diclofenac gel ip uses in hindi .diclofenac gel ip का उपयोग कई तरह के दर्द मे किया जाता है। इसके बारे मे एक लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं। यह एक प्रकार की क्रीम होती है। जिसको दर्द वाले स्थान पर लगाया जाता है। यदि आपको नीचे दिये गए दर्द के प्रकारों मे से कोई समस्या है तो आप इस क्रीम का उपयोग कर सकते हैं।
वैसे तो इस दवा के किसी तरह के दुष्प्रभाव नहीं होता है। लेकिन कुछ लोगों को इस दवा से एलर्जी हो सकती है। जिनको इस तरह की दवा से एलर्जी होती है। उनको चाहिए कि इस दवा का प्रयोग अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद ही करें । तभी फायदे मंद होगा ।
diclofenac gel ip के उपयोग के बारे मे हम जानते हैं। इसकी लिस्ट के बारे मे हम नीचे जानकारी दे रहे हैं।
दोस्तों diclofenac gel ip uses का उपयोग मांसपेशियों के अंदर दर्द के लिए किया जाता है। मांसपेशियों के अंदर दर्द कहीं पर भी हो सकता है। क्योंकि शरीर के कई हिस्सों के अंदर मांसपेशियां हैं। वैसे तो मांसपेशियों का दर्द बहुत ही आसानी से गायब हो जाता है। लेकिन कई बार क्या होता है कि लंबे समय तक दर्द मांसपेशियों के अंदर ठहर जाता है जिसकी वजह से आपको काफी परेशानी होती है। और कई बार किसी तरह की अंदरूनी चोट वैगरह लगने से भी मांसपेशियों के अंदर दर्द होने लग जाता है। आपद इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
वैसे आपको यह बतादें कि मांसपेशियों के जो दर्द होते हैं वे चार प्रकार के होते हैं और यह जीवन के अंदर किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसके बारे मे कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। मांसपेशियों का दर्द कुछ समय के लिए रूक सकता है या फिर यह लंबे समय तक बना रह सकता है।
यदि किसी के मांसपेशियों के अंदर दर्द हो रहा है और वह काफी लंबे समय तक वहीं पर बना हुआ है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा ।
दोस्तों diclofenac gel ip uses दर्द मे सबसे अधिक किया जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । दर्द आपके दिमाग का एक बुरा अनुभव होता है जिससे कि आपके शरीर के उत्तकों को काफी बुरा नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दर्द की सटीक परिभाषा अभी तक कुछ भी नहीं है। यह किसी अंदरूनी समस्याओं की वजह से होता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए आप समझ सकते हैं।
वैसे आपको बतादें कि दर्द के किसी भी तरह के कोई लक्षण नहीं होते हैं। यह अपने आप मे ही एक प्रकार का लक्षण होता है जिसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।यदि हम दर्द के कारणों की बात करें तो इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। जिसकी वजह से बाहरी और अंदरूनी जगहों पर चोट लग सकती है। जब आपके शरीर के अंदर कहीं पर भी चोट लगती है तो यह संकेत रीढ़ की हड्डी तक जाता है और रीढ की हड्डी दिमाग तक संकेत भेजती है। जिसके बाद आपको पता चल जाता है कि आपको दर्द हो रहा है। यदि दिमाग का कनेक्सन काट दिया जाए तो आपको किसी तरह का संकेत नहीं मिलेगा ।
एसिटामिनोफेन, ओपिओइड्स और नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दर्द के ईलाज के अंदर काम मे आती हैं। इसके अलावा कई तरह की घरेलू दवाएं भी आती हैं जिसकी मदद से आप दर्द का ईलाज कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । हालांकि यदि आपको शरीर के किसी भी हिस्से के अंदर दर्द हो रहा है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
इसके अलावा आप योगा कर सकते हैं इसकी वजह से भी दर्द से राहत मिल सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । आप समझ सकते हैं।
दोस्तों आपको बतादें कि दांत दर्द तब होता है जब दांत के आस पास और जड़ों के अंदर सूजन होता है तो इसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।लगभग सभी लोगों को जीवन के अंदर कम से कम एक बार तो दांत के अंदर दर्द हुआ ही होगा ।दांत के अंदर दर्द होना काफी परेशान करने वाला होता है। और कई बार दांत के अंदर मौजूद दर्द सिर दर्द को भी जन्म दे सकता है। और यदि दांत का दर्द जबड़े तक चला जाता है तो यह सूजन पैदा कर सकता है। और यदि इसका सही समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो यह फोड़े का कारण भी बन सकता है।
