चावल के दानों से भी वशीकरण (chawal se vashikaran )किया जा सकता है।चावल के दाने लगभग हर घर के अंदर आसानी से मिल ही जाएंगे । चावल के दानेां का प्रयोग कई प्रकार की तांत्रिक क्रियाओं मे भी किया जाता है। चावल को अक्षत कहा जाता है।चावल को पूर्णता का प्रतीक माना जाता है और यह देवताओं का भोग माना जाता है।इसी लिए इनको देवताओं को अर्पित किया जाता है।
चावल सफेद रंग का होता है ,और इस वजह से यदि उनको पूजा मे चढ़ाया जाता हो तो शांति प्राप्त होती है।
चावल को अन्न पूर्ण का अंश माना जाता है यदि आप उसे ईश्वर को अर्पित करते हैं तो घर के अंदर अन्न की कभी कमी नहीं होगी ।
यदि आप अपने मान सम्मान को बढ़ाना चाहते हैं तो सोमवार के दिन एक मूठी चावल को शिवलिंग के उपर चढ़ाना चाहिए ऐसा करने से फायदा मिलता है।
यदि आप अपनी बुद्धि को बढ़ाना चाहते हैं तो भगवान गणेश को चावल अर्पित कर सकते हैं।
प्रतिदिन सोमवार को शिवलिंग की पूजा करने से पहले अपने पास एक किलो चावल लेकर बैठे और सबसे पहले विधिवत शिवलिंग का पूजन करें और उसके बाद 2 मूठी चावल को अर्पित करदें ।और बचे हुए चावल को मंदिर मे दान देदें । ऐसा 5 सोमवार तक करें । ऐसा करने से घर मे धन की समस्या दूर हो जाएगी ।
आप यह प्रयोग किसी भी होली दिवाली या फिर पूर्णिमा के दिन कर सकते हैं। सबसे पहले नहा धो लें और लाल रंग का एक रेशमी कपड़ा लें । उसके बाद उसके अंदर 21 चावल के दाने लें जों टूटे हुए नहीं होने चाहिएं । अब इनको हल्दी लगादें ।उसके बाद माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक चौकी बनाएं और फिर इस के उपर यह चावल की पोटली को रखदें ।उसके बाद इसकी विधि पूर्वक पूजा करें । पूजा करने के बाद इन चावल को अपने पर्स के अंदर रख लें । ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
किसी शुक्रवार को रात 10 बजे यह प्रयोग करना होता है।एक चौकी रखें और उसके उपर एक कलश रखें । कलश पर केसर से स्वस्तिक का चिह्न बनाएं ।अब इसमे पानी भरें और एक रूपया ,चावल ,दुर्वा और एक रूपया डाल दें । अब एक प्लेट मे चावल रखें और उसके उपर एक श्री यंत्र बनाएं उसके बाद चार मुख के दीपक जलाकर पूजन करें । आप की जो भी मनोकामना होगी वह पूर्ण होगी ।
पितृदोष दूर करने के लिए भी चावल का प्रयोग किया जाता है।अमावस्या के दिन चावल की खीर बनाएं और उसके बाद कौवों को खिलाएं । ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और धन के अंदर बढ़ोतरी होती है। आप अमावस्या पर ब्रह्रामणों को खीर का दान दे सकते हैं।
नौकरी की परेशानी मे आप फंसे हुए हैं तो भी चावल के उपाय आप कर सकते हैं।शनिवार से लेकर 7 दिन तक लगातार मीठे चावल कौवों को खिलाएं ऐसा करने से नौकरी मे समस्याएं दूर होती हैं।
यदि आप एक अच्छा वर पाना चाहते हैं तो शुक्लपक्ष की चतुर्थी को एक चांदी की कटोरी लें और उसके अंदर गाय का दूध डालें ।और शक्कर मिलाएं और उबले चावल डालें व चांद के उगने के समय तुलसी की पत्ती डालकर यह नेवैद्य बताएं और प्रदक्षिणा करे । यह कार्य 45 दिन तक करें । ऐसा करने से सुयोग्य वर मिलता है।
सबसे पहले आपको एक कौरा कागज लेना है और उसके बाद उस कागज के उपर उस व्यक्ति का नाम लिखना है जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हो । उसके बाद श्मसान की राख को उस कागज के उपर रखनी होगी ।फिर दाहिने हाथ मे चावल पकड़े और मंत्र का 108 बार जाप करके फूंक मारें । ऐसा करने के बाद उसके बाद चावल और श्मसान की राख को कागज के अंदर लपेट देना है।फिर गुलाब जल की बोतल के अंदर इन सबको डाल देना है और किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ देना है।
ॐ हीँ कात्यायन्य स्वाह: ह्ण श्री कात्यायन्य स्वाहा
