दोस्तों भूतों की दुनिया पूरी तरह से अलग होती है। कुछ लोग सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं। मगर सत्य तो सत्य होता है। वह एक दिन सामने आकर ही रहता है। अमीर से लेकर गरीब तक सबकी वही गति होने वाली है। भूत का मतलब होता है , जो भूत काल मे अपनी यादों के साथ अटक गया हो । उसको भूत कहते हैं। और जीवन सदा वर्तमान ही होता है। दोस्तों बरगद का पेड़ तो आपने देखा ही होगा । और यह विशाल पेड़ काफी अधिक छाया दार होता है। दिन मे यह उतना अधिक भयानक नहीं लगता है। मगर रात मे काफी अधिक भयानक लगता है। कई लोग सवाल करते हैं कि क्या बरगद के पेड़ पर भूत हो सकता है ? तो ऐसी घटना हमारे अनुभव मे नहीं है। मगर कुछ लोगों के अनुभव मे इस तरह की घटनाएं हैं। जिनके बारे मे हम बात करना चाहेंगे ।
कुछ दिनों पहले ही एक यूजर कोरा पर प्रश्न पूछ रहा था , कि उसके घर के पास एक बरगद का काफी पुराना पड़े है। और उसने उस पेड़ पर कई बार एक साये को बैठा देखा है ? तो दोस्तों इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। एक और घटना आपको बताता हूं । जिसके अंदर बरगद के पेड़ पर भूत होने के बारे मे कहा गया ।
बंदरिया टोला एक बहुत छोटा सा गांव है। और यहीं पर आपको कान्हा टाइगर रिजर्व पार्क मिल जाएगा । यहां पर जब रात हो जाती है , तो गांव काफी अधिक भयानक लगने लग जाता है। और सभी लोग अपने घरों के अंदर रहना पसंद करते हैं ।
जंगल के पास ही यहां पर एक पुराना बरगद का पेड़ है। और यह काफी विशाल पेड़ है। रात मे तो दूर की बात है , दिन मे भी बच्चों को यहां पर खेलने से रोका जाता है। कहा जाता है , कि इस बरगद के पेड़ पर कोई ना कोई भूत रहता है , जोकि भयानक हंसी को हंसता है। जिससे सभी लोग डरे हुए रहते हैं।
एक रात की घटना है , कुछ लोग देर रात तक पार्टी करते रहे । और उसके बाद एक बुढ़ा काफी अधिक शराब पी लिया । क्योंकि वह भी पार्टी के अंदर आया हुआ था । वहां पर स्थानिय लोग शराब को महुआ नाम से जानते हैं। जब वह रात को यही कोई 1 बजे घर जा रहा था , तो उसे वहीं से गुजरना पड़ता था , जंहा पर वही बरगद का पेड़ था । तो जब वह उस बरगद के पेड़ के पास आया , तो उसे एक भूत की हंसी सुनाई दी । जिसकी वजह से उसका पुरा शरीर ठंडा हो गया । और पसीना आ गया । जितना पिया था , सब उतर गया । और वह बेहोश हो कर गिर या । बाद मे जब उसे होश आया , तो सब लोगों को उसने बताया कि उसके साथ रात को क्या हुआ था ।
दोस्तों सिर्फ भारत के अंदर ही नहीं दुनिया भर के अंदर इस तरह की और भी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। जिसके अंदर यह कहा गया है , कि बरगद के पेड़ पर भूत होते हैं। इन घटनाओं के बारे मे हम जिक्र करते हैं।
पोर्ट ब्लेयर में ‘हैवलॉक द्वीप’ पर एक विशाल बरगद का पेड़ है, जिसे ‘हैवलॉक का भूतिया पेड़’ कहा जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पेड़ में एक आत्मा वास करती है, जो रात में रोने की आवाज करती है।
‘जयपुर’ के पास ‘नाहरगढ़ किले’ में एक बरगद का पेड़ है, जिसे ‘आत्मा का पेड़’ कहा जाता है। इसके बारे मे यह कहा जाता है , कि इस बरगद के पेड़ के उपर एक राजकुमारी की आत्मा निवास करती है। जोकि अपनी शादी की पहली रात मे मर गई थी ।
दोस्तों रविन्द्र नाथ टैगोर का नाम तो आपने सुना ही होगा । उनके बारे मे कहा जाता है , कि ‘शांतिनिकेतन’ में ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ परिसर में एक बरगद का पेड़ है । उसके नीचे बैठ कर वे कविताएं लिखा करते थे । और कहा जाता है , कि उनकी आत्मा आज भी उस बरगद के पेड़ के नीचे वास करती है। हालांकि इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।
‘बैंकॉक’ शहर में ‘वाट फ्रा काऊ’ मंदिर के पास एक बरगद का पेड़ है, जिसे ‘भूत का पेड़’ कहा जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पेड़ में एक बुरी आत्मा वास करती है, जो लोगों को परेशान करती है।
‘लुइसियाना’ राज्य में ‘न्यू ऑरलियन्स’ शहर में ‘जैक्सन स्क्वायर’ में एक बरगद का पेड़ है, जिसे ‘ओल्ड ओक’ कहा जाता है। कहा जाता है कि इस पेड़ में एक गुलाम की आत्मा वास करती है, जो अपनी हत्या का बदला लेना चाहती है।
दोस्तों बहुत से लोगों के मन मे यह सवाल आ सकता है , कि आखिर भूत प्रेत बरगद के पेड़ पर क्यों निवास करते हैं ? तो इसकी सबसे बड़ी वजह यह होती है , कि यह पेड़ काफी लंबे समय तक जीवित रहता है। कई बरगद के पेड़ तो 700 साल तक पुराने हैं। तो ऐसी स्थिति के अंदर यह आत्माओं के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं। इसके अलावा इस पेड़ की बनावट इस तरह से होती है , कि आसानी से किसी भूत प्रेत और पक्षियों को आश्रय प्रदान कर सकती है। इसकी वजह से अक्सर भूतों की टोली निवास करने लग जाती हैं। और एक यह भी कारण है , कि यह पेड़ अक्सर सुनसान स्थानों पर होते हैं। और ऐसे ही स्थानों पर भूत प्रेत रहना पसंद करते हैं।
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