दांत का पर्यायवाची शब्द या दांत का समानार्थी शब्द (dant ka paryayvachi shabd / dant ka samanarthi shabd) के बारे में आज हम बडे ही विस्तार से जानने वाले है । इसके साथ ही दांत से जुडी विभिन्न तरह की जानकारी के बारे में जानेगे । तो लेख को देखे ।
दांत | पर्यायवाची शब्द या समानार्थी शब्द (paryayvachi shabd / samanarthi shabd) |
दांत | दन्त, मुखखुर, दर, रदन, द्विज, दशन । |
दांत in Hindi | dant, mukhakhur, dar, radan, dvij, dashan . |
dant synonyms in English | teeth, tooth, cog, tine, dent, jag. |
अनेक तरह के जीवो में पाया जाने वाला जबडो का वह भाग जो की मुख्य रूप से भोजन के चबाने, चिरने फाडने के काम में आते है दांत कहलाते है । मानव में दांत मुंह या जबडो में पाए जाते है जिनका रंग सफेद होता है और इन्हे ही दंत कहा जाता है ।
इसे अनेक रूपो में समझा जा सकता है जैसे –
दोस्तो मानुष्य के मुंह में जबडो में हड्डियों की कुछ सरचना पाई जाती है जिनका रंग सफेद होता है । जो की अलग अलग प्रकार के होते है और अलग अगल प्रकार के उतको से मिलने के बाद में बनते हैं । इन सफेंद हड्डियों से बनी सरचना को ही दांत कहा जाता है ।
मनुष्य के जीवन में दो बार दांत आते है एक जब बच्चे का जन्म होता है यानि बचपने में आने वाले दांत और दूसरा जब बच्चा बचपन से वयस्क बन जाता है यानि वयस्क के दांत । इन दोनो दांतो को क्रमश अस्थाई और स्थाई दांत दो अलग अलग नामो से जाना जाता है । जहां स्थाई का अर्थ होता है वह दांत जो उम्र भर रहने वाले है और वह दांत जो केवल बचपन तक ही सिमित हो अस्थाई दांत ।
मनुष्य के वयस्क बन जाने के बाद में उसके जबडो में पाए जाने वाले दांतो की सख्या 32 होती है । जीन्हे आकार व सरचना के आधार पर बाटा गया है ।
मनुष्य के जबडो में पाए जाने वाले दांतो को आकार व कार्य के आधार पर बाटा जा सकता है और इसी के आधार पर दांत को मुख्य रूप से चार भागो में बाटा गया है जो की दांत के प्रकार होते है । जो है –
मनुष्य कें जबडो को दो भागो में बाटा जाता है जिनमें से उपर वाला जबडा और निचे वाला जबडा । इस तरह से उपर व निचे वाले जबडो में पाए जाने वाले दांतो की सख्या सामान होती है और इसी कारण से एक ही जबडे का अध्ययन करते हुए दांतो की संख्या बताई जाती है ।
इस तरह से मनुष्य कें दांतो में कृतक दांत वे दांत होते है जो की जबडे की बिच में या आगे की और स्थिति होते है । इनकी सख्या चार होती है । यानि चार उपर वाले जबडे में और चार निचे वाले जबडे में । इस तरह से मनुष्य में कुल कृतक दांत की संख्या आठ होती है ।
मनुष्य इन आठ दांतो का उपयोग करते हुए भोजन को बडे ही आराम से ग्रहण कर सकता है । क्योकी इन दांतो का काम भोजन को काटने का होता है । जिसके बाद में यह भोजन दूसरे दांतो के पास पहुंच जाता है जो की चबाने का काम करते है ।
अगल अलग जीवो में इन दांतो की सख्या अलग अलग हो सकती है ।
यह वह दांत होता है जो की कृतक दांत के बाद में पाया जाता है । इसकी सख्या एक जबडे में 2 होती है । यानि उपर वाले जबडे के कृतक दांत के दोनो तरफ इन दांतो को देखा जाता है । इसी तरह से निचे वाले जबडे में होता है । कुल मिलाकर इनकी सख्या 4 हो जाती है ।
यह दांत उन मनुष्य में सबसे अधिक उपयोगी होते है जो की मासाहारी होते है क्योकी यह भोजन को चिरने फाडने का काम करते है और मासाहारी भोजन को चिरना भी पडता है और फाडना भी पडता है । बहुत से जीवो में ऐसे दांत देखे जा सकते है ।
इन दांतो को भेदन दांत के नाम से भी जाना जाता है । मानव में यह दांत अभी कम उपयोगी है मगर इनका उपयोग भी किया जाता है । क्योकी बहुत सा ऐसा भोजन होता है जो की कठोर होता है उन्हे चिरना फाडना पडता है जिसके लिए भेदन दांत का उपयोग होता है । इस तरह से भेदन दांत की कुल सख्या 2×2 यानि 4 होती है ।
यह वे दांत हो है जो भेदन दांत और चर्वणक दांत के बिच में पाए जाते है । एक जबडे में इन दांतो की सख्या 4 होती है । यानि भेदन दांत और चर्वणक दांत के दोनो तरफ दो दो दांत पाए जाते है । इन दांत का उपयोग मानव जीवन में बहुत ही अधिक होता है क्योकी यह भोजन को कुचलने का काम करते है ताकी भोजन छोटे छोटे भाग में विभाजित हो सके ।
