dexamethasone tablet uses in hindi or side effect of tablats

dexamethasone tablet uses in hindi dexamethasone tablet जो होती है वह आमतौर पर तभी उपयोग मे लेनी चाहिए जब डॉक्टर इसको पर्ची पर लिखकर देता है। यह कई बीमारियों जैसे कि  एलर्जी, दमा, कैंसर आदि के अंदर प्रयोग मे ली जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।और इस दवा की जो खुराक होती है वह रोगी की बीमारी और ‌‌‌उसकी आयु व लिंग के उपर निर्भर करती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।इस दवा के सेवन करने से कुछ साइड इफेक्ट जैसे खुजली जलन आदि हो सकती है। तो आपको दवा को डॉक्टर के निर्देश के हिसाब से ही लेनी चाहिए । यदि डॉक्टर निर्देश नहीं देता है तो फिर

‌‌‌आपको इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

dexamethasone tablet uses in hindi

dexamethasone tablet आमतौर पर कई सारे रोगों के अंदर काम आती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हम आपको यहां पर उन रोगों की लिस्ट दे रहे हैं जिसके अंदर इस दवा का उपयोग किया जाता है तो आइए जानते हैं।

  • एलर्जी
  • दमा
  • कैंसर
  • चर्म रोग
  • आंखों की बीमारी
  • नेफ्रोटिक सिंड्रोम
  • इंफ्लेमेटरी डिजीज
  • गाउट
  • एनाफ्लैटिक शॉक
  • अन्य लाभ
  •  
  • सूजन
  • लिम्फोमा
  • आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा
  • विषाक्त एपिडर्मल नेक्लोलिसिस
  • कान बहना
  • आंखों की सूजन
  • आंखों में जलन
  • यूवाइटिस
  • कुशिंग सिंड्रोम
  • आंतों में सूजन
  • सोरायसिस
  • मल्टीपल माइलोमा
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस
  • ब्रेन ट्यूमर
  • लाइकेन प्लेनस
  • बर्साइटिस
  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
  • वाहिकाशोफ
  • एक्जिमा
  • डर्मेटाइटिस

dexamethasone tablet uses in hindi एलर्जी के अंदर

दोस्तों dexamethasone tablet का उपयोग एलर्जी के अंदर भी किया जाता है। एलर्जी एक आम प्रकार की समस्या होती है।आपको बतादें कि एलर्जी एक प्रकार की त्वचा प्रतिक्रिया होती है। मतलब भोजन ड्रग या फिर किसी और चीज की वजह से एलर्जी हो सकती है।एलर्जी  ‌‌‌वैसे एक आम प्रकार की समस्या होती है। और बड़ों के अंदर एलर्जी उम्र के साथ गायब हो जाती है तो कुछ लोगों के अंदर काफी लंबे समय तक एलर्जी बनी रहती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।वैसे एलर्जी के मामलें गम्भीर नहीं होते हैं और आप आसानी से इनको नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन आपको चाहिए कि आप ‌‌‌सर्तक रहें और यदि समय पर आप एलर्जी का भी इलाज नहीं करवाते हैं तो इसकी वजह से दूसरी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि एलर्जी कई तरह की होती है। जिसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। वैसे एलर्जी जिस किसी पदार्थ से होती है उससे आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगी । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌जैसे ड्रग से जुड़ी एलर्जी के अंदर जब आप किसी तरह की ड्रग लेते हैं तो इसकी वजह से आपकी जो प्रतिरक्षा प्रणाली होती है वह असामान्य प्रतिक्रिया करती है। इसलिए जिस ड्रग से आपको एलर्जी हो उस ड्रग को आपको नहीं लेनी चाहिए ।
  • खाद्य पदार्थों से एलर्जी दोस्तों यदि आपको किसी तरह के खाने पीने की चीजों से एलर्जी होती है यदि आप उन चीजों का सेवन करते हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप एलर्जी वाली खाने पीने की चीजों से दूर ही रहें ।
  • जानवरों से एलर्जी तब होती है जब आप किसी तरह के जानवरों के मल और मूत्र के संपर्क मे आते हैं। और इसकी वजह से एलर्जी हो जाती है। तो जिनको जानवरों से एलर्जी हो उनको इनसे दूर ही रहना चाहिए ।
  • मौसमी एलर्जी के अंदर आंखों मे पानी आता है और बार बार छींक आती है। आमतौर पर कुछ लोगों को जुकाम की एलर्जी होती है।जुकाम की एलर्जी का होना मौसमी एलर्जी ही होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌अब यदि दोस्तों हम  एलर्जी के लक्षणों की बात करें तो इनके कई सारे लक्षण होते हैं। जैसे ही आप किसी एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ के संपर्क मे आते हैं वैसे ही एलर्जी के लक्षण विकसित हो जाते हैं और यह आमतौर पर कुछ घंटों के अंदर विकसित हो सकते हैं या फिर धीरे धीरे विकसित हो सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि एलर्जी पदार्थ सांस की मदद से शरीर के अंदर प्रवेश कर जाता है तो यह आपके फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह आपके मुंह और पेट को भी प्रभावित कर सकता है। अधिकतर केस के अंदर एलर्जी के लक्षण हल्के होते हैं लेकिन कई बार यही एलर्जी काफी अधिक गम्भीर लक्षणों को धारण कर लेती है। इसके ‌‌‌ बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम एलर्जी के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जोकि एलर्जी की वजह से हो सकते हैं तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे

  • सिर दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • घरघराहट
  • खाँसी
  • छींक आना
  • नाक बहना या रूकना
  • आंखों से पानी आना
  • साइनस, गले, या कान के छिद्रों में खुजली
  • कान बंद होना
  • पोस्ट-नेजल ड्रेनेज
  • होंठ, जीभ, आँखों या चेहरे पर सूजन
  • पेट में दर्द, बीमार महसूस होना

‌‌‌यदि एलर्जी के लक्षण हल्के हैं तो आप कम दवा लेकर भी काफी आसानी से ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि एलर्जी के लक्षण हल्के नहीं हैं तो फिर कम दवा लेने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌ऐसी सिथति के अंदर आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। बस यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।

‌‌‌आपको बतादें कि हमारे शरीर के अंदर एंटीबॉडीज होते हैं और शरीर के अंदर यदि कोई हानिकारक पदार्थ प्रवेश करता है तो वे एंटीबॉडीज इसको नष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन एलर्जी होने की स्थिति के अंदर यह सब संभव नहीं हो पाता है और एंटीबॉडीज खराब और अच्छी चीजों के बीच भेद नहीं कर पाते हैं।

‌‌‌अब आता है कि हम एलर्जी से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो हम आपको बतादें कि एलर्जी का वैसे कोई इलाज नहीं है। यदि आपको किसी चीज से एलर्जी है तो उसके लक्षणों को ही कम किया जा सकता है। उसका परमानेंट इलाज नहीं किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌लेकिन आप कुछ उपाय कर सकते हैं और इसकी वजह से आप आसानी से एलर्जी से बच सकते हैं बस आपको सावधानी ही बरतनी होगी तभी आप एलर्जी से बच सकते हैं नहीं तो आप एलर्जी से नहीं बच सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