आपको बतादें कि दांतों के अंदर जो दर्द होता है वह दांत के उपर चिपकी गंदगी की वजह से होता है। और दांतों पर बैक्टिरिया हमला कर देते हैं और इसकी वजह से दांतों की उपरी परत नष्ट हो जाती है। और उसके बाद संक्रमण नसों तक पहुंच जाता है जिसकी वजह से दांतों के अंदर दर्द होने लग जाता है।
इसके अलावा जब दांतों की उपरी परत नष्ट होती है तो फिर दांतों अंदर ठंडा और गर्म लगने लग जाता है। जिसकी वजह से दांतों मे संक्रमण होता है। दर्द करने लग जाते हैं। मसूड़ों के अंदर तक यह संक्रमण फैल जाता है। और जबड़े की मांसपेशियों के अंदर भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसलिए इसका जितना जल्दी हो सके ईलाज करवाया जाना चाहिए । यदि आप ईलाज नहीं करवाते हैं तो समस्या कम होने की बजाय काफी तेजी से बढ़ती रहेगी आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।इसके अलावा मुंह के अंदर जो लार होती है। यदि वह कम होती है तो फिर दांतों के अंदर संड़न की समस्या काफी अधिक बढ़ जाती है। और लार आमतौर पर बैक्टिरिया के हमले को बेअसर कर सकती है।
दोस्तों दांतों के अंदर कई तरह से दर्द हो सकता है। इस वजह से दर्द को अलग अलग प्रकार के अंदर बांटा गया है। और उसके हिसाब से इसका उपचार भी अलग अलग तरीके से होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
यदि हम दांत दर्द के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं उन लक्षणों के बारे मे पूरे विस्तार से ।
जब दांतों के अंदर ठंडा और गर्म लगने लग जाता है तो इसकी वजह से भी दांतों मे दर्द होने लग जाता है। और इसकी वजह से सूजन बढ़ सकता है। और दांतों के अंदर दर्द होने की समस्याएं हो सकती हैं।
कई बार क्या होता है कि दांत के अंदर नसों मे संक्रमण हो जाता है। और उस स्थिति के अंदर यदि संक्रमित दांत को हिलाते हैं तो उसके अंदर काफी अधिक दर्द होने लग जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर दांत के डॉक्टर के पास जाना चाहिए वह संक्रमित नसों को साफ करता है और दांत को सही करने का काम करता है।
यदि हम दांत के दर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं जिसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है। डॉक्टर समस्या का ईलाज करने से पहले इसके कारण को पहचानने की कोशिश करता है। उसके बाद ही ईलाज किया जाता है।
diclofenac gel ip uses सिरदर्द के अंदर भी किया जाता है। आपको पता ही है कि सिरदर्द एक प्रकार की समस्या होती है। जोकि किसी के साथ भी हो सकता है। सिरदर्द आम होता है। और कई बार यह सामान्य कारण जैसे सर्दी जुकाम की वजह से हो सकता है। और फिर यह अपने आप ही ठीक भी हो जाता है।
सिर दर्द आमतौर पर कई प्रकार के होते हैं। कुछ सिर दर्द अचानक से भयंकर हो जाते हैं। यदि सिर के अंदर किसी तरह की चोट लग जाती है तो उसकी वजह से अचानक से भयंकर सिरदर्द होने लग जाता है।इसके अलावा कई बार सिरदर्द लगातार होता रहता है। माइग्रेन सिर दर्द कुछ इसी प्रकार का होता है। जिसका ईलाज करना भी उतना अधिक आसान नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
सिर दर्द आमतौर पर तनाव की वजह से भी हो सकता है। यदि आप किसी वजह से बहुत अधिक तनाव मे होते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । इसके अलावा अधिक शराब का सेवन करने की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।इसके अलावा यदि आप सही तरीके से नींद नहीं ले पा रहे हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।इसके अलावा कई बार गर्दन की अकड़न की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है।आइए अब जान लेते हैं कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है आमतौर पर जब डॉक्टर के पास आप सिरदर्द की शिकायत लेकर जाते हैं तो वह सिरदर्द के प्रकार के आधार पर इसका उपचार करने की कोशिश करता है। इसके बारे मे आपको पता ही होगा ।
यदि हम बात करें सिरदर्द के लक्षणों की तो इसके आम लक्षण होते हैं और आम सिरदर्द को तत्काल उपचार की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। यह अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि सिरदर्द काफी लंबा चल रहा है तो उसके बाद उसको उपचार की जरूरत होती है।
यदि हम सिरदर्द के कारणों की बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। आमतौर पर सिर मे चोट लगने की वजह से सिरदर्द हो सकता है। खोपड़ी, माथा, सिर का ऊपरी भाग, गर्दन और सिर की मांसपेशियों, सिर की प्रमुख धमनियों और नसों, साइनस आदि मे किसी तरह की समस्याएं आती हैं तो फिर सिरदर्द हो सकता है।
