tablet use

deflazacort tablets uses in hindi or side effect

deflazacort tablets uses in hindi ,deflazacort tablets का उपयोग दमा और गठिया जैसी समस्याओं के उपचार मे किया जाता है। इस दवा को लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी है। आप इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ सकते हैं। deflazacort tablets की जो खुराक होती है वह पुरूष और महिला के लिए अलग अलग हो सकती है। इसकी खुराक रोग की गम्भीरता और उम्र के आधार पर भी अलग अलग हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।यदि दवा को लेने के बाद किसी भी तरह के साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी है।

deflazacort tablets uses in hindi

‌‌‌यह जो दवा है वह कई तरह की समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग मे ली जाती है। और आपका डॉक्टर की आपको यह बताता है कि आप किस तरह से इस दवा का प्रयोग कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • एलर्जी
  • दमा
  • गठिया संबंधी विकार
  • डूशेन पेशी अपविकास
  • तीव्रग्राहिता
  • कैंसर
  • चर्म रोग
  • आंखों की बीमारी

deflazacort tablets uses in hindi ‌‌‌ एलर्जी के अंदर

deflazacort tablets का उपयोग एलर्जी के अंदर भी किया जाता है। एलर्जी एक प्रकार की त्वचा प्रतिक्रिया होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । एलर्जी का किसी तरह के पदार्थ की वजह से होती है। जैसे कि कुछ लोगों को साबुन से एलर्जी होती है तो कुछ को गंदे वातावरण से भी एलर्जी होती है सर्दी से भी ‌‌‌ एलर्जी हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।वैसे तो आपको बतादें कि एलर्जी किसी तरह से हानिकारक प्रभाव पैदा नहीं करती है। लेकिन यदि आपको बचपन से ही एलर्जी हो रही है तो फिर जिस वस्तु आदि से आपको एलर्जी हो रही है तो फिर आपको उस वस्तु से बचे रहना बहुत ही जरूरी होता ‌‌‌ है। वरना आपके लिए एक बड़ी परेशानी का रूप हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌वैसे यदि आप एलर्जी पर लंबे समय तक ध्यान नहीं देते हैं तो उसके बाद यह आपके लिए काफी बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌आपको बतादें कि एलर्जी कई प्रकार की होती है। और सभी प्रकार की एलर्जी का यहां पर वर्णन करना संभव नहीं हो पाता है तो आइए जानते हैं एलर्जी के प्रकार के बारे मे विस्तार से । हर इंसान को एक अलग प्रकार की एलर्जी हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌ड्रग से होने वाली एलर्जी के अंदर आमतौर पर किसी तरह की दवा की वजह से आपकी त्वचा प्रतिक्रिया देती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा कुछ एलर्जी खादय पदार्थों से होने वाली एलर्जी होती है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा । यदि आप कुछ विशेष चीज खाते हैं जिससे कि आपको ‌‌‌ परेशानी होती है तो आपको उस चीज को खाना बंद कर देना चाहिए नहीं तो आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है।
  • कांटेक्ट डर्मेटाइटिस तब होती है जब आप किसी पदार्थ को छूते हैं या फिर उसके संपर्क मे आते हैं तो इससे आपको एलर्जी का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • मौसमी एलर्जी के अंदर आपको खुजली हो सकती हैं आपकी आंखों के अंदर पानी आ सकता है और छींके आ सकती हैं। कई लोगों के अंदर मौसमी एलर्जी देखने को मिलती है।
  • जनवरों की लार, मूत्र और त्वचा की कोशिकाओं से प्रतिरक्षा प्रणाली में होने वाला असामान्य रिएक्शन। भी एक प्रकार की एलर्जी होती है। हालांकि अन्य एलर्जी की तरह यह भी सभी के अंदर नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

एलर्जी के लक्षण की बात करें तो एलर्जी के कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप आसानी से पहचान सकते हैं कि आपको एलर्जी हो रही है तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।

‌‌‌जिस चीज से आपको एलर्जी है और आप जब उस चीज के संपर्क मे आते हैं तो उसके कुछ ही समय के बाद आपके अंदर एलर्जी के लक्षण विकसित होने लग जाते हैं और उसके बाद आपको पूरी तरह से एहसास हो जाता है कि आपको एलर्जी हो चुकी है।