  • ‌‌‌यदि आपको धूल के कणों से एलर्जी है तो आपको घर को पूरी तरह से साफ सुथरा रखना चाहिए और घर के अंदर यदि आप साफ सफाई कर रही हैं तो अपने मुंह और नाक पर एक अच्छी क्वालिटी वाला मास्क का प्रयोग करना चाहिए जोकि धूल को आपके शरीर के अंदर जाने से रोकने का काम करता है। ‌‌‌इसके अलावा अपने घर मे दरी वैगरह ना बिछाएं क्योंकि इसके उपर कई तरह की धूल मिल सकती है। इसके अलावा धूल जिन स्थानों पर उड़ रही है उन स्थानों पर आपको नहीं जाना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको जानवरों जैसे कुत्ते बिल्ली आदि से एलर्जी होती है तो फिर आपको इन जानवरों से दूरी बनानी होगी इसके अलावा आपके पास और कोई चारा नहीं है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।और पालतू जानवरों को घर मे ना आने दें । और जानवरों को साफ सुथरा रखना चाहिए । ऐसा करके आप एलर्जी से ‌‌‌ बच सकते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • फफूंदी से निकलने वाली बारीक कण कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं इसलिए आपको कुछ सावधानियों को बरतना होगा । घर के अंदर किसी तरह का पौधा ना लगाएं । ऐसा करने से फफूंदी आ सकते हैं। इसके अलावा घर के अंदर गिलापन आपको नहीं रखना चाहिए । जिससे कि एलर्जी होने के चांस काफी अधिक हो सकते हैं।इसके ‌‌‌अलावा जो रहने का कमरा होता है उसको सूखा और हवादार रखना बहुत ही जरूरी होता है ।घर के पास सड़ी गली पतियों और कूड़े को ना फैलाएं ।
  • ‌‌‌इसके अलावा दोस्तों कुछ लोगों को खाने पीने की चीजों से भी एलर्जी होती है।जिस खाने से आपको एलर्जी होती है आपके लिए बेहतर यही होगा कि आपको वह खाना ही नहीं खाना चाहिए । जैसे कि आपको गेंहू से एलर्जी होती है तो आपको बाजरे का सेवन करना चाहिए । जिससे कि आप एलर्जी से बचे रह सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा कभी कभी हमें गर्मी के मौसम मे कोई कीट काट लेता है जिसकी वजह से एलर्जी हो सकती है। इसलिए घर के अंदर कीटों को मारने का प्रयास करें । और खुद के शरीर को ढककर रखना चाहिए ।और आपको जूते पहनकर रखना चाहिए । और सुगंधित इत्र वैगरह का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए । यदि कीट काट लेता है तो आप ‌‌‌एलर्जी की गोली ले सकते हैं जिससे कि आपको किसी भी तरह का एलर्जी रियक्सन  नहीं होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आपको काफी लंबे समय तक एलर्जी है और इसके लक्षण साफ दिख रहे हैं तो आपको इसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए । ऐसा करना आपके लिए काफी घातक साबित हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
  • हृद्य संबंधी बीमारियां, थायरॉयड की बीमारियां, शुगर, मोतियाबिंद, उच्च रक्तचाप, लिवर रोग, या गुर्दे संबंधी रोग ‌‌‌के मरीजों को चाहिए कि कोई भी दवा लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । क्योंकि हो सकता है कि यह दवा आपके लिए काफी डेंजर हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌अब यदि हम एलर्जी के टेस्ट की बात करें तो इसके लिए कई तरह के टेस्ट डॉक्टर कर सकते हैं। हालांकि अधिकतर केस मे मरीज को यह पता होता है कि उसको किस तरह की चीजों से एलर्जी होती है। लेकिन यदि मरीज को पता नहीं है तो उसके बाद डॉक्टर खुद भी पता लगा सकते हैं।

  • स्किन प्रिक टेस्टिंग (Skin prick testing) के अंदर आपको उस चीज का डोज दिया जाता है आपकी त्वचा मे डाला जाता है जिससे कि आपको एलर्जी हो सकती है। उसके बाद यदि आपको उस पदार्थ से एलर्जी होती है तो 15 मिनट के भीतर ही इसका पता चल जाता है। यह एक तरह से सुरक्षित टेस्ट होता है। और इससे ‌‌‌ किसी तरह की समस्या नहीं होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा डॉक्टर आपको खून टेस्ट करवाने के लिए भी बोल सकते हैं। जिसके अंदर यह पता किया जाता है कि आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एलर्जी के विरूद्ध किस तरह के पदार्थ का निर्माण कर रही है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको एलर्जी वाले स्थान पर किसी तरह के धब्बे हो गए हैं तो उनकी जांच की जाती है कि यह  किस वजह से हो सकते हैं और उसके आधार पर उपचार किया जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको किसी तरह की खाने पीने की चीजों से एलर्जी होती है तो डॉक्टर आपको यह सलाह दे सकते हैं कि कुछ समय के लिए आपको अपने आहार के अंदर बदलाव करना चाहिए जिससें कि यह पता चल सके कि आपको किस तरह की एलर्जी है ? इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • चैलेंज टेस्टिंग के अंदर यदि डॉक्टर को यह शंका होती है कि किसी खास फूड से आपको एलर्जी है तो उन फूड़ को आपको थोड़ी थोड़ी मात्रा के अंदर बढ़ाते हुए दिया जाता है ताकि यह पता चल सके कि उन पदार्थ से आपको एलर्जी है या फिर नहीं है ?

‌‌‌दोस्तों अब आपके दिमाग के अंदर यह भी आता होगा कि एलर्जी ठीक होने मे कितना समय लेती है ? तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि एलर्जी के ठीक होने का कोई फिक्स समय नहीं होता है। कोई एलर्जी होती है वह बस कुछ ही घंटों के अंदर ठीक हो जाती है। तो अन्य प्रकार की एलर्जी को महिना तक लग सकता है। और कुछ ‌‌‌ को तो सही होने मे महिने से भी अधिक समय लग सकता है। एलर्जी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उन पदार्थों से दूरी बनाकर ही रखें जिनकी मदद से आपको एलर्जी होती है तभी आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा आप समझ सकते हैं।

dexamethasone tablet uses in hindi ‌‌‌दमा या अस्थमा

‌‌‌दोस्तों आपने दमा या अस्थमा के बारे मे सुना ही होगा । यह एक फेफड़ों की बीमारी होती है और जिस मरीज को यह दमा होता है उसको सांस लेने मे काफी समस्या होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।अस्थमा के अंदर आमतौर पर इंसान को सांस लेने मे काफी अधिक तकलीफ होती है। और सीने मे जकड़न होने लग ‌‌‌ जाती है। सांस लेने की जो नलिकाएं हैं वह काफी अधिक सिकुड़ जाती हैं जिसकी वजह से काफी अधिक परेशानी होती है। सांस रूक सकता है इसको अस्थमा अटैक के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत के 130 करोड़ लोगों में से लगभग 6% बच्चों और 2% वयस्कों को अस्थमा है। और वैसे आपको बतादें कि भारत के अंदर अस्थमा को एक बहुत ही बेकार का रोग माना जाता है।और भारत मे अस्थमा होने पर खुद रोगी इसको छिपाते भी हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते ‌‌‌ हैं।

अस्थमा का सबसे आम लक्षण है सांस लेते समय घरघराहट होना इसका आम लक्षण होता है। और इसके अलावा भी कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप अस्थमा को पहचान सकते हैं। और उसके बाद इसका इलाज करवा सकते हैं। यदि आप समय पर इसका इलाज नहीं करवाते हैं तो यह काफी बदतर हो जाता है।

  • सीने में जकड़न
  • सांस फूलना
  • बात करने में कठिनाई
  • चिंता या घबराहट
  • थकान