सिरदर्द आमतौर पर तब होता है जब सिर की आस पास की नसों मे सूजन संक्रमण हो जाता है। और ऐंठन होने की वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। कई बार यदि आप ठीक तरह से नहीं सोते हैं तो उसकी वजह से भी सिरदर्द हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
उपर दिये गए कारणों की वजह से सिरदर्द हो सकता है। यदि आपको सिरदर्द हो रहा है तो आपको इसका कारण भी बहुत ही आसानी से पता चल जाता है तो आम सिरदर्द का ईलाज करवाने की जरूरत नहीं है लेकिन सिर के अंदर यदि किसी तरह की चोट वैगरह लग गई है तो जल्दी ही डॉक्टर से संपर्क करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर गठिया का ही एक रूप होता है जोकि जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन पैदा करता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह आमतौर हडडी के जोड़ों के अंदर पैदा होता है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना चाहिए ।
यदि किसी को यह रोग हो जाता है तो उसके बाद उसके हिलने डुलने की क्षमता काफी कम हो जाती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की वजह से जोड़ों के बीच पाये जाने वाले उत्तक कार्टिलेज नष्ट होना शूरू हो जाते हैं जोकि झटकों को अवशोषित कर लेते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । खैर ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द, अकड़न, सूजन जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। और जो लोग 60 साल से अधिक उम्र लेलेते हैं उनको इस तरह की समस्याएं होने लग जाती हैं। और इस उम्र मे इनका ईलाज करना भी संभव नहीं हो पाता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण होते हैं। जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और इन लक्षणों को देखकर ही डॉक्टर पहचान सकता है कि ऑस्टियोआर्थराइटिस हुआ है तो आइए जानते हैं इन लक्षणों के बारे मे विस्तार से ।
रूमेटाइड आर्थराइटिस भी एक प्रकार की समस्या होती है। जिसके अंदर होता यह है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही शरीर के उत्तकों को नुकसान पहुंचाने लग जाती है। और यह खास तौर पर जोड़ों की परत को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती है। जिसकी वजह से जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन होने लग जाती है।और इसकी खास बात यह है कि यह दोनों जोड़ों को एक साथ ही प्रभावित करता है जैसे कि दोनों घुटने दोनो कलाई आदि और महिलाओं के अंदर यह समस्या काफी अधिक देखने को मिलती है।
और आपको यह बतादें कि यह जो समस्या है इसकी वजह से शरीर के अंदर विकलांगता भी आ सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए समय रहते इसका ईलाज करवाना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण की यदि हम बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसकी मदद से हमे यह पता चलता है कि यह समस्या मौजूद है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों के अंदर दर्द और सूजन हो सकता है।रूमेटाइड आर्थराइटिस आमतौर पर दर्द ही होता है जोकि काफी तेज भी महसूस हो सकता है।और काफी देर आराम करने के बाद इसकी स्थिति और अधिक बदतर हो सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
रूमेटाइड आर्थराइटिस से यदि कोई प्रभावित होता है तो उसके जोड़ों के अंदर अकडन काफी अधिक बढ़ जाती है। जैसे कि हाथ के उंगलियों मे होता है तो फिर मुठठी पूरी तरह से बंद नहीं हो पाएगी । और जोड़ों के अंदर अकड़न काफी अधिक बढ़ जाएगी और दर्द भी अधिक होगा । सूजन, लालिमा आ सकती है। इससे प्रभावित भाग के अंदर सूजन आने लग जाती है। और लालिमा आ जाती है। और दर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
रूमेटाइड आर्थराइटिस के कारणों की बात करें तो इसके बारे मे सही सही किसी को जानकारी नहीं है कि यह क्यों होता है। बस संभावनाएं ही बताई जाती हैं। और यह भी कहा जाता है कि जो इंसान मोटा होता है। उसे रूमेटाइड आर्थराइटिस के विकसित होने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं।
इसके अलावा यदि आप धुम्रपान करते हैं तो फिर भी आपको यह रोग विकसित होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
