Anurag ka vilom shabd अनुराग का विलोम शब्द?

अनुराग का विलोम शब्द, अनुराग शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, अनुराग का उल्टा Anurag ka vilom shabd

शब्द (word) विलोम (vilom)
अनुराग‌‌‌विराग  
AnuragVirag
            

‌‌‌अनुराग का मतलब और विलोम शब्द

अनुराग का विलोम शब्द

‌‌‌दोस्तों अनुराग दो शब्दों के अंदर प्रयोग किया जाता है।एक तो अनुराग का मतलब प्रेम होता है और दूसरा भक्ति होता है। अनुराग हो जाना । जैसे किसी को किसी से अनुराग हो गया है। मतलब प्रेम हो गया है। अनुराग एक प्रेम का ही दूसरा नाम होता है।‌‌‌जब इंसान अनुराग के अंदर होता है तो अचानक से उसे सारी दुनिया अच्छी लगने लग जाती है और वह अपने साथी के साथ खुशियों के पल बिताना चाहता है। आजकल तो जब लड़के लड़की को प्यार या अनुराग होता है तो वे पहले तो छुप छुप कर मिलते हैं और उसके बाद घर से भाग कर कुछ दिन दोनों साथ रहते हैं। सब कुछ खत्म हो ‌‌‌जाता है

 तो फिर यह वापस घर आते हैं और फिर दोनों का मन भर जाता है लड़के की शादी कहीं और करदी जाती है और लड़की की कहीं ओर कर दी जाती है। यही अनुराग बनके रह गया । असल मे घर से भागने के लाखों केस रोज होते हैं उनमे से मात्र कुछ केस मे ही शादी होती है। अधिकतर मे लड़के लड़की अलग हो जाते हैं।

‌‌‌असल मे जब हम किसी से पहली बार प्रेम करते हैं या अनुराग मे होते हैं तो इसका असर हमारे दिमाग पर सबसे अधिक होता है और इससे हमे इतना अधिक आनन्द आता है कि हम पहले प्यार को भुलाए नहीं भूल पाते हैं। यही वजह है कि पहले प्यार को सबसे अच्छा माना गया है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि असली अनुराग करने वाले बहुत ही कम लोग मिलेंगे। और यदि कोई इंसान किसी से सच्चा अनुराग करता है तो यह बस किस्मत वालों को मिलता है। एक बार बिहार से न्यूज आई कि पति ने अपनी ही पत्नी की शादी पत्नी के प्रेमी के साथ करवादी । ‌‌‌असल मे पति के मन मे क्या था इसको तो हम नहीं जानते हैं लेकिन यह सच है कि इस प्रकार के पति काफी दुर्लभ होते हैं।

 ‌‌‌जब इंसान पहली बार अनुराग मे पड़ता है तो उसके शरीर मे मौजूद कैमिकल की वजह से उसके रातों की नींद उड़ जाती है और वह पूरी पूरी रातें बात करता रहता है। और उसे पता भी नहीं चलता है कि समय किस प्रकार से निकल गया लेकिन यह स्थिति हमेशा नहीं रहती है। बहुत लोगों को यह लगता है कि वे घर से भाग कर शादी ‌‌‌करलेंगे तो उनका प्यार अंजाम तक पहुंच जाएगा लेकिन असल मे यह होता नहीं है। जिस वासना के सहारे वे घर से भाग कर आते हैं वह कुछ ही दिन मे समाप्त हो जाती है और उसके बाद रियल धरातल पर घरवालों का स्पोर्ट खास कर लड़की के लिए जरूरी होता है।

‌‌‌क्योंकि इस दुनिया मे बिना पैसे के कुछ नहीं हो सकता है। यदि एक लड़की अपने पैरों पर नहीं खड़ी है तो फिर उसका कुछ नहीं हो सकता है। इसके अलावा भागी हुई लड़की को कई बार घरवाले भी अपनाने से इंकार कर देते हैं।

‌‌‌ऐसी स्थिति मे लड़की की दुर्शसा होती है।आपको यह समझना चाहिए कि यदि किसी से अनुराग है तो फिर घरवालों की मर्जी से ही शादी करना चाहिए । खैर अनुराग सिर्फ प्रेमी प्रेमिका मे ही नहीं होता है। उससे भी बड़ा अनुराग मां बेट बेटी और दूसरे जानवरों मे भी होता है। यह रिश्ते अनुराग के मामले मे सबसे ‌‌‌अधिक आगे हैं।

