भगवान का फोन नंबर bhagwan ka mobile number अक्सर जब हम मुश्बित मे होते हैं तो उस समस्या को कम करने के लिए इधर उधर भागते हैं लेकिन जब कोई भी हमारी समस्या को कम नहीं करता है तो फिर हमे याद आता है कि अब तो भगवान ही हमारी मदद कर सकते हैं। उसके बाद हम जाते हैं मंदिर के अंदर और प्रार्थना करते हैं कि भगवान आप हमारी मदद करों ।ऐसा नहीं है कि भगवान हमारी बात सुनते नहीं हैं।भगवान हमारे कष्ट भी दूर करते हैं। कहा जाता है कि जो इंसान सच्चे मन से भगवान को याद करता है। भगवान उनकी बात को जरूर सुनते हैं। लेकिन जो भगवान के सामने भी लोभ के अंदर रहता है। उसकी सुनवाई भगवान नहीं करते हैं।
भगवान का नाम आते ही हमे यही लगता है भगवान के हाथ मे सब कुछ होता है क्योंकि उन्होंने ही तो यह दुनिया बनाई है। लेकिन असल मे यह सच नहीं होता है।
यह तो मात्र विश्वास है। भगवान ने कोई भी दुनिया नहीं बनाई है। जिनको हम भगवान मान रहे हैं वे भी इसी प्रकृति ने पैदा किये हैं। बस वे सिद्ध हो चुके हैं। और अब वे भगवान के समान हो चुके हैं वे अपनी इच्छा से आपकी कामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं और आपके कष्टों को काट सकते हैं।
आपको यह पता होना चाहिए कि जितना आज का मेडिकल साइंस नहीं कर पाया है उससे अधिक भगवान आपकी मदद करते हैं। यदि आप अपने जीवन के अंदर देखेंगे तो पाएंगे कि जीवन के अंदर अनेक ऐसे वक्त आए हैं जब भगवान ने आपकी मदद की है।
लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि आपका आज का जो जीवन है।वह आपके पूर्व जन्म के कर्मों का फल है। यदि आपने अपने पूर्व जन्म के अंदर अच्छे कर्म किये थे तो आपको अच्छा फल इस समय मिल रहा होगा । और यदि आपने बुरे कर्म किये थे तो आपको बुरा फल मिलेगा । आज आप जो कर रहे हैं।उसी से यह निर्धारित होगा कि आपका आने वाला जीवन कैसा होगा ।यदि आज आप अच्छा करते हैं तो आपके साथ बुरा नहीं होगा । खैर बहुत से लोग यह कहते हैं कि उन्होंने तो किसी के साथ बुरा नहीं किया उसके बाद भी उनके साथ बुरा क्यों हो रहा है ? तो ऐसे लोगों को बताना चाहेंगे कि हो सकता है कि आपने इस जन्म मे किसी का बुरा नहीं किया लेकिन क्या आप अपने पीछले जन्म के बारे मे जानते हैं । संभव है कि पीछले जन्म मे आपने किसी का बुरा किया हो और उसकी सजा अब आपको मिल रही है।
यह जीवन हमे जो मिला है वह सब कुछ अच्छा करने के लिए मिला है। यदि आप इसी जीवन के अंदर बुरा करते हैं तो फिर आपका जीवन वास्तव मे व्यर्थ ही जाएगा और आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा ।आपको यह याद रखना चाहिए कि जो दूसरों को पिड़ा देता है वह खुद भी कभी भी शांति से नहीं रह सकता है।
क्योंकि उसके वैसे ही कर्म संस्कार बन जाते हैं जिसकी वजह से वह उन कर्म संस्कारों की वजह से बार बार प्रताड़ित होता है। उसी का मन उसका दुश्मन बन जाता है।
