बकरा का पर्यायवाची शब्द या बकरा का समानार्थी शब्द (bakre ka paryayvachi shabd / bakra ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम इस लेख में बड़े ही विस्तार से जानेगे तो लेख देखे ।
शब्द (shabd) | बकरा का पर्यायवाची शब्द या बकरा का समानार्थी शब्द (bakre ka paryayvachi shabd / bakra ka samanarthi shabd) |
बकरा | अज, छाग, छगलक, वस्तु, स्तुम, छगल, तम, स्तभ, शुभ, बकर, कयसद, पर्णमोजी, लम्बकर्ण, मेनाद, अल्पायु, पयस्वल, छगड़ी, अबुक, मेघ्य, पशु । |
बकरा in Hindi | aj, chhag, chhagalak, vastu, stum, chhagal, tam, stabh, shubh, bakar, kayasad, parnamoji, lambakarn, menad, alpayu, payasval, chhagadi, abuk, meghy, pashu . |
बकरा in English | Goat, billy goat, bakara. |
यह एक प्रसिद्ध नर पशु होता है जिसके चार पैर होते है । इसका पालन मांस के लिए होता है । और बहुत से धर्मो में इसका उपयोग बली देने में होता है । जैसे – इस्लाम धर्म में ईद पर खुब बकरो की बली दी जाती है । उसी तरह से हिंदू धर्म में भी बकरो की बली दी जाती है।
आज लगभग हर व्यक्ति ने बकरी पालन का नाम सुना होगा । बकरी एक मादा पशु होती है और उसी तरह का नर पशु बकरा होता है । बकरी का उपयोग जहां दूध उत्पादन और मास के लिए होता है वही बकरे का उपयोग केवल मांस के लिए होता है । हिंदू धर्म में कुछ लोग बकरो को अमर छोड़ते है । जिसका मतलब होता है की बकरे की कोई भी बली नही देता है बल्की वह अपने जीवन में अमर जीवन जीता है । अत: बकरे को समझने के लिए अनेक तरह के अर्थ दिए जा सकते है ।
दुनिया में अनेक तरह के बकरे मोजूद होते है । क्योकी अनेक तरह की बकरीयां पाई जाती है जिससे उत्पन्न होने वाली नर संतान ही होतो बकरा होता है। जिसके कारण से इस दुनिया में अनेक तरह के बकरे होते है । और इस तरह से बकरो को अनेक तरह के प्रकारो में बाटा जा सकता है जो है –
दक्षिण अफ्रीकी में पाई जाने वाली बकरो में से ही यह एक होता है । इसका उपयोग मांस के रूप में लिया जाता है। यह बकरा औसतन 114 किलोग्राम के वजन का होता है। इसके साथ ही यह बकरा 78 cm का होता है । जब इन बकरो की मादा बकरियो को पाला गया था तभी से इनका उपयोग मास के रूप में लिया जाने लगा था । और बकरो का उपयोग तो केवल मास के लिए ही होता है तो इसी तरह से इन बकरो का उपयोग भी मास के लिए होता है ।
इस तरह के बकरे देखने में सफेद रंग के होते है मगर सिर जो होता है वह भूरे रंग का होता है । इनके कान जो होते है वह लंबे होते है । बकरो का उपयोग वर्तमान में मांस के लिए होता है और इस बकरो का निर्यात आज पूरे विश्व में किया जाता है।
यह एक अमेरिकन नश्ल का बकरा होता है । इस बकरे का आकार भले ही छोटा होता हो मगर इसमें वजन अधिक होता है । बकरे की उंचाई 40 से 50 सेमी की होती है और वही वजन की बात की जाए तो यह बकरा 25 से 40 किलोग्राम तक का आसानी से हो जाता है इस तरह के बकरे का पालन किया जाता है ।जिसे दो मुख्य कारण या उपयोग होते है । पहला बकरे का उपयोग मांस के लिए होता है । और दूसरे रूप में बकरे का उपयोग बकरी के साथी के रूप में किया जाता है ।
यह एक पालतू बकरा होता है । जो की सानेन बकरी से उत्पन्न संतान होती है। इस बकरे का उपयोग मांस के लिए होता है । और इसके अलावा इस बकरे का उपयोग बकरी के साथी के रूप में होता है । क्योकी जो सानेन बकरी होती है उसका उपयोग दूध डेयरी के रूप में होता है जिसके कारण से इनका पालन अधिक मात्रा में होता है। और तभी बकरो की जरूरत पड़ती है ।
इस तरह के बकरो का उद्गम देश स्विट्ज़रलैंड होता है । बकरे का न्यूनतम वजन 85 किग्रा होता है । और इसकी उंचाई 90 सेमी होती है । यह देखने मे सफेद दिखाई देता है ।
यह अमेरिका नस्ल का बकरा होता है । जो की नाइजीरियाई बौना बकरी के द्वारा उत्पन्न संतान होता है । यह बकरा 48–60 सेमी का होता है । इसी प्रजाति के मादा बकरी का उपयोग डेयरी के रूप में किया जाता है ।
यह सफेद रंग का बकरा होता है । जिसका पूरा शरीर सफेद रंग का होता है । साथ ही शरीर पर अधिक मात्रा में बाल पाए जाते है । इस बकरे के सिंग काफी अधिक लंबे और मूड़े होते है। इस प्रजाति के बकरे या बकरी का उद्गम देश
टर्की होता है । बकरे का उपयोग अधिकतर मास के लिए ही होता है । बकरे का वजन 45 किलो तक होता है । वही पर अगर इसकी उंचाई की बात की जाए तो यह 66 सेमी का होता है । इस प्रजाति के कुछ बकरे काले भूरे रंग के भी होते है।
