dexamethasone tablet uses in hindi dexamethasone tablet जो होती है वह आमतौर पर तभी उपयोग मे लेनी चाहिए जब डॉक्टर इसको पर्ची पर लिखकर देता है। यह कई बीमारियों जैसे कि एलर्जी, दमा, कैंसर आदि के अंदर प्रयोग मे ली जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।और इस दवा की जो खुराक होती है वह रोगी की बीमारी और उसकी आयु व लिंग के उपर निर्भर करती है। इसके बारे मे भी आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।इस दवा के सेवन करने से कुछ साइड इफेक्ट जैसे खुजली जलन आदि हो सकती है। तो आपको दवा को डॉक्टर के निर्देश के हिसाब से ही लेनी चाहिए । यदि डॉक्टर निर्देश नहीं देता है तो फिर
आपको इस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
dexamethasone tablet आमतौर पर कई सारे रोगों के अंदर काम आती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हम आपको यहां पर उन रोगों की लिस्ट दे रहे हैं जिसके अंदर इस दवा का उपयोग किया जाता है तो आइए जानते हैं।
दोस्तों dexamethasone tablet का उपयोग एलर्जी के अंदर भी किया जाता है। एलर्जी एक आम प्रकार की समस्या होती है।आपको बतादें कि एलर्जी एक प्रकार की त्वचा प्रतिक्रिया होती है। मतलब भोजन ड्रग या फिर किसी और चीज की वजह से एलर्जी हो सकती है।एलर्जी वैसे एक आम प्रकार की समस्या होती है। और बड़ों के अंदर एलर्जी उम्र के साथ गायब हो जाती है तो कुछ लोगों के अंदर काफी लंबे समय तक एलर्जी बनी रहती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।वैसे एलर्जी के मामलें गम्भीर नहीं होते हैं और आप आसानी से इनको नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन आपको चाहिए कि आप सर्तक रहें और यदि समय पर आप एलर्जी का भी इलाज नहीं करवाते हैं तो इसकी वजह से दूसरी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों आपको बतादें कि एलर्जी कई तरह की होती है। जिसके बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। वैसे एलर्जी जिस किसी पदार्थ से होती है उससे आपको दूरी बनाकर रखनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगी । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
दोस्तों यदि हम एलर्जी के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जोकि एलर्जी की वजह से हो सकते हैं तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे
यदि एलर्जी के लक्षण हल्के हैं तो आप कम दवा लेकर भी काफी आसानी से ठीक हो जाते हैं। लेकिन यदि एलर्जी के लक्षण हल्के नहीं हैं तो फिर कम दवा लेने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
ऐसी सिथति के अंदर आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। बस यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
आपको बतादें कि हमारे शरीर के अंदर एंटीबॉडीज होते हैं और शरीर के अंदर यदि कोई हानिकारक पदार्थ प्रवेश करता है तो वे एंटीबॉडीज इसको नष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन एलर्जी होने की स्थिति के अंदर यह सब संभव नहीं हो पाता है और एंटीबॉडीज खराब और अच्छी चीजों के बीच भेद नहीं कर पाते हैं।
अब आता है कि हम एलर्जी से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो हम आपको बतादें कि एलर्जी का वैसे कोई इलाज नहीं है। यदि आपको किसी चीज से एलर्जी है तो उसके लक्षणों को ही कम किया जा सकता है। उसका परमानेंट इलाज नहीं किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन आप कुछ उपाय कर सकते हैं और इसकी वजह से आप आसानी से एलर्जी से बच सकते हैं बस आपको सावधानी ही बरतनी होगी तभी आप एलर्जी से बच सकते हैं नहीं तो आप एलर्जी से नहीं बच सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
अब यदि हम एलर्जी के टेस्ट की बात करें तो इसके लिए कई तरह के टेस्ट डॉक्टर कर सकते हैं। हालांकि अधिकतर केस मे मरीज को यह पता होता है कि उसको किस तरह की चीजों से एलर्जी होती है। लेकिन यदि मरीज को पता नहीं है तो उसके बाद डॉक्टर खुद भी पता लगा सकते हैं।