रूमेटाइड उन महिलाओं के अंदर अधिक विकसित होने का खतरा होता है जोकि बच्चे को जन्म नहीं देती हैं। जो महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं उनके अंदर यह विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।
मेटाइड अर्थराइटिस के कारण आस पास की मांसपेशियां कमजोर होने लगी हैं, तो व्यायाम उन्हें मजबूत करने में मदद कर सकता है। और यदि किसी को यह समस्या है तो उसे चाहिए कि वह व्यायाम करते रहे । जिससे कि उसे काफी अधिक फायदा हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
रूमेटाइड आर्थराइटिस का निदान करने में समय लग सकता है । और यदि आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद डॉक्टर आपसे कई सारे सवाल पूछ सकते हैं। हालांकि भारत मे ऐसा कम ही होता है। और उसके बाद आपके कई सारे टेस्ट कर सकते हैं। और फिर आपको कुछ दवाएं दे सकते हैं जिससे कि पता चलेगा कि आपको दवा काम करती है या नहीं ।
वैसे माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द होता है। जिसके अंदर सिर के एक हिस्से या फिर सिर के दोनो हिस्सों के अंदर काफी भयंकर दर्द होता है।माइग्रेन के शूरू होने का कोई फिक्स समय नहीं होता है। यह कभी भी शूरू हो सकता है। और उसके बाद काफी लंबे समय तक चल सकता है। आमतौर पर यह एक प्रकार की न्यूरोलॉजिकल बीमारी होती है। माइग्रेन का सही समय पर उपचार करवाना जरूरी होता है। नहीं तो फिर यह समस्या पैदा कर सकता है। और आपको हर काम के अंदर डिस्टर्ब करने लग जाता है।माइग्रेन का दर्द आमतौर पर पहले हल्के दर्द के रूप मे शूरू होता है। और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह भयंकर रूप से दर्द पैदा हो जाता है। दोस्तों माइग्रेन के अंदर सिर के अंदर कंपन महसूस हो सकता है। यदि बात करें माइग्रेन के उपचार की तो माइग्रेन के लिए आपको आयुर्वेदिक उपचार लेना चाहिए । यह बिना किसी साइड इफेक्ट के काफी फायदेमंद होता है। आप एक बार ट्राई करके देख सकते हैं माइग्रेन के लक्षण की यदि हम बात करें तो माइग्रेन के कई सारे लक्षण हो सकते हैं। जिसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । माइग्रेन की वजह से सिर के एक हिस्से मे दर्द शूरू होता है। और सिर फड़कता हुआ सा महसूस होता है।
यदि हम माइग्रेन के कारणों की बात करें तो कई सारे कारण हैं जोकि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। वैसे इसके सही सही कारण के बारे मे अभी भी कुछ ज्ञात नहीं है।लेकिन ऐसे बहुत सारे कारण हैं जिसकी वजह से माइग्रेन का दर्द आ सकता है तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे मे ।
इन सभी कारणों की वजह से माइग्रेन का दर्द हो सकता है। हालांकि यदि आपको माइग्रेन का दर्द शूरू होता है तो फिर आपको इसके बारे मे अपने डॉक्टर से बताना होगा कि किस वजह से यह दर्द शूरू हुआ है ताकि इसका उपचार बहुत ही आसानी से किया जा सके ।
अब आइए जानते हैं माइग्रेन से बचाव के उपाय मे आप कुछ कर सकते हैं ।
इस तरह से दोस्तों यदि किसी को माइग्रेन की समस्या है तो उसे अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । वैसे माइग्रेन काफी डेंजर होता है। यदि किसी को यह हो जाता है तो फिर वह आसानी से कोई काम नहीं कर पता है।इसका समय पर ईलाज करना जरूरी है।
गाउट एक प्रकार का रोग होता है जोकि शरीर के अंदर यूरिक ऐसिड के स्तर की बढ़ोतरी होने से होता है।यदि किसी को गाउट की समस्या है तो उसके पैरों के अंदर दर्द होगा और जोड़ों मे सूजन आ जाएगा ।
गाउट के अंदर पैर मे काफी तेज दर्द होता है और ऐसा लगता है जैसे कि पैर मे आग लगी है। यह दर्द कई बार काफी असहनिय हो जाता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
अचानक जोड़ों में तेज दर्द होना, जोड़ों में लालिमा और कोमलता और खास कर पैरों के अंगूठे के अंदर दर्द होना गाउट की पहचान होती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।गाउट का अटैक अचानक से हो सकता है। और इसकी वजह से आपको यह एहसास हो सकता है जैसे कि पैर मे आग लगी है और रात को अचानक से नींद खुल सकती है।इस स्थिति के अंदर बेड सीट का भार भी आपके लिए असहनिय हो जाता है।
यदि हम गाउट के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं गाउट के कुछ लक्षणों के बारे मे जिससे कि आपको आसानी से यह पता चल जाए कि यह गाउट ही है।