यह दांत अग्रचर्वणक दांत के बाद में पाए जाते है जो की मुख्य रूप से अग्रचर्वणक दांत से कुचला हुआ भोजन ग्रहण करते है और उसे छोटे छोटे टुकडो में विभाजित करने का काम करते है । असल में यह दांत ही भोजन को बारीक बना देते है। अगर इन दांत की सख्या की बात करे तो उपर वाले जबडे में दांत की कुल सख्या छ होती है और ऐसे ही निचे वाले दांत में होता है । यानि निचे व उपर वाले जबडे में अग्रचर्वणक दांत पाए जाते है उनकें अंत की तरफ तीन तीन दांत एक जबडे में होते है ।
जैसा की आपको मालूम है की मानव के जबडे दो तरह के होते है जो की एक उपर की ओर तो दूसरा नीचे की ओर होता है । दोनो में दांत की व्यवस्था समान होती है और एक जबडे को दो भागो में बिच में से बाटा जा सकता है । क्योकी दोनो और के भाग में भी दांत की सख्या समान होती है । जिसके कारण से एक जबडे के आधे भाग में कुल 8 आठ दांत होते है और दुसरे भाग में भी आठ होते है ।
इसी तरह से निचे होते है । कुल मिलकार दांत 32 बन जाते है । जिनकी व्यवस्था को एक सुत्र के आधार पर बताया गया है जिसे मानव दंत सुत्र कहा जाता है । जिस तरह से हमने उपर बताया की दांत चार प्रकार के हाते है और जीनमें कुल दांतो की संख्या है –
Incisors Teeth = 2/2 = 4×2 = 8
Canines Teeth = 1/1 = 2×2 = 4
Premolars Teeth = 2/2 = 4×2 = 8
Molars Teeth = 3/3 = 6×2 = 12
यहा पर
/ = एक जबडे के दोनो और के दांत को व्यक्ति करता है ।
x2 उपर व निचे वाले कुल दांतो को व्यक्त कर रहा है ।
जिसके कारण से हमारे कुल दांत हो जाते है ।
4+2+4+6 = 16 एक जबडे कें ।
4+2+4+6 = 16 दूसरे जबडे कें
अत (4+2+4+6)x2 = 16×2 = 32
इसे ही मानव का दंत सुत्र कहा जाता है ।
दोस्तो आज मानव के जीवन में दांत का बहुत ही उपयोग हो गया है । क्योकी भोजन को अच्छी तरह से चबाने और पिसने का काम केवल दांत का ही होता है । अंगर दांत सही तरह से कार्य नही करते है तो भोजन का सही तरह से पाचन भी नही होता है । आज अनेक तरह के जीव ऐसे होते है जो की मासाहारी भोजन ग्रहण करते है।
इसी तरह से मनुष्य भी ऐसे जीवो को मार कर खाता रहता है । जिसके कारण से दांतो का उपयोग अधिक है । मगर हमारी किसी गलती के कारण से दांत में बिमारियां पनपने लग जाती है । जिन्हे दांत की बिमारिया कहा जाता है जो है –
दांत में होने वाले विभिन्न तरह के रोगो में से यह रोग काफी अधिक घातक होता है । क्योकी यह रोग पूरी तरह से दांत को नष्ट कर देता है । क्योकी इस रोग में दांत में घाव हो जाता है यानि दांत अंदर से खोखला हो जाता है । इस रोग को दांत में किडा लगने के नाम से भी जाना जाता है ।
अगर इस रोग का सही समय पर इलाज नही होता है तो पूरा का पूरा दांत नष्ट हो जाता है और अन्य दांतो को भी प्रभावित कर सकता है । हो सकता है की मसूड़ों को भी काफी अधिक हानि का सामना करना पड सके । इस कारण से जब भी लगे की हमारा दांत काफी समय से दर्द कर रहा है तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है ।
यह भी एक तरह का दांत का रोग होता है क्योकी इसमें मसूड़ों से खुन निकलने लग जाता है और दांत हिलने लग जाता है । जिसके कारण से कह सकते है की यह दांत का ही रोग होता है । यह सही तरह से ब्रस नही करने के कारण से होता है । क्योकी अगर ब्रस सही तरह से नही होता है तो मुंह में जो बैक्टीरिया होते है उनकी संख्या बढती जाती है । और यही कारण होता है पायरीया हो जाता है ।
यह भी एक तरह का रोग होता है जिसमें दांत दर्द करता है, दांतो पर कुछ धब्बे देखने को मिल सकते है । इसके साथ ही इस रोग के नाम से भी समझा जा सकता है की दांत जब सड़ने लग जाता है तो यह रोग होता है । असल में इसी रोग को दांत क्षय के नाम से जानते है । जिसके बारे में हमने उपर बाती की थी ।
इस तरह से हमने दांत के पर्यायवाची शब्द या दांत के समानार्थी शब्द के बारे में जान लिया है ।
क्या आपको दांत का पर्यायवाची लेख पंसद आया? बतान न भूले ।
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