‌‌‌और एलर्जी की वजह से रोजाना के कामों के अंदर परेशानी आने लग जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । एलर्जी की वजह से आप ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा आपको बतादें कि एलर्जी यदि गम्भीर हो जाती है तो यह आपके लिए एक बहुत ही बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। इसके बारे मे ‌‌‌ आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌अब आइए जानते हैं एलर्जी के लक्षणों के बारे मे हर एलर्जी के लक्षण कुछ अलग हो सकते हैं तो हम सभी को साथ मे ही आपको बता रहे हैं। आपको किस तरह की एलर्जी है उसके हिसाब से आप लक्षणों को देख सकते हैं।

  • छींक आना
  • सिर दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • घरघराहट
  • खाँसी
  • नाक बहना या रूकना
  • आंखों से पानी आना या खुजली होना
  • साइनस, गले, या कान के छिद्रों में खुजली
  • कान बंद होना
  • होंठ, जीभ, आँखों या चेहरे पर सूजन
  • पेट में दर्द, बीमार महसूस होना
  • मतली या उल्टी, दस्त
  • सूखी, लाल या रुखी त्वचा

गले और मुँह में सूजन ,सांस लेने में तकलीफ ,चक्कर आना ,उलझन आदि समस्याएं यदि आपको हो रही हैं तो यह एक तरह से गम्भीर एलर्जी प्रतिक्रिया होने के बारे मे संकेत देता है। यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।

deflazacort tablets uses in hindi ‌‌‌दमा

‌‌‌दमा की जो समस्या होती है वह फेफड़ों की समस्या होती है। और इसकी वजह से सांस लेना काफी कठिन हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।और आपको यह भी बतादें कि भारत के अंदर कई लोगों को दमा की समस्या हो चुकी है। इस समस्या का स्थाई रूप से कोई भी ईलाज नहीं है। आपको इसके बारे मे ‌‌‌ भी अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।आपके फेफड़ों के अंदर बहुत सारे वायुमार्ग होते हैं जिनकी मदद से ऑक्सीजन आपके शरीर के अंदर पहुंचाई जाती है। और समस्या इसके अंदर तब होती है जब वायुमार्ग के अंदर सूजन आ जाती है। और इस दसा के अंदर रोगी की मौत भी हो सकती है।

‌‌‌अस्थमा या दमा की वजह से सीने मे जलन हो सकती है और जकड़न भी हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।एलर्जिक अस्थमा ,नॉनएलर्जिक अस्थमा ,ऑक्यूपेशनल अस्थमा जैसे दमा के कई सारे प्रकार होते हैं। और आपके दमा का ईलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार का ‌‌‌दमा है ? उसके आधार पर ही ईलाज किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌अब दोस्तों आइए दमा के लक्षणों के बारे मे विस्तार से जान लेते हैं। तो दमा के लक्षणों के आधार पर आप यह पता कर सकते हैं कि आपको दमा है या नहीं ? और उसके बाद आप जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर के पास जा सकते हैं ताकि आपकी समस्या का समाधान हो जाए । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • सीने में जकड़न
  • सांस फूलना
  • बात करने में कठिनाई
  • चिंता या घबराहट
  • थकान
  • और खांसी आना इसके प्रमुख लक्षण होते हैं।

‌‌‌यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर आपको जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए । आप समझ ही गए होंगे ।

‌‌‌दमा के कारण की बात करें तो इसके अंदर कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से दमा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । तो दोस्तों  आइए जानते हैं दमा के कारण के बारे मे विस्तार से इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌यदि आपके परिवार के किसी सदस्य को दमा है तो वह आपको होने की संभावना होती है। हालांकि यह सांस के साथ नहीं फैलता है।
  • यदि बचपन मे आपको किसी तरह का गम्भीर वायरल संक्रमण हुआ था तो उसके बाद भी आपको दमा होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌दोस्तों आपने सुना होगा कि प्राचीन काल के बच्चे मिट्टी के अंदर खेलते थे और उनको कुछ भी नहीं होता था इसका कारण यह था कि शरीर के अंदर बचपन मे ही कई तरह के बैक्टिरिया प्रवेश करने की वजह से उनके अंदर इम्यूनिटी बन जाती थी । लेकिन ऐसा नहीं होने की वजह से भी एलर्जिक दमा होने के चांस काफी बढ़ ‌‌‌ जाते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम अस्थमा के बचाव की बात करें तो इसके बचाव के बारे मे हमे पता होना चाहिए । लेकिन असली बात यह है कि इसके बचाव के बारे मे डॉक्टरों को भी सही सही पता नहीं है। बस कुछ बातें हैं जिनके बारे मे आप जान सकते हैं। जिसके बारे मे हम यहां पर बता रहे हैं।

