दयालु का विलोम शब्द या दयालु का विलोम , दयालु का उल्टा क्या होता है ? Dayalu ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
दयालु | निर्दयी, क्रूर |
Dayalu | Nirdayi, Krur |
दोस्तों दायलू का विलोम शब्द होता है क्रूर ।दयालू का मतलब यह है कि आप प्रेम करने वाले हैं सबका भला करने वाले हैं। एक संत का स्वाभाव होता है दया करना और राक्षस का स्वाभाव होता है क्रूरूरता । जोकि भी आपको बिना वजह ही क्रूर दिखता है । वह राक्षस ही कहलाता है। आप अपने आस पास नजर डालेंगे तो आपको कुछ लोग राक्षस के गुणों वाले नजर आएंगे तो कुछ लोगों के अंदर साधुओं के गुण होंगे । खैर आज के समय मे साधु भी बहुत कम दिखाई देने लगे हैं। क्योंकि कलयुग है तो ऐसी स्थिति मे साधुओं का धरती पर धीरे धीरे अवतरण कम हो जाता है।कलयुग मे धरती पर पाप का सम्राज्य तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से जो लोग दयालुता रहित होते हैं वे साधुओं को धरती से साफ करने मे लग जाते हैं। ऐसी स्थिति के बारे मे आप अच्छी तरह से समझ रहे हैं।
दोस्तों आजकल दयालु लोगों की तेजी से कमी होती जा रही है। और इसकी वजह से आप देखेंगे चारो तरफ चीख पुकार मची हुई है। आप अफगानिस्तान की स्थिति को देख सकते हैं। वहां पर 20 साल बाद फिर से तालिबानी राज आ चुका है। और लोग वहां से भाग रहे हैं।ऐसी स्थिति के बारे मे आप क्या कहेंगे । और वैसे भी तालिबान से दयालुता की उम्मीद करना व्यर्थ होगा । खैर तालिबान हो या कोई और हो दयालुता का मतलब यही है कि जो आपकी शरण मे आ जाता है उसको मारने वाले राक्षस ही होते हैं।जो आपकी शरण मे आया है आप उसको मारते हैं उसके उपर अत्याचार करते हैं तो आप राक्षस हैं।और इस प्रकार के लोग अपने फायदे के लिए एक दिन खुद को ही नष्ट करने लग जाते हैं। या फिर आपस मे लड़कर नष्ट हो जाते हैं।
यदि हम बात करें दयालुता की तो हमें हर जीव के प्रति दया दिखानी चाहिए ।क्योंकि हर जीव को जीने का हक है । अकेले हम ही नहीं हैं जो इस प्रथवी को अपना मानते हैं लेकिन जब हम अपने पॉवर का इस्तेमाल करके दूसरे जीवों को मार देते हैं पर यदि इसी पॉवर का इस्तेमाल करके कोई हमे मार देता है तो फिर हम चिल्लाने लग जाते हैं कि हमारे साथ अन्याय हो गया है।हमको इंसाफ चाहिए ? लेकिन आज भी यह सच है और कल भी यह सच रहेगा कि धरती पर शक्ति का शासन चलता है। आपके पास पॉवर है आप किसी को मार सकते हैं । लेकिन यदि दूसरे के अंदर आपसे अधिक पॉवर है तो वह आपको भी मार सकता है। अब रही बात दायलुता की जो इंसान जानवरों को बेरहमी से मार देता है। आप उससे दयालुता की उम्मीद सिर्फ तभी कर सकते हैं जब आप उससे अधिक ताकतवर हैं। यदि आप उससे कमजोर हैं तो आप उससे दयालुता की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।
इसलिए दयालुता वह है जो ताकतवर होने के बाद भी क्षमा प्रदान करता है। यदि आप किसी दूसरे का अंत करने मे सक्षम हैं। उसके बाद भी आप उसे क्षमा प्रदान करते हैं तो यह आपकी दयालुता है।
दोस्तों निर्दय का मतलब जो दया रहित होता है।जिसके पास दया नाम की चीज नहीं होती है। एक तरह से यह यह एक जानवर ही होता है। क्योंकि यदि आप जानवर से दया की उम्मीद करते हैं तो फिर आप व्यर्थ का प्रयास कर रहे हैं।
