवन में गलत होता है जैसे धर्म के अनुसार जो गलत है, न्याय के अनुसार जो गलत, सविधान के अनुसार जो गलत है और समाज के अनुसार जो गलत है आदी तरह से जो कुछ भी गलत होता है वह अनुचित होता है ।
दोस्तो आप चाहे जिस धर्म के हो मगर आपके धर्म में जो कुछ भी कहा गया है वह आपके लिए उचित होता है यानि वह सत्य है और वैसा ही जीवन में करना चाहिए । तब ही इसे उचित कह सकते है । मगर जब कोई व्यक्ति अपने धर्म कें विपरित कार्य करता है तब इसे उचित नही कह सकते है । क्योकी धर्म के विपरित कार्य करने का मतलब हुआ की धर्म के अनुसार गलत होना । और इस तरह से धर्म के अनुसार यह अनुचित हो जाता है ।
दोस्तो आज से बहुत समय पहले से ही हमारे देश में न्याय की प्रणाली चलती रहती थी । और उस समय राजा महाराजा न्याय करते थे और आज न्यायालय में न्याय मिलता है । मगर जब प्राचिन समय में जो राजा न्याय करता था वह सत्य हुआ करता था यानि उचित माना जाता था । मगर राजा के विपरित कार्य करने को अनुचित कहा जाता था ।
उसी तरह से आज न्यायालय में न्याय पाने के लिए भी अनेक तरह की किताबे है जिनमें लिखा है की कोई व्यक्ति किस तरह का गलत काम करता है तो उसे किस तरह का दंड दिया जाता है । और उन किताबो के अनुसार करने को उचित कहा जाता है । मगर जब न्याय में न्यायप्रणाली के विपरित न्याय दिया जाता है तो यह अनुचित होता है ।
इसे इस तरह से भी समझ सकते है की एक चोर है जो की चोरी करते हुए पकडा जाता है और उसे न्याय के लिए न्यायालय में भेज दिया जाता है । तब उस चोर को सजा मिलनी चाहिए । अगर उस चोर को सजा दी जाती है तो यह उचित होता है ।
मगर जब उस चोर को सजा न देकर रिहा कर दिया जाता है तो यह अनुचित हो जाता है । यानि जो गलत होता है उसी को अनुचित कहा जाता है क्योकी न्याय के अनुसार गलत हो रहा है तो यह न्याय के अनुसार अनुचित होता है ।
दोस्तो इसी तरह से हमारे सविधान में जो कुछ भी लिखा गया है अगर वैसा ही सब होता है तो वह अनुचित नही होता है मगर जब सविधान के विपरित कार्य किया जाता है तो यह सविधान के अनुसार अनुचित होता है ।
दोस्तो आज हम जीस स्थान पर रह रहे है वहां पर आस पास के लोग भी होते है और इस तरह से सभी लोगो को मिलाकर समाज बनता है । और इस समाज में अनेक तरह की नियम होते है जिसके अनुसार कार्य किया जाता है । मगर जब इन नियमो के अनुसार कार्य नही होता है तो यह अनुचित हो जाता है जिसे समाज के अनुसार अनुचित कहा जाता है ।
दोस्तो अनुचित शब्द दो तरह के शब्दो से मिलकर बना होता है जिसमें पहला शब्द अन होता है और दूसरा उचित होता है । जब उचित के आगे अन लग जाता है तो अनुचित बन जाता है । और उचित का मतलब होता है सही या वैध ।
मगर अन लग जाने के कारण से उचित शब्द का अर्थ ही बदल जाता है और एक नया अर्थ बन जाता है जो की उचित के विपरित होता है। क्योकी यह उचित शब्द से मिलकर ही अनुचित बनता है तो कहा जा कसता है की अनुचित शब्द का जन्म उचित से ही हुआ है ।
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