‌‌‌यदि आपको  उपर दिये गए किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपको दमा है तो दमा की दवाएं आप ले सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों यदि हम दमा के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । लेकिन वैसे इसके सही सही कारणों के बारे मे अभी भी पता नहीं चल पाया है।

  • ‌‌‌इसका सबसे पहला कारण अनुवांशिकता होता है। यदि आपको दमा है तो फिर यह आपके बच्चों के अंदर भी हो सकता है। यह इसका पहला अनुवांशिक कारण हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा बार बार वायरल संक्रमण होता है तो इसकी वजह से भी दमा के विकसित होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी बचपन मे इम्यूनिटी काफी कम होती है तो उसकी वजह से भी दमा का विकास हो सकता है। इस तरह से बहुत सारे कारण हैं जिसकी मदद से दमा का विकास हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों अब तक दमा के कारणों की सटीक पहचान नहीं की हैं। और यह पता नहीं लगाया जा सका है कि दमा किस वजह से हो रहा है। लेकिन कुछ तरीके हैं जिसकी मदद से आप दमा को सही कर सकते हैं । मतलब कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं तो आइए जानते हैं उन कारणों की वजह से ।

  • ‌‌‌आपको सबसे पहले उन सभी कामों से बचना होगा जोकि सांस लेने के अंदर काफी अधिक परेशानी पैदा करते हैं जैसे कि धुंए के अंदर सांस लेना या फिर किसी और जगह पर सांस लेने से यह हो सकता है।
  • ‌‌‌आपको उन सभी पदार्थों से बचना होगा जिनके अंदर एलर्जी होती है यदि आपको धूल मिट्टी आदि की वजह से एलर्जी होती है तो आपको चाहिए कि आप उनसे दूरी बनाकर रखें । यही आपके लिए सही होगा और आप समझ सकते हैं।
  • एलर्जी शॉट्स लेना भी एक प्रकार का उपचार होता है जिसके अंदर आपका शरीर किसी तरह की एलर्जी के प्रति काफी कम संवेदनशील हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और यह एक अच्छा तरीका हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको समस्या काफी अधिक है तो आप निवारक दवा ले सकते हैं यह आपको अपातकालीन स्थिति के अंदर काफी अधिक काम करेगी ।

‌‌‌दोस्तों यदि हम अस्थमा के उपचार की बात करें तो इसके अंदर कई सारी चीजें आती हैं। जैसे कि आप अस्थमा को कम करने की दवाएं ले सकते हैं जोकि आपको काफी आराम देती हैं और आप आसानी से अपने सामान्य जीवन को जी सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

स्टेरॉयड और अन्य एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स आमतौर पर सूजन और जलन को कम करने का काम करती हैं जिसकी वजह से वायुमार्ग संकरा नहीं होता है।इसके परिणामस्वरूप वायुमार्ग कम संवेदनशील हो जाते हैं और इस तरह से यह दवाएं अस्थमा से राहत देने का काम करती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

ब्रोंकॉडायलेटर्स आमतौर पर वायु मार्ग के चारो ओर कसी हुई मांसपेशियों को आराम दिलाने का काम करते हैं जिससे कि सांस लेने मे किसी तरह की समस्या नहीं होगी ।

खांसी, सांस लेने में कठिनाई, छाती में जकड़न, अस्थमा की वजह से सांस फूलना आदि स्थिति के अंदर शॉर्ट एक्टिंग ब्रोंकॉडायलेटर्स इन्हेलर का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।

लॉन्ग-एक्टिंग ब्रोंकॉडायलेटर्स एक प्रकार की दवा होती है यदि किसी मरीज को नियमित रूप से दवा देने के बाद भी अस्थमा के लक्षण दिख रहे हैं तो यह दवा दी जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌बहुत से लोगों के दिमाग मे यह आता है कि क्या अस्थमा ठीक हो सकता है तो आपको बता दें कि अस्थमा का कोई भी इलाज नहीं है। लेकिन अनेक इस तरह की दवाएं मौजूद हैं जिसकी मदद से आप अस्थमा के लक्षणों को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी सामान्य जिदंगी को जी सकते हैं। ‌‌‌लेकिन यदि किसी को अस्थमा की समस्या है तो उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌आपको बतादें कि अस्थमा के कई सारे नुकसान होते हैं। इसकी वजह से आपके दैनिक कार्यों के अंदर काफी अधिक बाधा पहुंचती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आपको बता दें कि इसकी वजह से आपको बार बार स्कूल और काम मे छूटी लेने की जरूरत पड़ सकती है। ‌‌‌इसके अलावा यदि आप अस्थमा को कंट्रोल करने के लिए जो लंबे समय तक दवा लेते हैं उनका काफी अधिक दुष्प्रभाव होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

dexamethasone tablet uses in hindi चर्म रोग (त्वचा विकार) 

‌‌‌दोस्तों त्वचा पर होने वाले रोग को त्वचा के रोग के नाम से जाना जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।वैसे आपको बतादें कि जो त्वचा रोग होते हैं वे कई तरह के होते हैं और इनके लक्षण रोग पर निर्भर करता है। कुछ चर्म रोग काफी अधिक दर्द देते हैं तो कुछ चर्म रोग ‌‌‌दर्दनाक नहीं होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। त्वचा विकार के प्रकार की बात करें तो यह कई सारे प्रकार का होता है। इसके लिए हम आपको नीचे एक लिस्ट दे रहे हैं जिससे कि आपको पता चल जाएगा । त्वचा के कॉमन रोगों के बारे मे ।

  • रूखी त्वचा
  • ऑयली त्वचा
  • चिकन पॉक्स
  • एक्जिमा
  • बेसल सेल कार्सिनोमा
  • डेरियर्स डिजीज
  • नाखूनों में होने वाले फंगल संक्रमण
  • कीलॉइडिस
  • मिलनोमा
  • मेलस्मा
  • रोजेशिया
  • सिबोर्हिक डर्मेटाइटिस
  • छाल रोग
  • सफेद दाग
  • इंपटिगो
  • त्वचा का कैंसर
  • तिल

‌‌‌अब दोस्तों यदि हम चर्म रोग के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आपको यह पता चल जाता है कि आपको चर्म रोग है। वैसे अधिकतर चर्म रोगों का आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

  • सफेद रंग के उभार।
  •  खुजली वाले चकत्ते।
  • त्वचा पर फीके रंग के धब्बे।
  • थक्के, मस्से या अन्य त्वचा के उभार।
  • तिल के रंग या आकार में परिवर्तन।
  • त्वचा का खुरदुरापन।
  • त्वचा का छिलना।
  • अल्सर

‌‌‌वैसे आपको पता होना चाहिए कि त्वचा रोग के लक्षण होते हैं वे भिन्न भिन्न होते हैं ।यह आमतौर रोग के प्रकार के आधार पर होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । ‌‌‌जैसे की छाले और मवाद और त्वचा की मोटाई आदि इसके अंदर आ सकती है।

‌‌‌अब हम त्वचा के विकार के कारणों की बात करें तो इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं तो आइए जानते हैं सभी कारणों के बारे मे एक एक करके पता लगाने का प्रयास करते हैं ताकि चीजें आपको सही तरह से समझ मे आ सके ।

‌‌‌दोस्तों आमतौर पर यदि आप त्वचा को सही तरह से साफ नहीं कर पाते हैं तो इसकी वजह से त्वचा के उपर गदंगी हो जाती है और उसके बाद त्वचा मे यही बैक्टिरिया किसी ना किसी तरह का रोग पैदा करदेते हैं। और उसके बाद समस्या होती है। इसलिए त्वचा रोगों से बचने के लिए आपको स्नान करना चाहिए और खुद को ‌‌‌साफ रखना जरूरी होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

