दुश्मन को बीमार करने का तरीका dushman ko bimar karne ka tarika के बारे मे हम आपको बताएंगे।दुश्मन तो हमारे सभी के जीवन के अंदर होते ही हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं होता है। आप भले ही कितना भी अच्छा कर रहे हैं , लेकिन उसके बाद भी आपके दुश्मन अपने आप ही बन जाएंगे । इसके बारे मे आप अच्छी तरह से जानते है। जैसे कि आप कभी किसी का बुरा नहीं करते हैं। लेकिन उसके बाद भी भले ही कम सही लेकिन आपके दुश्मन होते जरूर हैं। ऐसी स्थिति के अंदर आप कुछ नहीं कर सकते हैं। खास कर उन दुश्मनों का जोकि बेवजह बन चुके हैं। और उनमे से कुछ दुश्मन इस तरह के होते हैं , जोकि काफी डेंजर होते हैं। और आपको किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं , तो इस तरह के दुश्मनों का मुकाबला आप किस तरह से करेंगे ? इसके बारे मे आपको ठीक तरह से सोचना होगा । यहां पर हम आपको दुश्मनों को बीमार करने के टोटकों के बारे मे बता रहे हैं। जिसकी वजह से आप अपने दुश्मनों को पीड़ा दे सकते हैं। तो आइए जानते हैं दूश्मनों को बीमार करने के टोटकों के बारे मे ।
अश्विनी नामक नक्षत्र मे पीपल की दस अंगुल नाप की कील जिस घर मे भी दबा दी जाएगी । वहां पर रहने वालों का उच्चाटन हो जाएगा । इसके लिए पीपल की डाल को तोड़ कर सबसे पहले अच्छी तरह से सूखा लेना चाहिए । और उसके बाद इसी नक्षत्र के अंदर उसको शत्रू के घर मे दबा देनी चाहिए । ऐसा करने से दुश्मन काफी अधिक परेशान हो जाएंगे । यह एक अच्छा उपाय है , जिसको किया जा सकता है। और इससे काफी अधिक फायदा होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप अपने दुश्मन को बीमार करना चाहते हैं , तो यह उपाय कर सकते हैं इसके लिए माघ मास की अमावस्या को एक उल्लू के घोसले मे दाना पानी रखदें । फिर जब उल्लू उड़ जाए तो वहां पर झड़े हुए तीन पंख को लेकर आए । अगले दिन आधी रात को किसी भी श्मशान मे जो नदी या तालाब हो के पास जाकर उसके अंदर स्नान करते समय दाएं हाथ मे पंखों को किसी कपड़े से बांध कर रखे । उसके बाद एक जलती चिता के सामने बैठ जाएं और 1008 बार मंत्र का जाप करें । इस प्रयोग को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके और लाल कंबल के आसन का प्रयोग करें । मंत्र प्रयोग के समय पंखों मे फूंक मारें और फिर इन पंखों की राख को बना लें । और जमीन के अंदर थोड़ी थोड़ी दबा दें । ऐसा करने से दुश्मन आपस मे टकराने लग जाएंगे । और दोस्ती दुश्मनी मे बदल जाएगी । जिससे दुश्मन काफी परेशान हो जाएंगे।
ओ नम उलूक राजाय लक्ष्मी वाहनाय अमुकस्य अमुकेन सह विद्धेषण कुरू कुरू स्वाहा
यदि आप किसी शत्रु को बीमार करना चाहते हैं , तो यह उपाय आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। सबसे पहले किसी मरे हुए कौआ की हडडी को लेकर आएं । वह कम से कम 3 अंगुल की होनी चाहिए । उसके बाद 1008 मंत्र से अभिमंत्रित करनी चाहिए ।उसके बाद इस हड्डी को किसी शत्रु के निवास स्थान पर यदि आप गाड़ देते हैं , तो शत्रु काफी अधिक बीमार हो जाता है। यहां तक की वह बहुत अधिक परेशान हो जाता है। शत्रु को बीमार करने का यह एक अच्छा टोटका है।
ओम जां जां जबीं जिंए जूं ठ ठ स्वाहा ।
दोस्तों यदि हम शत्रु को बीमार करने के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि शत्रु को बीमार करने का यह भी एक टोटका है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। आपको यह प्रयोग किसी भी शनिवार के दिन करना होगा । इसके लिए काले बकरे घोड़े और मुर्गे के बाल व पंख तथा को लेकर धूप आदि को दिखाकर भस्म को बनाना होगा । उसके बाद इसको माथे पर लगाकर शत्रु के सामने यदि जाते हैं , तो शत्रु काफी परेशान हो जाता है।
दोस्तों यदि आपको शत्रु कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा है , तो फिर आपको यह उपाय करना चाहिए । किसी भी मंगलवार के दिन आपको गुड़मार की जड़ को लेकर आना होगा ।और उसके बाद उस गुड़मार की जड़ को शत्रु के निवास स्थान पर फेंंक देना होगा । यदि आप ऐसा करते हैं , तो शत्रु का नाश हो जाता है। शत्रु का नाश करने का यह एक अच्छा उपाय है , जोकि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है।
दोस्तों यदि आपको शत्रु कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा है और आप उसको बीमार करना चाहते हैं , तो यह उपाय आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसके अंदर आपको किसी भी तरह के मंत्र का प्रयोग नहीं करना है। रविवार के दिन मरे हुए छछूंदर की खाल मे शत्रु के मूत्र किये गए स्थान की मिट्टी को भर देना चाहिए । उसके बाद उसको किसी उंचे स्थान पर आपको लटका देना चाहिए ।जब तक यह रेत खाल के अंदर बंधी रहती है। तब तक वह कष्ट से तड़पता रहता है। इसको खोल कर निकाला जाता है। तभी उसका पेशाब खुलता है। इस तरह से शत्रु को पिड़ित करने का यह एक अच्छा तरीका है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
दोस्तों यदि आपका शत्रु आपको काफी अधिक परेशान करता है। तो यह प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसके अंदर किसी शनिवार को मरे हुए गिरगिट की चर्बी को प्राप्त करें । और नीचे दिये गए मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करें। और उसके बाद इसको यदि शत्रु पर डाल दिया जाता है तो उस शत्रु को कोई भी नहीं बचा सकता है। यह एक अच्छा प्रयोग है। हालांकि गुरू के परामर्श के बिना इसको नहीं करना चाहिए । यह एक सरल टोटका उपाय है , जोकि आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
ओम नमों कालरूपाय अमुकस्य भस्म कुरू कुरू स्वाहा ।
धैर्य का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , धैर्य का उल्टा क्या होता है…
भलाई का विलोम शब्द या भलाई का विलोम , भलाई का उल्टा क्या होता है…
चोर का विलोम शब्द, चोर शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, चोर का उल्टा Chor vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)चोर पुलिसChor police …
सजीव का विलोम शब्द या सजीव का विलोम , सजीव का उल्टा क्या होता है…
सुगंध का विलोम शब्द, सुगंध शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, सुगंध का उल्टा Sugandh vilom shabd शब्द (word) विलोम (vilom)सुगंध दुर्गन्धSugandh Durgandh …
रोगी का विलोम शब्द, रोगी शब्द का विपरीतार्थक शब्द है, रोगी का उल्टा Rogi ka…