डर का विलोम शब्द, डर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, डर का उल्टा dar ka vilom shabd
शब्द (word) | विलोम (vilom) |
डर | निडर |
dar | nidar |
दोस्तों डर का विलोम शब्द होता है निडर ,जिस इंसान के अंदर किसी भी प्रकार के अनहोनी होने की शंका हो तो वह डर ही होता है। वैसे देखा जाए तो डर एक प्रकार का मनोभाव होता है। जब हम किसी बात को लेकर घबरा जाते हैं तो उसे ही डर कहते हैं। जैसे कि यदि कोई इंसान अचानक से किसी बात को लेकर आपसे झगड़ा करले लेकिन बाद मे वह गन निकाल लें तो आप डर जाएंगे क्योंकि वह आपको गोली भी मार सकता है तो आपके अंदर जो गोली मारने की वजह से जो घबराहट है तो वही डर कहलाता है।
एक जीव के रूप मे सबसे बड़ा डर मौत का डर होता है। यदि आपके पास मौत का डर नहीं है तो आपको किसी भी चीज के लिए डराना आसान कार्य नहीं होगा । मौत का डर बहुत ही बुरा होता है। अक्सर आपने देखा होगा कि बड़े बड़े डकैत की भी हालत पतली हो जाती है जब उनके मरने का समय आता है।
क्या आपको पता है कि मौत का डर क्यों लगता है ?इसका एक ही कारण है कि आपने और हमने कभी भी मरकर नहीं देखा है। और यदि मरकर नहीं देखा तो फिर मौत का डर लगना तय है।
आपने देखा होगा कि आजकल भारत की सरकारें कानून बना रही हैं कि रेप रूक जाए दूसरी तरफ रेप को बढ़ावा देने वाली फिल्मे तेजी से बकी रही हैं। आप क्या उम्मीद करते हैं कि सब बंद हो जाएगा । असल मे कुछ भी बंद नहीं होगा ।
वैसे डर का होना बहुत ही फायदेमंद होता है।जिस इंसान का एक बार डर निकल गया वह बहुत कुछ बुरा भी कर सकता है। जैसे एक क्रमीनल है तो उसका पूरा डर निकल गया तो वह कुछ भी करदेगा । और आजकल हो भी ऐसा ही रहा है अनेक क्रमीनल तो ऐसे होते हैं जो पुलिस को ही पेल कर भाग जाते हैं और पुलिस उनके आगे नाचती है।
पुलिस बेचारी किसी तरह की कड़ी मेहनत करके उनको जले भेजती है लेकिन कुछ ही दिनों के अंदर वे जेल से फिर बाहर आ जाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर उनके अंदर का डर तो समाप्त हो ही जाएगा कि उनका कुछ नहीं हो सकता है।
मुगेर मे गन बनाने वाले को पकड़ा कुछ दिनों वह जेल के अंदर रहा फिर जैसे ही बाहर आया फिर गन बनाने लगा । सरकार परेशान और गन बनाने वाला भी काफी परेशान हो गया । अब आप क्या समझेंगे । इस प्रकार के बंदे के अंदर किसी तरह का कोई भी डर नहीं है। डर होगा भी कैसे क्योंकि उसके पास कुछ खोने के लिए नहीं है। वह किसी तरह से अपना पेट भरता है। सरकारी लोगों के टेक्स पर पलती है और कुछ नहीं करती है।
इस प्रकार से डर की भी अहमियत होती है।जिस इंसान के अंदर डर समाप्त हो जाता है वह या तो कोई महायोगी हो जाता है या फिर वह एक बड़ा क्रमीनल बन जाता है। डर जैसे ही समाप्त होता है यही चमत्कार अपने आप ही घटित हो जाता है।
दोस्तों निडरता का मतलब होता है जिसे डर नहीं लगता हो या जिसे भय नहीं रहता हो । वैसे अब इस दुनिया के अंदर निडता तेजी से गायब होती जा रही है।आजकल दुनिया तेजी से भौतिकवादी होती जा रही है। और जितना हम भौतिकवादी होते जाते हैं । डर की जड़ें हमारे दिमाग के अंदर उतनी ही गहरी होती चली जाती हैं।क्योंकि हम जिन चीजों के उपर भरोशा करते हैं वे सभी चीजें तो नाशवान ही होती हैं । और नाशवान चीजों के बारे मे आप समझ सकते हैं कि डर पैदा होगा ही । आज दुनिया के अंदर तीसरा युद्ध इसलिए शूरू नहीं हो रहा है कि डर है कि हम मारे जाएंगे । यदि डर समाप्त हो जाए तो फिर युद्ध का शूरू होना तय है। इसको शूरू होने से कोई भी नहीं रोक सकता है।तो निडरता कुछ हद तक जरूरी होती है। लेकिन सम्पूर्ण निडरता आपके लिए खतरा पैदा कर सकती है। लेकिन यदि हम कायर रहेंगे तो कोई भी हमको जीने नहीं देगा ।
वैसे आपको बतादें कि इंसान जितना कायर कोई जानवर नहीं है।यदि आप एक छोटी सी चिंटी को भी छेड़ते हैं तो वह भी आपके उपर हमला करने के लिए दौड़ती है। भले ही उसे यह पता ना हो कि उसकी मौत होगी लेकिन उसे अपनी मौत की चिंता नहीं होती है।चिंटी के अंदर कायरता नहीं होती है।भले ही आप उसे कितना भी मारो लेकिन वह नहीं डरती है। यही बात आपको भी करनी चाहिए । यदि कोई आपके साथ गलत करता है तो फिर आपको उसे लेकर डरने की जरूरत नहीं है।
यदि आप डरेंगे तो फिर लोग आपको यही समझेंगे कि आप कायर हो चुके हैं । और आपका कुछ नहीं हो सकता है।
तो आपको मुकाबला करने की जरूरत है। कुछ लोगों पर इसलिए अत्याचार होते हैं क्योंकि वो हाथ जोड़ते हैं उनको यह पता होना चाहिए कि जो लोग हाथ जोड़ने की भाषा नहीं समझते हैं उनके सामने हाथ जोड़ना व्यर्थ साबित होता है तो आपको चाहिए कि आप हाथ जोड़ना बंद करदें । क्योंकि यदि आप ऐसा करना बंद नहीं करेंगे तो वे आपको कायर समझेंगे । तलवार लेकर काट डालने वाले इंसानों के पास आने से दुश्मन डरते हैं क्योंकि उनको पता होता है कि ऐसा करने पर उनको पेल दिया जाएगा ।
यदि आपके अंदर निडरता नहीं है तो आपके सामने से आपकी कोई बहन बेटी को उठा ले जाएगा या फिर छेड़ेगा तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे ।लेकिन यदि आपके अंदर निडरता है तो फिर किसी की हिम्मत नहीं होगी आपकी बहन बेटी को छेड़ने की ।वैसे अब भारत के अंदर कुछ ही लोग बचे हैं जो मरने और मारने की क्षमता रखते हैं और वे रक्षा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
तो आपको निडरता विकसित करने की आवश्यकता है।यदि आप निडरता को विकसित करते हैं तो फिर यह आपके लिए काफी अच्छा साबित होगा और आप खुद की और अपने परिवार की भी रक्षा कर पाएंगे । क्योंकि बिना निडरता आप किसी की भी रक्षा नहीं कर सकते हैं।
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