त्वचा पर रहने वाले कवक, परजीवी या सूक्ष्मजीव जिनको आप नंगी आंखों से आप देख नहीं सकते हैं। वे भी आपकी त्वचा के अंदर रोग पैदा कर देते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाती है तो यह त्वचा रोग पैदा करने वाले बैक्टिरिया से लड़ नहीं सकती है। जिसकी वजह से काफी अधिक समस्याएं होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा यदि आपको त्वचा से जुड़ी एलर्जी की समस्या है तो इसकी वजह से भी त्वचा पर दाने से हो सकते हैं। और यह भी एक प्रकार के त्वचा रोग का संकेत होता है आपको एलर्जी होने वाले पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए आप समझ सकते हैं।

थायरॉयड, प्रतिरक्षा प्रणाली, गुर्दे आदि कि किसी भी बीमारी से यदि आप ग्रस्ति हैं तो फिर आपको त्वचा रोग होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌अब आता है कि हम त्वचा संक्रमण से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो आपको बतादें कि त्वचा संक्रमण के लिए आप कई तरह के इलाज कर सकते हैं। जोकि आपको त्वचा संक्रमण से बचाव कर सकते हैं तो आइए जानते हैं इन सावधानियों के बारे मे विस्तार से ।

  • ‌‌‌आपको चाहिए कि आप अपने हाथों को साबुन से हाथों को बार बार धोना चाहिए । क्योंकि हमारे हाथों पर कई तरह के बैक्टिरिया चिपके रहते हैं और खाने के साथ ही हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं और उसके बाद त्वचा रोग पैदा कर सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा किसी के भी साथ आपको खाने और पीने की चीजों को शेयर नहीं करना चाहिए  । क्योंकि ऐसा करने से यदि उस इंसान को किसी तरह के त्वचा रोग हैं तो फिर वह आपको भी हो सकता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी को त्वचा संक्रमण है तो उसके साथ यदि आपको संपर्क बनाने से बचना होगा आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
  • सार्वजनिक स्थानों, जैसे जिम उपकरण, को इस्तेमाल करने से पहले साफ करना काफी अधिक जरूरी हो जाता है। वरना किसी दूसरे इंसान का त्वचा रोग आपको भी हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको सोने के समय को भी मेंटेन करना होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आप कम सोते हैं तो इसका असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है आप इस बात को समझ सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई तरह की संक्रामक बीमारियां होती हैं जैसे कि चिकन पॉक्स आदि का आपको टिका लगाना चाहिए । जिससे कि आप इन बीमारियों से बच सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों चर्म रोग का निदान उपलब्ध है आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपको किसी तरह का चर्म रोग नजर आता है तो आपको सबसे पहले इसके इलाज के बारे मे बात करनी चाहिए।  और अपने डॉक्टर को इसके बारे मे बताएं और आपका डॉक्टर आपको जो दवा लिखकर देता है ‌‌‌ आपको उस दवा को सही समय पर लेना चाहिए । ताकि आपके अंदर किसी तरह के लक्षण  यदि आपको दिखाई देते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।

dexamethasone tablet uses in hindi ‌‌‌कैंसर के उपचार मे

‌‌‌दोस्तों कैंसर एक प्रकार का रोग होता हैं जिसके अंदर होता यह है कि शरीर का कोई भी अंग असामान्य रूप से काफी तेजी से बढ़ने लग जाता है और उसके बाद वह एक टयूमर का रूप लेलेता है। इसको कैंसर के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर हम इसको गांठ के नाम से भी जानते हैं। ‌‌‌लेकिन आपको बतादें कि हर गांठ कैंसर नहीं होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।वैसे आपको बतादें कि कैंसर टयुमर दो प्रकार के होते हैं। एक टयूमर इस प्रकार के होते हैं जोकि शरीर के दूसरे हिस्सों के अदर फैल सकते हैं तो दूसरे इस तरह के होते हैं जोकि शरीर के दूसरे हिस्सों के अंदर नहीं फैलते हैं।

एक्स रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और पीईटी स्कैन आदि की मदद से आप कैंसर का बहुत ही आसानी से पता लगा सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी  और सर्जरी कैंसर के उपचार के अंदर प्रयोग मे ली जाने वाली पद्धतियां होती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌अब यदि हम कैंसर के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षण आमतौर पर अलग अलग हो सकते हैं। यह निर्भर करता है कि कैंसर शरीर के किस हिस्से के अंदर फैला हुआ है। तो आइए जानते हैं कुछ लक्षणों के बारे मे जिससे कि आप यह पता लगा सकते हैं कि कैंसर हुआ है।

  • त्वचा में जल्दी निशान पड़ जाना
  • पाचन रोग जैसे दस्त या कब्ज होना
  • निगलने में कठिनाई होना
  • भूख कम लगना
  • आवाज में बदलाव होना
  • बार-बार बुखार होना
  • रात को पसीने आना
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
  • घाव के ठीक होने मे समस्या
  • बार-बार संक्रमण होना
  • ‌‌‌इसके अलावा शरीर मे गांठ का महसूस होना ।

‌‌‌दोस्तों यदि आपको किसी तरह के कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । वैसे यदि कैंसर शूरूआती स्टेज के अंदर है तो फिर इसका उपचार हो सकता है।

‌‌‌लेकिन यदि कैंसर अंतिम स्टेज मे आ चुकी है तो उसके बाद इसका उपचार नहीं हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

कैंसर आमतौर पर डीएनए में कुछ बदलाव या उत्परिवर्तन होने के कारण होता है। आमतौर पर डीएनए ही यह निर्धारित करता है कि किस कोशिका को कितना बढ़ना होगा । और यदि उसके अंदर किसी तरह की त्रुटि वैगरह आ जाती है तो उसके बाद काफी अधि क समस्याएं होने लग जाती हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि कैंसर का सही सही कारण कुछ भी ज्ञात नहीं है। हालांकि कुछ कारण ऐसे हैं जिनके बारे मे यह कहा जाता है कि उनकी वजह से कैंसर हो सकता है तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे जिससे कि कैंसर होने का खतरा रहता है।