  • रसायन, गंध, या उत्पादों से स्पष्ट स्टीयर अतीत में साँस लेने में समस्या का कारण बनता है। और आपको इन सभी चीजों का ध्यान रखना चाहिए । यदि कोई पदार्थ आपके सांस लेने की समस्या का कारण  बनता है तो उससे आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा एलर्जी को आपको कम करने पर विचार करना खास कर जुकाम की वजह से जो एलर्जी होती है। उसके लिए समय समय पर दवा लेना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि यह आपके लिए अस्थमा या दमा की समस्या को पैदा कर सकती है।
  • ‌‌‌हालांकि हर प्रकार की जो एलर्जी होती है वह दमा को क्रियट नहीं करती है लेकिन जो सांस से जुड़ी एलर्जी होती है वह दमा को क्रियएट करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने का प्रयास आपको करना चाहिए । यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली अच्छी नहीं होगी तो फिर कोई भी फायदा नहीं होगा कारण यह है कि आपको जल्दी सी ही अनेक तरह की बीमारियां घरे लेंगी । इसके लिए गिलोय जैसी चीजों का सेवन करें और अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को काफी बेहतर बनाने का ‌‌‌ काम करें । इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए और भी अधिक कई चीजें आती हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आप अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। यदि आपको मामूली सी भी किसी तरह की समस्या होती है तो अपने डॉक्टर को बताएं । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करें ।

दमा (अस्थमा) का परीक्षण के अंदर कई तरह के टेस्ट किये जाते हैं जिसकी मदद से आपके फेफड़ों की कार्य क्षमता के बारे मे पता लगाया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।

  • स्पायरोमेट्री (Spirometry) के अंदर यह देखा जाता है कि आप कितनी तेजी से सांस ले सकते हैं। और कितनी तेजी से सांस छोड़ सकते हैं। इसके आधार पर ब्रोंकियल ट्यूबों की क्षमता के बारे मे पता लगाया जाता है। और यदि दमा होता है तो इनकी क्षमता प्रभावित होती है।
  • पीक फ्लो (Peak flow) एक प्रकार का मीटर होता है। जिसके अंदर रीडिंग आती है। रिडिंग की मदद से यह पता लगाया जाता है कि आपको किस तरह का संक्रमण तो नहीं है। और उसके बाद यदि अस्थमा होता है तो फिर रीडिंग सही नहीं आती है। और आपके डॉक्टर को इसके बारे मे पता चल जाता है।
  • फेंफड़ों के कार्य का परिक्षण के अंदर कुछ खास प्रकार की दवाएं दी जाती हैं और इसकी मदद से फेफड़ों के वायुमार्ग को खोला जाता है। यदि दवा लेने के बाद फेफड़ों की क्षमता के अंदर किसी तरह का सुधार आता है तो इसका मतलब आपको दमा हो सकता है।

deflazacort tablets uses in hindi

‌‌‌गठिया से जुड़े विकार के अंदर भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। इसके अंदर होता यह है कि जोड़ों के अंदर रूक रूक कर दर्द होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए।आपको बतादें कि 100 से अधिक प्रकार के गठिया हैं जोकि आपके लिए काफी परेशानी पैदा करने वाले होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आपको किसी तरह की गठिया की समस्या है तो फिर आपको अपने डॉक्टर को परामर्श देना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करना भी बहुत ही जरूरी होता है। आप इसके बारे मे अच्छी तरह से समझ सकते हैं। क्योंकि यदि आप गठिया की समस्या का समय पर ‌‌‌सही समय पर ईलाज नहीं करते हैं तो फिर आपके लिए काफी परेशानी का कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