दोस्तों यदि हम गाउट के कारणों की बात करें तो इसके अंदर यूरिक ऐसिड आता है। यूरिक ऐसिड आमतौर पर शरीर के अंदर अधिक हो जाता है तो फिर गाउट की समस्या होने लग जाती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । खैर यूरिक ऐसिड का शरीर के अंदर बढ़ना कई कारणों से हो सकता है।
यदि आप गाउट से बचना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप अपनी जीवन शैली के अंदर बदलाव करें। जिससे कि गाउट होने का जोखिम काफी कम हो जाएगा तो आइए जानते हैं कि आप किस तरह से अपने जीवन शैली के अंदर बदलाव कर सकते हैं।
टांगों में दर्द के लिए भी इस दवा का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक प्रकार की क्रीम होती है जिसको उपरी तौर पर काफी अधिक इस्तेमाल किया जाता है। दोस्तों टांगों के अंदर जो दर्द है वह किसी बीमारी या चोट की वजह से हो सकता है। जिससे कि सूजन लालिमा सुन्न होना आदि लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
रक्त वाहिकाओं, तंत्रिकाओं, मांसपेशियों, जोड़ों, नरम ऊतकों या हड्डियों आदि मे किसी तरह की चोट लग जाने की वजह से भी यह दर्द हो सकता है।इसके अलावा खेल के दौरान किसी तरह की चोट लग जाती है तो उसके बाद यदि उसका सही समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो वह काफी अधिक दर्द पैदा कर सकती है। और समस्या धीरे विकराल रूप धारण कर सकती है जोकि आपके लिए बहुत ही बड़ी मुश्बित बन सकती है।
वैसे तो यदि सामान्य रूप से टांग के अंदर दर्द होता है तो उसका उपचार आसानी से घर पर ही किया जा सकता है। लेकिन यदि टांग मे किसी तरह की चोट लगने की वजह से काफी गम्भीर दर्द हो जाए तो फिर समस्या हो सकती है। और उपचार करने मे दिक्कत होगी तो अपने डॉक्टर को संपर्क करना चाहिए आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं आपको उनका पालन करना चाहिए यही आपके लिए अधिक सही रहेगा ।
और यदि टांगों के अंदर काफी लंबे समय से दर्द बना रहता है तो इसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए । वरना यह आपके लिए घातक हो सकता है। इसलिए आपको चाहिए कि आप जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों यदि हम टांगों के दर्द के कारण की बात करें तो इसके अंदर कई सारे कारण होते हैं जिसकी वजह से आपकी टांगों के अंदर दर्द हो सकता है तो डॉक्टर भी आपका ईलाज उन कारणों के आधार पर करता है जिसकी वजह से आपको दर्द हो रहा है।
बदन दर्द आमतौर पर एक तरह का दर्द होता है जोकि पूरे शरीर के अंदर हो सकता है। बदन दर्द के बारे मे अक्सर यह कहा जाता है कि उसका बदन दर्द कर रहा है। बदन दर्द आमतौर पर अधिक थकान होने की वजह से भी हो सकता है। कई बार जब हम अधिक काम करते हैं तो फिर हमारे शरीर के अंग अंग दर्द करने लग जाते हैं।
बंदन दर्द अचानक से भी हो सकता है। और यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया जाता है तो उसके बाद यह गम्भीर हो सकता है। और अधिकतर केस के अंदर मामूली उपचार की वजह से बदन दर्द बहुत ही आसानी से समाप्त हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
यह दर्द आमतौर पर कई सप्ताह और महिनो तक भी रह सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
क्रोनिक बदन दर्द एक अलग प्रकार का बदन दर्द होता है जोकि बिना किसी कारण के लंबे समय तक बना रह सकता है यह किसी चोट या फिर बीमारी की वजह से नहीं होता है। यह आम प्रकार का दर्द होता है जो बाद मे अपने आप ही ठीक हो सकता है। इस दौरान आपको कमाजोरी भी महसूस हो सकती है।
यदि हम बदन दर्द के कारणों की बात करें तो बदन दर्द के कई सारे कारण हो सकते हैं। जिनकी वजह से बदन मे दर्द हो सकता है तो आइए जानते हैं इन कारणों के बारे मे विस्तार से ।
यदि हम बदन दर्द से बचाव की बात करें तो आपको उचित आहार का सेवन करना चाहिए और अपनी मांसपेशियों को लचीला बनाये रखना चाहिए । यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे बदन दर्द को बहुत ही आसानी से रोका जा सकता है। यदि आप भारी वस्तु उठा रहे हैं तो आपको सही तरीके से उठाना चाहिए । जिससे कि बदन दर्द नहीं होगा । इसी प्रकार से बैठने और खड़े होने के लिए सही आसन का प्रयोग करना चाहिए । उंचाई से कूदने आदि का प्रयास ना करें नहीं तो झटका लग सकता है। कुल मिलाकर अपने शरीर को काफी मजबूत रखें। यही आपके लिए सही होगा और इससे बदन दर्द होने की समस्या कम हो जाएगी ।
यदि आपको बदन दर्द की समस्या है तो उसका कई तरीके से डॉक्टर ईलाज करते हैं। जैसे कि डॉक्टर मरीज को योग करने के लिए दे सकते हैं। बदन दर्द की दवाओं की मालिस करने के लिए बोल सकते हैं। इतना ही नहीं । इंजेक्सन भी दिया जा सकता है बदन दर्द को दूर करने के लिए ।