चावल के कुछ दानों के साथ, 4 कीलें, चिकनी मिट्टी, सिन्दूर व कुछ फूल के साथ उस व्यक्ति की फोटो चाहिए होगी जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हैं। उसके बाद एक चिकनी रेत का पुतला बनाएं और उसके पेट पर चावल रखें और पुतले को सिंदूर लगाएं ।
अब आपको पूतले के हर हिस्से पर फूलों की पंखुड़ियां लगानी होंगी ।अब उस व्यक्ति की फोटो के पीछे अपना नाम लिखें और उसका नाम लिखकर फोटो को कील की मदद से पुतले मे लगा देनी है।और दो कीले पूतले के हाथ मे लगादें और मंत्र का 101 बार जाप करके पुतले को किसी जगह पर गाड़ देना चाहिए ।
ॐ हूं ॐ हूं हीँ ॐ हों हीं हां नम:
यह चावल से वशीकरण करने का बहुत ही सरल टोटका है।इसमे करना यह होता है कि 38 सबूत उड़द की काली दाल ले, उसमे 40 चावल के दाने लेकर शनिवार के दिन रात को 9 बजे के बाद किसी सुनसान स्थान पर जाना है और एक गडडा खोद के उसके अंदर यह सब डालना है और उपर से नींबू निचोड़ देना है। इस दौरान आपको अपने दुश्मन को वश मे करने की कामना करनी होगी ।
इस प्रयोग को आपको पूर्णिमा के दिन करना होगा ।इन चावल को हल्दी से पीला कर लेना है और उसके बाद आपको इनको भगवान के मंदिर मे जाकर अर्पित कर देना है। अर्पित करते समय आपकी जो भी परेशानी है उनको बोलना होगा । ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होगी ।
आपको यह प्रयोग शुक्रवार की रात को 10 बजे के बाद ही करना होगा ।सबसे पहले आपको एक चौकी लेनी है और उसके उपर एक मिटटी का कलश रखना होगा अब स्वास्तिक का चिन्ह आपको कलश पर केसर से बनाना होगा ।अब इस कलश के अंदर पानी डालें और दुर्बा चावल डालदें ।इसके अंदर एक सिक्का भी डालदें ।इसके बाद श्री यंत्र रखें चौमुखी दीपक जलाएं और पूजन करें ।और उसके बाद भगवान से काम होने की प्रार्थना करें ।
दोस्तों शनिवार के दिन आपको यह मंत्र 1000 बार जाप करना है और फिर अपने देवता को चावल बनाकर भोग लगाना है। उसके बाद भोजपत्र पर नीचे दिये गए मंत्र को लिखना है और अमुक के स्थान पर उसका नाम लिखना होगा जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हैं।उसके बाद इस भोजपत्र को शहद मे डूबो कर रख देना है।ऐसा करने से वशीकरण हो जाएगा ।
ओम नमो देव प्रादिरूपाय अमुकस्य आकर्षण कुरू कुरू स्वाहा।।
पुष्य नक्षत्र मे नरसिंह की जड़ को उखाड़कर ले आएं और गाध के गो मूत्र ,गोबर दही और दूध व घी से साफ करें । उसके बाद धूप और दीप से पूजा करें । फिर इसे कमर मे बांध लें । और जिस किसी के सामने जाएंगे वशीकरण होगा । कार्य सफल होने पर अपने ईष्ट देव को चावल से बनी खीर चढ़ाएं
सबसे पहले 3 इलाइची शनिवार के दिन लें और अपने पसीने से तर करलें । अब आप जिस भी देवता को मानते हैं उनसे प्रार्थना करें । उसके बाद खीर बनाएं और इलाइची को उस खीर के अंदर पीस कर डालदें । उसके बाद जिसको आप अपने वश मे करना चाहते हैं उसे खिलादें । वह आपके वश मे हो जाएगा।
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किसी भी शनिवार को दिन मे वन मे जाएं और चावल ,धूप और दीप व मिठाई और मोली लेकर शंखाहूली को न्यौता देकर आवें ।दूसरे दिन शंखाहूली को अब स्नान करके सभी सामग्री को चढ़ाएं । फिर मंत्र का 111 बार जाप करें और बूटी मूल समेत उखाड़ लें ।फिर 1100 बार मंत्र जाप करके धूप देकर सिद्ध करलें । अब इसकी जड़ को टोपी मे रखकर जहां भी जाएंगे वशीकरण होगा । यह सर्वजन वशीकरण मंत्र है।
ओम साखाहूली
वन मे फूली
बैठी करैं सिंगार
राजा मोहे प्रजा मोहे
सबने करे सिंगार
मेरी भक्ति
गुरू की शक्ति
फुरो मंत्र
ईश्वरोवाचा ।।
चावल से वशीकरण लेख के अंदर हमने चावल से वशीकरण करने के तरीकों के बारे मे जाना । चावल से वशीकरण करने के अनेक तरीके मौजूद हैं। और यदि आप एक अच्छे कार्य के लिए वशीकरण करना चाहते हैं तो नीचे वशीकरण टोटकों का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन अपने गुरू के परामर्श से ही करें ।
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