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देह का विलोम शब्द क्या होगा Deh ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌देह का विलोम शब्द या ‌‌‌देह का विलोम , ‌‌‌देह का उल्टा क्या होता है ? Deh ka vilom shabd

शब्दविलोम शब्द
‌‌‌देहविदेह
DehVideh

देह का विलोम शब्द क्या होगा Deh ka vilom shabd kya hai ?

‌‌‌दोस्तों यदि हम देह के विलोम शब्द की बात करें तो इसका विलोम शब्द होता है विदेह । और यदि हम देह के मतलब की बात करें तो इसका मतलब होता है शरीर । शरीर को देह के नाम से जाना जाता है। शरीर किसी भी जीव का हो उसके देह ही कहा जाता है। माना जाता है कि देह पंच भूतों से मिलकर बना होता है। और अंत मे ‌‌‌यही देह इन पंच भूतों के अंदर ही मिल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । वैसे इस देह की रचना प्रकृति ने की है। और अनेक प्रकार की देह प्रकृति ने बनाई हैं। यह आपके विज्ञान के अंदर पढ़ा ही होगा । असल मे उपर कोई बैठा नहीं है जोकि आपको यहां पर बना बना कर भेज रहा है। असल मे यह सब कुछ अपने ‌‌‌आप ही पैदा हो रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। इस तरह से जिस जीव को देह मिली है यह देह नष्ट होने वाली है। ऐसा कोई भी देह नहीं है जोकि नष्ट नहीं होती है। हर देह को एक ना एक दिन नष्ट होना ही पड़ता है। एक बात कही जाती है कि जो ‌‌‌पैदा होता है उसे एक ना एक दिन मरना भी होता है। इसके अंदर कोई भी शक नहीं है। और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । देहधारी इंसान हो या फिर देहधारी कोई जानवर हो सबको एक ना एक दिन मरना ही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌इसलिए तो ही ज्ञानी लोग कहा करते थे कि भूर्ख बंदे ना नाज कर अपनी देह का क्योंकि देह का सौदर्य एक ना एक दिन नष्ट हो जाएगा । इसलिए देह की सुंदरता इतनी महत्वपूर्ण नहीं है जितनी की मन की सुंदरता है। यदि मन सुंदर होगा तो यही आपके काम आएगा । देह तो आप जन्म जन्म के अंदर बदलते रहेंगे ।

‌‌‌लेकिन आपके इस जीवन के अंदर जो कर्म कियें हैं वे कर्म की आपके काम आने वाले हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । दोस्तों देह पर घमंड ना करें । क्योंकि अंत समय के अंदर देह भी साथ छोड़ देती है। आप इस बात को जानते ही हैं।

‌‌‌इसलिए अपनी देह पर आपको कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए । वैसे भी घमंड हर किसी के लिए घातक ही होता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। लेकिन उसके बाद भी कुछ मूर्ख लोग होते हैं जोकि अपने देह पर काफी अधिक घमंड करते हैं।

‌‌‌वे जीवन के सत्य को नहीं जानना चाहते हैं। वे बस धोखें के अंदर ही रहना चाहते हैं और जब मौत सामने आकर खड़ी हो जाती है। तो उसके बाद घबराने लग जाते हैं। लेकिन उसके बाद बहुत अधिक देर हो चुकी होती है और फिर कुछ भी नहीं किया जा सकता है।

‌‌‌विदेह का अर्थ और मतलब

दोस्तों विदेह का मतलब होता है जो इंसान देह मे नहीं है उसके लिए विदेह शब्द का प्रयोग किया जाता है। अब आपके दिमाग मे यह सवाल तो आता ही होगा कि देह के अंदर कौन नहीं है । असल मे जो इंसान मर जाता है तो वह अपनी देह को छोड़ देता है वह विदेह कहलाता है। जिसके पास देह नहीं ‌‌‌ होती है। आपको इसके बारे मे पता ही होगा । आपने भूत प्रेत का नाम तो सुना ही होगा । भूत प्रेत भी इस दुनिया के अंदर विचरण करने वाले सूक्ष्म जीव होते हैं। और कई बार यह लोगों को दिखाई देते हें और लोगों को नुकसान भी पहुंचाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हालांकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं ‌‌‌ जोकि भूत प्रेत को नहीं मानते हैं लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता है। क्योंकि आपके मानने या फिर ना मानने से भूत प्रेत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला होता है। असल मे कुछ अधिक ज्ञानी लोग यह समझ सकते हैं कि भूत प्रेत अंधविश्वास होता है। लेकिन अमेरिका जैसे देश के अंदर भी भूत प्रेत को माना जाता ‌‌‌ है। और भूत प्रेत पर अनेक किताबें भी लिखी गई हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए चलों इंडिया के लोगों की तो आप नहीं मानते हैं लेकिन अंग्रेजों की बातों पर तो आपको यकीन होगा ही क्योंकि उनकी पढ़ाई शिक्षा से ही तो आप पढ़े हैं तो उनकी किताबें आप पढ सकते हैं। हालांकि इस तरह के लोगों के बारे

‌‌‌गीता के अंदर काफी अच्छी तरह से बताया गया है। उसमे यह कहा गया है कि इस तरह के लोग जो मन के बनाये मनगढ़त नीयमों पर यकीन करते हैं और सत्य को जानने के बाद भी अनजान बने रहते हैं इनको गीता सुनाने का भी कोई लाभ नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌इस तरह के लोग बहुत सारी जगहों पर होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं। हालांकि बहुत सारे लोग विदेही आत्माओं को नहीं मानते हैं लेकिन जब उनके मरने का समय आता है तो उसके बाद उनके अक्ष खुल जाते हैं और उनको परलोक दिखाई देने लग जाते हैं लेकिन उसके बाद कुछ नहीं होता है।‌‌‌तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। क्योंकि वे यह मान कर चलते हैं कि कुछ नहीं होता है। तो उल्टे सीधे कर्म करते हैं लेकिन उसके बाद जो होता है वह सब वे देख सकते हैं और महसूस भी कर सकते हैं तो आप भी समझ जाएं । इसी वक्त से क्योंकि जीवन का एक समय होता है। आपके शरीर का एक समय है। एक समय बाद यह ‌‌‌ अपने आप ही समाप्त हो जाएगा।  आपकेा इसके बारे मे पता ही होगा । उसके बाद आप भी विदेही हो जाएंगे और कुछ करने की स्थिति मे नहीं होंगे । क्योंकि देह ही कर्म करता है। यदि देह नहीं है तो कर्म भी नहीं है बस आप अपने किये गए कर्मों को भोग सकते हैं।

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