जब इंसानों के अंदर जानवरपन की प्रवृति बढ़ती ।और जानवर पन जब इंसानों के अंदर बढ़ता है तो फिर हिंसा की प्रवृति बढ़ने लग जाती है। और जो इंसान जानवर के रूप मे होता है या जिसके अंदर जानवर के कर्म संस्कार होते हैं आप उसे किसी भी अन्य तरीके से नहीं समझा सकते हैं। वह बस जानवरों की भाषा मे ही समझ सकता है।
यदि अगली बार आपको किसी को जानवरों की भाषा मे समझाना पड़े तो यह समझ जाना चाहिए कि वह इंसान नहीं जानवर ही रहा होगा ।
दोस्तों जैसा कि आप देख रहे हैं सृष्टी मे हिंसा करने की प्रवृति तेजी से बढ़ रही है। और हिंसा को रोकने के लिए आपको हिंसा करनी पड़ती है। यदि कोई इंसान आपके साथ निर्दयता से पैश आता है तो फिर आपको उसके सबक सिखाने के लिए निर्दयता से पेश आना ही होगा । इसके शिवाय आप कुछ कर भी नहीं सकते हैं। क्योंकि एक कहावत यही है कि जानवर को समझाने के लिए जानवर ही बनना पड़ता है। और एक इंसान को समझाने के लिए इंसान बनना पड़ता है।
एक जानवर के लिए निर्दयता चल सकती है। क्योंकि उसके पास इतना दिमाग नहीं है कि वह इन चीजों को समझ सके लेकिन आपके पास तो भेजा है। यदि इतना बड़ा भेजा होने के बाद भी इंसान नहीं समझ पा रहे हैं तो वो फिर किसी जानवर से भी गये गुजरे हैं।
एक जानवर के पास बस एक पेट होता है। जो भर जाने के बाद वह किसी को परेशान करना बंद कर देता है। लेकिन इंसान के साथ ऐसा नहीं होता है। उसके पास दो पेट होते हैं। एक तो भर ही जाता है लेकिन दूसरा करोड़ों साल हो गए उसके बाद भी नहीं भरा । उसी की वजह से उसके अंदर निर्दयता आती है। और वह तेजी से निर्दय होता चला जाता है। आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि जैसी करणी वैसी भरणी । यानी जो जैसा करता है वह वैसा ही भरता भी है। यही सौ फीसदी सच होती है।
आप पूरे इतिहास को उठाकर देखलें । लाखों लोगों की हत्या के जिम्मेदार जिन्ना क्या सकून की मौत मरा था। भले ही वह पाकिस्तान का जन्म दाता हो लेकिन मरते वक्त पागल स्थिति मे मरा था। कहा जाता है कि वह अपने घर के अंदर एक दिन मरा हुआ मिला था।
इसी प्रकार से आप किसी भी अत्याचारी को उठाकर देखलें। जिसने अत्याचार किया उसकी मौत भी एक दिन वैसे ही हो गई । इसमे कोई भी शक नहीं है। खैर आज आप किसी दूसरे को गोली मार देते हैं लेकिन कल कोई आपको भी गोली मार देता है। यह सब ताकत का खेल होता है। आज आपके पास ताकत है कल किसी और के पास तकत होगी । ताकत कब एक जगह रूकी है।
लोग अक्सर दूसरों को जाने बिना ही उनके बारे में राय बना लेते हैं, लेकिन क्या होगा अगर मैंने आपको बताया कि किसी के बारे में जो दिखता है उससे कहीं अधिक है? मेरे लिए वह व्यक्ति दया है। दयालुता हमेशा प्राप्त करना आसान नहीं होता है, लेकिन यह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। चाहे वह किसी जरूरतमंद की मदद करने के लिए आगे बढ़ रहा हो, या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कोमल और समझदार होना हो, जो कठिन समय से गुजर रहा हो, दयालुता एक ऐसी चीज है जो हर किसी के दिल को छू सकती है। और मेरा मानना है कि यह कुछ ऐसा है जिसके लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए।
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