चमगादड़ से वशीकरण कर सकते हैं आप ।चमगादड़ के बारे मे आप जानते ही होंगे । चमगादड़ एक रात मे उड़ने वाला प्राणी होता है।इनको दिन के अंदर दिखाई कम देता है। इसके अलावा दिन मे इनको शिकार का खतरा भी बिना रहता है। यह दिन मे पेड़ पर उल्टे लटके रहते हैं।
और रात मे वहां से बाहर निकलते हैं। यह अपनी विशेष तरंगों से यह पहले ही पता लगा लेते हैं कि कहां पर क्या है। यह तरंगे ही इनको शिकार करने के काम आती है।
हमारे यहां पर चमगादड़ का घर मे आना अच्छा नहीं माना जाता है।ऐसा माना जाता है कि इनका संबंध काली ताकतों से होता है। कही जगह पर यह भी माना जाता है कि घर मे चमगादड़ आना यह बताता है कि चुड़ैले आपके आस पास ही हैं। चमगादड़ से वशीकरण किया जा सकता है तो आइए जानते हैं इसके बारे मे
चमगादड़ से वशीकरण की विधि के बारे मे जानने से पहले हम आपको यह बतादें कि अपनी किसी भी तांत्रिक क्रिया के लिए किसी भी जीव की हत्या ना करें ।यह प्रयोग यदि आपको कोई चमगादड़ मरा हुआ मिलता है तो ही करें । अन्यथा आप पाप के भागी होंगे और आपका कोई काम सिद्व नहीं होगा । आपको यह भी जान लेना चाहिए कि अधिनियम- 1972 की धारा 51 के तहत चमगादड़ को मारना दंडनीय अपराध है।
दोस्तों पीछले दिनों एक न्यूज आई थी की कुछ तांत्रिक लोग 3000 चमगादड़ों को पकड़कर ले आए और उन सभी को जलाकर मार दिया । वे उनसे काजल बनाना चाहते थे । यदि आप ऐसा करते हैं तो यह एकदम से गलत होगा क्योंकि आप वशीकरण काजल को और तरीकों से भी बना सकते हैं। मुझे यह समझ मे नहीं आता है कि लोग किस मानसिकता से बने हैं ? खैर आपको ऐसा नहीं करना है।
इस प्रयोग को करने से पहले आपको दिवाली के एक दिन पहले किसी चमगादड़ को देखकर आना है और उसके सामने हाथ जोड़कर आना है। उसके बाद दिवाली की रात को आपको यह क्रिया करनी होगी ।
वशीकरण काजल बनाने के लिए सबसे पहले आपको रात्रि 9 बजे के बाद एक बड़ा घी का दीपक जलाना है और उसके बाद उससे काजल तैयार करना है।इस बात का ध्यान रखें कि दीपक सुबह 4 बजे तक जलते रहना चाहिए ।उसके बाद ॐ ह्री सर्व सम्मोहिनी स्वाहा मंत्र का 11 बार दीपक की लो को देखते हुए जाप करें ।
इसके लिए कोई सिद्व रूद्राक्ष की माला का इस्तेमाल करें ।जब भी किसी को वश मे करना हो काजल को अपनी आंखों मे लगाने से पहले मंत्र को 11 बार जप करें । और उसके बाद उस व्यक्ति के सामने जाएं । लेकिन अंत मे थोड़ा काजल उस पेड़ के नीचे चढ़ा कर आएं जहां चमगादड़ रहते हों ।
दोस्तों इस प्रयोग को करने के लिए आपको एक मरे हुए चमगादड़ के पंजे की आवश्यकता होगी ।ध्यान दें किसी भी जिवित चमगादड़ को ना मारें वरना यह काम नहीं करेगा । आप किसी ऐसे स्थान पर जा सकते हैं जहां बहुत सारे चमगादड़ रहते हों और वहां पर आपको मरा हुआ चमगादड़ भी मिल जाएगा ।
