बंगाल का मोहिनी मंत्र bangal ka mohini mantra
बंगाल का मोहिनी मंत्र , बंगाल का मोहिनी मंत्र चाहिए , bangal ka mohini mantra मोहनी वशीकरण मंत्र के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। वैसे वशीकरण का मतलब होता है कि किसी को अपने वश मे कर लेना । या किसी को अपनी बात मनवा लेना । हालांकि किसी को भी आप पूरी तरह से अपने वश मे नहीं कर सकते हैं।यदि आप किसी को पूरी तरह से अपने वश मे करना चाहते हैं तो यह करना लगभग असंभव है।
और यदि हम बात करें मोहिनी की तो मोहिनी का मतलब होता है।मोहित करना या किसी चीज के लिए खुश कर देना । जैसे कि आपका दोस्त आपके साथ नहीं खेल रहा है लेकिन यदि आप उसे किसी तरह से मना लेते हैं तो वह मोहित ही होता है।
मोहित का मतलब यह कभी भी नहीं होता है कि आप उसे हर किसी चीज के लिए सहमत कर लें। आप हर किसी चीज के लिए आप किसी को भी सेहमत नहीं कर सकते हैं। हां कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनके लिए आप सहमत कर सकते हैं। इसी को ही तो मोहित करना कहा जाता है।
बंगाल का मोहिनी मंत्र के बारे मे हम बात करेंगे । वैसे मोहनी मंत्र का प्रयोग बिना गुरू के नहीं किया जाना चाहिए ।
यदि आप बिना गुरू के इसका प्रयोग करते हैं तो यह अधिकतर केस के अंदर सिद्ध नहीं हो पाता है। बहुत से लोग ऑनलाइन वेब पर या विडियो के अंदर मोहनी मंत्र को देखते हैं और उसके बाद उसे सिद्ध करने का प्रयास करते हैं लेकिन ऐसा कर नहीं पाते हैं। वैसे भी मोहनी मंत्र सिद्ध अपने आप ही नहीं होता है आपको गुरू की जरूरत है। आप चाहें तो उन गुरू का मार्गदर्शक ले सकते हैं जोकि पैसे लेकर सिद्ध करवाते हैं। या फिर यदि कोई और गुरू आपको पसंद आता है तो फिर आप उसको भी चुन सकते हैं। यह निर्भर करता है कि आप किसे चुनते हैं।
सबसे पहले नीचे दिये गए मंत्र को सिद्ध करना होता है। इसके लिए 21 दिनों तक दस माला रोजाना जाप करें और सिद्ध करलें । उसके बाद जब मंत्र सिद्ध हो जाए तो 7 बार पान को अभिमंत्रित करके जिस किसी को खिलादेंगे वही मोहित हो जाएगा ।
यह एक मोहन मंत्र है जिसका प्रयोग सही तरीके से करना चाहिए ।यदि आपके पास गुरू है तो गुरू की मदद से इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं।
कामरू देश कामाख्या देवी जहां बसे इस्माइल जोगी इस्माइल जोगी ने दिया पान बीड़ा पहला बीड़ा आती जाती दूजा बीड़ा दिखावे छाती तीजा बीड़ा अंग लिपटाई अमुक खाय पास चली आई दुहाई गुरू गोरखनाथ की ।।
तेल मोहन मंत्र bangal ka mohini mantra
दोस्तों यह तेल से मोहित करने का मंत्र है। यह इस प्रकार से है। आपको चमेली का तेल को आठ बार अभिमंत्रित करें और उसके बाद जिस किसी पर इस तेल को छिड़क देंगे वही आपके वश मे हो जाएगी । लेकिन इस मंत्र को प्रयोग करने से पहले किसी अच्छे मर्हूत के अंदर सिद्ध करना होता है। और इसके लिए गुरू की आवश्यकता होती है।
ओम नमो मन मोहिनी मोहिन चला
गैर के मस्तक धरा ।
तेल का दीपक जला।
जल मोहूं
थल मोहूं
मोहूं सारा जगत
मोहिनी रानी जा
शैयया पै ला
न लाये तो