दोस्तों ऐसा नहीं है कि भगवान इस दुनिया के अंदर नहीं है लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि भगवान का कोई मोबाइल नंबर नहीं होता है। मोबाइल सिर्फ इंसानों के लिए होता है। और भगवान को संपर्क करने के लिए आपको किसी मोबाइल नंबर की जरूरत नहीं पड़ती है। आपको भगवान से बहुत सारे सवाल होते हैं। लेकिन आपके सारे सवाल के जवाब भगवान पहले ही दे चुके हैं। अब आप पढ़ते नहीं हैं तो कोई दूसरा क्या कर सकता है। यदि आपके मन मे कोई भी सवाल है तो उसका जवाब आप भगवद्धगीता के अंदर देख सकते हैं। यह एक ऐसी किताब है जिसके अंदर आपको अपने जीवन के सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे ।
आपकी तरह ही पहले मेरे पास भी कई सारे सवाल थे । लेकिन अब एक भी सवाल नहीं बचा है क्योंकि मेरे सारे सवालों के जवाब मिल चुके हैं। अक्सर जब लोग दुख मे होते हैं तो भगवान को याद करते हैं। और जब सुख मे होते हैं तो पूछते ही नहीं हैं कि भगवान क्या कर रहे हैं। अक्सर आपके सवाल दुख से जुड़े होते हैं। जब किसी का बेटा या बेटी मर जाता है तो वे कहते हैं कि इस जन्म मे हमने किसी का कोई बुरा नहीं किया था । उसके बाद भी यह सब हमारे साथ क्यों हुआ तो इस प्रकार के लोगों को यह बताना चाहेंगे कि हो सकता है कि आपने इस जन्म मे बुरा नहीं किया हो लेकिन आपने किसी और जन्म के अंदर बुरा किया हो और उसका फल आपको इस जन्म मे मिल रहा हो । क्योंकि आप कितना भी कोशिश करलें । कर्म के फलों से इतनी आसानी से बच नहीं सकते हैं। जब अर्जुन ने कहा कि आपको कर्मों का फल भुगतना क्यों नहीं पड़ता तो भगवान बोले अर्जुन मेरे कर्म दिव्य हैं । जिसका अर्थ यह है कि मैं सब कर्मों को कर्त्तव्य समझ कर करता हूं । मेरी किसी कर्म मे कोई आसक्ति नहीं होती है।
दोस्तों जब हम काफी परेशान हो जाते हैं तो हमे जरूरत पड़ती है भगवान के नंबर की लेकिन असल मे हम भटके हुए होते हैं। जब तक आप जीवन के मर्म को नहीं समझेंगे आप इस संसार की माया के अंदर भटक जाएंगे आपका कुछ नहीं हो पाएगा । लेकिन जिस दिन आप जीवन के मर्म को समझ जाएंगे उस दिन के बाद आपको ना तो कभी टेंशन हो पाएगी और ना ही आपको किसी बात की चिंता क्योंकि आप रहस्य को जान जाएंगे ।
असल मे बहुत से लोग खुद को दूसरों के बिना अधूरा मानते हैं।उनको लगता है कि दूसरे कि बिना उनका कोई अस्तित्व नहीं है। लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। आप अधूरे नहीं हैं और ना ही कभी हो सकते हैं। आपने जो जीवन पाया है वह अदभुत है।और उसका कोई भी मुकाबला नहीं किया जा सकता है। आप अपने जीवन का बेहतर उपयोग किस प्रकार से कर सकते हैं ? यह सब आपको पता होना चाहिए आपको जीवन बार बार नहीं मिलेगा आपको यह भी याद रखना चाहिए । इसलिए अपने जीवन का फायदा आपको उठाना चाहिए । ना कि रोने धोने मे और परेशान होने मे अपने जीवन को लगाना चाहिए ।
यदि आप परेशान हैं।तो आपके लिए अच्छा यही है कि आपका मन जिस भी देवता या भगवान मे लगता है उसके आगे शाम को दीपक जलाएं और कुछ समय भगवान के नाम का जाप करते हुए उसके आगे बठे रहें। इस प्रकार से आप यह रूटीन बना सकते हैं और भगवान के सिवाय अपना सच्चा साथी किसी को ना माने क्योंकि सभी दुख देने वाले होते हैं। वे आपको कभी भी शांति नहीं दे सकते हैं। रोजाना जब आप भगवान की पूजा करते हैं तो आपके मन को शांति मिलेगी और आपके जीवन के अंदर जो भी समस्याएं आ रही हैं वे अपने आप ही दूर हो जाएंगी ।