डूशेन पेशी अपविकास deflazacort tablets uses in hindi

डूशेन पेशी अपविकास ‌‌‌एक प्रकार की समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अंदर मांसपेशियां काफी अधिक कमजोर हो जाती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यह एक प्रकार की दुर्लभ बीमारी होती हैं जोकि मांसपेशियों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌और यह जो बीमारी होती है वह सबसे अधिक महिलाओं को प्रभावित करती है। और कई बार यह गम्भीर क्षति का कारण बनती है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌यदि यह बीमारी किसी को होती है तो यह 6 साल की उम्र से पहले ही दिखाई देने लग जाती है। और इस बीमारी से ग्रस्ति जो बच्चे होते हैं उनको यह समस्या कम उम्र मे ही दिखाई देती है और यह लोग देरी से चलना शूरू कर देते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इस बीमारी से ग्रस्ति जो बच्चा होता है वह काफी लंबे समय तक ठीक से नहीं चल पाता है और बार बार चलने मे उसे काफी अधिक परेशानी होती है।डूशेन पेशी अपविकास का कारण एक अनुवांशिक उत्परिवर्तन (म्युटेशन) होता है जो शरीर को डाइस्ट्रोफिन के उत्पादन से रोकता है । जिसकी वजह से मांसपेशियां ठीक तरह से काम ‌‌‌ नहीं कर पाती हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।इसके अलावा इसकी वजह से बच्चों को सांस लेने मे काफी अधिक परेशानी होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌वर्तमान मे इस बीमारी का कोई भी ईलाज नहीं है। दिल की मांसपेशियां भी काफी अधिक कमजोर हो जाती हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति की मौत काफी जल्दी ही हो जाती है। यदि किसी को यह बीमारी है तो उसका ईलाज होना काफी कठिन हो जाता है।

‌‌‌लेकिन वर्तमान मे काफी अधिक मेडिकल प्रगति हो रही है। जिसके चलते इस बीमारी से ग्रस्ति जो लोग हैं वे काफी लंबे समय तक जी रहे हैं और शादी भी कर रहे हैं। इन लोगों की औसत उम्र 30 साल तक हो सकती है जबकि कुछ लोग 40 साल तक भी जिंदा रहते हैं।

तीव्रग्राहिता deflazacort tablets uses in hindi

तीव्रग्राहिता एक प्रकार का गम्भीर एलर्जिक रियक्सन होता है। और जब आप किसी एलर्जी वाले पदार्थ के संपर्क मे आते हैं तो इसकी वजह से आपको एलर्जी हो सकती है। और यदि आप इसको नजर अंदाज कर देते हैं तो इससे आपकी जान भी जा सकता है। यह खास तौर पर हर इंसान के लिए अलग अलग तरह से हो सकती है।

‌‌‌जैसे कि कुछ इंसानों को मधुमक्खी के काटने से एलर्जी हो सकती है तो कुछ इंसानों को किसी और वजह से भी एलर्जी हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌इसकी वजह से आपके शरीर के अंदर कुछ रसायन आते हैं जोकि आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से आपको सांस लेने मे काफी अधिक परेशानी होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

अचानक नव्ज (पल्स) की गति कम होना, चक्कर आना और उलटी आना, तीव्रग्राहिता के लक्षण हैं । यदि आपको इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌यह जो लक्षण होते हैं वे एलर्जिक पदार्थ के संपर्क मे आने के आधा घंटा बाद ही शूरू हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। त्वचा पर रिएक्शन जैसे कि पित्ती होने के साथ खुजली या त्वचा का रंग एकदम से फीका पड़ जाना

  • गले मे गांठ जैसा महसूस होना
  • गर्माहट का एहसास
  • गले में गाँठ का एहसास।
  • सांस लेने में दिक्कत और गले या जीभ में सूजन।
  • अचानक नव्ज़ गिरना।
  • चक्कर आना, उलटी आना या दस्त।

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी चीज है आप समझ सकते हैं। ‌‌‌यदि आपको यह लक्षण दिखते हैं तो जितना जल्दी हो सके अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए । यही आपके लिए जरूरी है।

‌‌‌यदि इस एलर्जी के जोखिम कारकों की बात करें तो इसके कई सारे जोखिम आपको नजर आ जाएंगे। और कई कारण हैं जो यह एलर्जी पैदा कर सकते हैं। हालांकि यह एलर्जी की समस्या सभी लोगों के अंदर नहीं होती है। कुछ ही लोगों मे यह देखने को मिलती है।