  • तंबाकू या उससे बने उत्पाद जैसे सिगरेट या चुईंगम यदि आप काफी लंबे समय से उपयोग मे ले रहे हैं तो इसकी वजह से मुंह और फेफड़ों के कैंसर होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। हालांकि सभी लोगों मे यह समस्या नहीं देखने को मिलती है तो इनका सेवन कम करना चाहिए । ‌‌‌और यदि आप इनको छोड़ सकते हैं तो आपको छोड़ देना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप काफी लंबे समय तक शराब का सेवन कर रहे हैं तो यह आपके लिवर को काफी भयंकर तरीके से नुकसान पहुंचाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । इसलिए बेहतर यही होगा कि आप शराब का सेवन ना करें । वरना यह लिवर कैंसर को पैदा करती है।
  • टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ना प्रोस्टेट कैंसर और एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ना ब्रेस्ट कैंसर होने के खतरे को बढ़ा देता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
  • कोलन कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर आदि कुछ इस प्रकार के कैंसर होते हैं जिनका खतरा उम्र बढ़ने के साथ ही काफी तेजी से बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • अनुवांशिक दोष या उत्परिवर्तन भी कैंसर होने के खतरे को बढ़ा देता है। जैसा कि आप जानते ही हैं कि सभी प्रकार के उत्परिवर्तन सफल नहीं होते हैं। करोड़ों के अंदर कोई एक ही सफल होता है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि परिवार के अंदर किसी को पहले से ही ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो उसके बाद दूसरे सदस्यों को भी होने का चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।।
  • डाई, टार और एनिलाइन कुछ इस प्रकार के तत्व होते हैं जोकि मुत्राशय के कैंसर होने की संभावना को काफी अधिक बढ़ा देते हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • एच पाइलोरी संक्रमण, पेट में कैंसर, हेपेटाइटिस बी और सी लिवर कैंसर पैदा कर सकते हैं। इस तरह से बैक्टिरिया और वायरस की वजह से भी कैंसर हो जाता है आप समझ सकते हैं।
  • लंबे समय से पराबैंगनी किरणों के संपर्क मे यदि आपकी त्वचा आती है तो इसकी वजह से त्वचा कैंसर विकसित होने का खतरा काफी अधिक हो जाता है। खास कर ओजन परत मे छेद की वजह से इसका खतरा काफी अधिक बढ़ गया है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • मोटापा भी कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। यदि आप काफी अधिक मोटे हैं तो आपको कैंसर होने की संभावना काफी अधिक होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए आपको चाहिए कि आप अपने मोटापे को कम करने की दिसा के अंदर काम करें । यही आपके लिए सही होगा ।
  • तनाव को भी कैंसर का कारण हो सकता है। आपको बतादें कि तनाव की वजह से भी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाती है और इसकी वजह से काफी अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आप समझ सकते हैं।

dexamethasone tablet uses in hindi ‌‌‌आंखों की बीमारी मे

‌‌‌दोस्तों आंखों से जुड़ी बीमारी के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती हैं जैसेकि मोतियाबिंद, मधुमेह रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा  । इसके नजर का कमजोर होना भी एक तरह की समस्या होती है।

मोतियाबिंद के अंदर आंखों की पुतली के उपर एक धब्बा सा हो जाता है। और यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ अधिक होती है। यदि किसी की उम्र अधिक हो जाती है तो इसकी वजह से मोतियाबिंद होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

मुधमेह रेटिनोपैथी भी एक प्रकार की समस्या होती है जिसकी वजह से आंखों के देखने की समस्या समाप्त हो जाती है। आंखों की नसे ठीक तरह से इसके अंदर काम नहीं करती हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि आंखों की समस्या का समय पर उपचार किया जाना जरूरी होता है। यदि आंखे कमजोर हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है। ताकि किसी तरह की समस्या ना हो। समय पर यदि आप चश्मा का आप यूज करते हैं तो उसके बाद ‌‌‌ आपकी नजर और अधिक कमजोर नहीं होंगी । और आपको ऑपरेशन की जरूरत नहीं होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । और आप समझ सकते हैं।

dexamethasone tablet uses in hindi ‌‌‌गाउट

‌‌‌आपको बतादें कि गाउट एक प्रकार का रोग होता है जोकि खासतौर पर पैरों के जोड़ो को प्रभावित करता है। यह एक तरह से घुटनों का ही रोग होता है। यह आमतौर पर शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड़ का स्तर बढ़ने की वजह से होता है।इसके अंदर अचानक से काफी तेज दर्द होता है और जलन जैसा महसूस होता है यह रात मे ‌‌‌ काफी अधिक समस्या पैदा करता है।यह गाउट आमतौर पर पुरूषों को काफी अधिक प्रभावित करता है। और महिलाओं को यह उतना अधिक प्रभावित नहीं करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसकी वजह से आपको रात मे ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि पैर मे आग से लगी है और इसके उपर बेड सीट का पड़ा रहना भी असहनीय ‌‌‌हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटनों और हाथ की उंगलियों को यह रोग काफी तेजी से प्रभावित करता है। यदि हम इसके लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं उसकी मदद से इस रोग को आप पहचान सकते हैं। यदि आप इसका समय पर उपचार करते हें तो इसका उपचार संभव हो सकता है।

  • ‌‌‌अचानक से गम्भीर जोड़ों का दर्द होना
  • जोड़ों मे सूजन का होना ।
  • जोड़ों में जलन होना और नरम हो जाना।
  • इसके अलावा प्रभावित भाग पर हल्की सी स्पर्श भी काफी असहनिय हो जाता है।
  • यदि यूरिक एसिड शरीर के अंदर काफी तेजी से बढ़ता है तो यह किडनी स्टोन का भी कारण बन सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • प्रभावित जोड़ की त्वचा लाल, चमकदार होना व इसकी खाल का उतरना।

‌‌‌यदि आपको उपर दिये गए किसी भी तरह के गाउट के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर से इसका इलाज करवाया जाना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी है। यदि इलाज के दौरान ही आपको गाउट अटैक आ जाता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

‌‌‌अब यदि हम गाउट के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे आम कारण यही है कि यदि शरीर मे यूरिक एसिड काफी अधिक बढ़ जाता है तो उसके बाद समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि उसकी वजह से ही गाउट आपको हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • ‌‌‌यदि हम गाउट के कारणों की बात करें तो इसका सबसे पहला कारण यह है कि यदि आप मोटापे से परेशान हैं तो फिर आपको गाउट होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाएंगे । इसलिए अपने मोटापे को आपको कंट्रोल करना होगा तभी आपके लिए काफी फायदेमंद होगा ।
  • मूत्रवर्धक दवाओं का यदि आप अधिक इस्तेमाल करते हैं तो इसकी वजह से भी गाउट का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि माता पिता को गाउट है तो उसके बाद यह उनके बच्चों को भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • सर्जरी
  • कोई गंभीर चोट
  • निर्जलीकरण
  • भूखे रहना
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप अधिक शराब का सेवन करते हैं तो गाउट का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप शराब का सेवन कम करें । यही आपके लिए सही होगा । वैसे भी शराब शरीर के लिए काफी हानिकारक होती है।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपकी बीपी काफी कम रहती है और आप हाई बीपी की दवाएं ले रहे हैं तो इसकी वजह से भी गाउट होने का खतरा रहता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप हाई बीपी की दवाओं का कम सेवन करें नहीं तो आपको नुकसान हो सकता है।
  • कीमोथेरेपी भी एक प्रकार की थैरेपी होती है। इसके अंदर आमतौर पर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इसकी मदद से जो कोशिकाएं बनती हैं वह काफी अधिक मात्रा के अंदर यूरिक ऐसिड़ बनाने का काम करती हैं ऐसी स्थिति के अंदर गाउट होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है आप इस बात को समझ सकत  हैं।
  • भोजन में लाल मांस, समुद्री आहार  और अधिक मीठे फलों और चीनी का सेवन करने से भी गाउट का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों को गाउट है उनको यह सब सेवन नहीं करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब आता है गाउट से बचाव के उपाय के बारे मे तो आप कई उपाय ऐसे कर सकते हैं जिसकी मदद से आप खुद को गाउट से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में ।

  • लाल मांस, बासी खाना, तेल से बनी हुई मछली, समुद्री भोजन  आदि को आपको सेवन नहीं करना चाहिए । यदि आप इनका सेवन करते हैं तो इससे शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड़ बढ जाएगा और गाउट का खतरा भी काफी अधिक हो जाएगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

dexamethasone tablet uses in hindi गठिया (आर्थराइटिस)

