दोस्तो इस लेख मे आपको बिजली का पर्यायवाची शब्द bijli ka paryayvachi shabd या बिजली का समानार्थी शब्द bijli ka samanarthi shabd के बारे मे जानकारी देखने को मिलेगी । इसके अलावा लेख मे बताया गया है की बिजली क्या होती है और इसके बारे मे और भी बहुत कुछ बताया गया है तो आप लेख आराम से पढे ।
शब्द { shabd} | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द {paryayvachi shabd / bijli ka samanarthi shabd} |
बिजली | तड़ित्, दामिनी, चंचला, इन्द्रवज्र, सौदामिनी, क्षणिका, बीजुरी, इलेक्ट्रिसिटी, क्षणप्रभा, घनप्रिया, पावर, विद्युत्, अशनि, शंपा, कौंधा, गाज, करका, ऐरावती, शया, घनवल्ली, वज्र, आकाशीय बिजली, विद्युत धारा, वज्रपात, बजली गिरना, वज्र गिरना, गर्जन, आसमानी बिजली । |
BIJLI | Tadit, Damini, chanchala, indravajr, Saudamini, kshanika, Bijuri, Electricity, Ghanpriya, Power, vidyut, ashni, shampa, kaundha, gaaj, airavati, shaya, ghanvalli, aasmani bijli, |
elsectricity | electricity, lightning, lighting, electrical energy, Levin, lighting, Power, Electric, electrical current, current, sky lightning, rain lightning, high electricity, high power, low power, low electricity, low lightning, low energy, low Electric, low current, low Levin. |
बिजली एक तरह की तरंग होती है जिसके अंदर एक ऊर्जा होती है जिसकी चपेट मे आने से मनुष्य को ही नही बल्की पेड पोधो को भी नुकसान पहुंच जाता है । बिजली दो तरह की होती है एक जो आकाशिय बिजली और दूसरी कृत्रिम बिजली । आकाशिय बिजली अपने आप बनती है और इसी के विपरीत कृत्रिम बिजली मानव अपने उपयोग के लिए बनाता है । जैसे किसी वाहन को चलाना या रोशनी करना या इलेक्ट्रोनिक वस्तु को चलाने के लिए आदी ।
मगर इन सब के कारण से कभी कभी कुछ बडी घटनाए हो जाती है जिसे बिजली की घटना के नाम से ही जाना जाता है । इसी तरह से आसमानी बिजली जब धरती गिरती है तो उससे बहुत बडा नुकसान पहुंता है । यहां तक की बिजली के चपेट मे आने से मनुष्य मर भी सकता है । इसी तरह की कुछ घटनाए है जो बिजली के कारण से होती है –
बिजली की बात करे तो पहले बिजली को दो भागो मे बाटा जाता है जिनमे से पहली तडित जिसे आकाशीय बिजली के नाम से भी जाना जाता है और दुसरी पृथ्वी पर बनाई जाने वाली बिजली । कृत्रिम बिजली का उत्पादन 1820 में सबसे पहले पृथ्वी पर बिजली बानाने की खोज माइकेल फैराडे ने की थी । इन्होने बताया की किसी तार की एक कुण्डली को लेकर उसे चुम्बकीय क्षेत्र मे घुमाया जाता है तो विद्युत उत्पन्न होती है। माइकेल फैराडे की इस विधी का उपयोग कर कर आज बिजली घर मे बिजली बनाई जाती है । इन दोनो की उत्पत्ति कैसे होती है यह एक बहुत बडा सवाल है ।
आसमान मे चमकने वाली बिजली को तडित कहा जाता है और यह बादलो के बिच मे रहती है । अब बादल समुंद्र और नदिया से उठने वाले पानी से बनती है तो जाहिर होगा की बिजली भी इसी क्रिया मे से बनती होगी । होता कुछ इस तरह से है की जब पृथ्वी पर गर्म हवा चलती है तो वे पानी को वाष्प के रूप मे आसमान की तरफ भेजती है । और जब आसमान पर पहुंचती है तो वह वाष्प ठंडी होकर बर्फ बन जाती है ।