  • कुछ दवाइयां, खासकर पेनिसिलिन की वजह से यह एलर्जी हो सकती है। यदि ऐसा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यही सबसे अधिक जरूरी चीज है।
  • चींटी, ततैया या मधुमक्खी के काटने की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। तो यदि आपको यह समस्या अक्सर होती है तो अपने डॉक्टर से आपको परामर्श करना चाहिए ।
  • इसके अलावा कुछ ऐसी दवाएं होती हैं जिनको बेहोश करने मे यूज किया जाता है। इसकी वजह से समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • तीव्रग्राहिता यदि आपको पहले भी हो चुकी है तो फिर आपको इसके बारे मे सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यदि आप सावधानी नहीं बरतते हैं तो भविष्य के अंदर होने वाला रियक्सन काफी गम्भीर हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • एलर्जी या दमा जैसी समस्याएं जिन लोगों को होती हैं उनको यह समस्या होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इस वजह से एलर्जी और दमा का सही तरह से उपचार करवाना चाहिए । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपको किसी तरह की एलर्जी है तो एलर्जी को सूचित करने वाली मशीने बाजार के अंदर मिलती हैं। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपके लिए समस्या कितनी गम्भीर है आप बाजार से खरीद सकते हैं । यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आपको किसी तरह की दवाई से एलर्जी हो जाती है तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर को जल्दी से बताना होगा । वरना समस्या आपके लिए काफी अधिक बढ़ सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌और यदि आपको किसी तरह के कीड़ों से एलर्जी है तो घास फूस के उपर ठीक तरह से चलें और पूरी तरह से सावधानी से चलना चाहिए और कीड़ों को मारने से आपको बचना होगा यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
  • अगर आपको कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी है तो, सेवन से पहले उनके लेबल सावधानी से पढ़ें। यदि आपको किसी खाने पीने की चीज से एलर्जी है तो फिर आपको उस खाने पीने की चीज का सेवन नहीं करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं।
  • तीव्रग्राहिता के ईलाज की बात करें तो इसके लिए आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना होता है। क्योंकि इस समस्या के अंदर मरीज को सांस आना बंद हो सकता है और उसको ऑक्सीजन की भी जरूरत हो सकती है।फीकी और ठंडी त्वचा, अचानक नव्ज़ गिरना, सांस लेने में परेशानी होना, उलझन, और बेहोश होना, तीव्रग्राहिता के लक्षण हैं।
  • ‌‌‌इस तरह की एलर्जी से प्रभावित व्यक्ति को यह चाहिए कि वह आराम से लेट जाए उसके पैर उपर की तरफ करें और जितना जल्दी हो सके आपको अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए और साथ ही अमरजेंशी चिकित्सा के लिए आपको डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए । आप समझ सकते हैं।

ऑटोइजेक्टर (autoinjector का प्रयोग इसके अंदर किया जाता है। इसके अंदर एक सूई होती है जिसकी मदद से दवाई की खुराक को एक बार मरीज की जांघ के अंदर लगा देते हैं तो मरीज को काफी अधिक आराम मिल जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

कैंसर deflazacort tablets uses in hindi

दोस्तों इस दवा का उपयोग कैंसर के अंदर भी किया जाता है। कैंसर एक प्रकार की आम समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कैंसर काफी भयंकर समस्या होती है। और आजकल तो घर घर के अंदर कैंसर की समस्या आपको देखने को मिलती है। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए । वैसे देखा जाए तो कैंसर एक तरह का मौत का रोग होता है। यदि कैंसर किसी को हो जाता है तो उसके बाद उस इंसान के बचने के चांस बहुत ही कम होते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आपने भी अपने आस पास कैंसर के रोगियों की बुरी हालत होते हुए देखी होगी ।

‌‌‌इसलिए यदि किसी को छोटी मोटी ही गांठ हो तो उसको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए गांठ के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर काफी उपयोगी होते हैं। हालांकि हर गांठ कैंसर का रूप नहीं होती है। और इसका समय पर ईलाज किया जाता है तो यह बहुत ही आसानी से ठीक हो जाती है इसके बारे मे आपको अच्छी ‌‌‌ तरह से पता होना चाहिए । हालांकि समय पर यदि कैंसर की गांठ को शरीर से निकाल दिया जाता है तो उसके बाद व्यक्ति काफी समय तक जिंदा रह सकता है। यदि किसी को कैंसर हुआ है तो उसकी गांठ को जल्दी से जल्दी निकलवा दें । यदि कैंसर की परिभाषा की बात करें ‌‌‌तो शरीर की कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी को कैंसर के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए।  यदि शरीर के अंदर कोई भी कोशिका अनियंत्रित रूप से बढ़ोतरी हो रही है तो उसको कैंसर के नाम से ही जाना जाएगा ।