गठिया (आर्थराइटिस) के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।यह आमतौर पर शरीर के जोड़ों को अधिक प्रभावित करता है। और इसकी वजह से जोड़ों के अंदर सूजन होती है और जोड़ों मे दर्द देखने को मिलता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों यदि आपको किसी तरह की गठिया की समस्या है तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यदि आप समय पर गठिया का इलाज करवा लेते हैं तो यह ठीक हो सकता है। लेकिन यदि बाद मे स्थिति काफी अधिक बिगड़ जाती है तो उसके बाद इलाज होना संभव नहीं है। इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌अब दोस्तों यदि हम गठिया के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी मदद से आप इनको पहचान सकते हैं। जैसे कि जोड़ों के अंदर दर्द होना जोड़ों मे सूजन का होना और चलने फिरने मे कठिनाई होना भी गठिया का ही एक लक्षण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

घुटने, कूल्हे, कंधे, हाथ या पूरे शरीर के किसी भी जोड़ में गठिया के दर्द हो सकता है इसके अलावा आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाने की वजह से भूख के अंदर कमी वैगरह और सूजन को महसूस कर सकते हैं।और इसकी वजह से एनिमिया भी हो सकता है क्योंकि शरीर के अंदर खून की काफी कमी हो सकती है।

कार्टिलेज आपके जोड़ो का एक नर्म और लचीला ऊतक (टिशु) है। और जब आप चलते हैं तो यह जोड़ों के झटको को अवशोषित कर लेता है। यदि किसी वजह से इसके अंदर कमी हो जाती है तो इसकी वजह से गठिया होता है।इसके अलावा किसी तरह की चोट की वजह से भी गठिया हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌इसके अलावा यदि किसी तरह का संक्रमण हुआ है तो उसकी वजह से भी गठिया होने के चांस काफी अधिक बढ़ सकते हैं। यदि परिवार के किसी सदस्य को गठिया हुआ है तो वह आपके भी होने के चांस हो सकते हैं इसके  बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

रुमेटी आर्थराइटिस भी एक प्रकार का गठिया ही होता है। इसके अंदर होता यह है कि प्रतिरक्षा प्रणाली जो होती है वह शरीर के उत्तकेां पर ही हमला करना शूरू कर देती है। और इसकी वजह से काफी अधिक नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए हालांकि इसके कारणों के बारे मे अभी तक सही सही पता नहीं चल ‌‌‌ पाया है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब आपके दिमाग मे यह सवाल भी आता होगा कि हम गठिया से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो हम आपको कुछ बातें बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप गठिया से बचाव कर सकते हैं।सबसे पहली बात तो आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए । यदि आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो उससे आपको काफी अधिक ‌‌‌फायदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते है। आपको बतादें कि गठिया शरीर के अंदर तब होता है जब आप जरूरत से अधिक यूरिक ऐसिड का उपयोग करते हैं। अधिकतर लोग जो कि सूजन को कम करने वाली दवाएं लेते हैं तो गठिया होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता ‌‌‌ होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌अब यदि हम बात करें गठिया की तो यदि आप यह समस्या लेकर अपने डॉक्टर के पास जाते हैं तो आपका डॉक्टर सबसे पहले यह परीक्षण करता है कि आपको किस तरह का गठिया है तो वह आपको कई तरह के टेस्ट करने के सुझाव दे सकता है। तो इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌जिससे कि आपको गठिया का पता बहुत ही आसानी से चल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।एक्स-रे करवाने के लिए डॉक्टर आपको बोल सकता है। जिससे कि यह पता चल जाता है कि हड्डी बढ़ी हुई है या फिर नहीं है। इसके अलावा इससे सही स्थिति का पता चल सकता है।

सीटी स्कैन  करने को भी आपका डॉक्टर बोल सकता है जिससे कि आस पास के नर्म उत्तकों के बारे मे ठीक से पता चल जाता है कि यह सब ठीक से काम कर रहे हैं या फिर नहीं ।

एमआरआई से नरम ऊतकों (कार्टिलेज, टेंडन, लिगमेंट) के ज्यादा डिटेल में चित्र मिलते हैं।

‌‌‌अब यदि गठिया के इलाज की बात करें तो दोस्तों आपको बतादें कि इसका समय पर इलाज करवाया जाना बेहद ही जरूरी होता है। यदि आप समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो यह काफी बड़ी समस्या को पैदा कर सकता है। कारण यह है कि और अधिक भयानक हो सकता है।

‌‌‌इसके लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाएं भी दे सकते हैं तो आपको उन सभी दवाओं को सही तरह से सेवन करना होगा तभी आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । यदि आप दवाओं को सही तरह से सेवन नहीं करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है।

  • ‌‌‌सबसे पहली बात तो डॉक्टर आपको दर्द को कम करने की दवाएं भी दे सकते हैं। जिसकी मदद से आपको दर्द का एहसास कम हो जाएगा । और आपको आराम मिलेगा ।
  • नॉन स्टीरॉयडल एंटी-इन्फ़्लमेट्री दवाई भी डॉक्टर आपको दे सकते हैं। यह आमतौर पर दर्द और सूजन को कम करती है। इसके अंदर क्रीम भी आती हैं जोकि आपको प्रभावित भाग के उपर लगानी होती है। जिससे दर्द और सूजन दोनो ही आसानी से कम हो जाता है।
  • कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स  एक प्रकार का इंजेक्सन हो सकता है। यह दर्द और सूजन को कम करने के लिए काफी उपयोगी होता है और इसको जोड़ के अंदर लगाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • डिजीज-मॉडिफाइंग एंटी-रूमैटिक का इस्तेमाल रूमेटेड गठिया को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।

dexamethasone tablet uses in hindi लिम्फोमा

लिम्फोमा  एक प्रकार का कैंसर होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह कैंसर आमतौर पर शरीर के लिंफ नोड के अंदर शूरू होता है। शरीर के अंदर लिंफ नोड आमतौर पर शरीर के अंदर कई स्थान पर मौजूद होते है।और कैंसर होने के बाद इनका आकार काफी तेजी से बढ़ने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

500 मामले भारत के अंदर लिम्फोमा के आते हैं और आने वाले सालों के अंदर यह काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि किसी को लिम्फोमा के लक्षण दिखाई देते हैं तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यदि आप उपचार मे देरी करते हैं तो यह समस्या और अधिक विकट ‌‌‌ हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌आपको बतादें कि लिम्फोमा आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं।  हॉजकिन लिम्फोमा (Hodgkin lymphoma) और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा (Non-Hodgkin lymphoma) के नाम से इनको जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

लिम्फोमा के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं। और आप अपने डॉक्टर से इसका इलाज समय पर करवा सकते हैं। यदि आप इलाज के अंदर देरी करते हैं तो उसके बाद आपको ही नुकसान हो सकता है तो आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मे ।

  • गरदन
  • छाती का ऊपरी भाग
  • बगल
  • पेट
  • पेट और जांध के बीच का भाग
  • बुखार
  • रात को पसीना आना
  • शराब पीते समय दर्द होना
  • चकत्ते
  • सांस फूलना
  • त्वचा पर खुजली होना
  • पेट दर्द
  • बिना वजह वज़न घटना

‌‌‌इसके साथ यदि आप लिम्फ नोड को बढ़ा हुआ महसूस करते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर जो निर्देश देते हैं उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।

लिम्फोमा के कारण और जोखिम कारक की बात करें तो कई कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से लिम्फ नोड काफी अधिक बढ़ जाते हैं तो आइए जानते हैं इसके कारणों के बारे मे ।

