Apman ka vilom shabd अपमान का विलोम शब्द ?
अपमान का विलोम शब्द, अपमान शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, अपमान का उल्टा Apman ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
अपमान | मान, सम्मान |
Apman | Maan, Samman |
अपमान का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों अपमान का विलोम शब्द होता सम्मान। वैसे तो अपमान की परिभाषा देना कठिन है। क्योंकि अलग अलग जगहों पर अपमान के वर्ड अलग अलग होते हैं। मैनें कई ऐसी जगह देखी हैं जहां पर गाली देना कॉमन है किस तरह का अपमान नहीं है। मैं पहले एक कम्पनी मैं काम करता था तो वहां पर सभी गाली देकर ही बात करते थे । और नये नये इंसान को यह बहुत ही अजीब लग सकता है लेकिन यह वहां पर कॉमन है। इस प्रकार से अपमान का मतलब होता है आपको बाले गए कटु वचन । यदि कोई आपको कटु वचन बोलता है तो यह आपका अपमान ही होगा । जैसे कि आप किसी के घर मे किसी काम से जाते हैं और उसके बाद आपको वहां पर जाते ही कटु वचन बोले जाते हैं तो उसके बाद क्या होगा ।आप समझ सकते हैं कि आपको बहुत ही बुरा लगेगा इसी को कहेंगे कि आपका अपमान हुआ है। सरकारी तंत्र के अंदर तो अपमान का कहना ही क्या । आप किसी भी सरकारी विभाग के अंदर चले जाएं वहां पर आपकी कोई वैल्यू नहीं होगी ।
हमारे यहां पर कुछ दूरी पर एक कॉलेज पड़ता है।उस कॉलेज के अंदर मैं एक बार मार्कशीट लाने के लिए गया तो उस सरकारी बाबू ने मैरें को 4 दिन तक बहाने बनाने के बाद मार्कशीट दी । आप समझ सकते हैं कि एक तरह से यह भी आपका अपमान है।
वैसे यहां पर अपमान करने वालों की कमी नहीं है।कुछ दिन पहले न्यूज के अंदर आ रहा था कि एक महिला को उसके पति ने धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया क्योंकि उसके पति का अपनी भाई की पत्नी से अफेयर चल रहा था। उसके भाई की पहले ही मौत हो चुकी थी।
इस प्रकार से उस महिला का अपमान ही हुआ । इसी प्रकार से कई बार आपने देखा होगा कि भारत की महान पुलिस भी यही काम करती है। यदि आप रपट लिखाने किसी रसूखदार आदमी के खिलाफ जाएंगे तो वे रपट लिखने की बजाय आपको ही डरा धमका देंगे । ऐसी स्थिति के अंदर आपका अपमान ही हूआ । कुछ दिन पहले एक महान कलेक्टर साब ने एक बेचरा लड़के को रोक लिया जोकि कोरोना पेसेंट के लिए दवा देने जा रहा था। महान कलेक्टर साब ने आव देखा ना तांव सीध पुलिस वालों को मारने का आदेश दिया । और बेचारे लड़के का मोबाइल तोड़ दिया । पद के नशे मे चूर कलेक्टर साब यह भूल गए कि एक दिन पद वद कुछ नहीं बचेगा वही लठठों के अंदर जलना है। पद या कद बस भ्रम है। बाद मे विडियो वायरल हुआ तो कलेक्टर साब का गुस्सा शांत हुआ ।
यह भारत के एक अधिकारी का हाल नहीं है।बहुत से अधिकारियों का हाल बस यही हो चुका है। बस उनको नौकरी यदि मिल जाए तो आम इंसान पर रौब झाड़ते हुए मिलेंगे । बेचारे आम इंसान डर के बारे मे बोल नहीं पाएंगे । कौन कोर्ट कचहरी के चक्कर मे फंसेगा ।
तो आप समझ सकते हैं कि अपमान करने वालों की यहां पर कमी नहीं है।आपको अपमान करने वाले नमूने हर जगह पर मिलेंगे । लेकिन अपमान का सही मतलब यही है कि बिना किसी कारण या बेकार मे कोई आपको गलत बोले तो वह अपमान ही है। यदि आपने कुछ गलत किया है तो फिर बेचारा आपको बोलेगा ही फिर आप यह नहीं कह सकते हैं कि आपका अपमान हुआ है। उम्मीद करते हैं कि अपमान का अर्थ आप समझ गए होंगे ।अपमान का मतलब है जो आपको बुरा लगे वही अपमान है।