गौरा पार्वती की दुहाई
लोना चमारी की दुहाई
नहीं तो वीर हनुमान की आन ।।
नमक मोहन मंत्र
दोस्तों नमक मोहन तरीके के अंदर नमक की मदद से मोहन प्रयोग किया जाता है।नमक मोहन के अंदर काला या सेंधा नमक लें और अपने स्नान से निकले जल के अंदर इस नमक को अच्छी तरह से घोल लें। उसके बाद उसके बाद पात्र के जल जितना ही नमक मिलाएं और फिर इस मंत्र को पढ़ते हुए जल को सुखा देना चाहिए । उसके बाद इस पात्र के अंदर बचे हुए नमक को चूर्ण करके सिराहने रख दें। इस इस नमक को जिस किसी को खिलादेंगे वही आपके वश मे हो जाएगा ।
एक नमक रमता माता
दूसरा नमक विरह से आता
तीसरा नमक ओरी बोरी
चोथा नमक रहे कर जोरी
यहाँ नमक अमुक खाए
अमुक
को छोड़ दूसरा नहीं जाए।
दुहाई पीर औलिया की
जो कहे सो सुने जो मांगे सो देय
दुहाई गौरा पार्वती की
दुहाई कामाख्या देवी की
दुहाई गुरु गोरखनाथ की |
सभी को मोहित करने का मंत्र
किसी भी शुभ महूर्त मे इस मंत्र को 21 दिन तक रोज एक माला का जाप करना है। उसके बाद किसी चौराहे पर भूल लेकर 21 बार मंत्र बोलें और फिर तिलक करके जिस किसी के सामने जाएंगे वही आपके वश मे हो जाएगा ।
ओम नमों आदेश गुरू को
राजा मोंहू
प्रजा मोंहू
ब्राह्राण वाणिया
हनुमंत रूप में
जगत मोंहू
तो रामचंद्र
फरमाणिया
गुरू की शक्ति
मेरी भक्ति ।।
ईश्वरोवाचा।
लौंग मोहनी मंत्र
इस मंत्र को सबसे पहले किसी भी सूर्य या चंद्रग्रहण पर सिद्ध करना होता है। मंत्र को सिद्ध करने के बाद 4 लौंग लेना है। ध्यान दें लौंग कटे फटे नहीं होने चाहिए । उसके बाद उन लौंग को 108 बार अभिमंत्रित करके जिस किसी को खिलादेंगे वह मोहित हो जाएगा । और उसके बाद उसे आप जो कहेंगे । वह वही करेगा ।
ओम सत्यनाम आदेश गुरु को लौंग – लौंग मेरा भाई , इन्हीं लौंग ने शक्ति चलाई पहली लौंग रातीमती दूजी लौंग जोबन मती , तीजी लौंग अंग मरोडे, चौथी लौंग दोऊ कर जोड़े चारों लौंग जो मेरी खाय के पास से के पास आ जाए गुरु की शक्ति मेरे भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा ।
सभा को मोहित करने का मंत्र
दोस्तों यदि आप किसी सभा को मोहित करना चाहते हैं तो नीचे दिये गए मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए किसी भी शुभ मुर्हुत मे सवा लाख गेहूं के दानों को इस मंत्र से अभिमंत्रित करें ।हर एक दाने पर एक बार मंत्र बोलना होगा । इस तरह से आपको कुल सवालाख बार मंत्र बोलना होगा । उसके बाद सुरमा बनाएं और मंत्र की मदद से 2100 बार अभिमंत्रित करें और आंखों मे लगाकर जिस स्थान पर आप जाएंगे वही आपके वश मे हो जाएंगे ।
काला मुख धोयो
करूं सलाम
मेरी आंखों मे
सुर्मा बशे
जो देखे
सो पायन पड़े ।।
दुहाई गौसुल
आसमदस्तीगर को छू ।।
सिंदूर मोहन प्रयोग
सबसे पहले एक चांदी की डिब्बी के अंदर असली सिंदूर को लें और उसे छत पर पूर्णमासी की रात को छोड़ दें। उसके बाद सूर्य उदय से पहले इसको उठाकर ले आएं । और अपने सिराहने रखदें ।उसके बाद सोमवार को दूध के अंदर ब्रांडी को मिलाएं और अपने शरीर पर मालिस करें । उसके बाद स्नान करें और नैत्रय कोण की तरफ मुंह करके बैठ जाएं ।