  • ‌‌‌आपको बतादें कि बढ़ती उम्र के साथ इस बीमारी के होने का खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • इसके अलावा पुरूषों के अंदर महिलाओं की तुलना मे अधिक लिम्फोमा होने के चांस होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आप किसी तरह की ऑटोइम्यून  बीमारी से ग्रस्ति हैं तो फिर इस बीमारी के होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप किसी तरह के कीटनाशक के संपर्क मे आ जाते हैं तो इसकी वजह से भी आपको यह समस्या हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

लिम्फोमा से बचाव के उपाय के बारे मे यदि हम बात करें तो इससे बचने का कोई भी खास तरीका नहीं है। अभी तक वैज्ञानिकों को इसके बारे मे यह पता नहीं चल पाया है कि यह बीमारी किस वजह से होती है। लेकिन यदि आप लिम्फोमा का अनुभव करते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।‌‌‌और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

लिम्फोमा का परीक्षण की यदि हम बात करें तो इसके लिए कई तरह के परीक्षण डॉक्टर कर सकते हैं। और उसके बाद समस्या का हल कर सकते हैं। परीक्षण की मदद से ही डॉक्टर यह जान पाते हैं कि यह किस तरह का लिम्फोमा है ?

  • टिशू बायोप्सी (Tissue biopsy) के अंदर यदि आपके लिंफ नोड के अंदर किसी तरह की सूजन है तो सबसे पहले यह देखा जाता है कि लिंफ नोड के उत्तक को लेकर जाया जाता है । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और इसको प्रयोगशाला के अंदर भेजा जाता है और यह देखा जाता है कि यह किसी कैंसर तो नहीं है ?
  • ब्लड टेस्ट (Blood Test) भी आपके डॉक्टर करने को कह सकते हैं जिससे कि यह पता चल सकता है कि आपके गुर्दे और लिवर तो ठीक तरह से काम कर रहे हैं या फिर नहीं कर रहे हैं ?
  • अस्थि मज्जा बायोप्सी (Bone marrow biopsy) आपको बतादें कि लिम्फ नोड अस्थि मज्जा  के अंदर फैल सकता है। इसलिए इसका भी एक नमूना लिया जाता है और उसके बाद जांच के लिए प्रयोग शाला के अंदर भेजा जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • सीटी स्कैन (CT scan) भी डॉक्टर कर सकता है। इसकी मदद से शरीर के अंगों का चित्र लिया जाता है और इससे पता चलता है कि शरीर के अंदर किसी तरह की समस्या तो नहीं है ? इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • गैलियम स्कैन (Gallium scan) के अंदर आपको एक विशेष प्रकार का इंजेक्सन लगाया जाता है। उसके बाद जब वह आपके पूरे शरीर के अंदर फैल जाता है तो डॉक्टर एक कैमरे की मदद से इसको देख सकते हैं।

लिम्फोमा का इलाज की यदि हम बात करें तो इसके लिए कई तरह की थैरेपी उपलब्ध है। आपको किसी थैरेपी से इलाज करना चाहिए । इसके बारे मे आपका डॉक्टर ही डिसाइड करता है तो आइए जानते हैं इसके इलाज के बारे मे ।

  • जैविक थेरेपी (Biologic therapy के अंदर शरीर के अंदर खास प्रकार के सुक्ष्म जीवों को डाला जाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए उत्तेजित किया जाता है।
  • एंटीबॉडी चिकित्सा (Antibody therapy) इसके अंदर कैंसर का निदान करने के लिए शरीर के अंदर एक खास प्रकार की एंटिबॉडी को डाला जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy) भी एक प्रकार की चिकित्सा होती है। इसके अंदर कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए आक्रमक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

dexamethasone tablet uses in hindi कान बहना

कान बहना के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। आपको बतादें कि यह एक प्रकार का वैक्स भी हो सकता है जोकि आपके कान के अंदर धूल और मिट्टी को जाने से रोकने का काम भी करता है।

‌‌‌और यदि कई बार सिर के अंदर या फिर कान के अंदर चोट लगने की वजह से कान मे से खून आ जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको तुंरत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत हो सकती है। क्योंकि खान की चोट काफी गम्भीर हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।

न में दर्द, बुखार, खुजली, वर्टिगो, कान बजना और सुनाई देना बंद होने की समस्याएं भी देखी गई हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों कान बहना भी कई प्रकार का होता है। और इसके प्रकार के हिसाब से इसका उपचार भी काफी अलग अलग हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

  • यदि कान से पस निकल रहा है तो इसका मतलब यह है कि आपके कान मे संक्रमण हो चुका है। और यदि संक्रमण को रोका नहीं गया तो यह काफी आगे बढ़ सकता है। और ‌‌‌यह बाद मे काफी विकट स्थिति को पैदा कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌कई लोगों जिनके कान मे संक्रमण हो जाता है उनके कान मे एक प्रकार की टयुब डाली जाती है। यह कान के अंदर वैक्यूम को क्रियट करने के लिए होती है। और किसी वजह से यदि यह बंद हो जाती है तो कान के अंदर पदार्थ का रिसाव हो सकता है। इसके लिए आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत हो सकती है।
  • वैक्स हल्के भूरे, गहरे भूरे या नारंगी भूरे रंग का होता है। यदि यह गीला हो जाता है तो उसके बाद यह कान से निकलता हुआ देखा जा सकता है। यदि ऐसा है तो आपके लिए कोई चिंता की बात नहीं है। नहाते समय कान के अंदर पानी नहीं डालना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप कोई नुकीली चीज कान के अंदर डालते हैं तो कान के अंदर चोट लग जाती है। या फिर किसी और चीज की वजह से कान मे चोट लग सकती है। ऐसी स्थिति के अंदर कान मे पदार्थ का रिसाव हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा बच्चे वैगरह कान के अंदर कोई वस्तु डाल देते हैं तो कान मे फंस जाता है इसकी वजह से कान मे खून आ सकता है और पदार्थ का रिसाव हो सकता है।

‌‌‌दोस्तों यदि हम कान बहने के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप पहचान सकते हैं आपका कान बहना कोई सामान्य बात नहीं है। और आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।

  • कान में दर्द
  • बुखार 
  • खुजली
  • वर्टिगो
  • कान बजना

‌‌‌अब यदि हम कान बहने के कारणों की बात करें तो इसके पीछे कई सारे कारण होते हैं। जिसकी वजह से कान बह सकता है तो आइए उन कारणों पर भी एक नजर डाल लेते हैं।

  • यदि कान के अंदर किसी जीवाणू या वायरस की वजह से संक्रमण हो गया है तो इसकी वजह से भी कान बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा कई बार कान को खुजलाने के लिए कान के अंदर कोई नुकिली वस्तु को डाल देते हैं जिसकी वजह से कान मे चोट लग सकती हैं । और कान बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि किसी वजह से बैक्टिरिया कान के पर्दे के पीछे पहुंच जाता है तो इसको मध्य कान मे संक्रमण के तौर पर जाना जाता है। इसकी वजह से भी कान बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
  • सिर की चोट  की वजह से कान बह सकता है। और कान के अंदर से खून आ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कान मे चोट किसी वजह से  भी लग सकती है। जैसे कि एक्सीडेंट की वजह से कान मे चोट लग सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और ऐसी ‌‌‌ स्थिति के अंदर आपको अमरजेसी चिकित्सा की जरूरत हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

