अर्थ का विलोम शब्द क्या है Arth ka vilom shabd kya hai ?

अर्थ का विलोम शब्द या अर्थ का विलोम , अर्थ का उल्टा क्या होता है ? Arth  ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
अर्थअनर्थ
ArthAnarth

‌‌‌अर्थ का विलोम शब्द और अर्थ

‌‌‌अर्थ का विलोम शब्द और अर्थ

दोस्तों अर्थ का विलोम शब्द होता है अनर्थ और अर्थ का मतलब होता है किसी चीज को परिभाषित करना । जैसे कि खाने का अर्थ होता है भोजन को अपने मुंह के अंदर लेकर चबाकर खाना । दोस्तों अर्थ किसी चीज के मतलब को व्यक्त करता है। नेट के उपर जब हम किसी शब्द के बारे मे ‌‌‌सर्च करते हैं तो लिखते हैं कि कोमल का अर्थ क्या होता है ? इसी प्रकार से हर शब्द का अपना अर्थ होता है। इसी तरीके से जब हम अंग्रेजी की पढ़ाई करते थे तो किसी शब्द के अर्थ का पता हमकों नहीं होता था तो हम उस शब्द के अर्थ को नेट के उपर सर्च करते थे और उसके बाद हमे उसके अर्थ का पता चल जाता था।

‌‌‌दोस्तों आजकल अर्थ का पता करना बहुत ही आसान हो चुका है। कारण यह है कि आजकल अर्थ की पूरी डिक्सनरी आपको इंटरनेट के उपर मिल जाएगी । और आप आसानी से किसी भी तरह के शब्द के अर्थ के बारे मे आपको आसानी से पता चल जाएगा ।

‌‌‌किसी जमाने के अंदर हम लोग जब पढ़ा करते थे तो उस समय इंटरनेट भी उतना अधिक विकसित नहीं हुआ करता था। और गूगल भी हिंदी के अंदर काफी बेहतर तरीके से काम  नहीं करता था तो ट्रांसलेट वैगरह भी सही तरीके से नहीं होता था।

‌‌‌इस तरह से दोस्तों इंटरनेट के जमाने ने अब काफी तरक्की करली है। और हिंदी के अंदर भी बहुत सारी चीजें आपको आसानी से मिल जाएंगी । लेकिन एक जमाने मे नहीं मिलती थी। गूगल ने विशेष तौर पर हिंदी के अंदर इंटरनेट को बढ़ाने के लिए काफी कुछ कार्य किया था।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि अर्थ निकालने के लिए पहले हम लोग बड़ी बड़ी डिक्सनरी का इस्तेमाल करते थे लेकिन अब तो शायद डिक्सनरी का बिकना ही बंद हो चुका है। कारण यह है कि एक शब्द के अर्थ को डिक्सनरी के अंदर खोजने के लिए काफी समय लग जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा । क्योंकि आपको एक शब्द के ‌‌‌ अर्थ को खोजने के लिए बस कुछ ही सैंकिड का समय लगेगा । आपको बस गूगल के अंदर उस शब्द के अर्थ को लिखकर सर्च करना है बस उसके बाद आपकी सारी समस्या हल हो जाएगी ।

‌‌‌यदि आपको किसी भी तरह के शब्द का अर्थ चाहिए तो आपको गूगल पर जाना है और उसके बाद उस शब्द के अर्थ के बारे मे सर्च करना है। बस कुछ ही समय के अंदर उस शब्द के अर्थ के बारे मे आपको पता चल ही जाएगा ।

‌‌‌दोस्तों एक शब्द के कई सारे अर्थ हो सकते हैं। एक ही शब्द कई अर्थों को प्रकट करता है जैसे की जैसे कि नींद लेना का मतलब होता है सोना , लेटना या आंख बंद करना । इसी तरीके से हर शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं।

‌‌‌हालांकि भाषा के अंदर आप क्या बताना चाहते हैं ? उसके हिसाब से ही उसका अर्थ निकाला जाता है। इसी तरीके से आपके लिए कोनसा अर्थ सही रहता है ? उसके हिसाब से आपको अर्थ लेना होता है।