‌‌‌कुछ कैंसर ऐसी होती हैं जिनके होने के बाद व्यक्ति काफी लंबे समय तक जिंदा हर सकता है लेकिन कुछ कैंसर ऐसी होती हैं जिसके होने के बाद व्यक्ति अधिक समय तक जिंदा नहीं रह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌यदि आपके किसी के यहां पर कैंसर है तो उसका जल्दी से जल्दी  ईलाज करवाना बहुत ही जरूरी हो जाता है यदि आप समय पर ईलाज नहीं कर वाते हैं तो यह कैंसर आपके पूरे शरीर के अंदर फैल जाएगा और उसके बाद आपकी मौत हो जाएगी ।

‌‌‌एक लड़का था जिसके पैर मे कैंसर विकसित हो गया था तो डॉक्टरों ने कहा कि उसका पैर काटना पड़ेगा इसके अलावा और कोई चारा नहीं है। लेकिन उसने पैर कटवाने से मना कर दिया तो बाद मे धीरे धीरे कैंसर उसके पूरे शरीर के अंदर फैल गई और उसकी मौत हो गई ।

‌‌‌इसलिए यदि समय रहते कैंसर को पहचान लिया जाए तो ठीक रहता है नहीं तो फिर यह बहुत ही बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । वैसे कैंसर रोगियों की हालत कितनी बुरी होती है इसके बारे मे भी आप से कुछ छिपा नहीं है।

‌‌‌कैंसर के लक्षण की बात करें तो इसके लक्षण अलग अलग होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । शरीर के किसी भी हिस्से के अंदर यदि कैंसर की शूरूआत होती है तो उसके लक्षण अलग अलग प्रकट होते रहते हैं। और उन लक्षणों के आधार पर आप कैंसर को आसानी से पहचान सकते हैं तो आइए जानते हैं कैंसर के बारे मे ‌‌‌ विस्तार से ।

  • शरीर का वजन अचानक के कम या ज्यादा होना
  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • त्वचा के किसी हिस्से में बार-बार नील पड़ना
  • त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना
  • लगातार खांसी होना
  • त्वचा मे बदलाव होना जैसे गांठ होना
  • और त्वचा के अंदर जल्दी निशान पड़ जाना ।
  • पाचन रोग जैसे दस्त या कब्ज होना
  • निगलने में कठिनाई होना
  • भूख कम लगना
  • आवाज में बदलाव होना
  • बार-बार बुखार होना
  • रात को पसीने आना
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द रहना भी कैंसर का संकेत होता है।
  • घाव के ठीक होने की प्रक्रिया धीमी होना
  • बार-बार संक्रमण होना

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए । क्योंकि कैंसर के जो कुछ प्रकार होते हैं उनको शूरूआती स्टेज के अंदर बहुत ही आसानी से रोका जा सकता है। और उनको ठीक किया जा सकता है। आप जांच करवा सकते हैं जिससे कि आपकी कैंसर ‌‌‌ की पहचान आसानी से हो जाती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

‌‌‌कैंसर के कारणों की बात करें तो तो इसके कई सारे कारण होते हैं। और इतने अधिक कारण होते हैं जिन सभी के बारे मे हम आपको यहां पर कम से कम नहीं बता सकते हैं। लेकिन कुछ कारणों को आपको यहां पर बताने जा रहे हैं। आमतौर पर कैंसर डिएनए के अंदर बदलाव होने की वजह से होता है। डिएनए वे कोड़ होते हैं जोकि ‌‌‌ कोशिकाओं को निर्देश देते हैं और इस निर्देश के अंदर कोई गड़बड़ी आती है तो उसके बाद कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । धुएं में मौजूद केमिकल और पराबैंगनी किरणों की वजह से कैंसर हो सकता है। इसके अलावा कई खाने पीने की चीजों की वजह से भी कैंसर हो सकता ‌‌‌ है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यदि किसी को भी यह लगता है कि उसे कैंसर के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए । और डॉक्टर जोभी उपचार देते हैं उनका पालन करना जरूरी है।