दोस्तों अब आपके दिमाग के अंदर यह भी आता होगा कि एलर्जी ठीक होने मे कितना समय लेती है ? तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि एलर्जी के ठीक होने का कोई फिक्स समय नहीं होता है। कोई एलर्जी होती है वह बस कुछ ही घंटों के अंदर ठीक हो जाती है। तो अन्य प्रकार की एलर्जी को महिना तक लग सकता है। और कुछ को तो सही होने मे महिने से भी अधिक समय लग सकता है। एलर्जी से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप उन पदार्थों से दूरी बनाकर ही रखें जिनकी मदद से आपको एलर्जी होती है तभी आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा आप समझ सकते हैं।
दोस्तों आपने दमा या अस्थमा के बारे मे सुना ही होगा । यह एक फेफड़ों की बीमारी होती है और जिस मरीज को यह दमा होता है उसको सांस लेने मे काफी समस्या होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।अस्थमा के अंदर आमतौर पर इंसान को सांस लेने मे काफी अधिक तकलीफ होती है। और सीने मे जकड़न होने लग जाती है। सांस लेने की जो नलिकाएं हैं वह काफी अधिक सिकुड़ जाती हैं जिसकी वजह से काफी अधिक परेशानी होती है। सांस रूक सकता है इसको अस्थमा अटैक के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट 2018 के अनुसार भारत के 130 करोड़ लोगों में से लगभग 6% बच्चों और 2% वयस्कों को अस्थमा है। और वैसे आपको बतादें कि भारत के अंदर अस्थमा को एक बहुत ही बेकार का रोग माना जाता है।और भारत मे अस्थमा होने पर खुद रोगी इसको छिपाते भी हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
अस्थमा का सबसे आम लक्षण है सांस लेते समय घरघराहट होना इसका आम लक्षण होता है। और इसके अलावा भी कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप अस्थमा को पहचान सकते हैं। और उसके बाद इसका इलाज करवा सकते हैं। यदि आप समय पर इसका इलाज नहीं करवाते हैं तो यह काफी बदतर हो जाता है।
यदि आपको उपर दिये गए किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपको दमा है तो दमा की दवाएं आप ले सकते हैं।
दोस्तों यदि हम दमा के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । लेकिन वैसे इसके सही सही कारणों के बारे मे अभी भी पता नहीं चल पाया है।
दोस्तों अब तक दमा के कारणों की सटीक पहचान नहीं की हैं। और यह पता नहीं लगाया जा सका है कि दमा किस वजह से हो रहा है। लेकिन कुछ तरीके हैं जिसकी मदद से आप दमा को सही कर सकते हैं । मतलब कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं तो आइए जानते हैं उन कारणों की वजह से ।
दोस्तों यदि हम अस्थमा के उपचार की बात करें तो इसके अंदर कई सारी चीजें आती हैं। जैसे कि आप अस्थमा को कम करने की दवाएं ले सकते हैं जोकि आपको काफी आराम देती हैं और आप आसानी से अपने सामान्य जीवन को जी सकती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
स्टेरॉयड और अन्य एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स आमतौर पर सूजन और जलन को कम करने का काम करती हैं जिसकी वजह से वायुमार्ग संकरा नहीं होता है।इसके परिणामस्वरूप वायुमार्ग कम संवेदनशील हो जाते हैं और इस तरह से यह दवाएं अस्थमा से राहत देने का काम करती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
ब्रोंकॉडायलेटर्स आमतौर पर वायु मार्ग के चारो ओर कसी हुई मांसपेशियों को आराम दिलाने का काम करते हैं जिससे कि सांस लेने मे किसी तरह की समस्या नहीं होगी ।
खांसी, सांस लेने में कठिनाई, छाती में जकड़न, अस्थमा की वजह से सांस फूलना आदि स्थिति के अंदर शॉर्ट एक्टिंग ब्रोंकॉडायलेटर्स इन्हेलर का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप समझ सकते हैं।
लॉन्ग-एक्टिंग ब्रोंकॉडायलेटर्स एक प्रकार की दवा होती है यदि किसी मरीज को नियमित रूप से दवा देने के बाद भी अस्थमा के लक्षण दिख रहे हैं तो यह दवा दी जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
बहुत से लोगों के दिमाग मे यह आता है कि क्या अस्थमा ठीक हो सकता है तो आपको बता दें कि अस्थमा का कोई भी इलाज नहीं है। लेकिन अनेक इस तरह की दवाएं मौजूद हैं जिसकी मदद से आप अस्थमा के लक्षणों को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी सामान्य जिदंगी को जी सकते हैं। लेकिन यदि किसी को अस्थमा की समस्या है तो उसे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
