चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
चोर | पुलिस |
Chor | police |
दोस्तों चोर का विलोम शब्द पुलिस होता है। चोर का मतलब यह है कि जो इंसान किसी दूसरे के सामान या धन को चुराता है। वही चोर होता है। वर्तमान मे संसाधनों की कमी के चलते चोरों की संख्या बढ़ रही है।यदि आप आज से 5000 साल पीछे जाएंगे तो पाएंगे कि उस समय सत्यवादी इंसान बहुत अधिक हुआ करते थे लेकिन आज के समय मे सत्यवादी इंसान को खोजन कचरे के अंदर सूई खोजने जैसा है।
कारण यह है कि हर इंसान को लालच आ चुका है।हर कोई अधिक से अधिक धन पैसा और सुंदर स्त्री को एकत्रित कर लेना चाहता है। और उनको भोगने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है।
बहुत पुरानी बात है जब मैं भिवाड़ी के अंदर एक मकान किराये पर रहता था तो वहां पर बहुत अधिक हालत खराब है। कुछ ऐरिया अच्छे हैं तो कुछ खराब भी हैं। एक दिन दोपहर को कम्पनी से आया और जूते रूम के बाहर खोल कर ही सो गया । शाम को उठा तो देखा कि जूते गायब हो चुके हैं । उसके बाद उनको सब जगह पर तलास किया लेकिन कुछ भी नहीं मिला । उसके बाद पता चला कि यार चोर तो अजीब किस्म के हैं। पुराने जूतों को ही गायब कर देते हैं। दरसअल वहां पर चोर जूते चुराकर बेच देते थे ।
उसके बाद एक दिन गलती से अंडरवियर और बनियान बाहर छूट गई तो वह भी किसी ने गायब कर दी । उनको बहुत तलास किया लेकिन नहीं मिली । यार गरीबी इतनी अधिक हो चुकी है। उसके बाद भी सरकार सो रही है। और जनसंख्या पर कंट्रोल करने की बजाये मस्त है।
आप यकीन नहीं करेंगे कि आपको इस प्रकार के चोर मिल जाएंगे कि आपके होश उड जाएंगे । बाजारों के अंदर भी धोखा देने वाले और चूना लगाने वालों की कमी नहीं है। बस किसी तरह से पैसा आ जाए । यही सबकी निति हो चुकी है।
कुछ दिन पहले बिकानेर गया था तो रस्ते के अंदर कुछ पॉवर बैक बेचने वाले आए और 400 रूपये के अंदर मैंने एक पॉवर बैक खरीदली मुझे नहीं पता था कि यह नकली है। बाद मे घर आया तो पॉवर बैक चार्ज नहीं हुई । नेट पर सर्च किया तो पता चला कि यह नकली है। इस प्रकार के चूना लगाने वाले लोग यदि 400 रूपये के अंदर मिलने वाली ऑरेजनल पॉवर बैंक ही बेचते तो उनका धंधा ठप्प नहीं होता । असल मे यह नकली पॉवर बैंक एक बार इंसान खरीदता है। उसके बाद उसे जिदंगी के अंदर नहीं खरीदेगा ।
अब भारत के नेताओं का तो कहना ही क्या ? छोटे मोटे चोर तो सिर्फ एक आध घर के अंदर चोरी करते हैं लेकिन यह तो देश को बेचकर ही खा जाते हैं।आज भारत के अंदर जो अस्थिरता आप देख रहे हैं वह निकम्मे और लालची नेताओं का ही परिणाम है। भविष्य के अंदर भारत बचेगा ही नहीं । यह बात सौ फीसदी सच है।
असल मे नेताओं को अपनी कुर्सी सबसे अधिक प्यारी होती है।अनेक नेता तो ऐसे होते हैं जिनके हाड श्मसान मे पड़े रहते हैं उसके बाद भी कुर्सी से मोह नहीं छूटता है। मरने के बाद जबरदस्ती कुर्सी से उतार कर लेकर जाना पड़ता है।
दोस्तों पुलिस का मतलब आपको समझाने की जरूरत नहीं है।क्योंकि भारत की महान पुलिस से किसका पाला नहीं पड़ा है। हर इंसान यही सोचता है कि पुलिस से और डॉक्टर से किसी का पाला नहीं पड़ना चाहिए । यह सही नहीं है। वैसे तो आपको पुलिस की कहानी बताने की जरूरत नहीं है।क्योंकि आप रोजाना पुलिस की कहानी को टीवी और न्यूज के अंदर देखते ही रहते हैं।