आपको बतादें कि भगवान दयालू होते हैं।यदि आप उनको मन से याद करते हैं तो वे आपकी मदद जरूर करते हैं। अपने भगतों के लिए भगवान के दिल मे भी अपार प्रेम होता है। आप बस उनकी पूजा करें । जिससे कि वे काफी प्रसन्न हो जाएं और आपकी मदद जरूर करेंगे ।
दोस्तों यदि आप किसी इंसान से प्रेम करते हैं तो वह आपको धोखा दे सकता है। एक अदभुत इंसान मिलना कठिन होगा । लेकिन यदि आप भगवान से भी प्रेम करते हैं तो आप कभी भी टूट नहीं सकते हैं। भले ही पूरी दुनिया आपका साथ ना दे लेकिन उसके बाद भी आपको पता होगा कि भगवान हमेशा ही आपके साथ ही होंगे । आपको कभी भी अकेला पन महसूस नहीं होगा । आपको यह समझना चाहिए कि भगवान आपकी मदद अवश्य ही करते हैं। बस आपको सच्चे दिल से उनको पुकारना होगा तभी वे आपकी मदद के लिए दौड़े चले आएंगे ।
ऐसे अनेक लोग हैं।जिनको भगवान दर्शन देते हैं। असल मे भगवान अपने भगतों की इच्छा पूरी करने के लिए आते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस ब्रह्रमांड के अंदर अनेक लोक और लोकांतर हैं लेकिन वहां पर कोई भी भौतिक शरीर धारी इंसान नहीं रहते हैं। वहां पर सब सूक्ष्म शरीर धारी इंसान ही रहते हैं। जिनको हम अपनी आंखों से देख नहीं सकते हैं।लेकिन वे हमसे कहीं अधिक पॉवर फुल हैं और उनकी दुनिया हमारी दुनिया से पूरी तरह से अलग है।
और जिनको हम भगवान कहते हैं वे भी कभी हम इंसानों के जैसे थे लेकिन उन्होंने खुद की चेतना को इतना उच्च कर लिया है कि वे भगवान हो चुके हैं। ऐसा करने के लिए कई हजारों साल बार जन्म लेना पड़ता है।
दोस्तों अक्सर कुछ लोग कहते हैं कि हिंदु धर्म के अंदर बहुत अधिक देवता है लेकिन ईश्वर तो एक होता है । इतने सारे भगवान कहां से आ गए । लेकिन इस प्रकार के लोगों से हम यही कहना चाहेंगे कि जिस प्रकार से पानी समुद्र से निकलने के बाद अनेक तरह के रंग का हो जाता है लेकिन उसका मूल गुण पानी ही होता है। उसी प्रकार से सभी देवी देवता गुणों के कारण अलग अलग दिखाई देते हैं लेकिन उन सभी के पीछे एक ही सत्ता काम करती है और वह है परमात्मा की सत्ता ।
दोस्तों आपके मन मे यह सवाल है कि आप भगवान से मिलने के लिए क्या कर सकते हैं ? क्या कुछ ऐसा तरीका है जिसकी मदद से हम भगवान से मिल सकते हैं और उनसे बात कर सकते हैं ? वैसे आपको बतादें कि यदि आप भगवान से बात करना चाहते हैं तो आपके पास दो तरीके हैं। और दोनों ही तरीकों से हम आपको इस बारे मे बताने वाले हैं। आप जो चाहे वहीं तरीका प्रयोग कर सकते हैं। दोनों तरीकों का प्रयोग करने के लिए आपको गुरू की आवश्यकता होगी बिना गुरू के कुछ भी नहीं हो सकता है।
दोस्तों आपने दिव्य दृष्टि के बारे मे तो सुना ही होगा ।दृष्टि यदि आप खोलने मे सक्षम होते हैं तो फिर आप सूक्ष्म जगत के अंदर जो कुछ भी हो रहा है । उसको देखने मे सक्षम हो जाते हैं। और आप ध्यान की गहराई मे उतर कर देख सकते हैं।लेकिन अपनी द्रष्टि को खोलने के लिए आपको एक लंबा अभियास करना होगा ।यदि आप लंबा अभियास करते हैं तो उसके बाद आपकी द्रष्टि खुल जाएगी और आप ना केवल अपने भगवान को देख पाएंगे वरन आप भूत प्रेत आदि को भी देख जाएंगे जोकि सूक्ष्म जगत का हिस्सा हैं।