आपको बतादें कि अस्थमा के कई सारे नुकसान होते हैं। इसकी वजह से आपके दैनिक कार्यों के अंदर काफी अधिक बाधा पहुंचती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आपको बता दें कि इसकी वजह से आपको बार बार स्कूल और काम मे छूटी लेने की जरूरत पड़ सकती है। इसके अलावा यदि आप अस्थमा को कंट्रोल करने के लिए जो लंबे समय तक दवा लेते हैं उनका काफी अधिक दुष्प्रभाव होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों त्वचा पर होने वाले रोग को त्वचा के रोग के नाम से जाना जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।वैसे आपको बतादें कि जो त्वचा रोग होते हैं वे कई तरह के होते हैं और इनके लक्षण रोग पर निर्भर करता है। कुछ चर्म रोग काफी अधिक दर्द देते हैं तो कुछ चर्म रोग दर्दनाक नहीं होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। त्वचा विकार के प्रकार की बात करें तो यह कई सारे प्रकार का होता है। इसके लिए हम आपको नीचे एक लिस्ट दे रहे हैं जिससे कि आपको पता चल जाएगा । त्वचा के कॉमन रोगों के बारे मे ।
अब दोस्तों यदि हम चर्म रोग के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आपको यह पता चल जाता है कि आपको चर्म रोग है। वैसे अधिकतर चर्म रोगों का आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
वैसे आपको पता होना चाहिए कि त्वचा रोग के लक्षण होते हैं वे भिन्न भिन्न होते हैं ।यह आमतौर रोग के प्रकार के आधार पर होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जैसे की छाले और मवाद और त्वचा की मोटाई आदि इसके अंदर आ सकती है।
अब हम त्वचा के विकार के कारणों की बात करें तो इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं तो आइए जानते हैं सभी कारणों के बारे मे एक एक करके पता लगाने का प्रयास करते हैं ताकि चीजें आपको सही तरह से समझ मे आ सके ।
दोस्तों आमतौर पर यदि आप त्वचा को सही तरह से साफ नहीं कर पाते हैं तो इसकी वजह से त्वचा के उपर गदंगी हो जाती है और उसके बाद त्वचा मे यही बैक्टिरिया किसी ना किसी तरह का रोग पैदा करदेते हैं। और उसके बाद समस्या होती है। इसलिए त्वचा रोगों से बचने के लिए आपको स्नान करना चाहिए और खुद को साफ रखना जरूरी होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
त्वचा पर रहने वाले कवक, परजीवी या सूक्ष्मजीव जिनको आप नंगी आंखों से आप देख नहीं सकते हैं। वे भी आपकी त्वचा के अंदर रोग पैदा कर देते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाती है तो यह त्वचा रोग पैदा करने वाले बैक्टिरिया से लड़ नहीं सकती है। जिसकी वजह से काफी अधिक समस्याएं होने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा यदि आपको त्वचा से जुड़ी एलर्जी की समस्या है तो इसकी वजह से भी त्वचा पर दाने से हो सकते हैं। और यह भी एक प्रकार के त्वचा रोग का संकेत होता है आपको एलर्जी होने वाले पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए आप समझ सकते हैं।
थायरॉयड, प्रतिरक्षा प्रणाली, गुर्दे आदि कि किसी भी बीमारी से यदि आप ग्रस्ति हैं तो फिर आपको त्वचा रोग होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब आता है कि हम त्वचा संक्रमण से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो आपको बतादें कि त्वचा संक्रमण के लिए आप कई तरह के इलाज कर सकते हैं। जोकि आपको त्वचा संक्रमण से बचाव कर सकते हैं तो आइए जानते हैं इन सावधानियों के बारे मे विस्तार से ।