साइटिका एक प्रकार का नर्व होता है जोकि आपके रीढ़ की हड्डी से शूरू होता है। और उसके बाद नीचे तक यह जाता है।और यह आपके शरीर की सबसे लंबी तंत्रिका होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।साइटिका का दर्द आपके नितंबों और पैरों के अंदर हो सकता है। यह किसी तरह की चोट लगने की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । और इसकी वजह से पैरों के अंदर सुन्नता भी आ सकती है।
यदि हम साइटिका के लक्षणों की बात करें तो इसके अलग अलग लक्षण होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए यदि आप अपनी पीठ के नीचले क्षेत्र से पैरों तक बहने वाले दर्द का सामना करते हैं तो यह आमतौर पर साइटिका होता है।यह दर्द आमतौर पर किसी तरह की तंत्रिका चोट की वजह से हो सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
साइटिका दर्द का जो सबसे बड़ा कारण होता है वह चोट की वजह से ही होता है। यदि रीढ की हड्डी के अंदर किसी तरह की चोट आई है तो उसकी वजह से यह दर्द हो सकता है।
जब कंधे मे दर्द होता है तो उसकी वजह से कंधे का हिलना डूलना काफी कठिन हो जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।कंधे के अंदर दर्द आने पर उसके हिलने मे काफी समस्या होती है। और कई बार हाथ उपर की तरफ नहीं होता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए।इसके अलावा कई बार कंधे के अंदर दर्द तब भी हो सकता है जब आप एक ही बार मे एक ही मूमेंट को लंबे समय तक करते हैं। वैसे आपको बतादें कि कंधे के अंदर दर्द का होना हानिकारक नहीं होता है। और यह अधिकतर केस मे अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि ठीक नहीं होता है तो फिर समस्या हो सकती है। हालांकि यदि कंधे के अंदर चोट लगने की वजह से दर्द हो रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
और आपको बतादें कि उम्र के बढ़ने के साथ ही कंधे के अंदर जो दर्द होता है वह काफी अधिक विकट होता चला जाता है। और इसका कारण यह है कि कंधे के आस पास के जो उत्तक होते हैं वे नष्ट हो जाते हैं।
अब यदि हम कंधे के दर्द के लक्षणों की बात करें तो यह कई सारे लक्षणों के साथ आता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
यदि कंधे के अंदर किसी चोट की वजह से दर्द हो रहा है। कंधे के आस पास कि उत्तकों के अंदर सूजन आ चुकी है तो आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से मिलें यही आपके लिए सही होगा । हालांकि कई बार कंधे के अंदर होने वाला अचानक दर्द हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकता है। यदि आपको कंधे के दर्द के साथ बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क करना बहुत ही जरूरी है।
यदि आपको कंधे के दर्द के साथ चक्कर आ रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें ।
यदि कंधे का दर्द घरेलू उपचार के बाद भी ठीक नहीं होता है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
दोस्तों मोच के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। असल मे लिगामेंट मे किसी भी तरह की चोट लगने को मोच के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए लिगामेंट आमतौर पर नरम उत्तक होते हैं।यह दो हडियों को जोड़ने का काम करते हैं। इस दौरान इनके अंदर चोट भी लग सकती है।
घुटने, टखने, कलाई और अंगूठे आदि के अंदर पड़ सकती है। और यह मोच तब पड़ती है जब किसी जगह पर आमतौर पर अधिक दबाव पड़ जाता है तो इससे मोच लग जाती है।यदि हम इसके लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं
यदि आपको मोच के बाद निम्न लिखित लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके बाद आपको देर नहीं करनी चाहिए अपने डॉक्टर को दिखाने मे तो आइए जानते हैं।
यदि आप मोच से बचना चाहते हैं तो आप कुछ उपायों को आजमा सकते हैं। हालांकि यह उपाय आपको मोच से पूरी तरह से नहीं रोकते हैं। लेकिन आपकी मदद कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों एडी मे दर्द होने पर भी इस क्रीम का उपयोग किया जाता है। एडी मे दर्द एक तरह की आम समस्या होती है। और यह कई बार हल्की होती है तो कई बार काफी अधिक परेशानी पैदा करती है। एडी के अंदर दर्द आमतौर पर अपने आप ही ठीक हो जाता है।आपको बतादें कि एडी की हडडी इस तरह की बनी होती है। कि जब हम चलते फिरते हैं तो यह झटकों को सहन कर लेती है। लेकिन कई बार जब हम अधिक वजन लेकर चलते हैं तो फिर समस्या होती है। और हमारी एडी दर्द करने लग जाती है। हालांकि यह दर्द स्थाई नहीं होता है। और अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन यदि एडी के अंदर किसी तरह की चोट वैगरह लग जाती है तो दर्द अधिक समय तक रह सकता है।