सम्मान और मान का मतलब
दोस्तों सम्मान का मतलब होता है आदर सत्कार करना यदि आपके घर के अंदर कोई मेहमान आता है तो उसका आप आदर सत्कार करते हैं। इसी को सम्मान कहा जाता है। वैसे आजकल हर कोई चाहता है कि उसका सम्मान करें। वह जहां पर भी जाए उसका अच्छे से आदर किया जाये ।यह कोई नहीं चाहता है कि उसका अपमान हो लेकिन उसके बाद भी हो जाता है। इस दुनिया के अंदर यदि हम सम्मान की बात करें तो सम्मान उन्हीं लोगों को मिलता है जोकि सबसे अधिक पैसा वाला है। यदि आप अपने गांव के अंदर नजर डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि लोग उन लोगों का अधिक सम्मान कर रहे हैं जोकि अधिक पैसे वाले होते हैं। जो लोग पैसे वाले नहीं होते हैं उनको कोई भी पूछता ही नहीं है।कारण यही है कि पैसे के साथ साथ सम्मान भी चलता है। यदि एक डकैत के पास भी पैसा है तो लोग उसका भी सम्मान करने के लिए तैयार रहेंगे । हालांकि सभी लोग इस प्रकार के नहीं होते हैं लेकिन वर्तमान दौर की बात करें तो यह इसी प्रकार का होता जा रहा है।
अक्सर आपने देखा होगा कि करप्सन इतना अधिक फैल चुका है कि एक ईमानदार इंसान का कोई भी सम्मान नहीं करता है और एक बेईमान का हजारों सम्मान करते हैं। कारण यही है कि बेईमान से सबको मलाई खाने को मिलती है। यदि मलाई खाने को मिलती रहे तो सम्मान भी मिलता रहेगा ।
आपको यह पता होना चाहिए कि एक सम्मान भी दिखावा होता है।यदि किसी इंसान को हम बेईमान मानते हैं और उसका सम्मान करते हैं तो हमारा सम्मान दिखावा ही होता है। कारण यह है कि ऐसी दशा के अंदर हम दिल से सम्मान नहीं करते हैं। क्योंकि हमे यही लगता है कि इंसान किसी काम का नहीं है। लेकिन असली सम्मान तो वही होता है जो आपके दिल से निकलता है।आपने देखा होगा कि कई बार हम लोग भगवान की पूजा करने के लिए जाते हैं और वहां पर भगवान का जो सम्मान करते हैं वही असली सम्मान होता है क्योंकि वह हमारे दिल से निकलता है।
वहां पर आपको पता होता है कि भगवान किसी प्रकार के गलत कार्य नहीं करते हैं वे दूसरों की तरह बेईमान नहीं है।असली सम्मान जिसका हम करते हैं बस उसी का अनुसरण करते हैं। आपको समझना चाहिए कि भगवान को आपके सम्मान की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको भगवान के सम्मान की जरूरत है।
क्योंकि यदि आप भगवान का सम्मान नहीं करेंगे तो फिर इसका अर्थ यही है कि आप अच्छे गुणों को कभी भी ग्रहण नहीं कर पाएंगे । और आप उस समय बुरे गुणों को ग्रहण कर रहेहोंगे । इसलिए खुद के अंदर बुराई के प्रवेश को रोकने के लिए आपको ऐसा करना होगा ।
स्पष्ट सी बात यही है कि जब आप इस धरती पर आये हैं तो आपको या तो अच्छी बातें सीखनी होंगी या बुरी । आप बिना सीखें नहीं रह सकते हैं और जो बिना सीखे रहते हैं वे महान योगी होते हैं। जो कोई विरला ही होता है। इस प्रकार से अपमान शब्द एक प्रकार का नगेटिव शब्द है जिसको बुराई से जोड़कर देखा जाता है तो सम्मान शब्द पॉजिटिव होता है जिसको अच्छाई से जोड़कर देखा जाता है। अब यह आपके उपर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के चरित्र को अपनाना चाहते हैं। यह पूरी तरह से आप ही तय कर सकते हैं लेकिन असल मे यह अपने आप ही तय हो जाता है।
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