bajrang baan ka path karne ke fayde बजरंग बाण के पाठ करने के फायदे जानेंगे । विस्तार से ।दोस्तों हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए हम अक्सर हनुमान चालिसा का पाठ करते हैं। इसके बारे मे हम सभी को पता है। इसी तरह से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बजरंग बाण का पाठ भी किया जाता है। इसकी वजह से हनुमानजी को प्रसन्न तो किया ही जा सकता है , इसके अलावा हनुमानजी की विशेष कृपा भी प्राप्त की जा सकती है। यदि आप हनुमानजी को प्रसन्न करना चाहते हैं , तो इसके लिए बजरंग बाण का पाठ करें । ऐसा करने से आपको कई सारे फायदे आपको देखने को मिलते हैं। जिस तरह से आप हनुमान चालिसा का पाठ करते हैं , उसी तरह से आप बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं।बजरंग बाण के पाठ को करने तरीके के बारे मे भी हम यहां पर बात करने वाले हैं।
दोस्तों यदि आपको किसी तरह का रोग हो गया है , और आपको उस रोग से छूटकारा नहीं मिल रहा है , तो रोजाना आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए । माना जाता है , कि इससे आपको किसी भी तरह का रोग नहीं होगा । और आपके जो रोग चल रहे हैं। जिसकी वजह से आप परेशान हो चुके हैं , वह रोग भी दूर हो जाएगा । जिस इंसान का रोग पीछा नहीं छोड़ रहा है , उसे बजरंग बाण का पाठ जरूर ही करना चाहिए ।
बजरंग बाण का पाठ करने से आपके समस्त प्रकार के मानसिक कष्ट समाप्त हो जाते हैं। यदि आपको किसी तरह की चिंता और तनाव व डिप्रेशन है , तो आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए ।ऐसा करने से आपकी चिंता और किसी भी तरह का मानसिक तनाव परेशान कर रहा है , तो वह वहीं का वहीं शांत हो जाएगा ।और आपके मन को शांति जरूर ही मिलेगी ।
दोस्तों यदि आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं , तो इससे प्रभु राम भी प्रसन्न होते हैं। और इससे आपको हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा आपको राम की भी कृपा प्राप्त होती है। इसका अर्थ यह है कि जो राम भक्त होते हैं वे भी हनुमान चालिसा का पाठ कर सकते हैं।
दोस्तों हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए भी बजरंग बाण का पाठ किया जा सकता है। यदि आप हनुमानजी के भक्त हैं , तो आपको रोजाना हनुमानजी की मूर्ति के आगे दीपक को जला लेना चाहिए । और पूजा पाठ करनी चाहिए । जिससे कि हनुमानजी प्रसन्न होंगे । और आपका कल्याण होगा
दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने से आपको हर कार्य के अंदर सफलता मिलती है। यदि आपका कोई भी कार्य सफल नहीं हो रहा है , तो फिर आपको रोजाना बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने से आपका जो भी रूका हुआ कार्य होता है , वह पूरा हो जाएगा । और आपके जीवन के अंदर आने वाली समस्याएं दूर हो जाएंगी ।और आने वाले दिनों के अंदर आपके कोई भी कार्य के अंदर किसी भी तरह की कोई अड़चन नहीं आने वाली है।
दोस्तों यदि आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं , तो इससे शत्रुता का नाश होता है। यदि आपके बहुत सारे शत्रु हो चुके हैं। और शत्रु आपको काफी अधिक परेशान कर रहे हैं , तो आपको रोजाना बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आपके सारे शत्रु इससे आपसे दूर हो जाएंगे ।और आपसे शत्रुता छोड़ देंगे । यदि आपका किसी के साथ लड़ाई झगड़ा चल रहा है , तो यह उपाय आपके करने से आपका लड़ाई झगड़ा भी समाप्त हो जाएगा ।
दोस्तों यदि आपके उपर किसी तरह का केस या फिर मुकदमा चल रहा है , तो भी आपको बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए । ऐसा करने का फायदा यह है , आपको केस या फिर उस मुकदमे के अंदर जीत मिल सकती है। इसकी वजह यह है , कि आपकी शत्रुता समाप्त हो जाएगी । या फिर शत्रु आपसे डरकर भाग जाएंगे।
दोस्तों यदि आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं , तो इसकी वजह से नगेटिव उर्जा दूर भाग जाती है। मतलब जो भी बुरी उर्जा होती है , वह आपके पास नहीं आती है। भूत प्रेत आदि तो हनुमानजी के नाम से ही कांप जाते हैं। वे रोजाना बजरंग बाण का पाठ करने वाले इंसान को कभी भी नहीं सताते हैं।
दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने से समस्त प्रकार के भय का नाश हो जाता है। इंसान के अंदर भय से लड़ने की क्षमता आती है। यदि आपको किसी भी प्रकार का भय है , तो रोजाना बजरंग बाण का पाठ करें । कुछ ही दिनों के अंदर आपके अंदर निडरता आ जाएगी । आप इसको ट्राई कर सकते हैं।
दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने से आपके घर के अंदर सुख और समृद्धि आती है। हम इस जीवन के अंदर जो कुछ भी कर रहे हैं , वह सुख और समृद्धि के लिए ही तो कर रहे हैं। यदि किसी रूकावट की वजह से आपके घर की सुख समृद्धि गायब हो गई है , तो आपको एक बार बजरंग बाण का पाठ करके जरूर ही देखना चाहिए ।
बजरंग बाण का पाठ करने से आध्यात्मिक विकास भी होता है। जब हम भजन भाव के अंदर लग जाते हैं , तो उसके बाद धीरे धीरे हमारे अंदर भक्ति भावना का विकास ही होने लग जाता है। और भक्ति भावना का विकास होने की वजह से उपर के लोकों के अंदर हमारा गमन होने लग जाता है।भक्ति भावना का विकास यदि आपको अपने अंदर करना है , तो आपको पूजा पाठ तो करनी ही होगी । तभी आपकी तरक्की उपर की तरफ होने वाली है।
दोस्तों बजरंग बाण का पाठ करने से आपके अंदर की गदंगी साफ होती है। इसका मतलब यह है , कि बाहर की गदंगी तो अच्छी तरह से हम साबुन वैगरह से साफ कर लेते हैं। मगर अंदर की गदंगी को साफ करना काफी अधिक जरूरी होता है। और जब आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं , तो ऐसा करने से आपके अंदर जो मलिन विचार होते हैं , वे धीरे धीरे दूर होनेा शूरू हो जाते हैं। जोकि आपके परम कल्याण के लिए काफी अधिक जरूरी होते हैं।
यदि आप बजरंग बाण का पाठ रोजाना करते हैं , तो इससे आपको मोक्ष को प्राप्त करने मे मदद मिलती है। इसका मतलब यह है कि आपके मन के अंदर के बुरे विचार दूर होते हैं। और उसके स्थान पर अच्छे विचार आपके मन मे आते हैं। जिससे कि धीरे धीरे आप उपर की तरफ उठने लग जाते हैं।
दोस्तों बजरंग बाण का पाठ आप सही तरह से कर सकते हैं । सबसे पहले आपको बजरंग बाण का पाठ मंगलवार के दिन या फिर शनिवार के दिन आपको शूरू करना होगा । उसके बाद हनुमानजी की मूर्ति के आगे एक घी का दीपक जलाएं । और फिर वहीं पर बैठकर पाठ करें । ऐसा रोजाना करें । जिससे कि आपको कई सारे फायदे मिलेंगे।
बजरंग बाण का पाठ
बजरंग बाण का पाठ
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ,
सिद्ध करैं हनुमान।
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।
जन के काज बिलंब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै।
जैसे कूदि सिंधु महिपारा।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा।
आगे जाय लंकिनी रोका।
मारेहु लात गई सुरलोका।
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा।
सीता निरखि परमपद लीन्हा।
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा।
अति आतुर जमकातर तोरा।
अक्षय कुमार मारि संहारा।
लूम लपेटि लंक को जारा।
लाह समान लंक जरि गई।
जय जय धुनि सुरपुर नभ भई।
अब बिलंब केहि कारन स्वामी।
कृपा करहु उर अंतरयामी।
जय जय लखन प्रान के दाता।
आतुर ह्वै दुख करहु निपाता।
बैरिहि मारु बज्र की कीले।
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीशा।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीशा।
जय अंजनि कुमार बलवंता।
शंकरसुवन बीर हनुमंता।
बदन कराल काल-कुल-घालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक।
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर।
अग्नि बेताल काल मारी मर।
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की।
राखु नाथ मरजाद नाम की।
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै।
राम दूत धरु मारु धाइ कै।
जय जय जय हनुमंत अगाधा।
दुख पावत जन केहि अपराधा।
पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा।
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं।
तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं।
जनकसुता हरि दास कहावौ।
ताकी सपथ बिलंब न लावौ।
जै जै जै धुनि होत अकासा।
सुमिरत होय दुसह दुख नासा।
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं।
बजरंग बाण शत्रु नाश।
बजरंग बाण के पाठ करने के फायदे के बारे मे जाना और उम्मीद करते हैं , कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे।
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