यदि हम एडी के लक्षण की बात करें तो आमतौर पर एडी का जो दर्द होता है वह बिना किसी चोट के यूं ही शूरू हो जाता है। और कई बार जब हम पतले तले वाले जूते पहनते हैं तो जूते एडी के अंदर चुभने लग जाते हैं। जिसकी वजह से भी हमारी एडी दर्द करने लग जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
कई बार एडी की हड्डी के अंदर अधिक खींचाव आने की वजह से भी एडी मे दर्द होने लग जाता है। इसके बारे मे भी आपको पता होना चाहिए ।और जब एडी मे दर्द होता है तो यह चलने पर कुछ आराम दे सकता है। और बैठने के बाद दर्द काफी अधिक बढ़ सकता है तो आइए जानते हैं एडी के अंदर दर्द के लक्षणों के बारे मे ।
आइए अब हम जानते हैं कि एडी के अंदर जो दर्द होता है वह किस वजह से हो सकता है। यदि आपको एडी मे दर्द होता है तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं जोकि आपको पता होना चाहिए ।
यदि हम एडी मे दर्द के बचाव की बात करें तो इसके लिए आप कई कदम उठा सकते हैं जोकि आपको एडी मे दर्द से बचा सकते हैं तो आइए जानते हैं एडी मे दर्द से बचाव के कुछ उपाय के बारे मे ।
दोस्तों कई बार क्या होता है कि कलाई के अंदर भी दर्द होने लग जाता है। यह दर्द किसी तरह के फैक्चर या फिर किसी तरह की चोट लगने की वजह से होने लग जाता है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।जैसे कि बार बार दबाव पड़ने की वजह से या फिर गठिया की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
दोस्तों यदि कलाई दर्द के लक्षणों की बात करें तो किसी के अंदर इसका हल्का दर्द होता है तो किसी के अंदर इसका भारी दर्द होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा कलाई मे दर्द की वजह से सूजन लालिमा भी हो सकती है। झनझनाहट भी हो सकती है।
इस तरह के शूरूआती लक्षण काफी हल्के होते हैं। लेकिन आमतौर पर समय के साथ यह काफी अधिक गम्भीर हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कलाई सुन्न पड़ सकती है जिसकी वजह से किसी चीज का एहसास नहीं होता है। ठंडा गर्म लगना बंद हो जाता है।
आपको बतादें कि कलाई के अंदर आठ हडियां होती हैं यह एक तरह की जटिल संरचना होती है। इसके अंदर किसी तरह की समस्या आने की वजह से कलाई मे दर्द होने लग जाता है।
जैसे कि आप कहीं पर खडे हैं और अपने हाथ से किसी वस्तु को खींच रहे हैं और अचानक से आपकी कलाई किसी दिवार या किसी दूसरी वस्तु से टकरा जाती है तो इससे हडियों के अंदर चोट लग सकती है। और यदि चोट हल्की फुल्की है तो यह अपने आप ही ठीक हो जाती है ।
लेकिन इस केस के अंदर यदि हड्डी टूट गई है तो फिर आपको समस्या का सामना करना पड़ेगा और आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा । आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए ।
इसके अलावा कई बार आप जब लंबे समय तक मोबाइल चलाना कम्प्यूटर पर टाइप करना और भी बहुत सारे ऐसे कार्य करते हैं जिससे कि कलाई पर दबाव पड़ता है तो यह समस्या विकसित हो सकती है और कलाई के अंदर सूजन आ सकता है। और दर्द भी हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कुछ समय तक ब्रेक लेते समय यह काम करते रहें ।
diclofenac gel ip को यदि गर्भवति महिलाएं उपयोग करना चाहती हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यह जेल गर्भवति महिलाओं के लिए नुकसानदायी हो सकता है। बाकि यदि आप इसके बारे मे अधिक जानना चाहते हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से बात करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा । बिना डॉक्टर की अनुमति के गर्भवति महिलाएं इसको ना लें। नहीं तो समस्या हो सकती है।
यदि आप एक स्तनपान करने वाली महिला हैं तो आपको चाहिए कि आप इस दवा का उपयोग ना करें। क्योंकि हो सकता है कि आपके बच्चे के मुंह मे चली जाए । या फिर यदि आप इस दवा का उपयोग करती हैं तो एक बार आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करें। और इस संदर्भ मे आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए बहुत अधिक जरूरी होगा आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
