बड़ा पुत्र का पर्यायवाची शब्द या बड़ा पुत्र का समानार्थी शब्द ( bada putra ka paryayvachi shabd / bada putra ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में काफी विस्तार से जानने वाले है । इसके साथ ही इस लेख में हम बड़े पुत्र के बारे में अलग अलग तरह की जानकारी हासिल करेगे ।
शब्द (shabd) | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
बड़ा पुत्र | बड़ा पूत, बड़ा बेटा, बड़ा आत्मज, बड़ा तनय, बड़ा लड़का, बड़ा कुमार, बड़ा औलाद, बड़ा सुत, बड़ा छोकड़ा, बड़ा सन्तान, बड़ा लाल, बड़ा वत्स, बड़ा तनुज, बड़ा पिसर, बड़ा अंगज, बड़ा बालक, बड़ा नंदन, बड़ा औरस, बड़ा छोरा, बड़ा तनया, |
बड़ा पुत्र in Hindi | bada poot, bada beta, bada aatmaj, bada tanay, bada ladaka, bada kumaar, bada aulaad, bada sut, bada chhokada, bada santaan, bada laal, bada vats, bada tanuj, bada pisar, bada angaj, bada baalak, bada nandan, bada auras, bada chhora, bada tanaya. |
बड़ा पुत्र in English | eldest son. |
दोस्तो स्त्री और पुरुष के सहयोग से जन्म लेने वाली वह संतान जो की नर होती है उसे पुत्र कहा जाता है । और इस तरह से जीस पुत्र का पहले जन्म होता है वह बड़ा पुत्र होता है ।
जैसे की एक स्त्री और पुरुष के सहयोग से कुल दो पुत्रो का जन्म होता है तो जिस पुत्र का पहले जन्म हुआ है वह पुत्र बड़ा होता है और यही कारण है की उसे बड़ा पुत्र कहा जाता है ।
दोस्तो बड़ा पुत्र के अर्थ को हम निम्न तरह से समझ सकते है –
शिव भगवान का बड़ा पुत्र
आज शिव भगवान के बारे में आपको बताने की जरूरत नही है । क्योकी आप जानते है की भगवान शिव कोन है । तो दोस्तो आपको यह भी मालूम होगा की भगवान शिव के कितने पुत्र थे ।
अगर कथाओ की बात करे तो बहुत से लोगो को केवल इतना मालूम है की भगवान शिव के दो पुत्र है गणेश और कार्तिक्य। मगर मेर मित्र अगर आपको भी इतना पता है तो आपका ज्ञान अधुरा है । क्योकी भगवान शिव के दो नही बल्की कुल 6 पुत्र थे । बाकी के 4 का नाम सुकेश, जलधर, अयप्पा, भूमा है ।
मगर दोस्तो क्या आपको मालूम है की इन सभी में भगवान शिव का सबसे बड़ा पुत्र कोन है ।
अगर नही तो दोस्त आपको बता देते है की भगवान शिव का बड़ा पुत्र गणेश को माना जाता है ।
आपकी जानकारी के लिए बता देते है की शिव का विवाह माता सती से हुआ था । मगर माता सती के देहांत के बाद में उनका जो दूसरा जन्म हुआ था वह माता पार्वती का था । और माता पार्वती और शिव का ही यह पुत्र गणेश है ।
अगर शिव के बड़े पुत्र गणेश के जन्म के बारे में बात करते है तो हम यह नही कह सकते है की गणेश जी का जन्म किस तरह से हुआ है ।
क्योकी गणेश के जन्म पर अनेक तरह की कथाए होती है । अलग अलग होने के कारण से कोई भी गणेश के सटिक जन्म के बारे में नही बताता है।
माता कुंती के बारे में आज भले ही आपको कम ज्ञान होगा । मगर मेरा दावा है की आप उनके बारे में जानते हो । क्योकी माता कुंती कोई और नही बल्की पाण्डवो की मां थी और इस बात के आधार पर आपको पता चल गया होगा की हम महाभारत के समय की बात कर रहे है ।
जहां पर भगवान कृष्ण की बहन के रूप में जानी जाती है ।
माता कुंती के घर में एक बार महर्षि दुर्वासा पधारे थे । और माता कुंती ने उनकी काफी अधिक सेवा की थी जिसके कारण से महर्षि दुर्वासा खुश हो गए और कुंती की सेवा देख कर उन्हे वरदान देते है की वह जीस भी देव का आवाहन करेगी वह देव उन्हे पुत्र देगा ।
और इसी कारण से माता कुंती ने सबसे पहले भगवान सुर्य देव को याद किया था । क्योकी वरदान था जिसके कारण भगवान सुर्य देव को माता कुंती को पुत्र देना पड़ा । और यह कुंती का पहला पुत्र था ।