भारत का पुलिसिया सिस्टम बहुत अधिक करप्ट हो चुका है।यदि कोई भी आम इंसान किसी भी रसूखदार व्यक्ति के खिलाप पुलिस के अंदर रपट लिखाने के लिए जाएगी तो फिर पुलिस उल्टे उसको ही जेल मे बंद कर देगी । अक्सर पुरानी फिल्मों के अंदर पुलिस का रूप जो दिखाया जाता है वह काफी हद तक सही होता है।
पालघर के अंदर हुई साधुओं की हत्या मे पुलिस खुद शामिली थी। और पुलिस देख रही थी और लोग साधुओं को पीट रहे थे । असल मे इस प्रकार के पुलिस और लोग जिनके अंदर दया नाम की कोई चीज नहीं होती है। वे एक दिन इसी प्रकार से दूसरों के दया रहित रहम दिल का शिकार हो जाया करते हैं।
प्राचीन काल की बात है।एक चोर राजा के महल मे रात को घुस आया और उसके बाद वहां से कुछ चुराकर चला गया । चोर को जाते वक्त सेवकों ने देख लिया तो चोर का पीछा किया लेकिन चोर हाथ नहीं आ सका । सेवकों को यह तो पता चल गया कि चोर ने कुछ चुराया था लेकिन क्या ? यह वह नहीं समझ पा रहे थे कि चोर ने क्या चुराया है। सुबह जब राजदरबार लगा तो एक सेवक ने आकर बताया …..महाराज कल महल के अंदर एक चोर घुस आया था लेकिन आश्चर्य है कि उसने सोना चांदी कुछ भी नहीं चुराया लेकिन वह चुरा कर कुछ अवश्य ही ले गया था।
——–ठीक है तुम ठीक से चैक करो । महाराज ने आदेश दिया ।
उसके बाद कुछ सैनिक गए और कुछ समय आकर बोला ……..महाराज हर चीज अपनी जगह पर रखी हुई है।समझ नहीं आता है कि उसे इतना सब चुराने का समय था फिर भी वह इनको नहीं लेकर गया ।
……संभव है कि वह लाइबरेरी के अंदर रखी कोई किताब चुरा कर गया हो जरा चैक करो ।
राजा के आदेश पर लाइब्रेरी की बुक को चैक किया गया तो पाया कि एक किताब मिसिंग है।
…महाराज भगवदगीता नाम की एक किताब नहीं मिल रही है। संभव है चोर ने इसको ही चुराया होगा ?
……मगर भगवदगीता चोर कबसे चुराने लगे । समझ नहीं आ रहा है यह कैसा चोर है ? निश्चय ही यह चोर एक महान आत्मा है।आदेश दो कि वह चोर सबके सामने आए और उसे राजा क्षमा दान देता है।राजा के कहने के बाद चोर भी राजा के बारे मे अच्छी तरह जानता था। वह राजा भी आज के नेताओं की तरह नहीं था। उसने जो वचन दिया वह उसे पूरा करता था।
कुछ दिन बात राजा के सामने एक भिखारी आया और बोला ……….यह लो महाराज आपकी किताब अब मुझे किसी की आवश्यकता नहीं है।
…….लेकिन तुमने यह किताब कैसे चुराई ?
…सुना था कि द्धापर युग के अंदर भगवान ने कुछ बताया था और यह भी सुना था कि यदि कोई उनको आत्मसात कर लेता है तो वह अमर हो जाता है। जब मैं दुखी था तो मैंने यही सोचा कि बार बार चोरी करने से अच्छा है एक बार चोरी करके अमर हो जाना उसके बाद चोरी करने की जरूरत ही ना पड़े । अब आप मुझे चोरी की जो चाहें सजा दें । क्योंकि अब मुझे जीवन के नष्ट होने का कोई शोक नहीं है।और उसके बाद चोर राजा के आगे झुक गया ।राजा की आंखों मे आंसू बह रहे थे । उसने आज पहली बार ऐसा चोर देखा था जो सच मायेने मे महान था।
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