दोस्तों यह एक त्वचा पर लगाने की क्रीम है तो इसका गुर्दे पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि यदि आप इस तरह की दवा का सेवन करते हैं तो इसकी वजह से गुर्दे पर बुरा असर पड़ सकता है। बाकि आप सही सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी है। और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ भी सकते हैं।
दोस्तों यदि आप क्रीम का यूज करते हैं तो फिर यह आपके जिगर पर कोई भी तरह का असर नहीं डालती है। क्योंकि यह बाहर यूज होती है। आपकी त्वचा जोड़ों के दर्द के उपर लगाने का काम आती है। इसलिए जिगर पर यह किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करती है। बाकि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन किया जाना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी हो जाता है।
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया है कि यह दवा सिर्फ त्वचा पर लगाने के लिए आती है। यह एक तरह की क्रीम है। तो आप इसको त्वचा पर ही लगाएं । और आप अपने हिसाब से इसको लगा सकते हैं। उपर दिया हुआ है कि यह किन किन समस्याओं के अंदर प्रयोग होती है। इसके अलावा आप एक बार अपने डॉक्टर से बात करें आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।
आप कुछ भी इसके अंदर खास सकते हैं। क्योंकि यह जो क्रीम होती है वह बस आपकी त्वचा तक ही जाती है। और त्वचा से अंदर नहीं जाती है तो आप कुछ भी सेवन कर सकते हैं। और आप एक बार अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं। और आपके डॉक्टर आपको जो निर्देश देते हैं उसका आपको पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
देखिए इसके बारे मे हमें तो कोई जानकारी नहीं है। लेकिन अधितकतर लोग पीते हैं। फिर भी आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके लिए सबसे अधिक जरूरी होगा । और हो सकता है कि शराब पीने के बाद आपको नुकसान हो जाए तो आपको इस दवा का उपयोग करने के बाद शराब का सेवन नहीं करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों Diclofenac Gel के वैसे तो कोई भी नुकसान नहीं है। लेकिन इस क्रीम के उपयोग करने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। जिसकी वजह से यह समस्या पैदा हो सकती है। तो यदि आपको भी इस दवा के उपयोग से एलर्जी होती है तो आपको चाहिए कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना बहुत ही जरूरी हो जाता है आप समझ सकते हैं।
नहीं Diclofenac Gel का उपयोग करने से किसी भी तरह की लत नहीं लगती है। क्योंकि यह एक तरह से मुंह के अंदर खाने के लिए दवा नहीं होती है तो यह किसी भी तरह से लत का कारण नहीं बनती है। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह किसी भी तरह से नसे के जैसी नहीं है जिससे की लत लग जाए तो आप समझ सकते हैं। यह किसी भी तरह से नुकसान नहीं करती है।
Diclofenac Gel का यदि आप उपयोग करते हैं तो उसके बाद गाड़ी चलाना काफी सुरक्षित होता है । क्योंकि यह क्रीम किसी भी तरह से आपके दिमाग को प्रभावित नहीं करती है। यह आपके दिमाग पर दबाव नहीं डालने की वजह से आप गाड़ी चला सकते हैं। बाकि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों यदि Diclofenac Gel का ओवर डोज वैसे तो होने के चांस नहीं हैं। कारण यह है कि यह क्रीम है और आपको क्रीम लिमिट की लगानी चाहिए । आपको दिन मे दो बार क्रीम लगाने के बारे मे बोला जाता है तो फिर आपको दिन मे दो बार ही क्रीम का उपयोग करना चाहिए । यदि आप इससे अधिक बार क्रीम का उपयोग करते हैं तो फिर आप अपनी समस्या को बढ़ा रहे हैं या अपनी दवा को खराब कर रहे हैं।
Diclofenac Gel को आप किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से खरीद सकते हैं। लेकिन यदि यह आपको मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती है तो फिर आप इसको किसी भी ऑनलाइन स्टोर से भी खरीद सकते हैं। वहां पर यह आसानी से आपको मिल जाएगी । आप बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों Diclofenac Gel यदि एक्सपायरी हो जाती है तो आपको इसका यूज नहीं करना चाहिए यदि आप एक्सपायरी के बाद इस दवा का उपयोग करते हैं तो उसके बाद आपको भयंकर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए ।
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