चंद्रशेखर रावण के मोबाइल नंबर chandrashekhar ravan ka mobile number ,चंद्रशेखर आज़ाद रावण के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। चंद्रशेखर रावण को दलितों का नेता माना जाता है। चंद्रशेखर रावण का जन्म 3 दिसंबर 1986 को हुआ था। वे बाद मे अंबेडकरवादी बन गए थे ।February 2021 मे टाइम पत्रिका ने उनको भविष्य के लिए महत्वपूर्ण 100 नेताओं मे से एक माना ।
आजाद का जन्म दलित जाति Chhutmalpur में सहारनपुर जिले में उत्तर प्रदेश मे हुआ था । उनके पिता गोवर्धन दास एक सरकारी स्कूल के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल थे।चंद्रशेखर रावण होर्डिंग के सिलसिले के बाद रावण अधिक सुर्खियों मे आ गए ।
वैसे चंद्रशेखर रावण के पर्सनल नंबर नहीं मिलेंगे । लेकिन इनके एक ब्लॉग पर कुछ नंबर दिये हुए हैं। 91 90812 48100 / 99250 65303 । आप इन नंबर पर संपर्क करके चंद्रशेखर रावण के बारे मे जान सकते हैं। हालांकि यह कितना काम करता है। इस बारे मे हमे नहीं पता है।
दोस्तों चंद्रशेखर आजाद का फेसबुक पेज भी है। और आप इस पेज पर संपर्क कर सकते हैं। यहां पर जाकर आजाद को फोलो कर सकते हैं। और यहां पर आजाद कई तरीके की चीजों को भी शैयर करते रहते हैं । जैसे कि कब किस इवेंट के अंदर जाना है। इससे आपको यह पता लगता रहेगा कि अब भीम आर्मी क्या कर रही है ?
https://www.facebook.com/OFFICIALPAGEBHIMARMYBHARATEKTAMISSON/?ref=page_internal
दोस्तों यदि आप चंद्रशेखर आजाद से संपर्क करना चाहते हैं तो कर सकते हैं। इसके लिए आप नीचे दिये गए ईमेल पर मैल करें । और यदि आपकी बात मे दम होगा तो हो सकता है कि आपको रिप्लाई दिया जाए । लेकिन यदि आप अपनी बात को चंद्रशेखर तक पहुंचाना चाहते हैं तो यह तरीका भी आजमा सकते हैं।
दोस्तों आप चंद्रशेखर रावण को टविटर पर फोलो कर सकते हैं।यह टविटर पर काफी एक्टीव रहते हैं। और जो कुछ भी वे करते हैं उनके बारे मे सारी की सारी जानकारी वो टविटर पर शैयर करते रहते हैं । जिससे कि उनके फोलोवर को यह पता चलता रहता है कि वे क्या कर रहे हैं। टविटर पर आप चंद्रशेखर को आप फोलो कर सकते हैं।
https://twitter.com/bhimarmychief?lang=en
https://www.jaybhimgroup.com/ एक ब्लॉग है। जिसको भीम आर्मी के नाम से चलाया जा रहा है।इस पोर्टल के उपर भीम आर्मी से जुड़ी चीजों को शैयर किया जाता है।आप इससे जुड़कर देख सकते हैं। इसके अलावा संपर्क करने के लिए एड्रस भी दिया हुआ है।
साल 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलितों और सवर्णों के बीच हिंसा की एक घटना हुई।जिसके बाद भीम आर्मी संगठन पैदा हुआ था।इसका पूरा नाम भारत एकता मिशन भीम आर्मी है।चंद्रशेखर रावण पैसे से वकील हैं और इनकी दो बहिने हैं।और इनके दो भाई हैं। चंद्रशेखर का उप नाम रावण है।
शब्बीरपुर में हुई हिंसा के बाद ‘रावण’ ने 9 मई 2017 को सहारनपुर के रामनगर में महापंचायत बुलाई और इसको पुलिस ने अनुमति नहीं प्रदान की तो इसकी सूचना सोसल मिडिया और दूसरे तरीकों से दी गई। उसके बाद बड़ी संख्या मे लोग इस महापंचायत के अंदर शामिल होने पहुंचे ।
इसके अंदर शामिल होने वाले लोगों को रोकने के लिए पुलिस पहुंची ने रोकने की कोशिश की और चंद्रशेखर रावण को पुलिस ने पकड़ लिया ।उसके बाद 2011 में गांव के कुछ युवाओं के साथ मिलकर चंद्रशेखर ने ‘भारत एकता मिशन भीम आर्मी’ का गठन किया था।
सोसल मिडिया पर भी इस संगठन से कई सारे लोग जुड़े हैं। पंजाब हरियाणा से सीख भी इससे जुड़े हुए हैं।और काफी अच्छा यह संगठन चलता है।
आपको बतादें कि भीम आर्मी का गठन दलित समाज की सेवा के लिए किया गया था।इसका प्रमुख उदेश्य दलितों की सेवा करना था और वह गरीब लड़कियों की शादी करवाके धन जुटाना चाहता था।
चंद्रशेखर ने अपने बयान मे कहा की दलितों की कोई सुनवाई नहीं करता है। हर जगह पर हमारे लोगों पर अत्याचार किया जाता है। और नेताओं को सभी लोगों के वोट की आवश्यकता होती है। यह भीम सेना दलितों की मदद करने के लिए बनाई गई है।
