भला विलोम शब्द क्या है Bhala ka vilom shabd kya hai ?
भला का विलोम शब्द या भला का विलोम , भला का उल्टा क्या होता है ? Bhala ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
भला | बुरा |
patan | Bura |
भला का विलोम शब्द और अर्थ
दोस्तों भला शब्द के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। भले का मतलब होता है किसी को फायदा पहुंचाना ।यदि आप किसी की मदद करते हैं तो वह भला ही होता है। आप किसी भी तरह से दूसरों की मदद करते हैं तो वह भले के अंदर आता है। आपको इसके बारे मे पता ही होगा ।
हम इंसान हैं तो हमको भला करना ही चाहिए । यही तो एक चीज है जोकि यह बताता है कि हम इंसान हैं। अन्यथा हम यदि जानवर की तरह हो जाएंगे । क्योंकि जानवर को बस अपने पेट से मतलब होता है। यदि उसका पेट भर जाता है तो उसके बाद भले से उसको किसी भी तरह की चिंता नहीं होती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। खैर भले को कुछ ही इंसान करते हैं इस समय तो वैसे भी घोर कलयुग चल रहा है तो उसके बाद भले की गुजाईसी ही कैसे की जा सकती है। क्योंकि इस समय हर इंसान अपना भला करने मे लगा हुआ है। इसके बारे मे पता होना चाहिए ।हर इंसान चाहता है कि दूसरा का चाहे कुछ भी हो जाए ।
लेकिन उसका भला होना चाहिए । यही कारण है कि भ्रष्ट तंत्र काफी तेजी से बढ़ गया है। आप देखेंगे कि हर जगह पर भ्रष्टाचार हो रहा है ऐसी कोई जगह ही नहीं बची है जहां पर भ्रष्टाचार का नंगा नाच नहीं हो रहा है। हर जगह पर यह हो रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
और जब कोई किसी पद पर बैठा इंसान भला करने की छोड़कर यह सोचने लग जाता है कि उसको बस अपनी तिजोरी भरनी है। तो उसके बाद कैसे काम चल सकता है ? इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
खैर आज की दुनिया मे इस तरह के लोग अभी भी मौजूद हैं जोकि भले को बहुत अधिक पसंद करते हैं और जहां तक भला वे कर सकते हैं। वहां तक वे करते ही हैं। इसके अंदर कोई भी शक नहीं है।
और करना भी चाहिए । यदि दुनिया के अंदर भलाई ही खत्म हो जाएगी तो कमजोर और गरीब लोगों को न्याय नहीं मिल पाएगा । इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर इस दुनिया के अंदर आज भी कुछ इस तरह के लोग हैं जोकि भला कर रहे हैं। और एक तरह से यह जो दुनिया है इसी तरह के लोगों के उपर टिकी हुई है। लेकिन समस्या की बात यह है कि आज के लोग दुष्ट इस प्रकार के हो चुके हैं कि वे इस तरह के भला करने वाले लोगों को भी अधिक पसंद नहीं करते हैं वे नहीं चाहते हैं कि भला हो और वे उस भले को रोकने का प्रयास करते हैं।
वैसे इस दुनिया के अंदर दुष्ट किस्म के लोग भला करने ही नहीं देते हैं। पर इस धरती पर दुष्टों का सदैव ही राज रहा है। आप दुष्टता को समाप्त नहीं कर सकते हैं कारण यह है कि दुष्टता काफी तेजी से फैलती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
और जो अच्छाई होती है वह इतनी तेजी से नहीं फैल पाती है। यही कारण है कि इस दुनिया के अंदर दुष्ट लोग सबसे अधिक होते हैं। और अच्छे लोग बहुत ही कम होते हैं। आप समझ सकते हैं।
बुरा का अर्थ और मतलब
बुरा का मतलब है किसी को नुकसान पहुंचाना एक तरह से बुरा ही होता है। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों बुरा करने वाले इस दुनिया के अंदर बहुत सारे हैं। यदि आप अच्छे लोगों की और बुरे लोगों की तुलना करेंगे तो आप पाएंगे कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जोकि बुरे हैं। और अच्छे लोग तो बस कुछ गिने चुने हैं। दोस्तों यदि हम दुनिया के अंदर अच्छाई और बुराई की बात करें तो इस दुनिया के अंदर बुराई बहुत अधिक है अच्छाई उसकी तुलना मे बहुत ही कम है। अधिकतर लोगों के कर्म ही बुरे हैं। यही कारण है कि वे बुराई को काफी अधिक पसंद करते है।। और आप इस बात को भी अच्छी तरह से जानते हैं कि सच के साथ खड़े होने की हिम्मत हर किसी की नहीं होती है। दोस्तों बुरा इस दुनिया के अंदर बहुत अधिक हो रहा है। लेकिन आज का कार्ट भी बुरे लोगों को सजा देने मे सक्षम नहीं है। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि कर्म किसी को माफ नहीं करते हैं। यदि आपने किसी के साथ बुरा किया है तो आपको उसकी सजा मिलेगी । इसके अंदर कोई शक नहीं है। हो सकता है कि इस जन्म मे आपको अपने कर्मों की सजा ना मिलें ।लेकिन हो सकता है कि किसी दूसरे जन्म के अंदर आपको अपने कर्मो की सजा मिले । दोस्तों कर्म जो आप करते हैं उनकी यादें आपके दिमाग के अंदर स्टोर होती हैं। और जब आप मर जाते हैं तो वे आपके कर्म भी आपके साथ रहते हैं। और जैसे आपने कर्म किये होते हैं वैसे ही आप दर्द पाते हैं। जैसे कि एक इंसान ने अपने जीवन मे न जाने कितनी लडकियों को भोगा तो उसकी वासना मरने के बाद भी उसके अंदर मौजूद रहेगी और वह चाहकर भी मरने के बाद अपनी वासना को शांत नहीं कर पाएगा और उसके बाद वह अपनी वासना को पूरा करने के लिए तरह तरह की सजा भोगेगा । वह तड़पता रहेगा । जितनी वासना उसके अंदर होगी वह उतना ही तड़पेगा । इसलिए तो कहा जाता है कि इंसान को किसी भी चीज की वासना नहीं रखनी चाहिए क्योंकि जो वासना होती है वही तो दर्द देती है। यदि आप अपने अंदर की सारी वासना को समाप्त कर देते हैं तो क्या होगा आप अमर हो जाएंगे और आपको इस दुखों के सागर संसार के अंदर फिर नहीं आना पड़ेगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
इस तरह से दोस्तों बुरे कर्मों का त्याग करें और जितना आप अच्छा कर सकते हैं उतना अच्छा करने का प्रयास करें यही आपके लिए सही होगा नहीं तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी और आप आपको अपने कर्मों का हिसाब देना होगा और आप दे नहीं पाएंगे ।