उसके बाद दाहिने हाथ के अंदर डिबिया रखकर 1008 बार मंत्र का जाप करें और यह प्रयोग निर्वस्त्र होकर करना चाहिए । फिर इसका टिका लगाकर जहां कहीं पर भी जाएंगे मोहन होगा ।
सिंदूर मोहन शाबर मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु का।
सिंदूर कि माया।
सिंदूर नाम तेरी पती।
कामाख्या सिर पर तेरी उत्पति।
सिंदूर पढ़ी में लगाऊं बिंदी।
वश अमुक होक रहे निर्बुद्धि।
महादेव कि शक्ति।
गुरु कि भक्ति।
न वशी हो तो कामरू कामाख्या कि दुहाई।
आदेश हाड़ी दासी चंडी का।
अमुक का मन लाओ निकाल।
नहीं तो महादेव पिता का वाम पद जाये लाग।
आदेश। आदेश। आदेश।
टीका मोहन मंत्र
किसी भी कृष्ण पक्ष को शनिवार के दिन उपवास रखें और फिर शाम को सिंदूरी हनुमानजी की प्रतिमा का पूजन करें और उनके उपर सिंदूर का चोला चढ़ाएं । उसके बाद उनके सामने बैठकर 108 बार मंत्र का जाप करें ।यह मंत्र का जाप आधी रात को किया जाता है।इसके लिए सिंदूरी रंग के वस्त्र पहने जाते हैं और मांग मे सिंदूर लगाया जाता है।
इसी तरह से 21 दिन तक फल और दूध का भोजन करें और फिर जब यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा तो किसी भी चोराहे की मिट्टी लाकर सात बार अभिमंत्रित करें । फिर सिंदूर मिलाकर इसका टिका लगाकर जिस किसी के सामने जाएंगे । वही आपके वश मे होगा ।
ओम नमों आदेश गुरू को
राजा मोहू प्रजा मोहू
मोहुं ब्राहाण बनिया
हनुमंत ब्राहाण बनिया
हनुमंत रूप मे जगत मोहुं ।
तो रामचंद्रपरमणियां
गुरू की शक्ति मेरी भक्ति
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।।
बंगाल का मोहिनी मंत्र के अंदर हमने जितने भी प्रयोग दिये हैं। वे सब बिना गुरू के करना संभव नहीं है। वैसे आपको यह बातदें कि कोलकाता का निमतला घाट एक ऐसा स्थान है जोकि तंत्र और मंत्र साधना के लिए बहुत अधिक प्रसिद्ध है।
इस स्थान के बारे मे यह कहा जाता है कि यहां पर रात को गुप्त रूप से तंत्र साधना होती है। हालांकि यह कहा जाता है कि यह सब साधना अघोरी ही करते हैं। और वहां पर क्या करते हैं। यह हर किसी को पता नहीं होता है।
बंगाल राज्य में एक जिला है वीरभूम| यहाँ की तांत्रिक साधना अत्यंत प्रसिद्ध है| यहीं 51 शक्तिपीठों में से के तारापीठ स्थित है| मंदिर से कुछ कदम आगे विशाल श्मशान है जहां वर्ष भर औघड़ों का डेरा लगा रहता है।
सन 19 वीं शताब्दी तक लोग इने क्षेत्रों के अंदर अपने पुत्रों को भेजने से भी डरते थे उनकी यह मान्यता थी कि वहां की जादुगरनियां उनको अपने कब्जे के अंदर लेलेंगी । गुरु मछेन्द्र नाथ भी एक बार कामरूप कामाख्या की जादूगरनी के वश में हो गए। तो उनके शिष्य गोरखनाथ आए और भेष बदलकर गोरखनाथ आए और बोले जाग मछेन्दर! गोरख आया!! दो से तीन बार ऐसा कहते ही उनके गुरु वास्तविक स्वरूप में आ गए।
इस प्रकार से किसी का भी वशीकरण प्रभाव दूर करने के लिए 3 बार उसके कानों मे यह कहें ।जाग —-! गोरख आया जिससे वशीकरण प्रभाव दूर हो जाता है।
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