कोलेस्टिओटोमा (Cholesteatoma) एक प्रकार का कैंसर नहीं होता है। जोकि कान के अंदर विकसित हो सकता है। इसकी वजह से भी कान बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।

‌‌‌दोस्तों अब हम आपको यह बताने वाले हैं कि आप कान को बहने से किस तरह से रोक सकते हैं। कुछ इस तरह के उपाय है जिसकी मदद से आप कान बहने से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं इस तरह के सभी उपायों के बारे मे जोकि आपकी मदद कर सकते हैं।

  • ‌‌‌दोस्तों कान के संक्रमण से बचने के लिए गंदी चीजों को कान मे डालने की गलती ना करें । नहीं तो कान के अंदर संक्रमण हो सकता है।
  • स्तनपान करने वाले शिशु को मां के दूध से कान मे संक्रमण को रोकने मे मदद मिलती है। क्योंकि  दूध से ही उनको मां की एंटीबॉडी प्राप्त होती है। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा आपको बातादें कि कान के अंदर कोई भी नुकिली चीजों को नहीं डालना चाहिए । क्योंकि इसकी वजह से कान का पर्दा फट सकता है और उसके बाद कान से खून निकल सकता है।
  • स्विमर् ईयर से बचने के लिए आपको चाहिए कि पानी से बाहर आने के बाद अपने कानों को अच्छी तरह से सुख लेना जरूरी होता है।

‌‌‌दोस्तों आपको चाहिए कि कान बहने की दशा मे अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । दवाओं की मदद से कान बहने की समस्या को ठीक किया जा सकता है।

dexamethasone tablet uses in hindi आंखों की सूजन

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि आंखों के अंदर सूजन एक आम प्रकार की समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों एलर्जी, तनाव, आंखों की थकान और चेहरे की त्वचा की बनावट आदि की वजह से कई बार आंखों के अंदर सूजन की समस्या हो सकती है। यदि आंखों के अंदर सूजन की समस्या है तो फिर आपको एक बार ‌‌‌ अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आंखों के सूजन के संबंध मे डॉक्टर जो परामर्श देते हैं उसका आपको पालन करना चाहिए । अधिकतर केस के अंदर आंखों की जो सूजन होती है। वह अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि आंखों के अंदर यदि सूजन होता है तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि आपकी आंखों के अंदर सूजन हो चुका है तो आइए जानते हैं आंखों के अंदर सूजन के लक्षणों के बारे मे उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा ।

  • अत्यधिक आंसू आना
  • देखने में मुश्किल होना
  • आंखें लाल होना और सूजन आना
  • आंखों की पलकों में लालिमा आना
  • आंखों मे खुजली और जलन का होना ।।
  • आंखों से कीचड़ निकलना
  • आंखों मे सूखापन का होना ।।

‌‌‌यदि आपकी आंखों के अंदर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।

  • छींकने
  • सिर दर्द
  • वजन बढ़ना या घटना
  • शरीर के अन्य भागों में चकत्ते
  • चेहरे व गर्दन में सूजन
  • बुखार
  • तेज सिरदर्द
  • मतली व उल्टी
  • ठंड लगना
  • सांस लेने में कठिनाई

‌‌‌यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको अपने दोस्त से परामर्श करना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आंखों के अंदर यदि किसी तरह का संक्रमण हो गया है तो भी आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।

आंखों में सूजन की समस्या तनाव, एलर्जी, हार्मोन परिवर्तन, तरल पदार्थ जमने और अन्य कई कारकों की वजह से हो सकती है । और आपको बतादें कि यदि आप अधिक रोते हैं तो इसकी वजह से भी आंखों मे सूजन आ जाती है। आमतौर पर कई बार हमें किसी बात का दुख होता है तो उसकी वजह से हम अधिक रोने लग जाते हैं जिसकी वजह से ‌‌‌ आपकी आंखों कें अंदर सूजन आ सकती है। इसके अलावा कई बार यह भी होता है कि जब आप सोकर उठते हैं तो आपकी आंखों मे सूजन आ जाती है। यह समस्या आमतौर पर शरीर के अंदर सोडियम की मात्रा अधिक होने की वजह से होता है।

  • उम्र बढ़ने की सामान्य प्रक्रिया
  • त्वचा के विकार जैसे डर्मेटाइटिस
  • सोडियम का अत्याधिक सेवन करना
  • हाइपोथायरायडिज्म
  • आंसू की ग्रंथियों से संबंधित रोग
  • नेफ्रिटिक सिंड्रोम
  • ब्लेफेराइटिस
  • आंख की पलक पर फुंसी निकलना (Styes)
  • आंखों में संक्रमण

‌‌‌इन सभी तरह के कारणों की वजह से आंखों के अंदर सूजन आ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को आप समझ सकते हैं।

‌‌‌आंखों मे सूजन से बचने का तरीका की यदि बात करें तो हम आपको बताने जा रहे हैं। दोस्तों आंखों के सूजन होने से रोकने के लिए हम आपको यहां पर कुछ टिप्स के बारे मे बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं। इनके टिप्स के बारे मे ।

  • ‌‌‌जैसे धुआं वैगरह आंखों के अंदर जा सकता है तो आपको आंखों के सूजन से बचने के लिए धुएं से बचना होगा । क्योंकिधुंआ एक प्रकार का उत्तेजक पदार्थ होता है।
  • ‌‌‌आंखों के सूजन से बचने के लिए आपको विटामिन ए का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । आपको इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए आप इस बात को समझ जाना चाहिए ।
  • ‌‌‌यदि आंखों के अंदर कुछ गिर गया हो तो आपको चाहिए कि आप आंखों को रगड़े नहीं वरन उनको साफ पानी से धोना चाहिए और उसके बाद दवा आप आंख के अंदर डाल सकते हैं यही आपके लिए सही होगा ।।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आपको किसी तरह की एलर्जी है तो आपको उन सभी पदार्थों से दूर रहना चाहिए । क्योंकि इसकी वजह से आपकी आंखों के अंदर सूजन आ सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌आपको अधिक से अधिक पानी को पीना चाहिए । ऐसा करने से आपको काफी फायदेमंद होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌इसके अलावा यदि आप अधिक मात्रा मे शराब का सेवन करते हैं तो इससे भी आपको समस्या हो सकती है। इसलिए बेहतर यही होगा कि शराब का सेवन ना करें । वैसे भी शराब का सेवन करना काफी हानिकारक हो सकता है।
  • ‌‌‌अब यदि हम आंखों के अंदर सूजन के परीक्षण की बात करें तो जब आप आंखों के सूजन की समस्या को डॉक्टर के पास लेकर जाते हैं तो डॉक्टर आंखेां को देखकर ही यह पता लगा देता है कि आपकी आंखों के अंदर किस तरह की समस्या है ? वह आपको कुछ ‌‌‌दवाएं दे सकती है जिसकी मदद से आपकी आंखों की समस्या को ठीक करने मे काफी मदद मिल सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
  • ‌‌‌यदि आंखों के सूजन को दूर करने के उपायों की बात करें तो इसके अंदर कई सारे उपाय हो सकते हैं तो आइए जानते हैं इस तरह के कुछ उपायों के बारे मे विस्तार से
  • सबसे पहले ठंडे पानी से अपनी आंखों को धोना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
  • बर्फ या कोल्ड पैक्स लगाएं यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ ‌‌‌ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
  • ‌‌‌यदि आप धुम्रपान करते हैं तो आपको धुम्रपान नहीं करना चाहिए । यह आपकी समस्या को काफी बढ़ा सकता है।

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