‌‌‌इनसबके अलावा कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी वजह से कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि आप तंबाकू का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से गले का कैंसर या फिर मुंह का कैंसर और फेफड़ों का कैंसर होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसलिए यदि आप अधिक तंबाकू का सेवन कर रहे हैं तो उसे कम करना जरूरी है।
  • ‌‌‌यदि आप सिगरेट का सेवन करते हैं या फिर बीड़ी का सेवन करते हैं तो फिर आपको फेफड़ों का कैंसर होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपने देखा होगा कि जो लंबे समय तक शराब का सेवन करते हैं उनको कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर इंसान जो शराब का सेवन कर रहा है उसको कैंसर ही होगा । लेकिन शराब का सेवन इसके चांस को बढ़ाने का काम करती है।
  • अस्वास्थ्यकर आहार और रिफाइंड खाद्य पदार्थ आदि का यदि आप सेवन करते हैं तो इसकी वजह से कोलन कैंसर का खतरा काफी अधिक होता है।
  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ना प्रोस्टेट कैंसर और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना ब्रेस्ट कैंसर होने के खतर को बढ़ा सकता है।यदि यह हार्मोन का स्तर शरीर के अंदर काफी बढ़ रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए । यही आपके लिए बहुत ही जरूरी है।
  • अनुवांशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर होने के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।
  • यदि परिवार के किसी सदस्य को कैंसर है तो वह दूसरे इंसान को होने का चांस काफी अधिक हो जाता है। हालांकि कैंसर जन्म से ही फैल सकता है। और अन्य किसी तरह से नहीं फैलता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा कार्य के दौराना आप कुछ चीजों को संपर्क आने से भी कैंसर का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है।  डाई, टार और एनिलाइन जैसे रसायन मूत्राशय में कैंसर होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से कुछ प्रणालीगत विकार पैदा हो जाते हैं जैसे कि  एच पाइलोरी संक्रमण, पेट में कैंसर, हेपेटाइटिस बी और सी लिवर कैंसर  का कारण  बन सकता है। आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको यह जानकर हैरानी होगी कि तनाव भी कैंसर का कारण हो सकता है। कारण यह है कि यदि हम लगातार तनाव मे रहते हैं तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से कैंसर का खतरा और दूसरे प्रकार की बीमारियां काफी अधिक बढ़ जाती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा जो लोग मोटे होते हैं उनको कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। यदि आप मोटे हैं तो निरतंर एक्सरसाइज किया करें और अपने वेट लोस  पर अधिक ध्यान देना चाहिए ।
  • लंबे समय से पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहना और बार-बार एक्स रे करवाने के कारण रेडिएशन के संपर्क में  आने की वजह से भी कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। इसकी वजह से बार बार एक्सरे करवाने से आपको बचना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा अनैचुरल खाना खाने की वजह से भी कैंसर का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। अनैचुरल खाने का मतलब यह है कि आज कल अनाज और फलों के अंदर अनेक तरह की जहरीली दवाओं का प्रयोग किया जाता है। और यदि आप निरंतर इस तरह की खाने पीने की चीजों का प्रयोग करते हैं तो फिर कैंसर होने की सबसे अधिक संभावना ‌‌‌ होती है। और मुझे लगता है कि कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण बस यही है। आपको पता होना चाहिए ।

deflazacort tablets uses in hindi ‌‌‌आंखों की बीमारी मे

‌‌‌दोस्तों आजकल के लोगों की आंखें काफी तेजी से कमजोर हो रही हैं। और आपने देखा होगा कि छोटे छोटे लोगों को भी आंखों का चश्मा लग चुका है।और चश्मा चढ़ना भी एक प्रकार से आंखों की समस्या होती है। मोतियाबिंद, मधुमेह रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा  आदि रोग आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं। यदि आपको ‌‌‌आंखों मे किसी तरह की समस्या हो रही है तो एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि यदि आप डॉक्टर को समय पर नहीं दिखाते हैं तो समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌मातियाबिंद के अंदर आंखों के अंदर धब्बा सा होने लग जाता है और यह धब्बा देखने मे काफी अधिक परेशानी पैदा करता है। और समय पर इसको पहचान लेने पर इसका ईलाज किया जा सकता है। अपने डॉक्टर को दिखाए यदि किसी को यह समस्या है तो ।

मुधमेह के अंदर आंखों की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। और उसके बाद इंसान अंधा हो सकता है। इसलिए इसका समस्य  पर ईलाज किया जाना चाहिए । यदि आपको आंखों से जुड़ी किसी तरह की समस्या है तो एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है । उसका पालन करना चाहिए ।

deflazacort tablets क्या गर्भवति महिला के लिए ठीक है ?