जिन लोगों की दृष्टि खुल जाती है वे सभी चीजों को आसानी से देख लेते हैं। उनको भगवान से मिलने के लिए किसी तरह के फोन नंबर की आवश्यकता नहीं होती है।ऐसा माना जाता है कि यह लोग अपने सूक्ष्म शरीर को बाहर निकाल कर यात्रा कर सकते है। खास कर उच्च कोटी के योगी । यह उस सूक्ष्म शरीर की मदद से कहीं पर भी आ जा सकते हैं।और कई इस प्रकार की घटनाओं का उल्लेख भी मिलता है जिसके अंदर एक सूक्ष्म शरीर धारी दूसरे लोकों के अंदर यात्रा करते हैं और उसके बाद वहां के बारे मे यहां के लोगों को बताने का कार्य करते हैं
यदि आप इस प्रकार की घटनाओं के बारे मे विस्तार से पढ़ोगे तो दंग रह जाओगे । अर्जुन को भगवान ने जो दिव्य रूप दिखाया था वह सूक्ष्म शरीर की रचना था और अर्जून ने उसको कोई भौतिक आंखों से नहीं वरन अपने सूक्ष्म आंखों की मदद से देखा था।
क्योंकि हमारे भौतिक आंखे सिर्फ इतना ही दिखा सकती है जितना की इनके दायरे मे आता है। विज्ञान भी मानता है कि इनके दायरे से भी परे काफी कुछ होता है जिसको हमारी भौतिक आंखे कभी भी नहीं दिखा सकती हैं।उन सब चीजों को देखने के लिए हमें सूक्ष्म आंखों का इस्तेमाल करना होता है।यदि सूक्ष्म आंखें हैं तो फिर आप यह देख सकते हैं कि दूसरी दुनिया मे क्या हो रहा है।
दोस्तों कुछ ऐसी साधनाएं होती हैं जिसकी मदद से भी आप भगवान से मिल सकते हैं या आप उनके स्वरूप को देख सकते हैं। आप जिससे भी मिलना चाहते हैं आपको उसकी साधना करनी होगी । और उसके बाद जब साधना पूर्ण होगी तो वे आपको दर्शन देंगे ।और आपके मन मे जो भी सवाल है आप उनसे पूछ सकते हैं।
यदि आपने गुरू बना लिया है तो फिर आप अपने गुरू से संपर्क करें । गुरू ही आपको यह बताएगा कि वह कौनसी साधना है ? जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। अक्सर लोग इस मामले मे कुछ गलती भी करते हैं।
वे किसी भी साधना को किताबों और इंटरनेट की मदद से पढ़ लेते हैं और फिर उसको करने बैठ जाते हैं। ऐसा करने से उनको काफी भयंकर नुकसान भी होता है। कारण यही है कि वे बुलाते भगवान को हैं लेकिन मंत्रों की मदद से प्रेत उनकी तरफ आकर्षित होते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि कई बार साधक खुद की मुश्बित मे पड़ जाता है।और इससे जान तक जा सकती है क्योंकि प्रेत शक्तियां बहुत अधिक भयंकर होती हैं।
इस तरीके की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि आपके अंदर धीरे धीरे शक्तियां विकसित होना शूरू हो जाती हैं और उसके बाद आप कई तरह के कार्य कर सकते हैं और काम भी सिद्ध होना शूरू हो जाते हैं।लेकिन आपके मन मे जिस देवता के प्रति भावनाएं हैं ।
उनकी ही आप साधना कर सकते हैं और उससे काफी फायदा भी उठा सकते हैं। यह बहुत ही सुंदर तरीका है भगवान से बात करने का । कुछ ऐसे भी लोग हैं जो पैसा लेते हैं लेकिन साधना करवा देते हैं।आप इन लोगों की मदद भी ले सकते हैं।