अब आप समझ सकते है की कोन माता कुंती का पहला पुत्र था । क्योकी महाभारत में सूर्यपुत्र के रूप में कर्ण को ही जाना जाता है और असल में कर्ण ही माता कुंती का सबसे बड़ा पुत्र था ।
शिवाजी के बारे में आज कोन नही जानता है । हमारी इस धरतीपर जन्म लेने वाले महान राजाओ मे से यह एक थे । जिनका पूरा नाम छत्रपति शिवाजी भोसले था । आपकी जानकारी के लिए बता देते है की इनका शासन रायगढ़ में था । और इन्होने मराठा साम्राज्य की नीव रखी थी ।
शिवाजी की ताक्त के बारे में आप इस बात से ही अनुमान लगा सकते हो की इन्होने मुगलो को काफी बुरी तरह से हराया था । इन्होने औरंगज़ेब से सर्घष किया था ।
शिवाजी जी महाराज की कुल आठ रानिया थी । मगर उनसे केवल दो पुत्रो का जन्म हुआ था । बाकी पुत्रियो का जन्म हुआ था । शिवाजी के दो पुत्रो का नाम संभाजी, राजाराम। मगर दोस्तो अब आपका प्रशन होता है की इनमे से कोनसा पुत्र बड़ा था ।
तो दोस्तो आपकी जानकारी के लिए बता देते है की शिवाजी का बड़ा पुत्र संभाजी थे । और शिवाजी के बाद में उत्तरवर्ती यही थे ।
दोस्तो अगर आपको नही मालूम है तो आपको बता देते है की बड़ा पुत्र जो होता है उस पर घर की काफी जिम्मेदारिया होती है । और यह मैं नही बल्की यह समाज कहता है । इसमें कहा जाता है की पिता के बाद में केवल बड़ा पुत्र ही होता है जो की घर को चलाने का काम करता है ।
पिता की कमी को केवल बड़ा पुत्र ही पुरी कर सकता है । अगर पिता होता है तो भी बड़े पुत्र का यह फर्ज बनता है की वह घर की जिम्मेदारिया जल्द ही निभानेलग जाए ।
आपने देखा होगा की हमारे आस पास रहने वाले लोगो के जो बड़े पुत्र होते है वे जल्द ही अपने अध्ययन के साथ साथ अन्य काम करने लग जाते अगर घर की स्थिति सही नही है तो ऐसा होना आम बात होती है ।
मगर इसके अलावा भी जीन लोगो के घर की स्थिति सही होती है उनके भी बड़े पुत्र अपने अध्ययन के साथ साथ अन्य काम करते है ताकी एक तो वे जो अध्ययन में पैसे खर्च कर रहे है वे पिता से लेना न पड़े । दूसरा घर में जो धन की जरूरत होती है उसमें अपना योगदान दिया जा सके । इसके साथ ही दोस्तो बड़ा बेटा घर की कुछ जिम्मेदारिया निभाना शुरू करता है ।
इसके अलावा छोटे मोटे काम में अपने पिता के स्थान पर रिश्तेदारो के पासा जाने लग जाता है तो यह भी घर की एक तरह की जिम्मेदारी होती है जो की बड़े बेटे पर आ जाता है।
हा जब पिता की अनुपस्थिति होती है तो बड़े बेटे पर काफी अधिक जिम्मेदारिया आती है । क्योकी उस समय वह स्वयं ही पिता के स्थान पर होता है । जो कुछ करना है वह उसे ही करना होता है । अगर किसी रिश्तेदार के पास जाना है तो उसे ही जाना होगा । अगर घर में किसी चिज की कमी है तो वह उसे ही लाकर देनी होती है । इस कारण से दोस्तो कहा जाता है की बड़ा बेटा जो होता है उस पर घर की जिम्मेदारिया होती है ।
कुछ घर ऐसे होते है जहां पर जीवन जीने के लिए सही तरह की स्थिति नही होती है । तो ऐसी स्थिति में जो बड़ा बेटा होता है वह अध्ययन नही कर पाता है और अपने अध्ययन को त्याग कर अपने छोटे भाई बहनो को पढाने के लिए और अपने परिवार के सभी सदस्यो को पालने की जिम्मेदारी आ जाती है । जिसके कारण से छोटी सी उम्र में उन्हे काम करने के लिए जाना पड़ जाता है । इस कारण से दोस्तो कहा जाता है की जो बड़ा बेटा होता है उस पर घर की काफी जिम्मेदारिया होती है ।
अगर बड़े बेटे की जिम्मेदारियो के बारे में इसी तरह से बताते रहे तो लिखना कभी रूकेगा नही । क्योकी बड़े पुत्र की जिम्मेदारियो के बारे में आपको भी मालूम है ।
इस कारण से दोस्तो हम अब कह सकते है की आपको पता चल गया होगा की बड़ा पुत्र का पर्यायवाची शब्द या बड़ा पुत्र का सामनार्थी शब्द क्या होते है ।
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