दोस्तों deflazacort tablets  का उपयोग गर्भवति महिला के लिए यह दवा ठीक है। लेकिन एक बार अपने डॉक्टर को परामर्श करें । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन करना चाहिए । यदि आप ‌‌‌एक गर्भवति महिला हैं तो इसका उपयोग कर सकती है। लेकिन यदि आप अन्य कोई दवा ले रही हैं तो इसका उपयोग आपको नहीं करना चाहिए । यदि आप उपयोग करती भी हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । उसके बाद ही उपयोग करना चाहिए ।

deflazacort tablets  का उपयोग क्या स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं

deflazacort tablets   का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाएं कर सकती हैं। इसका कोई भी नुकसान नहीं है। यदि आप किसी तरह की दवाएं ले रही हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके बाद ही आपको उपयोग करना चाहिए ।

deflazacort tablets  का सेवन करने से किडनी पर क्या असर पड़ता है ?

deflazacort tablets  का यदि आप सेवन कर रहे हैं तो किडनी पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि आपको किडनी से जुड़ी पहले से कोई समस्या है तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और उसके बाद ही आपको ‌‌‌इस दवा का सेवन करना चाहिए । और यदि आपको दवा लेने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट का अनुभव होता है तो उसके बाद आपको यह दवा लेना बंद कर देना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

deflazacort tablets  का सेवन करने से जिगर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

दोस्तों यदि आपको जिगर की समस्या है तो इस दवा का सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें । वैसे इस दवा का जिगर पर कोई भी खास बुरा असर नहीं पड़ता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

deflazacort tablets का सेवन करने से हर्ट पर क्या प्रभाव पड़ता है ? इसके बारे मे बताएं

deflazacort tablets  का सेवन आप कर सकते हैं। इसका सेवन करने से वैसे हर्ट पर कोई भी बुरा असर नहीं पड़ता है। लेकिन यदि दवा का सेवन करने के बाद किसी तरह की परेशानी होती है तो अपने डॉक्टर को परामर्श करें । ‌‌‌इसके अलावा यदि आप हर्ट से जुड़ी कोई दवा ले रहे हैं तो फिर आपको इस दवा सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर को बता देना चाहिए ।

deflazacort tablets का सेवन कर रहे हैं तो सावधानियों के बारे मे बताएं

दोस्तों कुछ रोग ऐसे हैं जिनसे यदि आप ग्रस्ति हैं तो आपको इन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए और अपने डॉक्टर को भी एक बार बताना बहुत ही जरूरी है आप समझ सकते हैं।

  • एलर्जी
  • शुगर
  • हृदय रोग
  • गुर्दे की बीमारी
  • पेट में अल्सर
  • मायस्थेनिया ग्रेविस

deflazacort tablets का सेवन करने से क्या लत लग सकती है ?

नहीं deflazacort tablets  का सेवन करने से आपको किसी तरह की लत नहीं लग सकती है। और इसके कोई भी प्रमाण नहीं है कि आपको इसकी लत लग सकती है। ‌‌‌क्योंकि इसके अंदर कोई भी ऐसा तत्व नहीं है जोकि लत पैदा करता है। इस लिए आपको बेधड़क इसका उपयोग करना चाहिए ।

deflazacort tablets का सेवन करने के बाद क्या गाड़ी चलाना सुरक्षित है ?

हां deflazacort tablets  का सेवन करने के बाद गाड़ी चलाना पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन यदि आपको दवा लेने के बाद नींद आ रही है या फिर किसी और तरह की समस्या हो रही है तो गाड़ी नहीं चलाना चाहिए ।

deflazacort tablets का सेवन क्या किसी मनोवैज्ञानिक विकार के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?

नहीं deflazacort tablets  का उपयोग किसी तरह के मनोवैज्ञानिक विकार के लिए इस दवा का उपयोग नहीं करना चाहिए । वरना आपको नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

deflazacort tablets का  यदि ओवर डोज हो चुका है तो क्या करना चाहिए

deflazacort tablets  का यदि ओवर डोज हो चुका है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । तबियत खराब होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।

deflazacort tablets को किस तरह से स्टोर करना चाहिए ?

दोस्तों deflazacort tablets  को सही तरह से स्टोर करना चाहिए । आपको इस दवा को धूप मे नहीं रखना चाहिए । नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है। deflazacort tablets को फ्रीज के अंदर भी स्टोर करके नहीं रखना चाहिए नहीं तो यह दवा के खराब होने के चांस ‌‌‌ हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

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