दोस्तों यदि आप किसी भी देवता की सिद्धि कर लेते हैं तो उसके बाद आप उनको प्रत्यक्ष तो देख ही लेते हैं। इसके अलावा वे आपकी मदद भी करते हैं। जैसे ही आपके उपर कोई मुश्बित आती है तो आपकी मदद करते हैं।
इस प्रकार की अनेक घटाएं मौजूद हैं जिसके अंदर भगवान ने अपने भगत की मदद की है। और कई बार तो सिद्धी की आवश्यकता भी नहीं होती है उसके बाद भी भगवान आपको मुश्बित से निकाल देते हैं। कहते हैं कि भगवान भाव के भूखे होते हैं । बाकी और उनको कुछ नहीं चाहिए होता है। यदि भाव है तो फिर आपके बुलाने पर वे जरूर आते हैं।
एक ऐसी ही रियल घटना है ओंकारमल नाम एक इंसान कि । इस इंसान की सबसे बड़ी खास बात यह थी कि यह हनुमान जी का बहुत प्रिय भगत था। एक दिन क्या हुआ कि कुछ प्रेत इनके पीछे लग गए ।
यह तीन मरे हुए इंसान थे जो जन्म के अंदर इनके काफी अच्छे दोस्त भी रह चुके थे ।यह मरने के बाद ओंकारमल के पीछे हो गए और उसका जीना हराम कर चुके थे । यह चाहते थे कि ओंकारमल भी इनकी दुनिया मे आ जाए ।
मरे हुए लोगों के दिखने की वजह से ओंकारमल का खाना पीना सब कुछ छूटने लगा । और उसके बाद जब घरवालों ने उनसे पूछा तो ओंकारमल ने सारी बात बता दी । उसके बाद ओंकारमल को प्रेत घर से बारह लेकर जाने लगे । उसके बाद उनको एक छोटा बालक दिखाई दिया जिसके हाथ मे एक गदृा उसने इनको वापस धक्का मारा तो यह अंदर गिर पड़े उसके बाद यह बेहोश हो गए । इनको जब होश आया तो यह सही हो चुके थे । उसके बाद इनको प्रेत दिखना भी बंद हो चुका था।
यह सिर्फ एक घटना नहीं है। यदि आप अपने आस पा देखेगे तो आपको पता चलेगा कि ऐसी अनेक घटनाएं हैं जोकि यह साबित करती हैं कि भगवान समय समय पर अपने भगतों की मदद करने के लिए आते हैं।
कुछ लोग इस किस्म के होते हैं कि यह भगवान को दिल से चाहते हैं और उनकी पूजा के अंदर काफी गहरी रूचि होती है। तो भगवान भी ऐसे लोगों की मदद किये बिना नहीं रह पाते हैं।
इसी तरह की एक अन्य घटना भी है। यह घटना भी हमारे किसी जानकार के साथ ही घटित हुई थी। घटना का दिनांक तो याद नहीं है लेकिन यह 2021 की ही बात है। प्रकाश नामक एक मास्टर और उसका एक साथी कार के अंदर सवार होकर जा रहे थे । रस्ते मे उनकी गाड़ी से एक भारी ट्रक टकरा गया और ट्रक का एक पहिया कार के बीच से ही निकल गया । और भगवान की कृपा से प्रकाश के एक पैर पर ट्रक का पहिया चढ़ गया । और वह दूसरी तरफ लुढक गया जिसकी वजह से उसकी जान बच गई ।
लेकिन इसी कार के अंदर बैठा उसका साथी था जिसक आंत तक टूट गई और उसके बाद उसको जयपुर लेकर जाया गया लेकिन उसने कुछ ही समय मे दम तोड़ दिया । उसके बाद प्रकाश के घरवालों को समझ आ गया कि यदि भगवान उनको नहीं बचाते तो वह मर ही जाता । क्योंकि बस मौत के बीच बहुत ही कम फासला था।
तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि भगवान का फोन नंबर लेख आपको पसंद आया होगा । यदि आपको इस संबंध मे कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करें और हमें बताएं । हम आपकी मदद जरूर करेंगे ।
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