दोस्तों चर्म रोग का निदान उपलब्ध है आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आपको किसी तरह का चर्म रोग नजर आता है तो आपको सबसे पहले इसके इलाज के बारे मे बात करनी चाहिए। और अपने डॉक्टर को इसके बारे मे बताएं और आपका डॉक्टर आपको जो दवा लिखकर देता है आपको उस दवा को सही समय पर लेना चाहिए । ताकि आपके अंदर किसी तरह के लक्षण यदि आपको दिखाई देते हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों कैंसर एक प्रकार का रोग होता हैं जिसके अंदर होता यह है कि शरीर का कोई भी अंग असामान्य रूप से काफी तेजी से बढ़ने लग जाता है और उसके बाद वह एक टयूमर का रूप लेलेता है। इसको कैंसर के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर हम इसको गांठ के नाम से भी जानते हैं। लेकिन आपको बतादें कि हर गांठ कैंसर नहीं होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं।वैसे आपको बतादें कि कैंसर टयुमर दो प्रकार के होते हैं। एक टयूमर इस प्रकार के होते हैं जोकि शरीर के दूसरे हिस्सों के अदर फैल सकते हैं तो दूसरे इस तरह के होते हैं जोकि शरीर के दूसरे हिस्सों के अंदर नहीं फैलते हैं।
एक्स रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और पीईटी स्कैन आदि की मदद से आप कैंसर का बहुत ही आसानी से पता लगा सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी कैंसर के उपचार के अंदर प्रयोग मे ली जाने वाली पद्धतियां होती हैं इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
अब यदि हम कैंसर के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षण आमतौर पर अलग अलग हो सकते हैं। यह निर्भर करता है कि कैंसर शरीर के किस हिस्से के अंदर फैला हुआ है। तो आइए जानते हैं कुछ लक्षणों के बारे मे जिससे कि आप यह पता लगा सकते हैं कि कैंसर हुआ है।
दोस्तों यदि आपको किसी तरह के कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । वैसे यदि कैंसर शूरूआती स्टेज के अंदर है तो फिर इसका उपचार हो सकता है।
लेकिन यदि कैंसर अंतिम स्टेज मे आ चुकी है तो उसके बाद इसका उपचार नहीं हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
कैंसर आमतौर पर डीएनए में कुछ बदलाव या उत्परिवर्तन होने के कारण होता है। आमतौर पर डीएनए ही यह निर्धारित करता है कि किस कोशिका को कितना बढ़ना होगा । और यदि उसके अंदर किसी तरह की त्रुटि वैगरह आ जाती है तो उसके बाद काफी अधि क समस्याएं होने लग जाती हैं।
वैसे आपको बतादें कि कैंसर का सही सही कारण कुछ भी ज्ञात नहीं है। हालांकि कुछ कारण ऐसे हैं जिनके बारे मे यह कहा जाता है कि उनकी वजह से कैंसर हो सकता है तो आइए जानते हैं उन कारणों के बारे मे जिससे कि कैंसर होने का खतरा रहता है।
दोस्तों आंखों से जुड़ी बीमारी के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों आंखों से जुड़ी कई तरह की बीमारियां होती हैं जैसेकि मोतियाबिंद, मधुमेह रेटिनोपैथी और ग्लूकोमा । इसके नजर का कमजोर होना भी एक तरह की समस्या होती है।
मोतियाबिंद के अंदर आंखों की पुतली के उपर एक धब्बा सा हो जाता है। और यह आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ अधिक होती है। यदि किसी की उम्र अधिक हो जाती है तो इसकी वजह से मोतियाबिंद होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
मुधमेह रेटिनोपैथी भी एक प्रकार की समस्या होती है जिसकी वजह से आंखों के देखने की समस्या समाप्त हो जाती है। आंखों की नसे ठीक तरह से इसके अंदर काम नहीं करती हैं।
वैसे आपको बतादें कि आंखों की समस्या का समय पर उपचार किया जाना जरूरी होता है। यदि आंखे कमजोर हैं तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है। ताकि किसी तरह की समस्या ना हो। समय पर यदि आप चश्मा का आप यूज करते हैं तो उसके बाद आपकी नजर और अधिक कमजोर नहीं होंगी । और आपको ऑपरेशन की जरूरत नहीं होगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा । और आप समझ सकते हैं।
आपको बतादें कि गाउट एक प्रकार का रोग होता है जोकि खासतौर पर पैरों के जोड़ो को प्रभावित करता है। यह एक तरह से घुटनों का ही रोग होता है। यह आमतौर पर शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड़ का स्तर बढ़ने की वजह से होता है।इसके अंदर अचानक से काफी तेज दर्द होता है और जलन जैसा महसूस होता है यह रात मे काफी अधिक समस्या पैदा करता है।यह गाउट आमतौर पर पुरूषों को काफी अधिक प्रभावित करता है। और महिलाओं को यह उतना अधिक प्रभावित नहीं करता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसकी वजह से आपको रात मे ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि पैर मे आग से लगी है और इसके उपर बेड सीट का पड़ा रहना भी असहनीय हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