क्योकी आसमान पर इतनी अधिक ठंड होती है की वह वाष्प को बर्फ मे बदल देती है। अब बादल का निर्माण शुरू होता है । इसी क्रिया के बिच मे ही आवेशों की उत्पत्ति हो जाती है। बादल मे यह आवेश शुन्य डिग्री पर बन जाता है और वही ताप वाले क्षेत्र मे उच्च डिग्री पर बनता है। क्योकी ताप वाला क्षेत्र पृथ्वी पर होता है जिसके कारण से एक आवेश पृथ्वी की ओर बनता है। जबकी दुसरा बादलो मे बनता है ।
अब बादल मे ऋणावेश उत्पन्न होता है तो पृथ्वी की और स्वयं ही धनआवेश बन जाता है । अब जिस तरह से बादल हवा के साथ साथ आगे बढते जाते है वैसे ही पृथ्वी का धनावेश भी आगे बढता जाता है और धनावेश ऋणावेश से आकृषित होकर किसी वस्तु के जरिय उपर की और चले जाते है । जिस तरह से किसी खंबे, बडी बडी इमारते आदी । जब यह धनावेश ऋणावेश के करीब पहुंच जाता है तो विभव प्रवणता दीर्घ स्फुलिंग के रूप मे एक तेज चमक पैदा होती है जिसे आसमानी बिजली या तडित के नाम से जानते है ।
कृत्रिम रूप से बिजली बनाने का कार्य बहुत से तरीको से किया जाता है जैसे बाध के पानी का उपयोग कर कर, डीजल के इंजनो का उपयोग कर कर , भाप से बिजली की उत्पत्ति , ज्वार भाटे से बिजली बनाना, भूतापीय ऊर्जा से बिजली बनाना, परमाण्वीय बिजली के रूप मे, गैस का उपयोग कर कर, सौर ऊर्जा से बिजली बनाना, और पवन ऊर्जा से बिजली बनाना । इन सभी प्रयोगो मे से सबसे अधिक पानी से बिजली बनाई जाती है ।
इसके लिए बांध की जरूरत पडती है जिसमे बहुत अधिक मात्रा मे पानी हो । इस पानी को उचाई से निचाई की ओर गिराया जाता है । मगर इसके बिच मे बडे टरबाईन लगे होते है जो पानी के वेग के कारण से घुमने लगते है । इस तरह से पानी से बिजली बन जाती है ।
सौर ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए एक सोलर प्लेट की जरूरत होती है जिसमे एक प्रकार का सिस्टम लगा होता है जो सूर्य के ताप को बिजली मे बदल देता है । इस विधी का प्रयोग छोटे पेमाने पर ही किया जाता है । इसके अलावा जिस स्थान पर सूर्य की रोशनी अधिक रहती है वहां पर इस विधी को प्रयोग मे लाया जाता है ।
इस विधी का उपयोग ऐसी जगहो पर होता है जहां पर अधिक हवा चलती हो जैसे पहाडी इलाको में । पहाडी इलाको मे इस विधी का उपयोग करने के लिए बडे बडे खंभे लगा दिए जाते है जो हवा के चलने के कारण से चलने लग जाते है। जिसके कारण से बिजली बनती है । इस विधी का उपयोग सबसे अधिक जर्मनी एवं हॉलैंड मे होता है ।
बिजली का मानव जीवन में काफी उपयोग होता है । इस कारण से हमे बिजली के बारे में यह सभी तरह की जानकारी होना जरूरी है ।
आपको बात दे की बिजली जो होती है वह कई तरह से बनती है और शायद आपने लेख को पूरा पढा तो आप यह जान चुके है । बिजली के उपयोग की अगर बात करे तो इसका उपयोग हम कई तरह से करते है ।
मगर बिजली के उपयोग से ही आपके पास तक यह सब जानकारी पहुंचा रहे है और आप अपनेफोन में यह सब कुछ पढ रहे हो क्योकी आपका फोन चार्ज है जो की बिजली के कारण से चार्ज होता है।
और इस कारण से दोस्तो हम ही नही बल्की आप स्वयं भी यह कह सकते हो कीबिजली मानव के लिए उपयोगी है । तो एक बात का ध्यान रहे की इसका उपयोग किया जाए न की दुपर्योंग ।
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