गुजरात के उना में दलितों की पिटाई और हैदराबाद में रोहित वेमुला की आत्महत्या ऐसे मामले हैं जिनके अंदर दलितों की किसी ने नहीं सुनी है।भीम सेना एक ऐसा मंच है जहां पर दलितों की सुनी जाती है और अंबेडकर वादी विचार धारा को प्रमोट करने का प्रयास किया जाता है।
दोस्तों चंद्रशेखर रावण को रावण कहलाना अधिक पसंद है। क्योंकि उनको रावण काफी अधिक प्रिय होता है। उनके अनुसार जब लक्ष्मण रावण की बहन का नाक काट लेते हैं तो रावण राम की स्त्री को छल पूर्वक उठा ले आता है और उसके बाद उसको भी सम्मान से रखता है।रावण का भले ही नकली चित्रण किया गया हो लेकिन जो अपने सम्मान के लिए लड़ता है और मर मिट जाता है वह गलत कैसे हो सकता है।
कुछ समय पहले यह न्यूज काफी वायरल हो गई थी कि चंद्रशेखर रावण हिंदु नहीं मुस्लिम है और उसका असली नाम नसीमूदिन खान है। उसके बाद चंद्रशेखर ने इस खबर का खंडन कर बताया कि यह झूठ है। हालांकि उन्होंने यह भी लिखा कि यह नाम भी बुरा नहीं है। असल मे इस प्रकार की खबरें तेजी से वायरल हो जाती हैं।जो बाद मे झूंठी साबित होती हैं।
वैसे आजकल दलितों के बीच चंद्रशेखर रावण का बहुत अधिक क्रेज है।यदि आप कुछ खास इलाकों मे जाएंगे तो वहां पर चंद्रशेखर को भीम की तरह माना जाता है। जिस प्रकार से कुछ लोग भीम की पूजा करते हैं ।उसी प्रकार चंद्रशेखर को काफी महत्व दिया जाता है।
जब से चंद्रशेखर रावण ने भीम आर्मी को चलाया है तब से दलितों का पूरा सिस्टम ही अलग हो गया है। और दलित खुद को अलग भी समझने लगें हैं। एक तरह से अब आप दलितों के संस्थानों मे देखेंगे तो आपको वहां पर भीमराम अंबेडकर की फोटो देखने को मिलेगी ।
कुछ दिन पहले मे ऐसी ही एक बारात मे गया था।वहां पर हमने देखा कि एक बड़ी भीम की मूर्ति बनी हुई है। जिसका अनावरण किया जाना था। और भारत के कई शहरों मे भीम की मूर्तियां बन रही हैं।
यह सब भारत के अंदर आज भी होता है। भले ही कोई माने या ना माने मनोहर नामक एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने गांव के ठाकुरों के यहां पर काम करता था । लेकिन उसको किसी भी चीज के हाथ लगाने नहीं दिया जाता था।
भीम आर्मी तो इससे पहले की थी लेकिन सहारनपुर रोड एक घड़कौली नाम का गांव है। वहां पर एक कांड हुआ । जिसके बाद भीम आर्मी काफी मशहूर हो गई। यहां पर दलितों ने एक बोर्ड लगा दिया । जिसके उपर लिख दिया द ग्रेट चमार । यह बात वहां के द ग्रेट राजपूतों को रास नहीं आया और उन्होंने उस बोर्ड को गिरा दिया फिर क्या था वहां पर काफी दंगा हुआ ।उसके बाद राजपूतों को पीछे हटना पड़ा ।
आज भी दलितों को छोटी जाति का माना जाता है।कुछ समय पहले एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब वह एक दिन गांव मे किसी के घर से पानी पीने लगा तो उसे घड़े को छूने से मना कर दिया । यह सब इसलिए हुआ क्योंकि वह छोटी जाति का है।
सहारनपुर हिंसा हुई तो चंद्रशेखर रावण को जेल मे बंदर कर दिया गया और उनके उपर हिंसा को भड़काने का आरोप लगा दिया गया । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनको 4 मामले मे जमानत देदी ।जेल मे मिलने वाले घटिया खाने की वजह से उनको टाइफाइड हो गया और उसके बाद अस्पताल मे भर्ति होना पड़ा । सहारनपुर के अंदर हिंसा मे दलित और ठाकुरों का नाम आया था और इसका आरोप चंद्रशेखर के उपर मंड दिया गया था।
वैसे भीम आर्मी के बारे मे आप अच्छी तरह से जान ही चुके हैं। भीम आर्मी से आप कई तरीके से जुड़ सकते हैं। लेकिन आपको बतादें कि भीम आर्मी मे कई मुस्लमानों को शामिल कर लिया गया है। और आपने सुना ही होगा कि औवेसी ने भी कई बार जय भीम बोला था। औवेसी और दूसरे मुस्लिम संगठन भी भीम आर्मी को स्पोर्ट करते हुए दिखाई देते हैं।
दोस्तों चंद्रशेखर रावण अपने विचार को समय समय पर अनेक वेब पोर्टल पर शैयर करते रहते हैं।
एक अलग ही पहचान बनाने की आदत है मेरी,तकलीफों में भी मुस्कुराने की आदत है मेरी….जय भीम।
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