पैरों की उंगलियों, टखनों, घुटनों और हाथ की उंगलियों को यह रोग काफी तेजी से प्रभावित करता है। यदि हम इसके लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं उसकी मदद से इस रोग को आप पहचान सकते हैं। यदि आप इसका समय पर उपचार करते हें तो इसका उपचार संभव हो सकता है।
यदि आपको उपर दिये गए किसी भी तरह के गाउट के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर से इसका इलाज करवाया जाना चाहिए । यह सबसे अधिक जरूरी है। यदि इलाज के दौरान ही आपको गाउट अटैक आ जाता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
अब यदि हम गाउट के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। लेकिन सबसे आम कारण यही है कि यदि शरीर मे यूरिक एसिड काफी अधिक बढ़ जाता है तो उसके बाद समस्या खड़ी हो सकती है। क्योंकि उसकी वजह से ही गाउट आपको हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब आता है गाउट से बचाव के उपाय के बारे मे तो आप कई उपाय ऐसे कर सकते हैं जिसकी मदद से आप खुद को गाउट से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में ।
गठिया (आर्थराइटिस) के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।यह आमतौर पर शरीर के जोड़ों को अधिक प्रभावित करता है। और इसकी वजह से जोड़ों के अंदर सूजन होती है और जोड़ों मे दर्द देखने को मिलता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों यदि आपको किसी तरह की गठिया की समस्या है तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यदि आप समय पर गठिया का इलाज करवा लेते हैं तो यह ठीक हो सकता है। लेकिन यदि बाद मे स्थिति काफी अधिक बिगड़ जाती है तो उसके बाद इलाज होना संभव नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
अब दोस्तों यदि हम गठिया के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी मदद से आप इनको पहचान सकते हैं। जैसे कि जोड़ों के अंदर दर्द होना जोड़ों मे सूजन का होना और चलने फिरने मे कठिनाई होना भी गठिया का ही एक लक्षण हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
घुटने, कूल्हे, कंधे, हाथ या पूरे शरीर के किसी भी जोड़ में गठिया के दर्द हो सकता है इसके अलावा आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली काफी अधिक कमजोर हो जाने की वजह से भूख के अंदर कमी वैगरह और सूजन को महसूस कर सकते हैं।और इसकी वजह से एनिमिया भी हो सकता है क्योंकि शरीर के अंदर खून की काफी कमी हो सकती है।
कार्टिलेज आपके जोड़ो का एक नर्म और लचीला ऊतक (टिशु) है। और जब आप चलते हैं तो यह जोड़ों के झटको को अवशोषित कर लेता है। यदि किसी वजह से इसके अंदर कमी हो जाती है तो इसकी वजह से गठिया होता है।इसके अलावा किसी तरह की चोट की वजह से भी गठिया हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा यदि किसी तरह का संक्रमण हुआ है तो उसकी वजह से भी गठिया होने के चांस काफी अधिक बढ़ सकते हैं। यदि परिवार के किसी सदस्य को गठिया हुआ है तो वह आपके भी होने के चांस हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
रुमेटी आर्थराइटिस भी एक प्रकार का गठिया ही होता है। इसके अंदर होता यह है कि प्रतिरक्षा प्रणाली जो होती है वह शरीर के उत्तकेां पर ही हमला करना शूरू कर देती है। और इसकी वजह से काफी अधिक नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए हालांकि इसके कारणों के बारे मे अभी तक सही सही पता नहीं चल पाया है आप इस बात को समझ सकते हैं।
अब आपके दिमाग मे यह सवाल भी आता होगा कि हम गठिया से बचाव के लिए क्या क्या कर सकते हैं ? तो हम आपको कुछ बातें बताने वाले हैं जिसकी मदद से आप गठिया से बचाव कर सकते हैं।सबसे पहली बात तो आपको संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए । यदि आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो उससे आपको काफी अधिक फायदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते है। आपको बतादें कि गठिया शरीर के अंदर तब होता है जब आप जरूरत से अधिक यूरिक ऐसिड का उपयोग करते हैं। अधिकतर लोग जो कि सूजन को कम करने वाली दवाएं लेते हैं तो गठिया होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