इस बकरे का उपयोग उन के लिए भी किया जा सकता है । क्योकी मादा बकरी का उपयोग उन के लिए होता है । दोनो के शरीर पर अधिक मात्रा में व लंबे बाल पाए जाते है । मगर अभी तक यह मालूम नही पड़ सकता है की इस अंगोरा बकरा की उत्पत्ति कहा सके हुई है ।
बकरो की यह नश्ल बड़े आकर की होती है । इस बकरे का उपयोग मास के लिए अधिक मात्रा में किया जा सकता है । क्योकी यह 77 किग्रा का होता है। जिसके कारण से अधिक मात्रा में मास प्राप्त होता है । इस नस्ल की मादा प्रजाति जो होती है उसका उपयोग दूध के लिए किया जाता है । क्योकी यह दूध देने में काफी अधिक उपयोगी साबित होती है ।
यह कामोरी नस्ल का बकरा होता है । जो की अधिक मात्रा में पाकिस्तान में देखने को मिलते है । मगर कुछ इलाको में भारत में भी इस नस्ल की मादा प्रजाति को देखा जाता है । जिसके कारण से नर प्रजाति भी जरूर पाई जाती है । बकरे के शरीर पर कॉफी के रंग या गहरे धब्बे होते पाए जाते है ।
यह बकरी की नस्ल होती है जो की बकरे की नस्ल भी कही जा सकती है । क्योकी जहा पर मादा होती है उसी नस्ल के नर पशु भी होते है । ब्रिटेश की यह नस्ल होती है। ऐसा बताया जाता है की इस नस्ल के जो नर पशु होते है उनके मुंह पर दाढी पाई जाती है । साथ ही सिंग भी देखे जाते है।
इस नस्ल की बकरी का उपयोग दुध डेयरी में होता है । मगर बकरे का उपयोग मास के लिए किया जाता है । इस नस्ल के बकरे का कान छोटे होते है। 1950 के समय सबसे पहली बार इस प्रजाति के पशुओ को पहचान गया था । वर्तमान में इस नस्ल का काफी अधिक उपयोग होता है और संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिक मात्रा में देखे जा सकते है। जो नर पशु होते है उनका उपयोग मास के लिए हो जाता है और मादा का दुध के रूप में हो जाता है ।
यह नस्ल भारत देश के राज्य पंजाब की एक नस्ल होती है । जो की कद में छोटी होती है । बताया जाता है की इस नस्ल के प्राप्त होने वाले नर पशुओ का उपयोग मास के लिए होता है । मगर मादा का उपयोग मास के लिए नही किया जाता है बल्की यह अधिक मात्रा में दूध देने में क्षसम होती है जिसके कारण से इनका दूध डेयरी के रूप में किया जाता है । बकरी का सिर मोटा व कान लंबे होते है । मगर बकरी देखने में छोटी होती है । बकरा जो होता है की वह काफी अधिक हट्ठा कट्ठा होता है ।
यह प्रजाति न्यूजीलैंड से उत्पन्न हुई मानी जाती है । इस प्रजाति का उपयोग मांस के लिए होता है । वही अगर मादा पशु होता है तो उसका भी उपयोग मास के लिए किया जाता है । देखने में कुछ सफेद और काली होती है । दरसल इसका मुंह से कुछ पिछे तक का भाग काला होता है ओर बाकी का सफेद रंग का होता है । और बिच बिच में भी काला रंग देखा जा सकता है। इस प्रजाति के बकरो के सिर पर सिंग पाए जाते है ।
यह दाढ़ी वाला बकरा होता है । जिसका उपयोग मास के लिए होता है । क्योकी बकरा 74 किलो का होता है और इसकी उंचाई 85 सेमी होती है । जिसके कारण से एक ही बकरे से अधिक मात्रा में मास प्राप्त हो जाता है और यही कारण है की इस बकरे का उपयोग मास के लिए होता है । इस नस्ल का उद्गम देश स्विट्ज़रलैंड है ।
मगर आज इस नस्ल का वितरण पूरी दुनिया में होने लगा है । क्योकी मास लग भग सभी देशो में खाया जाता है । और यह नस्ल अधिक मात्रा में मास दे सकती है । जिसके कारण से ही यह अलग अलग देशो में वितरण किया जाने लगा है ।
इस नस्ल का जो बकरा होता है उसका उपयोग भी मांस के लिए होता है । मगर जो मादा पशु होता है उसका उपयोग दूध के लिए होता है साथ ही मांस के लिए भी किया जा सकता है। इस नस्ल के बकरे का कान छोटे होते है । कुछ बकरो के एक कान भी देखा जा सकता है ।
यह एक घरेलू पशुओ की नस्ल होती है जो की घरेलू बकरी से प्राप्त होने वाला नर संतान होती है । इस नस्ल के बकरे का उपयोग मांस के लिए होता है । इस बकरे का वजन 61 किलो तक हो सकता है । जो की काफी अच्छा होता है । क्योकी 61 किलो के बकरे से अच्छि मात्रा में मांस प्राप्त किया जा सकता है । बकरे की उंचाई 51–71 cm तक होती है । जो की काफी अधिक होती है ।
इस तरह से यह बकरा काफी अधिक उपयोगी होता है। यही कारण है की आज इस बकरे का पालन अधिक मात्रा में किया जाने लगा है । बकरे की मांग भी काफी अधिक होती है । और इस तरह की मादा पशुओ को भी पाला जाता है । जो की दूध देने में काफी फायदेमंद होती है। और इन बकरी से जो नर संतान प्राप्त होती है वही इस नस्ल के बकरे होते है ।
इस तरह से बकरा का पर्यायवाची शब्द या बकरा का समानार्थी शब्द के बारे में हमने इस लेख में जाना है ।
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