‌‌‌विराग का मतलब

‌‌‌विराग का मतलब किसी चीज मे अरूचि हो जाना। या वैराग्य हो जाना ही विराग होता है। विराग का मतलब आपके अंदर उस चीज को लेकर रूचि समाप्त हो जाती है। जैसे कि यदि आप अपने मन पसंद खाने को रोजाना खाते हैं तो आपके मन मे उसे लेकर विराग पैदा हो जाता है या कहें कि अरूचि पैदा हो जाती है।

‌‌‌वैसे देखा जाए तो यह कोई नया नियम नहीं है।यह एक नैचुरल नियम है कि जब हम किसी खाने को बार बार खाते हैं या बार बार एक ही काम करते हैं तो विराग पैदा हो जाता है।

‌‌‌हालांकि विराग पैदा होने के पीछे नैचर का मकसद क्या होता है इसका तो पता नहीं है। लेकिन कुछ लोग यह सोचते हैं कि प्रेम सदा ही एक जैसा ही रहता है कभी विराग नहीं होता है।जब हम काम कर रहे थे तो एक दिन हमारे साथ काम करने के लिए एक मुकेश नाम का लड़का आया । उसको एक लड़की से प्यार हो गया था।

‌‌‌दोनों ने साथ  जीने मरने की खसमे खाई थी। वह मेरे को बोला कि वह उस लड़की के बिना मर जाएगा । मैनें सिर्फ उसे इतना ही कहा की प्यार व्यार कुछ नहीं होता है सब बकवास है। यह भूत है जो कुछ दिनों मे उतर जाता है।‌‌‌असल मे प्यार सब एक कर्तव्य के तौर पर देखना अधिक सही होता है।और उसके बाद हुआ वही आज वह लड़का उस लड़की को भूल चुका है । लड़की की शादी कहीं और हो गई है।

‌‌‌अनुराग की कहानी

दोस्तों आधुनिक युग की बात है।सोनू का घर कविता के घर के पास मे ही था दोनों घरों मे अच्छी जान पहचान थी। और सोनू को कविता के घर चला जाता था। कविता को भी सोनू से कोई आपत्ती नहीं थी। धीरे धीरे कविता और सोनू एक दूसरे के नजदिग आते गए और उसके बाद कविता को सोनू से अनुराग हो गया ।

‌‌‌अनुराग होते ही दोनों एक दूसरे से चुपके चुपके मिलने लगे । भला प्यार किसी से कैसे छुप सकता है तो फिर एक दिन कविता की मां ने सोनू और कविता को आपतिजनक स्थिति के अंदर देख लिया फिर क्या था सोनू और कविता की काफी पिटाई हुई सोनू के घर आने पर पाबंधी लगादी गई।

‌‌‌कुछ समय दोनों प्रेमी एक दूसरे से अलग रहे ।लेकिन फिर दोनों को यह लगने लगा कि वे एक दूसरे को मिले बिना मर जाएंगे । फिर क्या था सोनू कविता से रात मे मिलने के लिए चला गया । मकान उपर था तो

‌‌‌किसी तरह से चढ़ पाया उसके बाद दोनों ने घर से भागने का प्लान बनाया । फिर एक रात को कुछ पैसे लेकर देानों फरार हो गए । कविता और सोनू को लगा था कि अनुराग या प्यार दोनों के बीच ऐसे ही रहेगा । लेकिन मात्र 15 दिन मे ही सोनू और कविता के झगड़े शूरू हो गए । क्योंकि सोनू के पास सिर्फ प्यार था ।‌‌‌पेट भरने के लिए प्यार की नहीं पैसों की जरूरत होती है वो सोनू के पास थे नहीं ।उसके बाद सोनू कविता को वापस घर छोड़कर कहीं भाग गया । कविता को अपने गलत निर्णय पर काफी गुस्सा आया । उसका सब कुछ लुट चुका था। तो दोस्तों इस कहानी से यही सीख मिलती है कि अनुराग हमेशा नहीं रहता है। लेकिन सच्चा ‌‌‌अनुराग कभी खत्म नहीं होता है क्योंकि सच्चे अनुराग मे पाने की नहीं देने की इच्छा होती है। इसमे आप अपने साथी को सब देते हैं लेकिन लेते कुछ नहीं हैं।

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