धनी का विलोम शब्द या धनी का विलोम , धनी का उल्टा क्या होता है ? Dhani ka vilom shabd
शब्द | विलोम शब्द |
धनी | निर्धन, दरिद्र |
Dhani | Nirdhan, Daridra |
दोस्तों धनी का नाम तो आपने सुना ही होगा धनी का विलोम दरिद्र होता है।धनी का मतलब वह इंसान जिसके पास बहुत अधिक पैसा हो । या जिसकी आथिक स्थिति अच्छी हो वही धनी कहलाता है। वैसे आजकल धनी शब्द के बारे मे हर कोई बहुत ही अच्छी तरह से जानता है। क्योंकि हम अपना पूरा धन ही कमाने मे खर्च करते हैं।एक समय ऐसा था कि लोग गांव की चौपाल पर बैठ जाया करते थे और उसके बाद खेलते थे लेकिन इस प्रकार का समय धीरे धीरे विलुप्त होता जा रहा है। आजकल लोग धन कमाने मे इतने अधिक बिजी हो चुके हैं कि उनको फुर्सत ही नहीं मिल पाती है।
और आजकल तो एक जन्म लेते बच्चे को भी धन चाहिए होता है। एक जमाना ऐसा था जब बड़े बड़े बच्चों को भी पता ही नहीं होता था कि पैसा क्या होता है। आजकल एक 2 साल के बच्चे को भी पैसों के बारे मे सब कुछ पता होता है। यदि आप उसे 10 का नोट देंगे तो वह भी समझ जाएगा कि यह पैसा है और इसका क्या प्रयोग होता है।
वैसे तो वर्तमान कलयुग है लेकिन इसको आर्थिक युग भी कहा जा सकता है।आप कहीं पर भी जाओगे तो आपको पता चलेगा कि हर इंसान की बस एक ही इच्छा होती है अधिक से अधिक धन कमाने की । वह चाहता है कि अधिक से अधिक धन कमाले और उसके बाद गाड़ी बंगला सब कुछ हो ।
धन कमाने या धनी होने की लालसा बहुत अधिक बढ़ने के कारण कई चीजों का जन्म हुआ । कई बुराइयां अस्तित्व के अंदर आ गई । सबसे पहली तो आप देख रहे हैं घुसखोरी है। आप कहीं भी सरकारी दफतरों मे चले जाओ आपको घुसखोरी मिलेगी ।
इसके सबसे बड़ा कारण यही है कि जब सरकारी नौकरी लगती है तो सबसे पहले जैक और चैक देानों का इस्तेमाल करना पड़ता है और उसके बाद सरकारी नौकरी लगने के बाद रिश्वत नहीं लेगा तो इतने पैसों की भरपाई कैसे करेगा ।
हर इंसान की सोच ही एक जैसी होती जा रही है।आप हो या हम सभी इस लाइन के अंदर लगे हुए हैं। सब चाहते हैं कि उनके पास यदि अधिक धन हो तो वे अधिक चीजें खरीद पाएं । आप समझ सकते हैं कि सभी लोगों के पास अधिक धन नहीं आ सकता है। धन तो कुछ सीमित लोगों के पास ही होता है। और जिन सीमित लोगों के पास धन होता है वे धनवान कहलाते हैं।
यदि आप हजारों साल पीछे जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि पहले वाले लोग ऐसे नहीं थे । हालांकि उनके अंदर संग्रह की प्रवृति तो थी लेकिन इतनी अधिक नहीं थी । उनमे से अधिकतर लोग तो बस अपने पेट की चिंता करते थे । 200 साल पहले भारत मे कई घर ऐसे ही थे जिनको बस अपने पेट की चिंता होती थी। बस पेट भरने के बाद उनको कोई मतलब नहीं होता था।हालांकि आज भी ऐसे कई लोग आपको देखने को मिल जाएंगे लेकिन इन लोगों की संख्या अब बहुत ही कम रह गयी है।
दोस्तों वैसे निर्धनता का मतलब बताने की आवश्यकता नहीं है।निर्धनता का मतलब होता है जिसके पास धन नहीं हो वैसे भी भारत के अंदर अधिकतर लोग निर्धन ही हैं तो उनको निर्धनता का मतलब बहुत ही अच्छे से पता है। हर इंसान चाहता है कि उसकी गरीबी दूर हो जाए लेकिन ऐसा हो नहीं सकता है।भारत मे गरीबी का कारण सरकार ही है। जिस गति से भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन भारत की हालत बहुत अधिक खराब हो जाएगी ।
एक सरकारी नौकरी के लिए लोग काफी टूटकर पड़ते हैं।इसका कारण यही है कि जनसंख्या अधिक है और संसाधन कम हैं लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
यदि इसी गति से बच्चे पैदा होते रहे तो क्या होगा ?धरती भी एक नरक बन जाएगी । आपने दुनिया के कुछ ऐसे देश भी देखें हैं जहां पर बहुत ही कम जनसंख्या है और वो पैसे वाले देश हैं। वहां के लोकल लोग बस सरकारी तनख्वाह पाते हैं और मजे से रहते हैं।
यदि भारत की जनसंख्या भी काफी कम होती तो यह हो सकता था।लेकिन अब ऐसा होने की उम्मीद नहीं है। बढ़ती जनसंख्या ने घुसखोर पैदा कर दिये । अब सोचो की मन मर्जी की महंगाई सरकार बढ़ाती जा रही है। इसकी मार भी गरीबों पर ही पड़ रही है।
जिस गति से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ रही है।उसका भार ही जनता उठाती है। प्रइवेट सेक्टर ही सबसे अधिक सरकार को पे करता है। आप और हम और अधिक गरीब होते जा रहे हैं। खैर दोस्तों निर्धनता के अंदर कोई भी नहीं जिना चाहता है हर इंसान चाहता है कि उसके यहां पर कोठी खड़ी हो । आप जानते ही हैं कि भारत देश के अंदर अनेक ऐसे लोग हैं जो बहुत अधिक पैसे वाले हैं और बहुत सारे ऐसे भी हैं जोकि टेक्स चोरी करते हैं। इस प्रकार के लोग निर्धनता को और अधिक बढ़ावा देते हैं।
निर्धनता को दूर करने के लिए सरकार पीछे 70 सालों मे तरह तरह की योजनाएं चला रही है। लेकिन उन योजनाओं का तब तक कोई भी फायदा नहीं होगा जब तक कि जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो जाता है। भारत की जनसंख्या दुनिया मे सबसे अधिक हो चुकी है।
खैर यदि आप निर्धनता को दूर करना चाहते हैं तो फिर आपको मेहनत करनी होगी बिना मेहनत नहीं होगा । आप यदि मेहनत करेंगे तो फिर निर्धनता को दूर करने मे कामयाब भी हो जाएंगे ।
खैर जो भी हो निर्धनता मे कोई भी नहीं रहना चाहता है। हालांकि यह कहा जाता है कि मिलता उतना ही है जितना की नसीब मे होता है नसीब से कम किसी को नहीं मिलता है और नसीब से अधिक भी किसी को नहीं मिलता है। जिस दिशा मे आपकी यात्रा लिखी होगी आप अपने आप ही उस दिशा के अंदर चले जाएंगे और जहां पर आपका दाना पानी होगा आपको वहां पर जाना पड़ेगा ।
धनी का विलोम शब्द है Dhani ka vilom shabd kya hai ?
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