अब यदि हम बात करें गठिया की तो यदि आप यह समस्या लेकर अपने डॉक्टर के पास जाते हैं तो आपका डॉक्टर सबसे पहले यह परीक्षण करता है कि आपको किस तरह का गठिया है तो वह आपको कई तरह के टेस्ट करने के सुझाव दे सकता है। तो इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
जिससे कि आपको गठिया का पता बहुत ही आसानी से चल जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।एक्स-रे करवाने के लिए डॉक्टर आपको बोल सकता है। जिससे कि यह पता चल जाता है कि हड्डी बढ़ी हुई है या फिर नहीं है। इसके अलावा इससे सही स्थिति का पता चल सकता है।
सीटी स्कैन करने को भी आपका डॉक्टर बोल सकता है जिससे कि आस पास के नर्म उत्तकों के बारे मे ठीक से पता चल जाता है कि यह सब ठीक से काम कर रहे हैं या फिर नहीं ।
एमआरआई से नरम ऊतकों (कार्टिलेज, टेंडन, लिगमेंट) के ज्यादा डिटेल में चित्र मिलते हैं।
अब यदि गठिया के इलाज की बात करें तो दोस्तों आपको बतादें कि इसका समय पर इलाज करवाया जाना बेहद ही जरूरी होता है। यदि आप समय पर इलाज नहीं करवाते हैं तो यह काफी बड़ी समस्या को पैदा कर सकता है। कारण यह है कि और अधिक भयानक हो सकता है।
इसके लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाएं भी दे सकते हैं तो आपको उन सभी दवाओं को सही तरह से सेवन करना होगा तभी आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । यदि आप दवाओं को सही तरह से सेवन नहीं करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है।
लिम्फोमा एक प्रकार का कैंसर होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यह कैंसर आमतौर पर शरीर के लिंफ नोड के अंदर शूरू होता है। शरीर के अंदर लिंफ नोड आमतौर पर शरीर के अंदर कई स्थान पर मौजूद होते है।और कैंसर होने के बाद इनका आकार काफी तेजी से बढ़ने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
500 मामले भारत के अंदर लिम्फोमा के आते हैं और आने वाले सालों के अंदर यह काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।यदि किसी को लिम्फोमा के लक्षण दिखाई देते हैं तो जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । यदि आप उपचार मे देरी करते हैं तो यह समस्या और अधिक विकट हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
आपको बतादें कि लिम्फोमा आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं। हॉजकिन लिम्फोमा (Hodgkin lymphoma) और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा (Non-Hodgkin lymphoma) के नाम से इनको जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
लिम्फोमा के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं। और आप अपने डॉक्टर से इसका इलाज समय पर करवा सकते हैं। यदि आप इलाज के अंदर देरी करते हैं तो उसके बाद आपको ही नुकसान हो सकता है तो आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे मे ।
इसके साथ यदि आप लिम्फ नोड को बढ़ा हुआ महसूस करते हैं तो फिर आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर जो निर्देश देते हैं उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
लिम्फोमा के कारण और जोखिम कारक की बात करें तो कई कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से लिम्फ नोड काफी अधिक बढ़ जाते हैं तो आइए जानते हैं इसके कारणों के बारे मे ।
लिम्फोमा से बचाव के उपाय के बारे मे यदि हम बात करें तो इससे बचने का कोई भी खास तरीका नहीं है। अभी तक वैज्ञानिकों को इसके बारे मे यह पता नहीं चल पाया है कि यह बीमारी किस वजह से होती है। लेकिन यदि आप लिम्फोमा का अनुभव करते हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें ।और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
लिम्फोमा का परीक्षण की यदि हम बात करें तो इसके लिए कई तरह के परीक्षण डॉक्टर कर सकते हैं। और उसके बाद समस्या का हल कर सकते हैं। परीक्षण की मदद से ही डॉक्टर यह जान पाते हैं कि यह किस तरह का लिम्फोमा है ?