‌‌‌इस तरह से दोस्तों शब्द का हमेशा सही अर्थ निकालना चाहिए । कई बार क्या होता है कि ? हम किसी बोले गए इंसान के शब्दों का गलत अर्थ निकाल लेते हैं जिससे कि हमे काफी नुकसान होता है।

‌‌‌अनर्थ का अर्थ और मतलब

दोस्तों अनर्थ का मतलब होता है कुछ बुरा करना । जैसे कि आप किसी लड़की को भगाकर लेकर जाते हैं तो यह समाज की नजर के अंदर एक अनर्थ ही होता है और आपको ऐसा नहीं करना चाहिए । यदि लड़की शादी की उम्र से कम या यानी नाबालिग है तो आपके लिए काफी समस्या होगी । और आपको रेप के आरोप ‌‌‌मे आपको पकड़ा जा सकता है। दोस्तों दुनिया के अंदर अर्थ और अनर्थ सब कुछ होता रहता है। लेकिन कुछ किया नहीं जा सकता है। दुनिया के अंदर सही करने वाले लोग भी मौजूद होते हैं तो गलत करने वाले लोग भी मौजूद होते हैं। खैर जो भी हो लेकिन सब कुछ चलता ही रहता है। जो सही लोग होते हैं वे चीजों को गलत होने ‌‌‌ से रोकने का काम करते हैं। लेकिन इसके विपरित जो गलत लोग होते हैं वे चीजों को गलत करने का काम करने लगते हैं। और इनदोनों के अंदर हमेशा टकराव की स्थिति बनी रहती है। और इसको ही तो धर्म युद्ध के नाम से जाना जाता है। धर्म युद्ध महाभारत का ही नहीं था वरन धर्म युद्ध तो सदैव ही चलता रहता है। एक पक्ष ‌‌‌तो उन लोगों का होता है जोकि सदैव सही करने का प्रयास करते हैं और एक पक्ष उन लोगों का होता है जो कि गलत के पक्ष मे होते हैं। दोस्तों यह जगजाहिर है कि अर्थ का अनर्थ वेही लोग करते हैं जोकि संस्कार से रहित होते हैं। और उनके माता पिता ने कोई भी संस्कार नहीं दिये होते हैं।

‌‌‌यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अर्थ का अनर्थ ना करें तो आपको अपने बच्चे को सहीं चीजों को सीखाना होगा । यदि आप अपने बच्चे को सही चीजों को नहीं सीखा पाते हैं तो उसके बाद नुकसान होगा । क्योंकि वह जीवन के अंदर कुछ गलत चीजों के पकड़ लेने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाएगी ।

‌‌‌वैसे हम लोग बच्चों को स्कूल भेजकर यह निश्चित कर लेते हैं कि वह सब कुछ सीख लेगा । लेकिन असल मे ऐसा कोई स्कूल आज के समय मे नहीं है जोकि बच्चों को संस्कार सिखाने का काम करता हो । वह काम करता हो कि क्या गलत है और क्या सही है ? इसके बारे मे बताने का काम करता हो । यह सब तो बच्चे को उसके ‌‌‌जन्म के बाद सिखाया जाता है। और यदि माता पिता इसके अंदर लापरवाही बरतते हैं तो नुकसान उस बच्चे का होता है। कुछ माता पिता कमाने के अंदर इतने अधिक बीजी होते हैं कि वे अपने बच्चे पर किसी भी तरह का ध्यान नहीं देते हैं और इसका परिणाम यह होता है कि उनका बच्चा गलत चीजों को पकड़ लेता है।

‌‌‌यदि आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा गलत चीजों को ना पकड़े तो आपको इस बारे मे अधिक अच्छी तरह से सोचना ही नहीं होगा । वरन इन सब चीजों पर काम करना होगा । तभी यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । अर्थ का अनर्थ होने से बचाने के लिए आपको काम करना होगा ।

‌‌‌आज आप एक बच्चे को सही राह दिखाते हैं तो कल उसे इस बात के बारे मे पता चलेगा कि उसके माता पिता इतने अच्छे थे तब आज वह काफी अच्छा कर पाया है। या फिर बन पाया है। इसलिए एक सही राह का होना बहुत ही जरूरी होता है।

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