उस मरे हुए चमगादड़ के पंजे को आपको लाना है।इसको आप शनिवार के दिन या अमावस्या के दिन इसको घर ले आएं ।उसके बाद इसको रात भर सरसों के तेल के अंदर डालकर रखदेना है।उसके बाद दूसरे दिन एक लकड़ी पर काला पकड़ा बिछाना है।उस पर रखना है।
उसके बाद उड़द सवा किलो रखना है। फिर काजल की 1 डिब्बी रखनी है। काजल का इस पर तिलक करना है। और थोड़ा काजल खुद को भी लगा लेना है।फिर काले वस्त्र धारण करें और रूद्राक्ष की 11 माला का जाप करें । नीचे मंत्र दिया गया है।
ॐ कालिका खड्ग खप्पर लिए थाड़ी
ज्योत तेरी है निराली पीती भर भर रक्त पियाली
करे भक्तो की रखवाली
अमुख जनम वस्यम कुरू कुरू स्वाहा ।।
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
पांच लोंग और तिल की आहूती देनी है। उसके बाद काजल पिपल के नीचे रखना है। और उड़द को वहीं पर गाड़ देना है।इस पंज को ताबिज मे डालकर धारण करना है। इसे हर प्रकार की समस्या हल होती है। जैसे यदि आपके घर मे कोई समस्या है तो आप इसको घर के दरवाजे मे लटका सकते हैं।घर मे पैसों की बचत के लिए तिजोरी मे रख सकते हैं।
यदि आपके घर के अंदर धन नहीं रूकता है तो आप चमगादड़ के टोटकों को आजमा सकते हैं।और यह बहुत ही सरल है। इसमे भी आपको किसी भी चमगादड़ की हत्या नहीं करनी है।इसके लिए आपको सबसे पहले शनिवार के दिन चमगादड़ के पेड़ के नीचे जाना है।
उस पेड़ के नीचे जाना है जहां पर चमगादड़ रहते हैं। उसके बाद उस पेड़ से 3 बार प्रार्थना करनी है कि आप कल उसकी लकड़ी लेने आएंगे । उसके बाद दूसरे दिन सूर्य उगने से पहले जाना है और उस पेड़ को पहले प्रणाम करना है। उसके बाद उस पेड़ की लकड़ी तोड़कर उसे घर ले आना है।
उस टहनी को सबसे पहले गंगाजल से साफ करें और फिर उसको अपने इष्ट देव के सामने रखकर दूप बती करें । 7 दिन तक आपको ऐसा ही करना है। उसके बाद टहनी को अपनी तिजोरी के अंदर रखना होगा । बस आपका काम हो गया अब आपके घर से धन जाना बंद हो जाएगा ।
यदि आपका कोई शत्रु आपको बहुत अधिक परेशान कर रहा है तो आप यह प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन इस प्रयेाग को सही तरीके से नहीं होने पर आपका भी नुकसान हो सकता है।
सबसे पहले कहीं से कोई मरा हुआ चमगादड़ लाना है। उसके बाद उस चमगादड़ी की हडडी को निकाल लेना है। और बाकी के चमगादड़ को वहीं पर दफन कर देना है।किसी भी जिंदा चमगादड़ को ना मारें । उसकी हड़डी को गंगाजल से साफ करलें ।
उसके बाद श्मशान भूमी के चारो कोनो की रेत और उसके बाद बकरे की चर्बी की आवश्यकता होगी । इन सबको आम की लकड़ी पर जलाएं और काले मिल की आहूती देकर अपने शत्रु के बाल भी इसके अंदर जलादें । उसके बार सारी क्रिया को समेट कर श्मसान भूमी के अंदर एक गहरा गढडा खोद कर दबा देना चाहिए ।
चमगादड़ से वशीकरण लेख को केवल ज्ञान के लिए लें इसका प्रयेाग बिना गुरू के ना करें ।
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