लिम्फोमा का इलाज की यदि हम बात करें तो इसके लिए कई तरह की थैरेपी उपलब्ध है। आपको किसी थैरेपी से इलाज करना चाहिए । इसके बारे मे आपका डॉक्टर ही डिसाइड करता है तो आइए जानते हैं इसके इलाज के बारे मे ।
कान बहना के अंदर भी इस दवा का उपयोग किया जाता है। आपको बतादें कि यह एक प्रकार का वैक्स भी हो सकता है जोकि आपके कान के अंदर धूल और मिट्टी को जाने से रोकने का काम भी करता है।
और यदि कई बार सिर के अंदर या फिर कान के अंदर चोट लगने की वजह से कान मे से खून आ जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको तुंरत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत हो सकती है। क्योंकि खान की चोट काफी गम्भीर हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
न में दर्द, बुखार, खुजली, वर्टिगो, कान बजना और सुनाई देना बंद होने की समस्याएं भी देखी गई हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों कान बहना भी कई प्रकार का होता है। और इसके प्रकार के हिसाब से इसका उपचार भी काफी अलग अलग हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों यदि हम कान बहने के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं जिसकी मदद से आप पहचान सकते हैं आपका कान बहना कोई सामान्य बात नहीं है। और आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
अब यदि हम कान बहने के कारणों की बात करें तो इसके पीछे कई सारे कारण होते हैं। जिसकी वजह से कान बह सकता है तो आइए उन कारणों पर भी एक नजर डाल लेते हैं।
कोलेस्टिओटोमा (Cholesteatoma) एक प्रकार का कैंसर नहीं होता है। जोकि कान के अंदर विकसित हो सकता है। इसकी वजह से भी कान बह सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों अब हम आपको यह बताने वाले हैं कि आप कान को बहने से किस तरह से रोक सकते हैं। कुछ इस तरह के उपाय है जिसकी मदद से आप कान बहने से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं इस तरह के सभी उपायों के बारे मे जोकि आपकी मदद कर सकते हैं।
दोस्तों आपको चाहिए कि कान बहने की दशा मे अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । दवाओं की मदद से कान बहने की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
दोस्तों आपको बतादें कि आंखों के अंदर सूजन एक आम प्रकार की समस्या होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों एलर्जी, तनाव, आंखों की थकान और चेहरे की त्वचा की बनावट आदि की वजह से कई बार आंखों के अंदर सूजन की समस्या हो सकती है। यदि आंखों के अंदर सूजन की समस्या है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आंखों के सूजन के संबंध मे डॉक्टर जो परामर्श देते हैं उसका आपको पालन करना चाहिए । अधिकतर केस के अंदर आंखों की जो सूजन होती है। वह अपने आप ही ठीक हो जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप समझ सकते हैं।
दोस्तों आपको बतादें कि आंखों के अंदर यदि सूजन होता है तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप यह पहचान सकते हैं कि आपकी आंखों के अंदर सूजन हो चुका है तो आइए जानते हैं आंखों के अंदर सूजन के लक्षणों के बारे मे उम्मीद करते हैं कि आपको यह सब पसंद आएगा ।
यदि आपकी आंखों के अंदर इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको अपने दोस्त से परामर्श करना चाहिए । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आंखों के अंदर यदि किसी तरह का संक्रमण हो गया है तो भी आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
आंखों में सूजन की समस्या तनाव, एलर्जी, हार्मोन परिवर्तन, तरल पदार्थ जमने और अन्य कई कारकों की वजह से हो सकती है । और आपको बतादें कि यदि आप अधिक रोते हैं तो इसकी वजह से भी आंखों मे सूजन आ जाती है। आमतौर पर कई बार हमें किसी बात का दुख होता है तो उसकी वजह से हम अधिक रोने लग जाते हैं जिसकी वजह से आपकी आंखों कें अंदर सूजन आ सकती है। इसके अलावा कई बार यह भी होता है कि जब आप सोकर उठते हैं तो आपकी आंखों मे सूजन आ जाती है। यह समस्या आमतौर पर शरीर के अंदर सोडियम की मात्रा अधिक होने की वजह से होता है।
इन सभी तरह के कारणों की वजह से आंखों के अंदर सूजन आ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को आप समझ सकते हैं।
आंखों मे सूजन से बचने का तरीका की यदि बात करें तो हम आपको बताने जा रहे हैं। दोस्तों आंखों के सूजन होने से रोकने के लिए हम आपको यहां पर कुछ टिप्स के बारे मे बताने वाले हैं तो आइए जानते हैं। इनके टिप्स के बारे मे ।
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